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छत्तीसगढ़

CG Job: आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका के पदों पर निकली भर्ती

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कोरबा। एकीकृत बाल विकास परियोजना अंतर्गत कटघोरा परियोजना के आंगनबाड़ी केन्द्रों में रिक्त पदों पर भर्ती के लिए आवेदन आमंत्रित किया गया है। कटघोरा परियोजना अंतर्गत कुल 16 रिक्त पदों पर भर्ती के लिए आवेदन 4 जनवरी 2022 से आमंत्रित किया गया है। आवेदन की अंतिम तिथि 18 जनवरी 2022 निर्धारित की गई है।

कटघोरा परियोजना के अंतर्गत आने वाले गांवों के आंगनबाड़ी केन्द्रों के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के 02 पदों और सहायिका के 14 रिक्त पदों के लिए आवेदन मंगाया गया है। आवेदन निर्धारित प्रारूप में कार्यालय परियोजना अधिकारी एकीकृत बाल विकास परियोजना कटघोरा में निर्धारित तिथि तक कार्यालयीन समय में सीधे अथवा पंजीकृत-साधारण डाक के माध्यम से जमा कर सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए संबंधित ग्राम पंचायत और परियोजना अधिकारी एकीकृत बाल विकास परियोजना कटघोरा से संपर्क किया जा सकता है।

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परियोजना अधिकारी एकीकृत बाल विकास परियोजना कटघोरा ने बताया कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की भर्ती ग्राम पंचायत धंवईपुर के आंगनबाड़ी केन्द्र नवपारा 02 एवं ग्राम पंचायत खोडरी के आंगनबाड़ी केन्द्र खोडरी 02 के लिए की जाएगी। आंगनबाड़ी सहायिका के आंगनबाड़ी केन्द्रों में रिक्त पदों पर भर्ती के लिए आवेदन आमंत्रित किया गया है।

आंगनबाड़ी सहायिकाओं की भर्ती ग्राम पंचायत सलोरा में 01 पद, मुढ़ाली में 02 पदों, धनरास में 01 पद, छुरीखुर्द में 01 पद, बिसनपुर में 01 पद, धंवईपुर में 01 पद, मोहनपुर में 02 पदों, बाता में एक पद, खोडरी में 01 पद, ड़िडोलभाठा में 01 पद, भिलाई बाजार में 01 पद एवं ग्राम पंचायत रलिया में 01 पद में की जाएगी।

परियोजना अधिकारी एकीकृत बाल विकास परियोजना कटघोरा ने बताया कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका के रिक्त पदों में भर्ती के लिए आवेदिकाओं को उसी गांव की निवासी होनी चाहिए जिस गांव के आंगनबाड़ी केन्द्र में पद रिक्त हैं।

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आवेदिका की आयु 18 से 44 वर्ष के मध्य होनी चाहिए। एक वर्ष या अधिक सेवा का अनुभव रखने वाली कार्यकर्ता, सह सहायिका एवं संगठिका को आयु सीमा में तीन वर्ष की छुट दी जाएगी। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पद के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता बारहवीं अथवा ग्यारहवीं बोर्ड उत्तीर्ण है। इसी प्रकार आंगनबाड़ी सहायिका पद के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता आठवीं बोर्ड उत्तीर्ण है। भर्ती के संबंध में नियम, शर्तें, आवेदन प्रारूप एवं अन्य जानकारी के लिए परियोजना कार्यालय कटघोरा से संपर्क कर सकते हैं।

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Bilaspur के नामी LCIT Group of Institutions का छात्रों के साथ भयानक फर्जीवाड़ा : वादे बड़े-बड़े, हकीकत पानी-पानी!

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LCIT Group of College bilaspur

बिलासपुर: LCIT Group of Institutions – Bilaspur, जो हर साल एडमिशन के दौरान बड़े-बड़े वादे और लुभावने दावे करता है, उसकी सच्चाई अब धीरे-धीरे सामने आने लगी है। दावा किया जाता है कि यहां आधुनिक लैब्स, अनुभवी फैकल्टी और विश्वस्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर मिलेगा — लेकिन ग्राउंड रियलिटी कुछ और ही कहानी बयां कर रही है।

बारिश आई, लैब्स ने छलनी बनकर स्वागत किया!
हमें मिले वीडियो में कॉलेज की लैब्स से टपकती छतें साफ़ दिखाई दे रही हैं। जहां स्टूडेंट्स को मशीनों के साथ प्रैक्टिकल करना चाहिए था, वहां अब पानी से बचने के लिए प्लास्टिक की बाल्टियाँ रखी जा रही हैं। सवाल ये उठता है कि जब प्रयोगशालाएं ही सुरक्षित नहीं, तो शिक्षा कितनी सुरक्षित होगी?

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फैकल्टी? बस कागज़ों पर!
सूत्रों के अनुसार, यहां कई फैकल्टी सदस्य केवल ऑन पेपर मौजूद हैं। यानी नाम तो है, पर काम में कहीं नजर नहीं आते। छात्रों का कहना है कि कई विषयों की क्लास ही नियमित नहीं होती।

इंजीनियरिंग प्रिंसिपल भी सिर्फ नाम के!
कहा जा रहा है कि इंजीनियरिंग कॉलेज का प्रिंसिपल भी फुल टाइम नहीं है, बल्कि केवल औपचारिकता निभाने के लिए कागजों पर मौजूद हैं। यह छात्रों के भविष्य के साथ खुला मज़ाक है।

स्टाफ की नियुक्ति पर भी सवाल
बताया जा रहा है कि अधिकांश स्टाफ या तो यहीं के पुराने छात्र हैं या फिर अन्य कॉलेज से किसी वजह से हटाए गए लोग हैं। इससे शिक्षा की गुणवत्ता पर गंभीर प्रश्नचिह्न लग जाता है।

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🎙 बिलासपुर के इस संस्थान की मार्केटिंग चमचमाती है, लेकिन हकीकत में ढहती छतें, दिखावटी स्टाफ और खोखले दावे छात्रों के सपनों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। ज़रूरत है कि शिक्षा को सिर्फ व्यापार न बनाकर, जिम्मेदारी समझा जाए

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छत्तीसगढ़

CG News: सुरक्षाबलों की बड़ी कामयाबी, घने जंगलों से भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद

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बीजापुर के कोमटपल्ली के जंगलों से जवानों ने भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद किया है। घने जंगल में पहाड़ों के बीच नक्सलियों ने सामग्री छुपाकर रखा था।

बीजापुर: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सुरक्षाबलों के जवानों को बड़ी सफलता मिली है। जवानों ने भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद किया है। नक्सलियों ने कोमटपल्ली जंगल-पहाड़ में बड़े चट्टानों के बीच हथियार और अन्य सामान छुपा कर रखा था। जिसे सर्चिंग के दौरान जवानों की संयुक्त टीम ने बरामद किया है।

बरामद किए गए सामग्रियों में गैस वेल्डिंग मशीन मय नोजल, आक्सीजन सिलेण्डर, गैस वेल्डिंग में उपयोग आने वाला पावडर- 8 डिब्बा, इन्वर्टर- 1 नग, स्टेबलाईजर 5 नग, स्टील कंटेनर 3 नग, कमर्सियल मोटर 3 नग, ब्लोवर(धौकनी मशीन)- 2 नग, ग्लेण्डर मोटर- 1 नग, वेल्डिंग राड 200 नग, टुकड़ा लोहे का राड छोटा बड़ा 3- 3 नग, खाली मैग्जीन 3 नग, इलेक्ट्रिक स्वीच- 65 नग, रायफल सिलिंग -08 नग और 2 नग पोच शामिल है।

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छत्तीसगढ़

निर्देश के बाद भी लापरवाही: धड़ल्ले से जल रही पराली, प्रदूषण बढ़ने का मंडरा रहा खतरा

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नगरी में रबि फसल की तैयारी के लिए किसान लगातार खेतों में पराली को आग के हवाले कर रहे हैं। जिसके चलते प्रदूषण का खतरा मंडरा रहा है।

छत्तीसगढ़ के नगरी के किसान इन दिनों रबि फसल की तैयारी में जुट गए हैं। इसी के साथ खेतों में लगातार पराली जलाने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। किसान लगातार खेतों में पराली को आग के हवाले कर रहे हैं जिसके चलते प्रदूषण का खतरा मंडरा रहा है। वहीं इन किसानों को पराली जलाने से रोकने वाला भी कोई नहीं है।

दरअसल, जिला प्रशासन ने पैरादान करने का निर्देश दिया था। इसके बाद भी किसान लगातार पराली को आग के हवाले कर रहे हैं। जिसके कारण प्रदूषण फैलने की संभावना बढ़ गई है। नगरी सिहावा के आसपास के गांव के अधिकतर किसान पैरा में जलाते हुए नजर आ रहे है। वहीं विभागीय अधिकारी का उदासीनता के चलते भी किसान बेख़ौफ़ होकर पराली जला रहे हैं।

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