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छत्तीसगढ़

अकलतरा रेलवे स्टेशन में नवनिर्मित लिफ्ट एवं कोच गाइडेंस डिस्प्ले बोर्ड का लोकार्पण

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यात्रियों की यात्रा को सरल, सुगम एवं सुविधाजनक बनाने की बेहतरीन पहल |

अतिथियों ने कहा अच्छी सुविधा , रेलवे प्रशासन का किया धन्यवाद |

     रेलवे प्रशासन द्वारा लगातार स्टेशनों एवं गाडियों में यात्री सुविधाओं का विकास एवं उपलब्ध सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है । इसी संदर्भ में अकलतरा स्टेशन में लिफ्ट तथा कोच गाइडेंस डिस्प्ले बोर्ड की सुविधा उपलब्ध कराई गई है |
      इस सुविधा का लोकार्पण आज दिनांक 15 मई 2022 को प्रातः 11 बजे माननीय सांसद  गुहाराम अजगल्ले के कर कमलों द्वारा तथा माननीय विधायक सौरभ सिंह की गरिमामय उपस्थिति में सम्पन्न हुआ | इस अवसर पर जनप्रतिनिधियों के अलावा मंडल रेल प्रबंधक आलोक सहाय, वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक(समन्वय) पुलकित सिंघल, वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक/मालभाड़ा सुस्कर विपुल विलासराव, वरिष्ठ मंडल विद्युत अभियंता श्री अनिरंजन प्रसाद, मंडल अभियंता श्री आदित्य त्रिपाठी सहित रेलवे के अनेक  अधिकारीगण तथा कर्मचारीगण उपस्थित थे ।  

इस लोकार्पण कार्यक्रम के प्रारंभ में मंडल रेल प्रबंधक श्री आलोक सहाय द्वारा स्वागत भाषण के दौरान इस सुविधा के बारे में विस्तारपूर्वक बताया गया | कार्यक्रम को संबोधित करते हुये माननीय सांसद, गुहाराम अजगल्ले ने कहा कि यह गरिमामय लोकार्पण समारोह इस क्षेत्र के वासियों के लिए सुखद पल है | अकलतरा स्टेशन में विकास तथा जनहित के कार्य रेलवे द्वारा तेजी से कराये जा रहे हैं | आगे भी इस प्रकार की सुविधाएं मिलती रहेगी | इस सुविधा से अकलतरा स्टेशन से यात्रा करने वाले सभी यात्री लाभान्वित होंगे | इस सुविधा की उपलब्धता के लिए क्षेत्रवासियों को बधाई दी तथा रेलवे प्रशासन को धन्यवाद दिया |

    कार्यक्रम को संबोधित करते हुये माननीय विधायक श्री सौरभ सिंह ने इस सुविधा को इस क्षेत्र के लोगों के लिया बड़ी सौगात बताते हुये रेलवे प्रशासन का धन्यवाद किया तथा जनता को बधाई दी | उन्होने कहा कि रेलवे द्वारा बहुत ही अच्छे कार्यक्रम कराये गए जिसमें जनप्रतिनिधियों के साथ ही जनता व रेलवे से सीधा संवाद करने का अवसर मिला | साथ ही उन्होने अकलतरा स्टेशन को और विकसित करने की आवश्यकता से रेलवे प्रशासन को अवगत कराया |
  कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक(समन्वय) पुलकित सिंघल ने किया | 
   रेलवे को आशा ही नहीं अपितु पूर्ण विश्वास है कि इस सुविधा की उपलब्धता से यहाँ के यात्रियों की यात्रा सरल, सुगम एवं सुविधाजनक हो जाएगी | खासकर दिव्यांग जनों एवं वरिष्ठ नागरिक यात्रियों को एक प्लेटफार्म से दूसरे प्लेटफार्म आवागमन में काफी आसानी होगी | साथ ही यात्रियों को गाड़ियों के आने के पूर्व ही कोच के आने की सही स्थिति की जानकारी मिलने से उनकी यात्रा सरल एवं आसान होगी |
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Bilaspur के नामी LCIT Group of Institutions का छात्रों के साथ भयानक फर्जीवाड़ा : वादे बड़े-बड़े, हकीकत पानी-पानी!

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LCIT Group of College bilaspur

बिलासपुर: LCIT Group of Institutions – Bilaspur, जो हर साल एडमिशन के दौरान बड़े-बड़े वादे और लुभावने दावे करता है, उसकी सच्चाई अब धीरे-धीरे सामने आने लगी है। दावा किया जाता है कि यहां आधुनिक लैब्स, अनुभवी फैकल्टी और विश्वस्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर मिलेगा — लेकिन ग्राउंड रियलिटी कुछ और ही कहानी बयां कर रही है।

बारिश आई, लैब्स ने छलनी बनकर स्वागत किया!
हमें मिले वीडियो में कॉलेज की लैब्स से टपकती छतें साफ़ दिखाई दे रही हैं। जहां स्टूडेंट्स को मशीनों के साथ प्रैक्टिकल करना चाहिए था, वहां अब पानी से बचने के लिए प्लास्टिक की बाल्टियाँ रखी जा रही हैं। सवाल ये उठता है कि जब प्रयोगशालाएं ही सुरक्षित नहीं, तो शिक्षा कितनी सुरक्षित होगी?

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फैकल्टी? बस कागज़ों पर!
सूत्रों के अनुसार, यहां कई फैकल्टी सदस्य केवल ऑन पेपर मौजूद हैं। यानी नाम तो है, पर काम में कहीं नजर नहीं आते। छात्रों का कहना है कि कई विषयों की क्लास ही नियमित नहीं होती।

इंजीनियरिंग प्रिंसिपल भी सिर्फ नाम के!
कहा जा रहा है कि इंजीनियरिंग कॉलेज का प्रिंसिपल भी फुल टाइम नहीं है, बल्कि केवल औपचारिकता निभाने के लिए कागजों पर मौजूद हैं। यह छात्रों के भविष्य के साथ खुला मज़ाक है।

स्टाफ की नियुक्ति पर भी सवाल
बताया जा रहा है कि अधिकांश स्टाफ या तो यहीं के पुराने छात्र हैं या फिर अन्य कॉलेज से किसी वजह से हटाए गए लोग हैं। इससे शिक्षा की गुणवत्ता पर गंभीर प्रश्नचिह्न लग जाता है।

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🎙 बिलासपुर के इस संस्थान की मार्केटिंग चमचमाती है, लेकिन हकीकत में ढहती छतें, दिखावटी स्टाफ और खोखले दावे छात्रों के सपनों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। ज़रूरत है कि शिक्षा को सिर्फ व्यापार न बनाकर, जिम्मेदारी समझा जाए

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छत्तीसगढ़

CG News: सुरक्षाबलों की बड़ी कामयाबी, घने जंगलों से भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद

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बीजापुर के कोमटपल्ली के जंगलों से जवानों ने भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद किया है। घने जंगल में पहाड़ों के बीच नक्सलियों ने सामग्री छुपाकर रखा था।

बीजापुर: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सुरक्षाबलों के जवानों को बड़ी सफलता मिली है। जवानों ने भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद किया है। नक्सलियों ने कोमटपल्ली जंगल-पहाड़ में बड़े चट्टानों के बीच हथियार और अन्य सामान छुपा कर रखा था। जिसे सर्चिंग के दौरान जवानों की संयुक्त टीम ने बरामद किया है।

बरामद किए गए सामग्रियों में गैस वेल्डिंग मशीन मय नोजल, आक्सीजन सिलेण्डर, गैस वेल्डिंग में उपयोग आने वाला पावडर- 8 डिब्बा, इन्वर्टर- 1 नग, स्टेबलाईजर 5 नग, स्टील कंटेनर 3 नग, कमर्सियल मोटर 3 नग, ब्लोवर(धौकनी मशीन)- 2 नग, ग्लेण्डर मोटर- 1 नग, वेल्डिंग राड 200 नग, टुकड़ा लोहे का राड छोटा बड़ा 3- 3 नग, खाली मैग्जीन 3 नग, इलेक्ट्रिक स्वीच- 65 नग, रायफल सिलिंग -08 नग और 2 नग पोच शामिल है।

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छत्तीसगढ़

निर्देश के बाद भी लापरवाही: धड़ल्ले से जल रही पराली, प्रदूषण बढ़ने का मंडरा रहा खतरा

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नगरी में रबि फसल की तैयारी के लिए किसान लगातार खेतों में पराली को आग के हवाले कर रहे हैं। जिसके चलते प्रदूषण का खतरा मंडरा रहा है।

छत्तीसगढ़ के नगरी के किसान इन दिनों रबि फसल की तैयारी में जुट गए हैं। इसी के साथ खेतों में लगातार पराली जलाने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। किसान लगातार खेतों में पराली को आग के हवाले कर रहे हैं जिसके चलते प्रदूषण का खतरा मंडरा रहा है। वहीं इन किसानों को पराली जलाने से रोकने वाला भी कोई नहीं है।

दरअसल, जिला प्रशासन ने पैरादान करने का निर्देश दिया था। इसके बाद भी किसान लगातार पराली को आग के हवाले कर रहे हैं। जिसके कारण प्रदूषण फैलने की संभावना बढ़ गई है। नगरी सिहावा के आसपास के गांव के अधिकतर किसान पैरा में जलाते हुए नजर आ रहे है। वहीं विभागीय अधिकारी का उदासीनता के चलते भी किसान बेख़ौफ़ होकर पराली जला रहे हैं।

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