छत्तीसगढ़
अटल विश्व विद्यालय में कुल उत्सव के प्रथम दिवस राष्ट्रीय परिसंवाद और कवि सम्मेलन का आयोजन

बिलासपुर। अटल बिहारी वाजपेई विश्व विद्यालय बिलासपुर में तीन दिवसीय कुल उत्सव 2022 के प्रथम दिवस आज़ दिनांक 23/12/2022 को दो कार्यक्रम आयोजित किया गया है सर्वप्रथम दोपहर 11,30 को “भारत केन्द्रित समाज विज्ञान ” विषय पर राष्ट्रीय परिसंवाद का आयोजन किया गया।इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रोफेसर अशोक मोड़क कुलाधिपति गुरु घासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय बिलासपुर छत्तीसगढ़ थे। मुख्य वक्ता डॉ वैदेही दफ्तरदार थी, विशिष्ट अतिथि डॉ वंश गोपाल सिंह कुलपति पंडित सुंदरलाल शर्मा मुक्त विश्वविद्यालय बिलासपुर और डॉ आर पी दुबे कुलपति सी वी रमन विश्व विद्यालय कोटा बिलासपुर थे कार्यक्रम की अध्यक्षता माननीय कुलपति आचार्य अरूण दिवाकर नाथ बाजपेई जी ने किया। सर्वप्रथम अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

कार्यक्रम का संचालन डॉ रश्मि गुप्ता ने किया। डॉ एच एस होता अधिष्ठाता छात्र कल्याण ने स्वागत भाषण में विषय की रूपरेखा रखीं, तत्पश्चात विशिष्ट अतिथि डॉ वंश गोपाल सिंह कुलपति सुंदर लाल शर्मा मुक्त विश्वविद्यालय ने अपने उद्बोधन में भारतीय समाज की प्राचीनता और समृद्धि का उल्लेख करते हुए भारतीय समाज विज्ञान को आज के परिवेश का अनिवार्य हिस्सा माना। डॉ आर पी दुबे कुलपति सी वी रमन विश्व विद्यालय बिलासपुर ने अपने उद्बोधन में कहा कि ऋग्वेद शास्वत है उसे समझना होगा और शोध कर उसे आधुनिक प्रगतिशील समाज को अपनाना चाहिए तभी समस्याएं समाप्त होगी। मुख्य वक्ता डॉ वैदेही दफ्तरदार ने अपने उद्बोधन में अटल जी के जीवन वृत्तांत को विस्तार से बताते हुए उनके सर्व समावेशी विकास को लेकर सम्पूर्ण समाज को जोड़ने की बात कही। मुख्य अतिथि प्रोफेसर अशोक मोड़क कुलाधिपति गुरु घासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय बिलासपुर छत्तीसगढ़ ने अपने उद्बोधन में कहा कि विश्व के सभी समाज एक दिन भारत केन्द्रित समाज का चिंतन कर उसे लागू करेगा।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे माननीय कुलपति आचार्य अरूण दिवाकर नाथ बाजपेई जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि समाज में पराभाव के जो तत्व विद्यमान है उन्हें दुर करके ही भारत केन्द्रित समाज विज्ञान की स्थापना हो सकेंगी। आभार प्रदर्शन कुलसचिव शैलेन्द्र दुबे जी ने कियाकार्यक्रम के दुसरे चरण में शाम 4 बजे से कवि सम्मेलन आयोजित किया गया जिसमें मुख्य अतिथि डॉ विनय पाठक पूर्व अध्यक्ष छत्तीसगढ़ राज भाषा आयोग थे तथा कार्यक्रम की अध्यक्षता माननीय कुलपति आचार्य अरूण दिवाकर नाथ बाजपेई जी ने किया।कवि सम्मेलन का संचालन राजेन्द्र मौर्य ने किया। सर्वप्रथम छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध हास्य कवि बंशीधर मिश्र ने श्रोताओं को खूब लोट पोट किया। रमेश विश्वहारा ने श्रुंगार कविता चांद जरा छुप जाना गाया जिसे सभी ने खुब सराहा। फिर मनेंद्रगढ़ से आयी कवियत्री आरती राय ने श्रंगार कविता कहीं। मुंगेली के वीर रस के कवि देवेन्द्र परिहार ने अपनी कविता से लोगों में वीरता की भावना भरी।
प्रदेश के प्रसिद्ध कवि मीर अली मीर ने अपनी प्रसिद्ध कविता नंदा जाही का रे से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। श्रीं राजेन्द्र मौर्य जी ने भी कविता सुनाया। मुख्य अतिथि डॉ विनय पाठक पूर्व अध्यक्ष छत्तीसगढ़ राज भाषा आयोग ने छत्तीसगढ़ी को पूरे देश में स्थान दिलाने पर जोर दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे माननीय कुलपति आचार्य अरूण दिवाकर नाथ बाजपेई जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि अटल बिहारी वाजपेई जी एक राष्ट्रीय कवि भी थे इसलिए प्रत्येक वर्ष कुल उत्सव में कवि सम्मेलन आयोजित कर हम उन्हें याद करते है।
डी एल एस महाविद्यालय के रवि कांत सिंह राजपूत और शुभम् शिक्षण महाविद्यालय के नाजिया निशा ने भी कविता पाठ किया।अंत में आभार प्रदर्शन डॉ एच एस होता अधिष्ठाता छात्र कल्याण ने किया।इस अवसर पर परीक्षा नियंत्रक डॉ पी के पांडेय, कुलसचिव
शैलेन्द्र दुबे,उप कुलसचिव नेहा यादव, यशवंत पटेल, डॉ पूजा पांडेय, डॉ सीमा बेरोलकर, डॉ लतिका भाटिया, डॉ रश्मि गुप्ता, डॉ हैरी जार्ज, डॉ हामिद अब्दुल्ला, डॉ सौमित्र तिवारी, डॉ रेवा कुलश्रेष्ठ, डॉ मनोज सिन्हा, डॉ शुमोना भट्टाचार्य, वित्त अधिकारी अलेक्जेंडर कुजुर, सहित विश्व विद्यालय के समस्त अधिकारी प्राध्यापक कर्मचारी और विद्यार्थी गण उपस्थित थे।
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Bilaspur के नामी LCIT Group of Institutions का छात्रों के साथ भयानक फर्जीवाड़ा : वादे बड़े-बड़े, हकीकत पानी-पानी!

बिलासपुर: LCIT Group of Institutions – Bilaspur, जो हर साल एडमिशन के दौरान बड़े-बड़े वादे और लुभावने दावे करता है, उसकी सच्चाई अब धीरे-धीरे सामने आने लगी है। दावा किया जाता है कि यहां आधुनिक लैब्स, अनुभवी फैकल्टी और विश्वस्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर मिलेगा — लेकिन ग्राउंड रियलिटी कुछ और ही कहानी बयां कर रही है।
बारिश आई, लैब्स ने छलनी बनकर स्वागत किया!
हमें मिले वीडियो में कॉलेज की लैब्स से टपकती छतें साफ़ दिखाई दे रही हैं। जहां स्टूडेंट्स को मशीनों के साथ प्रैक्टिकल करना चाहिए था, वहां अब पानी से बचने के लिए प्लास्टिक की बाल्टियाँ रखी जा रही हैं। सवाल ये उठता है कि जब प्रयोगशालाएं ही सुरक्षित नहीं, तो शिक्षा कितनी सुरक्षित होगी?

फैकल्टी? बस कागज़ों पर!
सूत्रों के अनुसार, यहां कई फैकल्टी सदस्य केवल ऑन पेपर मौजूद हैं। यानी नाम तो है, पर काम में कहीं नजर नहीं आते। छात्रों का कहना है कि कई विषयों की क्लास ही नियमित नहीं होती।
इंजीनियरिंग प्रिंसिपल भी सिर्फ नाम के!
कहा जा रहा है कि इंजीनियरिंग कॉलेज का प्रिंसिपल भी फुल टाइम नहीं है, बल्कि केवल औपचारिकता निभाने के लिए कागजों पर मौजूद हैं। यह छात्रों के भविष्य के साथ खुला मज़ाक है।

स्टाफ की नियुक्ति पर भी सवाल
बताया जा रहा है कि अधिकांश स्टाफ या तो यहीं के पुराने छात्र हैं या फिर अन्य कॉलेज से किसी वजह से हटाए गए लोग हैं। इससे शिक्षा की गुणवत्ता पर गंभीर प्रश्नचिह्न लग जाता है।
🎙 बिलासपुर के इस संस्थान की मार्केटिंग चमचमाती है, लेकिन हकीकत में ढहती छतें, दिखावटी स्टाफ और खोखले दावे छात्रों के सपनों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। ज़रूरत है कि शिक्षा को सिर्फ व्यापार न बनाकर, जिम्मेदारी समझा जाए
छत्तीसगढ़
CG News: सुरक्षाबलों की बड़ी कामयाबी, घने जंगलों से भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद

बीजापुर के कोमटपल्ली के जंगलों से जवानों ने भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद किया है। घने जंगल में पहाड़ों के बीच नक्सलियों ने सामग्री छुपाकर रखा था।
बीजापुर: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सुरक्षाबलों के जवानों को बड़ी सफलता मिली है। जवानों ने भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद किया है। नक्सलियों ने कोमटपल्ली जंगल-पहाड़ में बड़े चट्टानों के बीच हथियार और अन्य सामान छुपा कर रखा था। जिसे सर्चिंग के दौरान जवानों की संयुक्त टीम ने बरामद किया है।
बरामद किए गए सामग्रियों में गैस वेल्डिंग मशीन मय नोजल, आक्सीजन सिलेण्डर, गैस वेल्डिंग में उपयोग आने वाला पावडर- 8 डिब्बा, इन्वर्टर- 1 नग, स्टेबलाईजर 5 नग, स्टील कंटेनर 3 नग, कमर्सियल मोटर 3 नग, ब्लोवर(धौकनी मशीन)- 2 नग, ग्लेण्डर मोटर- 1 नग, वेल्डिंग राड 200 नग, टुकड़ा लोहे का राड छोटा बड़ा 3- 3 नग, खाली मैग्जीन 3 नग, इलेक्ट्रिक स्वीच- 65 नग, रायफल सिलिंग -08 नग और 2 नग पोच शामिल है।
छत्तीसगढ़
निर्देश के बाद भी लापरवाही: धड़ल्ले से जल रही पराली, प्रदूषण बढ़ने का मंडरा रहा खतरा

नगरी में रबि फसल की तैयारी के लिए किसान लगातार खेतों में पराली को आग के हवाले कर रहे हैं। जिसके चलते प्रदूषण का खतरा मंडरा रहा है।
छत्तीसगढ़ के नगरी के किसान इन दिनों रबि फसल की तैयारी में जुट गए हैं। इसी के साथ खेतों में लगातार पराली जलाने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। किसान लगातार खेतों में पराली को आग के हवाले कर रहे हैं जिसके चलते प्रदूषण का खतरा मंडरा रहा है। वहीं इन किसानों को पराली जलाने से रोकने वाला भी कोई नहीं है।
दरअसल, जिला प्रशासन ने पैरादान करने का निर्देश दिया था। इसके बाद भी किसान लगातार पराली को आग के हवाले कर रहे हैं। जिसके कारण प्रदूषण फैलने की संभावना बढ़ गई है। नगरी सिहावा के आसपास के गांव के अधिकतर किसान पैरा में जलाते हुए नजर आ रहे है। वहीं विभागीय अधिकारी का उदासीनता के चलते भी किसान बेख़ौफ़ होकर पराली जला रहे हैं।
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