Connect with us

छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ विधानसभा मानसून सत्र: शिक्षक भर्ती प्रक्रिया पर घिरे शिक्षा मंत्री…

avatar

Published

on

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा का मानसून सत्र चल रहा है। सत्र के पांचवें दिन शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पर विपक्ष ने सरकार को घेरा। स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम यह नहीं बता पाए कि जिन शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया चल रही थी, उनमें से कितनों को नियुक्ति पत्र दे दिया गया है। मंत्री को घिरता देखकर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत को कहना पड़ा कि भर्ती की समय सीमा तय की जानी चाहिए।

दरअसल प्रश्नकाल के दौरान सबसे मुखर विधायक अजय चंद्राकर ने 14 हज़ार 580 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया का मामला उठाया। श्री चंद्राकर ने कहा, इस विषय पर वे चौथी बार सवाल पूछ रहे हैं। बार – बार सवाल पूछने के बाद अब तक कुल 10 हजार 441 पदों की भर्ती की ही जानकारी मिल पाई है। पिछले पांच महीने में सिर्फ आठ लोगों का सत्यापन हुआ है। चंद्राकर ने पूछा, 30 जून 2022 की स्थिति में किन-किन संवर्गों की कितने पदों पर भर्ती प्रक्रिया पूरी हो गई है? सत्यापन का काम पूरा हुआ या नहीं? एक पद के सत्यापन के लिए कितना समय लगता है। इसमें देरी की वजह क्या है?

यह भी पढ़ें   बिलासपुर व्यापार प्रकोष्ठ के जिला प्रभारियों की सूची जारी, संजय मुरारका को मिला अहम जिम्मेदारी, इन जिलों का बनाया गया प्रभारी

चंद्राकर ने जब सवालों की झड़ी लगाई तो स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम ने बताया कि, व्याख्याता का सत्यापन राज्य स्तर पर, शिक्षक का सत्यापन संभाग स्तर पर और सहायक शिक्षकों का सत्यापन ज़िला स्तर पर किया जाता है। मेरिट क्रम में सत्यापन किया जाता है। अभी तक भर्ती प्रक्रिया चल रही है। यह कब तक पूरी होगी बता पाना संभव नहीं है। इस पर हालात ऐसे बने कि विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत को हस्तक्षेप करना पड़ा। उन्होंने कहा, अपने विभाग से कहिए कि भर्ती प्रक्रिया के लिए एक निश्चित समय सीमा तय कर लें।

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

blog

Bilaspur के नामी LCIT Group of Institutions का छात्रों के साथ भयानक फर्जीवाड़ा : वादे बड़े-बड़े, हकीकत पानी-पानी!

avatar

Published

on

LCIT Group of College bilaspur

बिलासपुर: LCIT Group of Institutions – Bilaspur, जो हर साल एडमिशन के दौरान बड़े-बड़े वादे और लुभावने दावे करता है, उसकी सच्चाई अब धीरे-धीरे सामने आने लगी है। दावा किया जाता है कि यहां आधुनिक लैब्स, अनुभवी फैकल्टी और विश्वस्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर मिलेगा — लेकिन ग्राउंड रियलिटी कुछ और ही कहानी बयां कर रही है।

बारिश आई, लैब्स ने छलनी बनकर स्वागत किया!
हमें मिले वीडियो में कॉलेज की लैब्स से टपकती छतें साफ़ दिखाई दे रही हैं। जहां स्टूडेंट्स को मशीनों के साथ प्रैक्टिकल करना चाहिए था, वहां अब पानी से बचने के लिए प्लास्टिक की बाल्टियाँ रखी जा रही हैं। सवाल ये उठता है कि जब प्रयोगशालाएं ही सुरक्षित नहीं, तो शिक्षा कितनी सुरक्षित होगी?

यह भी पढ़ें   मुख्यमंत्री भूपेश ने केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को लिखा पत्र

फैकल्टी? बस कागज़ों पर!
सूत्रों के अनुसार, यहां कई फैकल्टी सदस्य केवल ऑन पेपर मौजूद हैं। यानी नाम तो है, पर काम में कहीं नजर नहीं आते। छात्रों का कहना है कि कई विषयों की क्लास ही नियमित नहीं होती।

इंजीनियरिंग प्रिंसिपल भी सिर्फ नाम के!
कहा जा रहा है कि इंजीनियरिंग कॉलेज का प्रिंसिपल भी फुल टाइम नहीं है, बल्कि केवल औपचारिकता निभाने के लिए कागजों पर मौजूद हैं। यह छात्रों के भविष्य के साथ खुला मज़ाक है।

स्टाफ की नियुक्ति पर भी सवाल
बताया जा रहा है कि अधिकांश स्टाफ या तो यहीं के पुराने छात्र हैं या फिर अन्य कॉलेज से किसी वजह से हटाए गए लोग हैं। इससे शिक्षा की गुणवत्ता पर गंभीर प्रश्नचिह्न लग जाता है।

यह भी पढ़ें   CG Breaking: पुलिस विभाग में बड़ा फेरबदल, TI, SI, ASI समेत 31 पुलिसकर्मियों का हुआ तबादला

🎙 बिलासपुर के इस संस्थान की मार्केटिंग चमचमाती है, लेकिन हकीकत में ढहती छतें, दिखावटी स्टाफ और खोखले दावे छात्रों के सपनों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। ज़रूरत है कि शिक्षा को सिर्फ व्यापार न बनाकर, जिम्मेदारी समझा जाए

Continue Reading

छत्तीसगढ़

CG News: सुरक्षाबलों की बड़ी कामयाबी, घने जंगलों से भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद

avatar

Published

on

बीजापुर के कोमटपल्ली के जंगलों से जवानों ने भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद किया है। घने जंगल में पहाड़ों के बीच नक्सलियों ने सामग्री छुपाकर रखा था।

बीजापुर: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सुरक्षाबलों के जवानों को बड़ी सफलता मिली है। जवानों ने भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद किया है। नक्सलियों ने कोमटपल्ली जंगल-पहाड़ में बड़े चट्टानों के बीच हथियार और अन्य सामान छुपा कर रखा था। जिसे सर्चिंग के दौरान जवानों की संयुक्त टीम ने बरामद किया है।

बरामद किए गए सामग्रियों में गैस वेल्डिंग मशीन मय नोजल, आक्सीजन सिलेण्डर, गैस वेल्डिंग में उपयोग आने वाला पावडर- 8 डिब्बा, इन्वर्टर- 1 नग, स्टेबलाईजर 5 नग, स्टील कंटेनर 3 नग, कमर्सियल मोटर 3 नग, ब्लोवर(धौकनी मशीन)- 2 नग, ग्लेण्डर मोटर- 1 नग, वेल्डिंग राड 200 नग, टुकड़ा लोहे का राड छोटा बड़ा 3- 3 नग, खाली मैग्जीन 3 नग, इलेक्ट्रिक स्वीच- 65 नग, रायफल सिलिंग -08 नग और 2 नग पोच शामिल है।

यह भी पढ़ें   बिलासपुर: नवंबर महीने के इस तारीख को रद्द रहेंगी ये पांच ट्रेनें
Continue Reading

छत्तीसगढ़

निर्देश के बाद भी लापरवाही: धड़ल्ले से जल रही पराली, प्रदूषण बढ़ने का मंडरा रहा खतरा

avatar

Published

on

नगरी में रबि फसल की तैयारी के लिए किसान लगातार खेतों में पराली को आग के हवाले कर रहे हैं। जिसके चलते प्रदूषण का खतरा मंडरा रहा है।

छत्तीसगढ़ के नगरी के किसान इन दिनों रबि फसल की तैयारी में जुट गए हैं। इसी के साथ खेतों में लगातार पराली जलाने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। किसान लगातार खेतों में पराली को आग के हवाले कर रहे हैं जिसके चलते प्रदूषण का खतरा मंडरा रहा है। वहीं इन किसानों को पराली जलाने से रोकने वाला भी कोई नहीं है।

दरअसल, जिला प्रशासन ने पैरादान करने का निर्देश दिया था। इसके बाद भी किसान लगातार पराली को आग के हवाले कर रहे हैं। जिसके कारण प्रदूषण फैलने की संभावना बढ़ गई है। नगरी सिहावा के आसपास के गांव के अधिकतर किसान पैरा में जलाते हुए नजर आ रहे है। वहीं विभागीय अधिकारी का उदासीनता के चलते भी किसान बेख़ौफ़ होकर पराली जला रहे हैं।

यह भी पढ़ें   मौसम ने ली करवट, विभाग ने जारी किया ऑरेंज अलर्ट
Continue Reading
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement

Trending