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छत्तीसगढ़

बस्तर को मिला द मोस्ट प्रॉमिसिंग न्यू डेस्टिनेशन का अवार्ड, पर्यटन स्थल बने आकर्षण का केन्द्र

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रायपुर| देश के सबसे बड़े टूरिज्म ट्रेड फेयर में बस्तर को ‘द मोस्ट प्रॉमिसिंग न्यू डेस्टिनेशन’ अवार्ड से सम्मानित किया गया। यह अवार्ड आज कोलकाता में आयोजित टूरिज्म फेयर में बस्तर के सहायक कलेक्टर सुरूचि सिंह के नेतृत्व में पर्यटन प्रतिनिधिमंडल ने लिया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पर्यटन मंत्री ताम्रध्वज साहू ने पर्यटन विभाग के सभी अधिकारियों और जिला प्रशासन बस्तर को इसके लिए बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। 

कोलकाता के नेताजी स्टेडियम में इस महीने की 10 से 13 सितंबर तक आयोजित टीटीएफ मेले में विश्वस्तरीय पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित हो रहा बस्तर विशेष आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है। इस मेले में लगाए गए स्टॉल में बस्तर के पर्यटन, संस्कृति एवं कलाकृतियों का प्रदर्शित किया गया है। मेले में देश-दुनिया से कलकत्ता पहुंचे टूर प्लानर और ट्रेवल एजेंट्स को ‘द मोस्ट प्रॉमिसिंग न्यू डेस्टिनेशन’ पर प्रेजेंटेशन भी दिया गया। ट्रेवल प्लानरों और एजेंटों को बस्तर आने का न्यौता भी दिया गया। इस मेले में आमचो बस्तर पर्यटन व स्थानीय कला संस्कृति को प्रदर्शित करने के लिए बस्तर जिला प्रशासन से आमचो बस्तर पर्यटन समिति से चौदह सदस्यीय टीम शामिल हुए।

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इन सदस्यों को प्रमुख पर्यटन स्थलों चित्रकोट, तीर्था, बीजाकासा, कोसरटेड़ा, मादरकोंटा, महेन्द्रीघूमर, तामड़ाघूमर, मिचनार, तीरथगढ़, टोपर, माँझीपाल समेत अन्य पर्यटन स्थलों से चुना गया था। 
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर देश-विदेश के सैलानियों को आकर्षित करने और बस्तर की कला संस्कृति को पर्यटन नक्शे पर पर उभारने के लिए विशेष कार्ययोजना तैयार की गई है। बस्तर अंचल के सभी प्रमुख पर्यटन स्थलों को सर्वसुविधायुक्त बनाया जा रहा है। बस्तर में पर्यटन रोजगार ट्रेनिंग, पर्यटक ट्रेकिंग, रैपलिंग, पैरामोटर, कैंपिंग, बस्तरिया व्यंजनों की उपलब्धता, टूरिस्ट गाइड सुविधा, एस.टी.एफ कैम्प, कोसारटेंडा बांध, इको रिसोर्ट समेत अनेक पर्यटक स्थलों का सौंदर्यीकरण किया जा रहा है। 

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Bilaspur के नामी LCIT Group of Institutions का छात्रों के साथ भयानक फर्जीवाड़ा : वादे बड़े-बड़े, हकीकत पानी-पानी!

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LCIT Group of College bilaspur

बिलासपुर: LCIT Group of Institutions – Bilaspur, जो हर साल एडमिशन के दौरान बड़े-बड़े वादे और लुभावने दावे करता है, उसकी सच्चाई अब धीरे-धीरे सामने आने लगी है। दावा किया जाता है कि यहां आधुनिक लैब्स, अनुभवी फैकल्टी और विश्वस्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर मिलेगा — लेकिन ग्राउंड रियलिटी कुछ और ही कहानी बयां कर रही है।

बारिश आई, लैब्स ने छलनी बनकर स्वागत किया!
हमें मिले वीडियो में कॉलेज की लैब्स से टपकती छतें साफ़ दिखाई दे रही हैं। जहां स्टूडेंट्स को मशीनों के साथ प्रैक्टिकल करना चाहिए था, वहां अब पानी से बचने के लिए प्लास्टिक की बाल्टियाँ रखी जा रही हैं। सवाल ये उठता है कि जब प्रयोगशालाएं ही सुरक्षित नहीं, तो शिक्षा कितनी सुरक्षित होगी?

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फैकल्टी? बस कागज़ों पर!
सूत्रों के अनुसार, यहां कई फैकल्टी सदस्य केवल ऑन पेपर मौजूद हैं। यानी नाम तो है, पर काम में कहीं नजर नहीं आते। छात्रों का कहना है कि कई विषयों की क्लास ही नियमित नहीं होती।

इंजीनियरिंग प्रिंसिपल भी सिर्फ नाम के!
कहा जा रहा है कि इंजीनियरिंग कॉलेज का प्रिंसिपल भी फुल टाइम नहीं है, बल्कि केवल औपचारिकता निभाने के लिए कागजों पर मौजूद हैं। यह छात्रों के भविष्य के साथ खुला मज़ाक है।

स्टाफ की नियुक्ति पर भी सवाल
बताया जा रहा है कि अधिकांश स्टाफ या तो यहीं के पुराने छात्र हैं या फिर अन्य कॉलेज से किसी वजह से हटाए गए लोग हैं। इससे शिक्षा की गुणवत्ता पर गंभीर प्रश्नचिह्न लग जाता है।

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🎙 बिलासपुर के इस संस्थान की मार्केटिंग चमचमाती है, लेकिन हकीकत में ढहती छतें, दिखावटी स्टाफ और खोखले दावे छात्रों के सपनों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। ज़रूरत है कि शिक्षा को सिर्फ व्यापार न बनाकर, जिम्मेदारी समझा जाए

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छत्तीसगढ़

CG News: सुरक्षाबलों की बड़ी कामयाबी, घने जंगलों से भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद

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बीजापुर के कोमटपल्ली के जंगलों से जवानों ने भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद किया है। घने जंगल में पहाड़ों के बीच नक्सलियों ने सामग्री छुपाकर रखा था।

बीजापुर: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सुरक्षाबलों के जवानों को बड़ी सफलता मिली है। जवानों ने भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद किया है। नक्सलियों ने कोमटपल्ली जंगल-पहाड़ में बड़े चट्टानों के बीच हथियार और अन्य सामान छुपा कर रखा था। जिसे सर्चिंग के दौरान जवानों की संयुक्त टीम ने बरामद किया है।

बरामद किए गए सामग्रियों में गैस वेल्डिंग मशीन मय नोजल, आक्सीजन सिलेण्डर, गैस वेल्डिंग में उपयोग आने वाला पावडर- 8 डिब्बा, इन्वर्टर- 1 नग, स्टेबलाईजर 5 नग, स्टील कंटेनर 3 नग, कमर्सियल मोटर 3 नग, ब्लोवर(धौकनी मशीन)- 2 नग, ग्लेण्डर मोटर- 1 नग, वेल्डिंग राड 200 नग, टुकड़ा लोहे का राड छोटा बड़ा 3- 3 नग, खाली मैग्जीन 3 नग, इलेक्ट्रिक स्वीच- 65 नग, रायफल सिलिंग -08 नग और 2 नग पोच शामिल है।

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छत्तीसगढ़

निर्देश के बाद भी लापरवाही: धड़ल्ले से जल रही पराली, प्रदूषण बढ़ने का मंडरा रहा खतरा

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नगरी में रबि फसल की तैयारी के लिए किसान लगातार खेतों में पराली को आग के हवाले कर रहे हैं। जिसके चलते प्रदूषण का खतरा मंडरा रहा है।

छत्तीसगढ़ के नगरी के किसान इन दिनों रबि फसल की तैयारी में जुट गए हैं। इसी के साथ खेतों में लगातार पराली जलाने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। किसान लगातार खेतों में पराली को आग के हवाले कर रहे हैं जिसके चलते प्रदूषण का खतरा मंडरा रहा है। वहीं इन किसानों को पराली जलाने से रोकने वाला भी कोई नहीं है।

दरअसल, जिला प्रशासन ने पैरादान करने का निर्देश दिया था। इसके बाद भी किसान लगातार पराली को आग के हवाले कर रहे हैं। जिसके कारण प्रदूषण फैलने की संभावना बढ़ गई है। नगरी सिहावा के आसपास के गांव के अधिकतर किसान पैरा में जलाते हुए नजर आ रहे है। वहीं विभागीय अधिकारी का उदासीनता के चलते भी किसान बेख़ौफ़ होकर पराली जला रहे हैं।

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