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छत्तीसगढ़

CG: होली से पहले जिला प्रशासन ने लिया बड़ा फैसला, नहीं मानी ये बात तो हो सकती है जेल

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महासमुंद । कलेक्टर  निलेशकुमार क्षीरसागर के निर्देशानुसार जिले में पदस्थ खाद्य सुरक्षा अधिकारी ज्योति भानु, शंखनाद भोई एवं चलित खाद्य प्रयोगशाला की टीम के द्वारा होली के त्यौहारी सीजन को दृष्टिगत रखते हुए आमजन एवं खाद्य कारोबार कर्ताओं को मौके पर जागरूक किया गया। खाद्य पदार्थों में मिलावट एवं रोकथाम के लिए जिले के खाद्य सुरक्षा अधिकारियों के द्वारा एवं राज्य चलित खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला वाहन के माध्यम से विगत एक माह में 184 खाद्य नमूना संकलित किया गया। जिसमें से 11 अवमानक 19 मिथ्या छाप तथा शेष 154 खाद्य पदार्थ मानक पाये गए। अवमानक, मिथ्याछाप खाद्य पदार्थ विक्रय करने वाले खाद्य कारोबारकर्ताओं को सचेत किया गया कि भविष्य में अवमानक, मिथ्याछाप खाद्य पदार्थों का विकय न करें अन्यथा खाद्य सुरक्षा एवं मानक 2006 विनियम 2011 के तहत् कड़ी कार्यवाही की जाएगी।

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होली के त्यौहारी सीजन को दृष्टिगत रखते हुए महासमुन्द जिले में ज्योति भानु खाद्य सुरक्षा अधिकारी, के द्वारा 10 (मिनी पेड़ा, बेसन लडडू, चाकलेट, बिस्किट, नारियल मिठाई लंदन डेयरी, तेल, ग्लूकोज, आदि खाद्य पदार्थ ) एवं श्री शंखनाद भोई खाद्य सुरक्षा अधिकारी के द्वारा 06 (मिनी पेड़ा, तेल, रसगुल्ला, मिनी रसगुल्ला, कलाकंद, बारिक सेव आदि खाद्य पदार्थ ) का महासमुन्द जिले के विभिन्न खाद्य प्रतिष्ठानों से खाद्य नमूना संकलित कर परीक्षण के लिए राज्य खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला रायपुर को भेजा गया है। खाद्य पदार्थों के परीक्षण प्रतिवेदन के प्राप्त होते ही खाद्य सुरक्षा एवं मानक 2006 विनियम 2011 के तहत् अग्रिम कार्यवाही की जाएगी।

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खाद्य सुरक्षा अधिकारियों के द्वारा जनवरी 2022 से अभी तक 160 विधिक तथा 97 सर्वेलेंस नमूना संकलित किया गया है। जिसमें से 14 नमूना अवमानक, मिथ्याछाप पाया गया है। 06 अवमानक प्रकरण को अपर कलेक्टर के न्यायालय में तथा 01 प्रकरण को न्यायिक दण्डाधिकारी के न्यायालय में विचारण हेतु प्रस्तुत किया गया है। होली त्यौहार को दृष्टिगत रखते हुए होटलों एवं मिठाई दुकान की जांच एवं निरीक्षण किया जा रहा है। मिठाई, तेल, दुध आदि खाद्य पदार्थों जो त्यौहार में अधिक मात्रा में उपयोग किये जाते हैं उनके नमूना संकलन किया जा रहा है।

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Bilaspur के नामी LCIT Group of Institutions का छात्रों के साथ भयानक फर्जीवाड़ा : वादे बड़े-बड़े, हकीकत पानी-पानी!

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LCIT Group of College bilaspur

बिलासपुर: LCIT Group of Institutions – Bilaspur, जो हर साल एडमिशन के दौरान बड़े-बड़े वादे और लुभावने दावे करता है, उसकी सच्चाई अब धीरे-धीरे सामने आने लगी है। दावा किया जाता है कि यहां आधुनिक लैब्स, अनुभवी फैकल्टी और विश्वस्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर मिलेगा — लेकिन ग्राउंड रियलिटी कुछ और ही कहानी बयां कर रही है।

बारिश आई, लैब्स ने छलनी बनकर स्वागत किया!
हमें मिले वीडियो में कॉलेज की लैब्स से टपकती छतें साफ़ दिखाई दे रही हैं। जहां स्टूडेंट्स को मशीनों के साथ प्रैक्टिकल करना चाहिए था, वहां अब पानी से बचने के लिए प्लास्टिक की बाल्टियाँ रखी जा रही हैं। सवाल ये उठता है कि जब प्रयोगशालाएं ही सुरक्षित नहीं, तो शिक्षा कितनी सुरक्षित होगी?

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फैकल्टी? बस कागज़ों पर!
सूत्रों के अनुसार, यहां कई फैकल्टी सदस्य केवल ऑन पेपर मौजूद हैं। यानी नाम तो है, पर काम में कहीं नजर नहीं आते। छात्रों का कहना है कि कई विषयों की क्लास ही नियमित नहीं होती।

इंजीनियरिंग प्रिंसिपल भी सिर्फ नाम के!
कहा जा रहा है कि इंजीनियरिंग कॉलेज का प्रिंसिपल भी फुल टाइम नहीं है, बल्कि केवल औपचारिकता निभाने के लिए कागजों पर मौजूद हैं। यह छात्रों के भविष्य के साथ खुला मज़ाक है।

स्टाफ की नियुक्ति पर भी सवाल
बताया जा रहा है कि अधिकांश स्टाफ या तो यहीं के पुराने छात्र हैं या फिर अन्य कॉलेज से किसी वजह से हटाए गए लोग हैं। इससे शिक्षा की गुणवत्ता पर गंभीर प्रश्नचिह्न लग जाता है।

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🎙 बिलासपुर के इस संस्थान की मार्केटिंग चमचमाती है, लेकिन हकीकत में ढहती छतें, दिखावटी स्टाफ और खोखले दावे छात्रों के सपनों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। ज़रूरत है कि शिक्षा को सिर्फ व्यापार न बनाकर, जिम्मेदारी समझा जाए

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छत्तीसगढ़

CG News: सुरक्षाबलों की बड़ी कामयाबी, घने जंगलों से भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद

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बीजापुर के कोमटपल्ली के जंगलों से जवानों ने भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद किया है। घने जंगल में पहाड़ों के बीच नक्सलियों ने सामग्री छुपाकर रखा था।

बीजापुर: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सुरक्षाबलों के जवानों को बड़ी सफलता मिली है। जवानों ने भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद किया है। नक्सलियों ने कोमटपल्ली जंगल-पहाड़ में बड़े चट्टानों के बीच हथियार और अन्य सामान छुपा कर रखा था। जिसे सर्चिंग के दौरान जवानों की संयुक्त टीम ने बरामद किया है।

बरामद किए गए सामग्रियों में गैस वेल्डिंग मशीन मय नोजल, आक्सीजन सिलेण्डर, गैस वेल्डिंग में उपयोग आने वाला पावडर- 8 डिब्बा, इन्वर्टर- 1 नग, स्टेबलाईजर 5 नग, स्टील कंटेनर 3 नग, कमर्सियल मोटर 3 नग, ब्लोवर(धौकनी मशीन)- 2 नग, ग्लेण्डर मोटर- 1 नग, वेल्डिंग राड 200 नग, टुकड़ा लोहे का राड छोटा बड़ा 3- 3 नग, खाली मैग्जीन 3 नग, इलेक्ट्रिक स्वीच- 65 नग, रायफल सिलिंग -08 नग और 2 नग पोच शामिल है।

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छत्तीसगढ़

निर्देश के बाद भी लापरवाही: धड़ल्ले से जल रही पराली, प्रदूषण बढ़ने का मंडरा रहा खतरा

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नगरी में रबि फसल की तैयारी के लिए किसान लगातार खेतों में पराली को आग के हवाले कर रहे हैं। जिसके चलते प्रदूषण का खतरा मंडरा रहा है।

छत्तीसगढ़ के नगरी के किसान इन दिनों रबि फसल की तैयारी में जुट गए हैं। इसी के साथ खेतों में लगातार पराली जलाने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। किसान लगातार खेतों में पराली को आग के हवाले कर रहे हैं जिसके चलते प्रदूषण का खतरा मंडरा रहा है। वहीं इन किसानों को पराली जलाने से रोकने वाला भी कोई नहीं है।

दरअसल, जिला प्रशासन ने पैरादान करने का निर्देश दिया था। इसके बाद भी किसान लगातार पराली को आग के हवाले कर रहे हैं। जिसके कारण प्रदूषण फैलने की संभावना बढ़ गई है। नगरी सिहावा के आसपास के गांव के अधिकतर किसान पैरा में जलाते हुए नजर आ रहे है। वहीं विभागीय अधिकारी का उदासीनता के चलते भी किसान बेख़ौफ़ होकर पराली जला रहे हैं।

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