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छत्तीसगढ़

बैंक से लोन न लेकर खेती करने वाले सभी किसानों का फसल बीमा अनिवार्य रूप से कराएं: बिलासपुर कलेक्टर

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बिलासपुर। कलेक्टर सौरभ कुमार ने गैर ऋणि किसानों के शतप्रतिशत फसल बीमा सुनिश्चित कराने को कहा है। उन्होंने कहा कि ऋणि किसानों का फसल बीमा तो बैंक द्वारा स्वतः कर लिया जाता है। इसमें कोई दिक्कत नहीं है। हमें बैंक से लोन न लेकर अपनी निजी संसाधनों से खेती किसानी करने वाले सभी किसानों को फसल बीमा योजना का फायदा दिलाना है। ऐसे सभी किसान हमारे लक्ष्य में शामिल हैं।

मानसून आधारित खेती होने के कारण फसलों की अनिश्चितता को ध्यान में रखते हुए कलेक्टर ने ऐसे सभी किसानों से बीमा करा लेने की अपील की है। उन्होंने इस संबंध में कृषि, राजस्व एवं बैंक अधिकारियों को किसानों का आवश्यक सहयोग एवं मार्गदर्शन प्रदान करने के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर आज टीएल की बैठक में राज्य सरकार की प्राथमिकता वाली योजनाओं की समीक्षा करते हुए इस आशय के निर्देश दिए हैं।

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कलेक्टर ने मानसून के आगमन को ध्यान में रखते हुए खेती-किसानी की तैयारी की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि खाद-बीज की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। किसानों को इन्हें उपलब्ध कराने में कोई दिक्कत नहीं होने चाहिए। उन्होंने गोठानों में निर्मित वर्मीकम्पोस्ट खाद की समितियों में निरंतर उपलब्धता बनाये रखने को कहा है। कलेक्टर ने वन विभाग द्वारा कराये गये काम की मजदूरी भुगतान में अत्यधिक विलंब किये जाने पर नाराजगी प्रकट की और एक सप्ताह में भुगतान करके पालन प्रतिवेदन प्रस्तुत करने को कहा। राजस्व मामलों की समीक्षा करते हुए कलेक्टर ने समय-सीमा के बाहर हो चुके मामलों के निराकरण पर ज्यादा जोर दिया। कलेक्टर ने कहा कि स्कूलों के मरम्मत काम में और ज्यादा तेजी लाया जाये।

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स्कूल अब खुलने वाले हैं। जरूरत पड़े तो मनरेगा के इंजीनियरों की सेवाएं भी इस कार्य में लिये जाएं। उन्होंने कहा कि स्कूलों की मरम्मत के लिए फण्ड की कोई कमी नहीं हैं। मांग पर और राशि आवंटित की जायेगी। कलेक्टर ने अरपा भैंसाझार प्रोजेक्ट के काम में भी तेजी लाकर जल्द पूर्ण करने को कहा है। कलेक्टर ने बेरोजगारी भत्ता योजना की प्रगति की भी समीक्षा की। बैठक में जिला पंचायत सीईओ श्री अजय अग्रवाल, निगम आयुक्त श्री कुणाल दुदावत, एडीएम आरए कुरूवंशी सहित जिला स्तरीय तमाम वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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Bilaspur के नामी LCIT Group of Institutions का छात्रों के साथ भयानक फर्जीवाड़ा : वादे बड़े-बड़े, हकीकत पानी-पानी!

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LCIT Group of College bilaspur

बिलासपुर: LCIT Group of Institutions – Bilaspur, जो हर साल एडमिशन के दौरान बड़े-बड़े वादे और लुभावने दावे करता है, उसकी सच्चाई अब धीरे-धीरे सामने आने लगी है। दावा किया जाता है कि यहां आधुनिक लैब्स, अनुभवी फैकल्टी और विश्वस्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर मिलेगा — लेकिन ग्राउंड रियलिटी कुछ और ही कहानी बयां कर रही है।

बारिश आई, लैब्स ने छलनी बनकर स्वागत किया!
हमें मिले वीडियो में कॉलेज की लैब्स से टपकती छतें साफ़ दिखाई दे रही हैं। जहां स्टूडेंट्स को मशीनों के साथ प्रैक्टिकल करना चाहिए था, वहां अब पानी से बचने के लिए प्लास्टिक की बाल्टियाँ रखी जा रही हैं। सवाल ये उठता है कि जब प्रयोगशालाएं ही सुरक्षित नहीं, तो शिक्षा कितनी सुरक्षित होगी?

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फैकल्टी? बस कागज़ों पर!
सूत्रों के अनुसार, यहां कई फैकल्टी सदस्य केवल ऑन पेपर मौजूद हैं। यानी नाम तो है, पर काम में कहीं नजर नहीं आते। छात्रों का कहना है कि कई विषयों की क्लास ही नियमित नहीं होती।

इंजीनियरिंग प्रिंसिपल भी सिर्फ नाम के!
कहा जा रहा है कि इंजीनियरिंग कॉलेज का प्रिंसिपल भी फुल टाइम नहीं है, बल्कि केवल औपचारिकता निभाने के लिए कागजों पर मौजूद हैं। यह छात्रों के भविष्य के साथ खुला मज़ाक है।

स्टाफ की नियुक्ति पर भी सवाल
बताया जा रहा है कि अधिकांश स्टाफ या तो यहीं के पुराने छात्र हैं या फिर अन्य कॉलेज से किसी वजह से हटाए गए लोग हैं। इससे शिक्षा की गुणवत्ता पर गंभीर प्रश्नचिह्न लग जाता है।

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🎙 बिलासपुर के इस संस्थान की मार्केटिंग चमचमाती है, लेकिन हकीकत में ढहती छतें, दिखावटी स्टाफ और खोखले दावे छात्रों के सपनों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। ज़रूरत है कि शिक्षा को सिर्फ व्यापार न बनाकर, जिम्मेदारी समझा जाए

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छत्तीसगढ़

CG News: सुरक्षाबलों की बड़ी कामयाबी, घने जंगलों से भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद

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बीजापुर के कोमटपल्ली के जंगलों से जवानों ने भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद किया है। घने जंगल में पहाड़ों के बीच नक्सलियों ने सामग्री छुपाकर रखा था।

बीजापुर: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सुरक्षाबलों के जवानों को बड़ी सफलता मिली है। जवानों ने भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद किया है। नक्सलियों ने कोमटपल्ली जंगल-पहाड़ में बड़े चट्टानों के बीच हथियार और अन्य सामान छुपा कर रखा था। जिसे सर्चिंग के दौरान जवानों की संयुक्त टीम ने बरामद किया है।

बरामद किए गए सामग्रियों में गैस वेल्डिंग मशीन मय नोजल, आक्सीजन सिलेण्डर, गैस वेल्डिंग में उपयोग आने वाला पावडर- 8 डिब्बा, इन्वर्टर- 1 नग, स्टेबलाईजर 5 नग, स्टील कंटेनर 3 नग, कमर्सियल मोटर 3 नग, ब्लोवर(धौकनी मशीन)- 2 नग, ग्लेण्डर मोटर- 1 नग, वेल्डिंग राड 200 नग, टुकड़ा लोहे का राड छोटा बड़ा 3- 3 नग, खाली मैग्जीन 3 नग, इलेक्ट्रिक स्वीच- 65 नग, रायफल सिलिंग -08 नग और 2 नग पोच शामिल है।

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छत्तीसगढ़

निर्देश के बाद भी लापरवाही: धड़ल्ले से जल रही पराली, प्रदूषण बढ़ने का मंडरा रहा खतरा

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नगरी में रबि फसल की तैयारी के लिए किसान लगातार खेतों में पराली को आग के हवाले कर रहे हैं। जिसके चलते प्रदूषण का खतरा मंडरा रहा है।

छत्तीसगढ़ के नगरी के किसान इन दिनों रबि फसल की तैयारी में जुट गए हैं। इसी के साथ खेतों में लगातार पराली जलाने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। किसान लगातार खेतों में पराली को आग के हवाले कर रहे हैं जिसके चलते प्रदूषण का खतरा मंडरा रहा है। वहीं इन किसानों को पराली जलाने से रोकने वाला भी कोई नहीं है।

दरअसल, जिला प्रशासन ने पैरादान करने का निर्देश दिया था। इसके बाद भी किसान लगातार पराली को आग के हवाले कर रहे हैं। जिसके कारण प्रदूषण फैलने की संभावना बढ़ गई है। नगरी सिहावा के आसपास के गांव के अधिकतर किसान पैरा में जलाते हुए नजर आ रहे है। वहीं विभागीय अधिकारी का उदासीनता के चलते भी किसान बेख़ौफ़ होकर पराली जला रहे हैं।

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