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छत्तीसगढ़: स्टेट क्वालिटी मॉनिटर्स के इम्पैनलमेंट के लिए 5 फरवरी तक आवेदन

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छत्तीसगढ़ शासन के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की एजेंसी छत्तीसगढ़ ग्रामीण सड़क विकास अभिकरण ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत स्टेट क्वालिटी मॉनिटर्स के इम्पैनलमेंट के लिए आवेदन आमंत्रित किया है। इसके लिए कार्यपालन अभियंता या किसी सरकारी संस्था, केंद्र या राज्य सरकार के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम या उनसे संबद्ध कार्यालयों में समकक्ष पद से सेवानिवृत्त सिविल अभियंताओं से आवेदन मंगाया गया है। शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेजों, आईआईटी, एनआईटी या सरकारी अनुसंधान संस्थानों इत्यादि में कार्यरत या सेवानिवृत्त सिविल इंजीनियरिंग में स्नातक ऐसे फैकल्टी मेम्बर जिन्हें सड़क निर्माण या पुल की डिजाइनिंग, पर्यवेक्षण और परामर्शदाता के रूप में काम करने का अनुभव हो, वे भी इसके लिए आवेदन कर सकते हैं।

सड़क निर्माण कार्यों के निरीक्षण के लिए शासकीय सेवा वाले ऐसे उम्मीदवार वांछित हैं जिन्हें अपनी सेवानिवृत्ति के पहले के आखिरी दस सालों में से कम से कम पांच साल सड़क निर्माण का अनुभव हो। वहीं पुल निरीक्षण के लिए पुल निर्माण की योजना, डिजाइनिंग या क्रियान्वयन में आठ वर्ष के अनुभव वाले ऐसे उम्मीदवार वांछनीय हैं जिन्हें पुल परियोजना (Bridge Project) के क्रियान्वयन का कम से कम चार वर्ष का अनुभव हो। सड़क और पुल निरीक्षण के लिए दोनों व्यावसायिक योग्यता एवं मैदानी अनुभव रखने वाले उम्मीदवार दोनों कार्यों के लिए आवेदन कर सकते हैं।

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स्टेट क्वालिटी मॉनिटर के लिए सभी व्यावसायिक और शैक्षणिक योग्यता धारण करने के साथ ही आवेदक किसी तरह के भ्रष्टाचार का दोषी न हो। कम्प्यूटर और स्मार्ट फोन पर काम कर सकने वाले या निर्धारित समय में इन्हें सीखने के इच्छुक उम्मीदवार इस पद के लिए आवेदन कर सकते हैं। आवेदकों को मैदानी अनुभव (Field Experiences) से संबंधित दस्तावेज भी आवेदन के साथ संलग्न करने कहा गया है।  

इम्पैनलमेंट के लिए पात्रता की शर्तें, स्टेट क्वालिटी मॉनिटर्स के कर्तव्य (Duty) और आवेदन पत्र का प्रारूप वेबसाइट www.pmgsy.nic.in (डब्लूडब्लूडब्लू डॉट पीएमजीएसवाई डॉट एनआईसी डॉट इन) पर ‘डीओ एंड एसक्यूएम सलेक्शन एंड परफॉर्मेंस इवेल्यूएशन (DO and SQM selection and performance evaluation)’ शीर्षक के तहत देखी जा सकती है। स्टेट क्वालिटी मॉनिटर्स के रूप में कार्य करने के इच्छुक आवेदक निर्धारित प्रारूप में अपना आवेदन मुख्य कार्यपालन अधिकारी, छत्तीसगढ़ ग्रामीण सड़क विकास अभिकरण, विकास भवन, सिविल लाइन, रायपुर को 5 फरवरी 2022 तक भेज सकते हैं। अभिकरण ने एनआरआईडीए (NRIDA) में नेशनल क्वालिटी मॉनिटर और दूसरे राज्यों में स्टेट क्वालिटी मॉनिटर के रूप में इम्पैनल्ड अधिकारियों तथा 5 फरवरी 2022 को 70 साल की उम्र पूरी कर रहे अधिकारियों को आवेदन नहीं करने कहा है।

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Bilaspur के नामी LCIT Group of Institutions का छात्रों के साथ भयानक फर्जीवाड़ा : वादे बड़े-बड़े, हकीकत पानी-पानी!

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LCIT Group of College bilaspur

बिलासपुर: LCIT Group of Institutions – Bilaspur, जो हर साल एडमिशन के दौरान बड़े-बड़े वादे और लुभावने दावे करता है, उसकी सच्चाई अब धीरे-धीरे सामने आने लगी है। दावा किया जाता है कि यहां आधुनिक लैब्स, अनुभवी फैकल्टी और विश्वस्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर मिलेगा — लेकिन ग्राउंड रियलिटी कुछ और ही कहानी बयां कर रही है।

बारिश आई, लैब्स ने छलनी बनकर स्वागत किया!
हमें मिले वीडियो में कॉलेज की लैब्स से टपकती छतें साफ़ दिखाई दे रही हैं। जहां स्टूडेंट्स को मशीनों के साथ प्रैक्टिकल करना चाहिए था, वहां अब पानी से बचने के लिए प्लास्टिक की बाल्टियाँ रखी जा रही हैं। सवाल ये उठता है कि जब प्रयोगशालाएं ही सुरक्षित नहीं, तो शिक्षा कितनी सुरक्षित होगी?

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फैकल्टी? बस कागज़ों पर!
सूत्रों के अनुसार, यहां कई फैकल्टी सदस्य केवल ऑन पेपर मौजूद हैं। यानी नाम तो है, पर काम में कहीं नजर नहीं आते। छात्रों का कहना है कि कई विषयों की क्लास ही नियमित नहीं होती।

इंजीनियरिंग प्रिंसिपल भी सिर्फ नाम के!
कहा जा रहा है कि इंजीनियरिंग कॉलेज का प्रिंसिपल भी फुल टाइम नहीं है, बल्कि केवल औपचारिकता निभाने के लिए कागजों पर मौजूद हैं। यह छात्रों के भविष्य के साथ खुला मज़ाक है।

स्टाफ की नियुक्ति पर भी सवाल
बताया जा रहा है कि अधिकांश स्टाफ या तो यहीं के पुराने छात्र हैं या फिर अन्य कॉलेज से किसी वजह से हटाए गए लोग हैं। इससे शिक्षा की गुणवत्ता पर गंभीर प्रश्नचिह्न लग जाता है।

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🎙 बिलासपुर के इस संस्थान की मार्केटिंग चमचमाती है, लेकिन हकीकत में ढहती छतें, दिखावटी स्टाफ और खोखले दावे छात्रों के सपनों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। ज़रूरत है कि शिक्षा को सिर्फ व्यापार न बनाकर, जिम्मेदारी समझा जाए

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छत्तीसगढ़

CG News: सुरक्षाबलों की बड़ी कामयाबी, घने जंगलों से भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद

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बीजापुर के कोमटपल्ली के जंगलों से जवानों ने भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद किया है। घने जंगल में पहाड़ों के बीच नक्सलियों ने सामग्री छुपाकर रखा था।

बीजापुर: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सुरक्षाबलों के जवानों को बड़ी सफलता मिली है। जवानों ने भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद किया है। नक्सलियों ने कोमटपल्ली जंगल-पहाड़ में बड़े चट्टानों के बीच हथियार और अन्य सामान छुपा कर रखा था। जिसे सर्चिंग के दौरान जवानों की संयुक्त टीम ने बरामद किया है।

बरामद किए गए सामग्रियों में गैस वेल्डिंग मशीन मय नोजल, आक्सीजन सिलेण्डर, गैस वेल्डिंग में उपयोग आने वाला पावडर- 8 डिब्बा, इन्वर्टर- 1 नग, स्टेबलाईजर 5 नग, स्टील कंटेनर 3 नग, कमर्सियल मोटर 3 नग, ब्लोवर(धौकनी मशीन)- 2 नग, ग्लेण्डर मोटर- 1 नग, वेल्डिंग राड 200 नग, टुकड़ा लोहे का राड छोटा बड़ा 3- 3 नग, खाली मैग्जीन 3 नग, इलेक्ट्रिक स्वीच- 65 नग, रायफल सिलिंग -08 नग और 2 नग पोच शामिल है।

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छत्तीसगढ़

निर्देश के बाद भी लापरवाही: धड़ल्ले से जल रही पराली, प्रदूषण बढ़ने का मंडरा रहा खतरा

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नगरी में रबि फसल की तैयारी के लिए किसान लगातार खेतों में पराली को आग के हवाले कर रहे हैं। जिसके चलते प्रदूषण का खतरा मंडरा रहा है।

छत्तीसगढ़ के नगरी के किसान इन दिनों रबि फसल की तैयारी में जुट गए हैं। इसी के साथ खेतों में लगातार पराली जलाने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। किसान लगातार खेतों में पराली को आग के हवाले कर रहे हैं जिसके चलते प्रदूषण का खतरा मंडरा रहा है। वहीं इन किसानों को पराली जलाने से रोकने वाला भी कोई नहीं है।

दरअसल, जिला प्रशासन ने पैरादान करने का निर्देश दिया था। इसके बाद भी किसान लगातार पराली को आग के हवाले कर रहे हैं। जिसके कारण प्रदूषण फैलने की संभावना बढ़ गई है। नगरी सिहावा के आसपास के गांव के अधिकतर किसान पैरा में जलाते हुए नजर आ रहे है। वहीं विभागीय अधिकारी का उदासीनता के चलते भी किसान बेख़ौफ़ होकर पराली जला रहे हैं।

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