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महाकुंभ 2025: रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने तैयारियों का लिया जायजा, ₹5000 करोड़ खर्च

- भारतीय रेल ने खर्च किए महाकुंभ तैयारियों के लिए 2 वर्षों में 5000 करोड़ रुपये से अधिक : अश्विनी वैष्णव
- केंद्रीय रेल मंत्री ने महाकुम्भ -2025 की तैयारियों का किया अवलोकन
- प्रयागराज क्षेत्र में सुगम रेल परिचालन के लिए 21 रोड ओवर ब्रिजों और रोड अंडर ब्रिजों का किया गया निर्माण
- महाकुंभ -2025 के दौरान 3000 स्पेशल गाडियाँ सहित 13000 से अधिक रेल गाडियाँ चलायी जाएंगी
केंद्रीय मंत्री, रेल, सूचना एवं प्रसारण और इलेक्ट्रॉनिक्स, सूचना प्रौद्योगिकी, अश्विनी वैष्णव ने प्रयागराज क्षेत्र में महाकुम्भ-2025 के लिए की जा रही तयारियों का अवलोकन किया । केंद्रीय रेल मंत्री ने प्रयागराज में सबसे पहले झूंसी रेलवे स्टेशन पर चल रहे विकास कार्यों एवं महाकुंभ -2025 की तैयारियों का निरीक्षण किया तत्पश्चात झूंसी स्टेशन के निकट गंगा नदी पर प्रयागराज –वाराणसी रेल मार्ग दोहरीकरण कार्य के अंतर्गत बने नए ब्रिज संख्या -111 का निरीक्षण किया ।
केंद्रीय रेल मंत्री ने निरीक्षण के अगले क्रम में पुनर्विकास योजना के अंतर्गत फाफामऊ स्टेशन पर चल रहे विकास कार्यो का जायजा लिया ओर संबधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिये। इसी क्रम में उन्होंने प्रयाग जं स्टेशन का भी निरीक्षण किया और महाकुंभ 2025 की तैयारियों को परखा। इस निरीक्षण के दौरान उन्होंने यात्री सेवा एवं यात्री हितों की दिशा में किए जा रहे सभी रेल कार्यों तथा निर्माणाधीन परियोजनाओं की विस्तृत जानकारी प्राप्त की तथा इस विषय में संबंधितों को महत्वपूर्ण सुझाव देते हुए आवश्यक निर्देश पारित किए।
उन्होंने मेला अवधि में इन स्टेशनों पर यात्री सुविधा संबंधी,आपातकालीन,चिकित्सा तथा आकस्मिक सेवा संबंधी, स्वच्छता और सौंदर्यीकरण संबंधी, यात्री सुरक्षा एवं संरक्षित तथा समयानुसार गाड़ी परिचालन संबंधी सभी व्यवस्थाओं का गहनतापूर्वक अवलोकन किया। इसके साथ ही माननीय रेलमंत्री, मेला के दौरान रेलवे द्वारा निर्धारित की जाने वाली अन्य विशेष तथा वैकल्पिक व्यवस्थाओं से भी भलीभांति अवगत हुए।
इसके अतिरिक्त उन्होंने उपस्थित अधिकारियों से यात्री एवं भीड़ प्रबंधन की नीतियों एवं मेला के सुगम और सुचारु रूप से संचालन करने की दिशा में किए जाने वाले अन्य प्रयासों के विषय में भी क्रमबद्ध रूप से जानकारी प्राप्त की। इस दौरान माननीय रेलमंत्री ने फाफामऊ जं से प्रयाग जं तथा प्रयाग जं से प्रयागराज जं. तक विंडो ट्रेलिंग करते हुए रेलपथ की संरक्षा की जानकारी भी प्राप्त की तथा इस अवसर पर इन दोनों स्टेशनों पर उपस्थित जन प्रतिनिधियों तथा स्थानीय नागरिकों से भेंट की।
केंद्रीय रेल मंत्री, अश्विनी वैष्णव ने निरीक्षण के अगले क्रम में प्रयागराज जंक्शन पर महाकुंभ -2025 के लिए की जा रही तयारियों का निरीक्षण किया । ध्यातव्य है कि प्रयागराज जंक्शन को स्टेशन पुनर्विकास योजना के अंतर्गत विकसित किया जा रहा है । केंद्रीय रेल मंत्री ने प्रयागराज जंक्शन पर यात्री आश्रय का निरीक्षण कर आश्रय के बाहर टिकट काउंटर, कलर कोडिंग और उपलब्ध साइनेज का जायजा लिया । यात्री आश्रयों में कलर कोडिंग की व्यवस्था की गई है । इसे कलर कोडिंग के अनुसार यात्री दिशावर यात्रा के लिए सुनिश्चित प्लेटफार्मों पर गाएँगे और अपने गंतव्य की ओर यात्रा करेंगे ।
केंद्रीय रेल मंत्रीने यात्री आश्रय में खानपान, प्रकाश, पेयजल, चिकत्सा बूथ, जन सुविधाएँ, सुरक्षा व्यवस्था को बारीकी से देखा । महाकुंभ -2025 के दौरान स्टेशन पर यात्रियों के प्रवेश और निकास योजना पर जानकारी के साथ स्टेशन पर यात्रियों को दिशावार यात्रानुसार गेट से प्रवेश से लेकर गाड़ी तक भेजने की व्यवस्था, यात्रियों को टिकट काउंटर पर भेजना, यात्रियों को टिकट उपलब्ध करवाना, सही गाड़ी की जानकारी देना, भीड़ को नियंत्रित करना, यात्रियों के प्लेटफ़ॉर्म पर पहुँचने पर उन्हें सुरक्षित रूप से गाड़ी के अंदर भेजना और गाड़ी में पर्याप्त यात्री हो जाने पर गाड़ी को प्रस्थान करवाने के लिए प्लेटफार्म से कंट्रोल टावर को सूचना भेजना और अन्य विभागों से समन्वय की कार्यप्रणाली पर भी जानकारी ली ।
केंद्रीय रेल मंत्री, अश्विनी वैष्णव ने प्रयागराज जंक्शन की सुरक्षा प्रणाली और आपात स्थिति के लिए की गई तैयारियों की भी जानकारी ली । निरीक्षण के दौरान केंद्रीय रेल मंत्री ने रैपिड एक्शन टीम एवं क्विक रेस्पोंस टीम और फायर फाईटिंग टीम के कर्मचारियों से बातचीत कर उनकी कार्यप्रणाली को परखा, और बेहतर कार्य करने के लिए आवश्यक निर्देश भी दिए । स्टेशन पर यात्रियों की सुविधा के लिए एवं आपात स्थिति से निपटने के लिए रैपिड एक्शन टीम एवं क्विक रिस्पांस टीम और फायर फाइटिंग टीम की व्यवस्था की गयी है। आपात स्थति के लिए सिविल लाइन साइड में फुट ओवर ब्रिज संख्या -3 के निकट एवं सिटी साइड में रेलवे सुरक्षा बल पोस्ट के निकट रैपिड एक्शन टीम टीम तैनात रहेगी। रैपिड एक्शन टीम में रेलवे के विभिन्न विभागों के 20 कर्मचारी किसी भी स्थिति से निपटने के लिए 24×7 तैयार रहेंगी ।
केंद्रीय रेल मंत्री, अश्विनी वैष्णव ने निरीक्षण के अगले क्रम में 18 स्क्रीन से सुसज्जित सीसीटीवी कक्ष युक्त मेला टॉवर का निरीक्षण किया । मेला टॉवर से भीड़ नियंत्रण, गाड़ियों का आगमन-प्रस्थान, सिविल प्रशासन के साथ समन्वय, आपात स्थिति से निपटना, यात्रियों की सहायत इत्यादि जैसे कार्यों को किया जाता है । मेला टॉवर के सीसीटीवी कक्ष में प्रयागराज क्षेत्र के स्टेशनों और सिविल एरिया के सीधे प्रसारण को देखकर नियंत्रण और निर्देश की प्रणाली स्थापित की गयी है। कक्ष में तैनात कर्मचारियों से सीसीटीवी के विषय में जानकारी ली और बेहतर समन्वय और त्वरित कार्यप्रणाली के लिए आवश्यक निर्देश दिए ।
केंद्रीय रेल मंत्री, अश्विनी वैष्णव ने निरीक्षण के अगले क्रम में स्टेशन रिडेवलपमेंट के अंतर्गत विकसित किये जा रहे प्रयागराज जंक्शन के निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया और कार्य को गुणवत्ता और समय के साथ पूर्ण करने के निर्देश दिए । केंद्रीय रेल मंत्री, अश्विनी वैष्णव ने प्रयागराज जंक्शन पर आयोजित प्रेस वार्ता में मीडिया कर्मियों को संबोधित करते हुये कहा कि महाकुंभ -2025 में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने के संभावना को देखते हुये गत 2½ वर्षों से वृहत स्तर पर तैयारियाँ चल रही हैं ।
इससे संबंधित कार्यों में गत 2 वर्षों में प्रयागराज क्षेत्र में 5000 करोड़ रुपये से अधिक धनराशि खर्च की गई है । इस धनराशि से बड़े स्तर पर विकास किए गए हैं । प्रयागराज क्षेत्र में सुगम रेल परिचालन के लिए 21 रोड ओवर ब्रिजों और रोड अंडर ब्रिजों का निर्माण किया गया है । महाकुंभ -2025 के दौरान 3000 स्पेशल गाडियाँ सहित 13000 से अधिक रेल गाडियाँ चलायी जाएंगी जब कि गत कुम्भ मेला में 7000 गाड़ियों का संचालन किया गया था । छोटी दूरी के लिए बड़ी संख्या में मेमू ट्रेन का इंतजाम किया जा रहा है । महाकुंभ -2025 के रेगुलर गाड़ियों में दोनों तरफ इंजन लगाया जाएगा जिससे समय की बचत होगी ।
बनारस से प्रयागराज के मध्य दोहरीकरण किया गया है इसी खंड में गंगा नदी पर 100 वर्ष बाद नया ब्रिज बने गया है। एवं फाफामऊ-जंघई के मध्य दोहरीकरण होने से ट्रेन परिचालन क्षमता में वृद्धि हुयी है । महाकुंभ -2025 के दौरान बेहतर सुविधाओं के लिए विभिन्न स्टेशनों पर 43 स्थायी होल्डिंग एरिया का निर्माण किया गया है । प्रयागराज क्षेत्र के सभी स्टेशनों पर सभी फुट ओवर ब्रिजों पर एकदिशीय यातायात की व्यवस्था की गई है। इस अवसर पर उन्होंने मीडिया कर्मियों को महाकुंभ के दौरान दिशावार कलर कोडिंग व्यवस्था और टिकटिंग व्यवस्था के बारे में भी बताया।
इसी क्रम में माननीय रेल मंत्री महोदय ने डीएफसी के कंट्रोल सेंटर का भी निरीक्षण किया। इसके उपरांत मंत्री महोदय ने उत्तर मध्य रेलवे मुख्यालय में रेल अधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि, यदि आवश्यकता हो तो होल्डिंग एरिया की क्षमता और बढ़ाई जाए एवं मेला अवधि में अधिकतम ट्रेनो का परिचालन किया जाए। इसी के साथ ही अयोध्या, चित्रकूट एवं विंध्याचल के लिए भी ज्यादा से ज्यादा ट्रेन चलाने की बात की। उन्होंने चित्रकूट एवं विंध्याचल में भी होल्डिंग एरिया विकसित करने के निर्देश दिए ।
इसी क्रम में वैष्णव ने स्वच्छ एवं प्लास्टिक फ्री कुंभ की दिशा में प्रयास करने की बात कही। उन्होंने मेडिकल के संबंध यदि आवश्यकता हो तो बाहर से अतिरिक स्टाफ हायर करने और यात्रियों को बेहतर से बेहतर चिकित्सा सुविधा प्रदान करने के निर्देश दिए। अपने संबोधन में रेल मंत्री महोदय ने कानपुर एरिया को बुंदेलखंड, लखनऊ एवं अयोध्या के दिशा में जाने वाले यात्रियों के लिए महत्वपूर्ण बताते हुए वहां भी क्षमता बढ़ाने के लिए प्रयास की आवश्यकता जताई। अंत में उन्होंने जिला प्रशासन एवं रेल विभाग को समन्वय से काम करने के निर्देश दिए और मेला को सुचारु और सुरक्षित बनाने के सभी प्रयास करने की बात कही।
इस दौरान अध्यक्ष रेलवे बोर्ड सतीश कुमार सहित उत्तर मध्य रेलवे, उत्तर रेलवे एवं पूर्वोत्तर रेलवे के महाप्रबंधक एवं संबंधित मंडल रेल प्रबंधकों के साथ अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।
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सीहोर में ब्रिज निर्माण के लिए खुदाई करते समय धंसी मिट्टी, 3 मजदूरों की दबने से मौत

मध्य प्रदेश के सीहोर में सोमवार (23 दिसंबर) को बड़ी घटना हो गई। ब्रिज निर्माण के लिए खुदाई करते समय अचानक मिट्टी धंस गई। दबने से तीन मजदूरों की मौत हो गई। एक को सुरक्षित निकाल लिया।
मध्य प्रदेश के सीहोर में सोमवार (23 दिसंबर) को बड़ी घटना हो गई। बुधनी में ब्रिज का निर्माण कार्य चल रहा है। पुलिया के पास खुदाई करते समय अचानक मिट्टी धंस गई। मिट्टी में दबने से 3 मजदूरों की मौत हो गई। एक को रेस्क्यू टीम ने सुरक्षित निकालकर अस्पताल पहुंचाया है। घटना शाहगंज थाना क्षेत्र के सियागहन गांव की है। पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।
रेस्क्यू कर एक को सुरक्षित बाहर निकाला
शाहगंज थाना क्षेत्र के सियागहन गांव में ब्रिज का निर्माण कार्य चल रहा है। सोमवार को चार मजदूर निर्माण के लिए दूसरी पुलिया के पास से मिट्टी खोद रहे थे। खुदाई के समय अचानक मिट्टी धंस गई। सूचना मिलने पर पुलिस और प्रशासन की टीम पहुंची। रेस्क्यू टीम ने एक मजदूर को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। तीन की मौत हो गई।
हादसे में इनकी हुई मौत
पुलिस के मुताबिक, लटेरी (विदिशा) निवासी करण (18) पिता घनश्याम, रामकृष्ण उर्फ रामू (32) पिता मांगीलाल गौड और गुना के रहने वाले भगवान लाल पिता बरसादी गौड़ की मौत हो गई। लटेरी निवासी वीरेंद्र पिता सुखराम गौड (25) को सुरक्षित बाहर निकाला गया। वीरेंद्र को नर्मदापुरम रेफर किया है।
राजलक्ष्मी कंस्ट्रक्शन करवा रहा निर्माण
प्रशासनिक अधिकारियों के मुताबिक, राजलक्ष्मी कंस्ट्रक्शन पुलिया का निर्माण कार्य करा रहा है। पुलिया सियागहन और मंगरोल गांव को जोड़ती है। पुलिया की रिटेनिंग वॉल बनाते समय पहले से बनी रोड की रिटेनिंग वॉल का स्लैब धंस गया। पोकलेन मशीन से मिट्टी हटाकर चारों मजदूरों को बाहर निकाला गया, लेकिन तीन की मौत हो गई। वीरेंद्र का इलाज चल रहा है।
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इंजीनियर अतुल के बेटे की कस्टडी को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला, 4 साल के बच्चे की तलाश जारी

Atul Subhash Suicide: एआई इंजीनियर का परिवार बिहार के समस्तीपुर में रहता है। निकिता और अतुल का 4 साल का एक बेटा है। अतुल के पिता पीएम मोदी से पोते की कस्टडी दिलाने की गुहार लगा चुके हैं।
Atul Subhash Suicide: बेंगलुरु के इंजीनियर अतुल सुभाष की मां अंजू मोदी ने अपने 4 साल के पोते की कस्टडी के लिए शुक्रवार (20 दिसंबर) को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की। सुभाष ने अपने सुसाइड नोट और वीडियो में पत्नी निकिता सिंघानिया और ससुराल पक्ष पर उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए थे। जिसके बाद बेंगलुरु पुलिस ने निकिता समेत तीन लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। बता दें कि एआई इंजीनियर अतुल ने पिछले 9 दिसंबर को बेंगलुरु स्थित अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी।
पोते के ठिकाने को लेकर गहरी चिंता
अंजू मोदी ने पोते के ठिकाने का पता लगाने और उसकी कस्टडी सुनिश्चित करने के लिए हैबियस कॉर्पस याचिका दाखिल की है। इसमें दावा है कि न तो सुभाष की अलग रह रही पत्नी निकिता सिंघानिया और न ही उनके परिवार के किसी सदस्य, जो फिलहाल हिरासत में हैं, ने बच्चे के ठिकाने की जानकारी दी है। दूसरी ओर, निकिता ने पुलिस से कहा था कि उसका बेटा फरीदाबाद के एक बोर्डिंग स्कूल में पढ़ाई कर रहा है और उसके चाचा सुशील सिंघानिया की देखरेख में है। लेकिन सुशील ने बच्चे की स्थिति की जानकारी होने से इनकार किया है।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्यों से जवाब मांगा
जस्टिस बीवी नागरथना और जस्टिस एन कोटिस्वर सिंह की बेंच ने उत्तर प्रदेश, हरियाणा और कर्नाटक की सरकारों को नोटिस जारी कर बच्चे की स्थिति स्पष्ट करने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई 7 जनवरी को होगी।
अतुल सुभाष की आत्महत्या से जुड़ी गिरफ्तारी
इंजीनियर सुभाष की आत्महत्या के मामले में कई गिरफ्तारियां हुई हैं। पत्नी निकिता सिंघानिया, सास निशा सिंघानिया और साले अनुराग सिंघानिया को बेंगलुरु पुलिस ने 16 दिसंबर को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने सुभाष के छोड़े गए सुसाइड नोट और वीडियो के आधार पर तीनों पर आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया है। अभी वे न्यायिक हिरासत में हैं।
सिंघानिया फैमिली ने जमानत याचिका लगाई
निकिता सिंघानिया के परिजनों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में इस मामले में अग्रिम जमानत के लिए अपील की है। वरिष्ठ वकील मनीष तिवारी ने सुशील सिंघानिया की उम्र (69 वर्ष) और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का हवाला देते हुए आरोपों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने का दावा किया। जस्टिस आशुतोष श्रीवास्तव ने सुशील को 50 हजार रुपए के निजी मुचलके और सख्त शर्तों के साथ अग्रिम जमानत दी है, जिसमें पुलिस जांच के लिए उपलब्ध रहना और पासपोर्ट सरेंडर करना शामिल है।
अतुल सुभाष के परिवार की क्या है मांग?
इंजीनियर अतुल सुभाष के परिवार ने आरोप लगाया कि निकिता और उनके परिवार ने झूठे कानूनी मामलों और पैसों की मांग कर अतुल को बुरी तरह प्रताड़ित किया। पिता पवन कुमार और भाई बिकास कुमार ने अतुल की अस्थियों को तब तक न बहाने की कसम खाई है जब तक उन्हें न्याय नहीं मिलता।
भाई बिकास कुमार ने कहा- ‘जो लोग इस घटना के पीछे हैं, उन्हें भी गिरफ्तार किया जाना चाहिए। जब तक हमारे खिलाफ झूठे मामले वापस नहीं लिए जाते, हमें न्याय नहीं मिलेगा। हमारा संघर्ष जारी रहेगा।’
बिकास ने अपने भतीजे की सुरक्षा पर भी चिंता जताई और कहा- ‘मुझे अपने भतीजे (अतुल के बेटे) की सुरक्षा की चिंता है। हमने उसे हाल की तस्वीरों में नहीं देखा है। हम उसके ठिकाने की जानकारी चाहते हैं और उसकी कस्टडी जल्द से जल्द चाहते हैं।’
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10 वंदे भारत स्लीपर ट्रेनें निर्माणाधीन, 200 रेक का निर्माण प्रौद्योगिकी साझेदारों के जिम्मे: अश्विनी वैष्णव

- विश्व स्तरीय यात्रा के अनुभव के लिए भारतीय रेल अप्रैल 2018 से केवल एलएचबी कोच बना रहा है; 2004-14 की तुलना में 2014-24 के दौरान निर्मित एलएचबी कोचों की संख्या 16 गुना से अधिक है।
- “सुगम्य भारत मिशन” के हिस्से के रूप में भारतीय रेल दिव्यांगजनों और कम गतिशीलता वाले यात्रियों को अधिकांश मेल/एक्सप्रेस रेलगाड़ियों और वंदे भारत ट्रेनों में व्यापक सुविधाएं प्रदान करता है।
वर्तमान में देश में लंबी और मध्यम दूरी की यात्रा के लिए 10 वंदे भारत स्लीपर ट्रेनें निर्माणाधीन हैं। पहला प्रोटोटाइप निर्मित हो चुका है और इसका फील्ड ट्रायल किया जाएगा। इसके अलावा, 200 वंदे भारत स्लीपर रेक के निर्माण का काम भी प्रौद्योगिकी भागीदारों को सौंपा गया है। सभी रेलगाड़ियों के उपयोग में आने की समयसीमा उनके सफल परीक्षणों पर निर्भर है। 02 दिसंबर 2024 तक, देश भर में छोटी और मध्यम दूरी की यात्रा के लिए भारतीय रेल के ब्रॉड गेज विद्युतीकृत नेटवर्क पर 136 वंदे भारत रेलगाड़ी सेवाएं जारी हैं।
रेल, सूचना एवं प्रसारण तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में एक वक्तव्य में कहा कि विश्व स्तरीय यात्रा का अनुभव प्रदान करने के लिए भारतीय रेल के ब्रॉड गेज विद्युतीकृत नेटवर्क पर वर्तमान में चेयर कार वाली 136 वंदे भारत रेल सेवाएं जारी हैं। अक्टूबर 2024 तक वंदे भारत एक्सप्रेस रेलगाड़ियों की कुल क्षमता 100% से अधिक होगी।
एक अन्य प्रश्न के उत्तर में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारतीय रेल की उत्पादन इकाइयां अप्रैल 2018 से केवल एलएचबी कोच बना रही हैं। पिछले कुछ वर्षों में एलएचबी कोच का उत्पादन लगातार बढ़ा है। 2014-24 के दौरान निर्मित एलएचबी कोच की संख्या 2004-14 के दौरान निर्मित (2,337) संख्या से 16 गुना (36,933) अधिक है। भारतीय रेल (आईआर) ने एलएचबी कोचों की भरमार कर दी है जो तकनीकी रूप से बेहतर हैं और इनमें एंटी क्लाइम्बिंग व्यवस्था, विफलता संकेत प्रणाली के साथ एयर सस्पेंशन और कम संक्षारक शेल जैसी विशेषताएं हैं।
“सुगम्य भारत मिशन” (सुलभ भारत अभियान) के हिस्से के रूप में, भारतीय रेल दिव्यांगजनों और कम गतिशीलता वाले यात्रियों के लिए सुगमता सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण प्रगति कर रहा है। दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 के दिशा-निर्देशों के अंतर्गत, रैंप, सुलभ पार्किंग, ब्रेल और स्पर्शनीय संकेत, कम ऊंचाई वाले काउंटर और लिफ्ट/एस्कलेटर जैसी व्यापक सुविधाएँ प्रदान की गई हैं।
नवंबर 2024 तक भारतीय रेल ने 399 स्टेशनों पर 1,512 एस्कलेटर और 609 स्टेशनों पर 1,607 लिफ्टें स्थापित की थीं जो पिछले दशक की तुलना में उल्लेखनीय वृद्धि को दर्शाता है – क्रमशः 9 और 14 गुना की वृद्धि। इसके अलावा, अधिकांश मेल और एक्सप्रेस रेलगाड़ियों में चौड़े प्रवेश द्वार, सुलभ शौचालय और व्हीलचेयर पार्किंग वाले कोच उपलब्ध हैं, जबकि वंदे भारत रेलगाड़ियां दिव्यांगजनों के लिए स्वचालित दरवाजे, निर्धारित स्थान और ब्रेल साइनेज जैसी सुविधाओं के साथ बेहतर सुगमता प्रदान करती हैं।
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