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बिलासपुर: वन मंडल की बड़ी कार्रवाई, अवैध उत्खनन के खिलाफ 10 वाहन राजसात, सुशासन का असर

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विष्णु के सुशासन का दिखा असर,जंगल में अवैध उत्खनन करने वाले 10 वाहन राजसात

वन मंडल बिलासपुर की बड़ी कार्रवाई,10 बड़ी गाड़ियां अब शासकीय संपत्ति

रतनपुर परिक्षेत्र के जंगल में हो रहा था अवैध उत्खनन,हाइवा, पोकलेन राजसात

प्रशिक्षु आईएफएस अभिनव कुमार ने की कार्रवाई

बिलासपुर: बिलासपुर वन मंडल ने जंगल के अंदर अवैध उत्खनन करने वाले खनन माफियाओं के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई करते हुए खनन में लगी 10 बड़ी गाड़ियों को राजसात कर लिया है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के सुशासन कायम करने के और माफियाओं के खिलाफ सख्ती के साथ कार्रवाई के निर्देश के तहत यह अब तक की बड़ी कार्रवाई है,जिसमें किसी भी राजनीतिक दबाव में आए बगैर समस्त कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करते हुए जब्ती और राजसात करने की कार्रवाई की गई है। प्रशिक्षु आईएफएस और प्रभारी डीएफओ अभिनव कुमार ने यह कार्रवाई की है।

30 सितंबर 2024 को रतनपुर वन परिक्षेत्र अंतर्गत गश्त में निकली टीम को धोबघाट में अरपा नदी के किनारे पोकलेन से अवैध रूप से उत्खनन और हाइवा द्वारा अवैध परिवहन की सूचना मिली। सूचना पर प्रभारी डीएफओ अभिनव कुमार के निर्देश पर टीम ने छापा मारा,तब मौके पर पोकलेन और रास्ते में रेत से भरी हाइवा गाड़ियां मिली। बता दें की यें पूरा क्षेत्र संरक्षित वनों से घिरा हुआ है,जहां अवैध खनन या परिवहन प्रतिबंधित है और कानूनन जुर्म है।

टीम द्वारा वाहन चालकों से खनन के वैध दस्तावेज मांगे जाने पर चालकों द्वारा कोई दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया जा सका। जिसके बाद वाहनों को जब्त कर आगे की कानूनी कार्रवाई की गई,जिसमें वाहनों के कागजात की जांच, वाहन मालिकों को नोटिस और सुनवाई भी,जिसमें  आरोपी पक्ष का बयान भी दर्ज किया गया। 

वाहन मालिकों द्वारा अवैध खनन और परिवहन की बात लिखित में स्वीकार की गई साथ ही जांच में भी सरंक्षित वन के भीतर अवैध खनन और परिवहन स्पष्ट था। से पूरे सवा महीने चली कानूनी प्रक्रियाओं के बाद प्रभारी डीएफओ अभिनव कुमार ने भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 52 के तहत सभी 10 वाहनों को राजसात कर शासकीय संपत्ति घोषित करने का आदेश पारित किया।

इन वाहनों को किया गया राजसात

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हाइवा क्रमांक CG 10-AE 9073 मालिक प्रतीक गुप्ता,धनेश्वर कोटा। हाइवा क्रमांक CG-10 BG 9028 मालिक चित्रांशु वर्मा, सुशील बिलासपुर। हाइवा क्रमांक CG-10 BT 7814 मालिक चित्रांशु वर्मा, सुशील बिलासपुर। हाइवा क्रमांक CG-10 AD 8456 मालिक शिवम दुबे,रंजन दुबे कोटा। हाइवा क्रमांक CG-10 BT 6694 मालिक सतीश साहू नंगोई। हाइवा क्रमांक CG-28 N 7924 मालिक रवि गुप्ता। ट्रेक्टर क्रमांक CG-10 BT 1627 मालिक मोनू जायसवाल,रोहित। ट्रेक्टर क्रमांक CG -10 BH 3157 मालिक सावन कुमार,रमेश। एक पोकलेन क्रमांक SANY22SY 140 Q 000/51 मालिक पिंटू केशरवानी बेलगहना और एक बाइक क्रमांक CG 10 BO 0764 मोनू जायसवाल। इन सभी दस वाहनों को जब्त कर राजसात कर लिया गया है।

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Bilaspur के नामी LCIT Group of Institutions का छात्रों के साथ भयानक फर्जीवाड़ा : वादे बड़े-बड़े, हकीकत पानी-पानी!

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LCIT Group of College bilaspur

बिलासपुर: LCIT Group of Institutions – Bilaspur, जो हर साल एडमिशन के दौरान बड़े-बड़े वादे और लुभावने दावे करता है, उसकी सच्चाई अब धीरे-धीरे सामने आने लगी है। दावा किया जाता है कि यहां आधुनिक लैब्स, अनुभवी फैकल्टी और विश्वस्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर मिलेगा — लेकिन ग्राउंड रियलिटी कुछ और ही कहानी बयां कर रही है।

बारिश आई, लैब्स ने छलनी बनकर स्वागत किया!
हमें मिले वीडियो में कॉलेज की लैब्स से टपकती छतें साफ़ दिखाई दे रही हैं। जहां स्टूडेंट्स को मशीनों के साथ प्रैक्टिकल करना चाहिए था, वहां अब पानी से बचने के लिए प्लास्टिक की बाल्टियाँ रखी जा रही हैं। सवाल ये उठता है कि जब प्रयोगशालाएं ही सुरक्षित नहीं, तो शिक्षा कितनी सुरक्षित होगी?

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फैकल्टी? बस कागज़ों पर!
सूत्रों के अनुसार, यहां कई फैकल्टी सदस्य केवल ऑन पेपर मौजूद हैं। यानी नाम तो है, पर काम में कहीं नजर नहीं आते। छात्रों का कहना है कि कई विषयों की क्लास ही नियमित नहीं होती।

इंजीनियरिंग प्रिंसिपल भी सिर्फ नाम के!
कहा जा रहा है कि इंजीनियरिंग कॉलेज का प्रिंसिपल भी फुल टाइम नहीं है, बल्कि केवल औपचारिकता निभाने के लिए कागजों पर मौजूद हैं। यह छात्रों के भविष्य के साथ खुला मज़ाक है।

स्टाफ की नियुक्ति पर भी सवाल
बताया जा रहा है कि अधिकांश स्टाफ या तो यहीं के पुराने छात्र हैं या फिर अन्य कॉलेज से किसी वजह से हटाए गए लोग हैं। इससे शिक्षा की गुणवत्ता पर गंभीर प्रश्नचिह्न लग जाता है।

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🎙 बिलासपुर के इस संस्थान की मार्केटिंग चमचमाती है, लेकिन हकीकत में ढहती छतें, दिखावटी स्टाफ और खोखले दावे छात्रों के सपनों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। ज़रूरत है कि शिक्षा को सिर्फ व्यापार न बनाकर, जिम्मेदारी समझा जाए

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Bilaspur News: सट्टा के खिलाफ संगठित अपराध और जुआ प्रतिषेध अधिनियम के तहत की गई कार्रवाई

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बिलासपुर: नगदी रकम 11,600/- रूपये, मोचाईल, सट्टा प‌ट्टी पर्ची जप्त

अपराध क्रमांक 1268/2024 धारा- 06 ख जुआ प्रतिशेध अधिनियम 2022 तथा धारा 112(2) बीएनएस०
नाम गिर० आरोपी :– आकाश सारथी पिता राजेश सारथी उम्र 28 साल नि० दुर्गा मंदीर के पास, कस्तुरबा नगर थाना सिविल लाईन जिला बिलासपुर छ०ग०

विवरण इस प्रकार है कि उपरोक्त आरोपी कल्याण सट्टा नाम से अंको के माध्यम से हारजीत का दाव लगाकर स‌ट्टा लिख रहा था। मुखबीर से प्राप्त सूचना के आधार पर आरोपी को गुरुद्वारा के सामने सिन्धी कॉलोनी थाना सिविल लाईन के पास से गिरफ्तार किया गया। आरोपी से पूछताछ करने पर मोबाईल नंबर धारक व्यक्ति कथित खाईवाल के कहने पर तथा उससे मिलकर कर स‌ट्टा प‌ट्टी लिखना, जिसके एवज में प्रतिदिन कमीशन के रूप में नगदी रकम प्राप्त होना बताया। आरोपी के बताये अनुसार प्रकरण में मोबाईल नंबर धारक व्यक्ति कथित खाईवाल को भी आरोपी बनाया गया है। आरोपियो के विरुध्द जुआ अधिनियम तथा संगठित अपराध की धारा के अंतर्गत कार्यवाही की गई।

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Bilaspur News: पीड़ित बालिका से अनाचार करने वाला नाबालिग आरोपी पुलिस हिरासत में

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बिलासपुर: विधि से संघर्षरत् नाबालिक बालक को किया गया बाल न्यायालय में पेश।

थाना मस्तुरी मे प्रार्थिया की बेटी के साथ अनाचार की रिपोर्ट पर अपराध पंजीबद्व कर मामले मे विवेचना किया गया। प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक महोदय बिलासपुर रजनेश सिंह द्वारा तत्काल आरोपी को हिरासत में लेने का निर्देश प्राप्त हुआ।

जिस पर त्वरित कार्यवाही करते हुए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक महोदय उदयन बेहार और सीएसपी सरकंडा सिध्दार्थ बघेल के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी मस्तूरी सईद अख्तर के नेतृत्व में चौकी मल्हार प्रभारी ओंकारधार दिवान के हमराह में अपचारी बालक को पकड़ा गया। मामले के आरोपी विधि से संघर्षरत बालक को हिरासत में लेकर बाल न्यायालय के समक्ष पेश कर रिमाण्ड लिया गया है।

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