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छत्तीसगढ़

सिम्स के डीन डॉ. सहारे और अस्पताल अधीक्षक डॉ. नायक निलंबित, स्वास्थ्य मंत्री ने की उच्च स्तरीय जांच की घोषणा

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सिम्स के डीन डॉ. सहारे और अस्पताल अधीक्षक डॉ. नायक निलम्बित

स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने स्वशासी समिति बैठक में की निलंबन की घोषणा

पिछले तीन सालों में हुई खरीदी की होगी उच्च स्तरीय जांच

अस्पताल की जरूरतों के लिए दी 10 करोड़ की स्वीकृति

बैठक में मरीजों के हित में लिए गए कई महत्वपूर्ण निर्णय

बिलासपुर, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने एक बड़ी कार्रवाई की है। उन्होंने सिम्स के डीन डॉ. केके सहारे और अस्पताल अधीक्षक डॉ. सुजीत नायक को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। उन पर अस्पताल के संचालन में अव्यवस्था और कई तरह की गड़बड़ियों की शिकायतें हैं। स्वास्थ्य मंत्री आज सिम्स में स्वशासी समिति की बैठक में उन दोनों के निलंबन की घोषणा की। इसके साथ ही पिछले तीन सालों में हुई खरीदी की जांच के निर्देश भी दिए हैं। सिम्स अस्पताल के बेहतर संचालन के लिए स्वशासी समिति के सामान्य सभा की बैठक में आज कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। बैठक में विधायक धरमलाल कौशिक, धर्मजीत सिंह, दिलीप लहरिया, सुशांत शुक्ला, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मनोज कुमार पिंगुआ सहित समिति का सदस्य और अधिकारी गण उपस्थित थे।

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बैठक में स्वास्थ्य मंत्री और स्वशासी समिति के अध्यक्ष श्याम बिहारी जायसवाल ने सख्त तेवर दिखाए। उन्होंने कहा की आम आदमी को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा दिलाने के लिए राज्य सरकार वचनबद्ध है। इसमें आड़े आने वालों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने उदारतापूर्वक सिम्स को बेहतर बनाने और उपकरणों के लिए 10 करोड़ रुपए की स्वीकृति भी दी। बैठक में स्वशासी खाते से कॉलेज के हिसाब किताब का ऑडिट करने के लिए डेढ़ लाख रुपए के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया सिम्स परिसर में विद्युत सब स्टेशन के एक नवीन एलटी पैनल स्थापित करने के लिए 42 लाख दिया गया।

हस्बैंड मेडिकल कॉलेज भवन के लिए एक डीजी सेट खरीदने की अनुमति भी दी गई। दिन और मेडिकल सुपरिंटेंडेंट के लिए नए वाहन प्रस्ताव का भी अनुमोदन किया गया। मेडिकल छात्रों के आने-जाने के लिए एक 52 सीटर बस करें करने की वित्तीय एवं प्रशासकीय मंजूरी दी गई। चिकित्सा कॉलेज में हिंदी मीडियम की पुस्तक खरीदने के लिए भी ₹5 लाख दिया गया। सिम्स छात्रावास में बेड खरीदने के लिए 14 लाख रुपया की राशि के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया। जेम पोर्टल से नियमानुसार इसकी खरीदी की जाए। कॉलेज के लिए सीसीटीवी रेफ्रिजरेटर बायोमेट्रिक मशीन फोटोकॉपी मशीन की खरीदी के प्रस्ताव का भी अनुमोदन किया गया।

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सिम्स अस्पताल के मलेरिया वार्ड में फाउल्लर मैट्रेस खरीदने कंसलटेंसी फीस कंप्यूटर सेट फोटोकॉपी मशीन सीसीटीवी कैमरा लगाने की हॉस्पिटल तैयार करने कंप्यूटर ऑपरेटर और स्टाफ नर्स तथा सफाई कर्मचारी की भर्ती के बारे में भी निर्णय लिया गया। इस अवसर पर चिकित्सा शिक्षा आयुक्त किरण कौशल स्वास्थ्य विभाग के संचालक ऋतुराज रघुवंशी सीजी एमएससी की प्रबंध संचालक पद्मिनी बोई एनएचएम के प्रबंध संचालक डॉक्टर जगदीश सोनकर, नगर निगम आयुक्त अमित कुमार सहित स्वशासी समिति के सदस्य एवं अधिकारी उपस्थित थे।

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Bilaspur के नामी LCIT Group of Institutions का छात्रों के साथ भयानक फर्जीवाड़ा : वादे बड़े-बड़े, हकीकत पानी-पानी!

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LCIT Group of College bilaspur

बिलासपुर: LCIT Group of Institutions – Bilaspur, जो हर साल एडमिशन के दौरान बड़े-बड़े वादे और लुभावने दावे करता है, उसकी सच्चाई अब धीरे-धीरे सामने आने लगी है। दावा किया जाता है कि यहां आधुनिक लैब्स, अनुभवी फैकल्टी और विश्वस्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर मिलेगा — लेकिन ग्राउंड रियलिटी कुछ और ही कहानी बयां कर रही है।

बारिश आई, लैब्स ने छलनी बनकर स्वागत किया!
हमें मिले वीडियो में कॉलेज की लैब्स से टपकती छतें साफ़ दिखाई दे रही हैं। जहां स्टूडेंट्स को मशीनों के साथ प्रैक्टिकल करना चाहिए था, वहां अब पानी से बचने के लिए प्लास्टिक की बाल्टियाँ रखी जा रही हैं। सवाल ये उठता है कि जब प्रयोगशालाएं ही सुरक्षित नहीं, तो शिक्षा कितनी सुरक्षित होगी?

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फैकल्टी? बस कागज़ों पर!
सूत्रों के अनुसार, यहां कई फैकल्टी सदस्य केवल ऑन पेपर मौजूद हैं। यानी नाम तो है, पर काम में कहीं नजर नहीं आते। छात्रों का कहना है कि कई विषयों की क्लास ही नियमित नहीं होती।

इंजीनियरिंग प्रिंसिपल भी सिर्फ नाम के!
कहा जा रहा है कि इंजीनियरिंग कॉलेज का प्रिंसिपल भी फुल टाइम नहीं है, बल्कि केवल औपचारिकता निभाने के लिए कागजों पर मौजूद हैं। यह छात्रों के भविष्य के साथ खुला मज़ाक है।

स्टाफ की नियुक्ति पर भी सवाल
बताया जा रहा है कि अधिकांश स्टाफ या तो यहीं के पुराने छात्र हैं या फिर अन्य कॉलेज से किसी वजह से हटाए गए लोग हैं। इससे शिक्षा की गुणवत्ता पर गंभीर प्रश्नचिह्न लग जाता है।

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🎙 बिलासपुर के इस संस्थान की मार्केटिंग चमचमाती है, लेकिन हकीकत में ढहती छतें, दिखावटी स्टाफ और खोखले दावे छात्रों के सपनों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। ज़रूरत है कि शिक्षा को सिर्फ व्यापार न बनाकर, जिम्मेदारी समझा जाए

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छत्तीसगढ़

CG News: सुरक्षाबलों की बड़ी कामयाबी, घने जंगलों से भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद

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बीजापुर के कोमटपल्ली के जंगलों से जवानों ने भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद किया है। घने जंगल में पहाड़ों के बीच नक्सलियों ने सामग्री छुपाकर रखा था।

बीजापुर: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सुरक्षाबलों के जवानों को बड़ी सफलता मिली है। जवानों ने भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद किया है। नक्सलियों ने कोमटपल्ली जंगल-पहाड़ में बड़े चट्टानों के बीच हथियार और अन्य सामान छुपा कर रखा था। जिसे सर्चिंग के दौरान जवानों की संयुक्त टीम ने बरामद किया है।

बरामद किए गए सामग्रियों में गैस वेल्डिंग मशीन मय नोजल, आक्सीजन सिलेण्डर, गैस वेल्डिंग में उपयोग आने वाला पावडर- 8 डिब्बा, इन्वर्टर- 1 नग, स्टेबलाईजर 5 नग, स्टील कंटेनर 3 नग, कमर्सियल मोटर 3 नग, ब्लोवर(धौकनी मशीन)- 2 नग, ग्लेण्डर मोटर- 1 नग, वेल्डिंग राड 200 नग, टुकड़ा लोहे का राड छोटा बड़ा 3- 3 नग, खाली मैग्जीन 3 नग, इलेक्ट्रिक स्वीच- 65 नग, रायफल सिलिंग -08 नग और 2 नग पोच शामिल है।

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छत्तीसगढ़

निर्देश के बाद भी लापरवाही: धड़ल्ले से जल रही पराली, प्रदूषण बढ़ने का मंडरा रहा खतरा

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नगरी में रबि फसल की तैयारी के लिए किसान लगातार खेतों में पराली को आग के हवाले कर रहे हैं। जिसके चलते प्रदूषण का खतरा मंडरा रहा है।

छत्तीसगढ़ के नगरी के किसान इन दिनों रबि फसल की तैयारी में जुट गए हैं। इसी के साथ खेतों में लगातार पराली जलाने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। किसान लगातार खेतों में पराली को आग के हवाले कर रहे हैं जिसके चलते प्रदूषण का खतरा मंडरा रहा है। वहीं इन किसानों को पराली जलाने से रोकने वाला भी कोई नहीं है।

दरअसल, जिला प्रशासन ने पैरादान करने का निर्देश दिया था। इसके बाद भी किसान लगातार पराली को आग के हवाले कर रहे हैं। जिसके कारण प्रदूषण फैलने की संभावना बढ़ गई है। नगरी सिहावा के आसपास के गांव के अधिकतर किसान पैरा में जलाते हुए नजर आ रहे है। वहीं विभागीय अधिकारी का उदासीनता के चलते भी किसान बेख़ौफ़ होकर पराली जला रहे हैं।

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