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छत्तीसगढ़

रिटायर्ड कर्मचारी से 18 लाख की ठगी, दोस्त के बेटे ने मोबाइल में यूपीआई जनरेट कर निकाले पैसे…

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भिलाई। छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में बिजली विभाग के रिटायर्ड कर्मचारी के साथ लाखों की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। रिटायर्ड कर्मी के दोस्त के बेटे ने ही धोखाधड़ी कर 18 लाख रुपए निकाल लिए हैं। युवक ने बुजुर्ग के एंड्रायड मोबाइल में ऑनलाइन बैंकिंग एप डाउनलोड करके यूपीआई जनरेट किया। फिर 6-7 महीने में 18 लाख रुपए अपनी पत्नी के अकाउंट में ट्रांसफर कर लिए। मामले की शिकायत के बाद पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। मामला पुलगांव थाना अंतर्गत ग्राम बोरई का है।

7 माह में 80 ट्रांजेक्शन

दुर्ग एसपी डॉ. अभिषेक पल्लव ने बताया कि ग्राम बोरई निवासी शेष कुमार साहू बिजली विभाग से रिटायर्ड कर्मचारी हैं। उन्होंने अपने बेटे बलराम साहू के साथ पुलगांव थाने में शिकायत दर्ज कराई कि उसके बैंक अकाउंट से 18 लाख रुपए किसी ने निकाल लिए हैं। बुजुर्ग ने बताया कि रिटायरमेंट फंड मिलाकर उसके खाते में करीब लाख 18 लाख रुपए थे। उनका खाता एसबीआई बैंक सेक्टर-1 में है। शेष कुमार की तबीयत हाल ही में खराब हुई तो इलाज के लिए पैसों की जरूरत थी। पिता ने अपने बेटे बलराम को एटीएम देकर रुपए निकालने के लिए भेजा था। बलराम जब एटीएम से पैसे निकालने गया तो पता चला कि खाते में मात्र 260 रुपए हैं। इसके बाद वह बैंक पहुंचा। वहां पता चला कि उनके खाते से 18 लाख रुपए नेट बैंकिंग से ट्रांसफर किए गए हैं। इतनी रकम निकालने के लिए आरोपी ने 7 माह में करीब 80 ट्रांजेक्शन किए थे।

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तीन गिरफ्तार

शिकायत के बाद पुलिस ने मामले का पता लगाने के लिए साइबर सेल की टीम को लगाया। टीम ने मामले की जांच शुरु की। इसमें पता चला की शेष कुमार की जवाहर नगर निवासी वीरेन्द्र गुप्ता से अच्छी जान पहचान थी। पुलिस ने ट्रांजेक्शन डिटेल्स मिलाया तो पता चला कि रुपए किसी काजल गुप्ता के खाते में ट्रांसफर हुई है। काजल गुप्ता और कोई नहीं वीरेंद्र गुप्ता की बहू है। जांच में पता चला कि बेटा चंद्रशेखर गुप्ता, बहू काजल और उनकी बेटी बिलासपुर काजल के मायके गए हैं। टीम ने वहां काजल को हिरासत में लिया। पूछताछ में उसने स्वीकार किया कि उसका पति चंद्रशेखर गुप्ता और ननद नेहा गुलहरे ने मिलकर उसके खाते में पैसा ट्रांसफर किए हैं। इसके बाद पुलिस ने तीनों आरोपी चंद्रशेखर गुप्ता उसकी पत्नी काजल गुप्ता और नेहा गुलहरे को गिरफ्तार किया। उनके पास से ठगी के रुपए से खरीदी गई बाइक, 3 स्मार्ट फोन, गैस सिलेंडर, फ्रीज, वॉशिंग मशीन, आलमारी, 2 सोने का मंगलसूत्र, एक सोने का टॉप्स, सोने की अंगूठी, चांदी की करधन, हाथ फूल और चेन सहित कुछ नगदी जब्त किया है। पुलिस ने करीब 7 लाख रुपए की रिकवरी की। बाकी की रकम आरोपी ने भाई की शादी और दीवाली में जुआ सट्टे में उड़ा दिया।

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Bilaspur के नामी LCIT Group of Institutions का छात्रों के साथ भयानक फर्जीवाड़ा : वादे बड़े-बड़े, हकीकत पानी-पानी!

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LCIT Group of College bilaspur

बिलासपुर: LCIT Group of Institutions – Bilaspur, जो हर साल एडमिशन के दौरान बड़े-बड़े वादे और लुभावने दावे करता है, उसकी सच्चाई अब धीरे-धीरे सामने आने लगी है। दावा किया जाता है कि यहां आधुनिक लैब्स, अनुभवी फैकल्टी और विश्वस्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर मिलेगा — लेकिन ग्राउंड रियलिटी कुछ और ही कहानी बयां कर रही है।

बारिश आई, लैब्स ने छलनी बनकर स्वागत किया!
हमें मिले वीडियो में कॉलेज की लैब्स से टपकती छतें साफ़ दिखाई दे रही हैं। जहां स्टूडेंट्स को मशीनों के साथ प्रैक्टिकल करना चाहिए था, वहां अब पानी से बचने के लिए प्लास्टिक की बाल्टियाँ रखी जा रही हैं। सवाल ये उठता है कि जब प्रयोगशालाएं ही सुरक्षित नहीं, तो शिक्षा कितनी सुरक्षित होगी?

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फैकल्टी? बस कागज़ों पर!
सूत्रों के अनुसार, यहां कई फैकल्टी सदस्य केवल ऑन पेपर मौजूद हैं। यानी नाम तो है, पर काम में कहीं नजर नहीं आते। छात्रों का कहना है कि कई विषयों की क्लास ही नियमित नहीं होती।

इंजीनियरिंग प्रिंसिपल भी सिर्फ नाम के!
कहा जा रहा है कि इंजीनियरिंग कॉलेज का प्रिंसिपल भी फुल टाइम नहीं है, बल्कि केवल औपचारिकता निभाने के लिए कागजों पर मौजूद हैं। यह छात्रों के भविष्य के साथ खुला मज़ाक है।

स्टाफ की नियुक्ति पर भी सवाल
बताया जा रहा है कि अधिकांश स्टाफ या तो यहीं के पुराने छात्र हैं या फिर अन्य कॉलेज से किसी वजह से हटाए गए लोग हैं। इससे शिक्षा की गुणवत्ता पर गंभीर प्रश्नचिह्न लग जाता है।

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🎙 बिलासपुर के इस संस्थान की मार्केटिंग चमचमाती है, लेकिन हकीकत में ढहती छतें, दिखावटी स्टाफ और खोखले दावे छात्रों के सपनों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। ज़रूरत है कि शिक्षा को सिर्फ व्यापार न बनाकर, जिम्मेदारी समझा जाए

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छत्तीसगढ़

CG News: सुरक्षाबलों की बड़ी कामयाबी, घने जंगलों से भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद

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बीजापुर के कोमटपल्ली के जंगलों से जवानों ने भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद किया है। घने जंगल में पहाड़ों के बीच नक्सलियों ने सामग्री छुपाकर रखा था।

बीजापुर: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सुरक्षाबलों के जवानों को बड़ी सफलता मिली है। जवानों ने भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद किया है। नक्सलियों ने कोमटपल्ली जंगल-पहाड़ में बड़े चट्टानों के बीच हथियार और अन्य सामान छुपा कर रखा था। जिसे सर्चिंग के दौरान जवानों की संयुक्त टीम ने बरामद किया है।

बरामद किए गए सामग्रियों में गैस वेल्डिंग मशीन मय नोजल, आक्सीजन सिलेण्डर, गैस वेल्डिंग में उपयोग आने वाला पावडर- 8 डिब्बा, इन्वर्टर- 1 नग, स्टेबलाईजर 5 नग, स्टील कंटेनर 3 नग, कमर्सियल मोटर 3 नग, ब्लोवर(धौकनी मशीन)- 2 नग, ग्लेण्डर मोटर- 1 नग, वेल्डिंग राड 200 नग, टुकड़ा लोहे का राड छोटा बड़ा 3- 3 नग, खाली मैग्जीन 3 नग, इलेक्ट्रिक स्वीच- 65 नग, रायफल सिलिंग -08 नग और 2 नग पोच शामिल है।

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छत्तीसगढ़

निर्देश के बाद भी लापरवाही: धड़ल्ले से जल रही पराली, प्रदूषण बढ़ने का मंडरा रहा खतरा

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नगरी में रबि फसल की तैयारी के लिए किसान लगातार खेतों में पराली को आग के हवाले कर रहे हैं। जिसके चलते प्रदूषण का खतरा मंडरा रहा है।

छत्तीसगढ़ के नगरी के किसान इन दिनों रबि फसल की तैयारी में जुट गए हैं। इसी के साथ खेतों में लगातार पराली जलाने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। किसान लगातार खेतों में पराली को आग के हवाले कर रहे हैं जिसके चलते प्रदूषण का खतरा मंडरा रहा है। वहीं इन किसानों को पराली जलाने से रोकने वाला भी कोई नहीं है।

दरअसल, जिला प्रशासन ने पैरादान करने का निर्देश दिया था। इसके बाद भी किसान लगातार पराली को आग के हवाले कर रहे हैं। जिसके कारण प्रदूषण फैलने की संभावना बढ़ गई है। नगरी सिहावा के आसपास के गांव के अधिकतर किसान पैरा में जलाते हुए नजर आ रहे है। वहीं विभागीय अधिकारी का उदासीनता के चलते भी किसान बेख़ौफ़ होकर पराली जला रहे हैं।

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