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छत्तीसगढ़

बिलासपुर: पानी भरे मुरूम खदान में डूबकर दो बच्चों की मौत, नहाने के लिए उतरे थे दोनों…

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बिलासपुर। बिलासपुर में अवैध उत्खनन से मौत का सिलसिला नहीं थम रहा है। रविवार को मुरूम की अवैध खुदाई से बने तालाब में शाम को दो मासूम बच्चों की डूबने से मौत हो गई। राजकिशोर नगर के अटल आवास में रहने वाले रवि बाचेकर का 13 वर्षीय बेटा अभिषेक रविवार को अपने रिश्तेदार के घर श्याम नगर लिंगियाडीह आया था। यहां से वह दिलीप अहिरवार के बेटे ईशान (12) के साथ घूमने के लिए निकल गया।

घूमते हुए दोनों बच्चे बहतराई-बिजौर रोड पहुंच गए। इस दौरान दोनों बच्चे मुरूम खदान के गड्‌ढे से बने तालाब में नहाने के लिए उतर गए। गहराई ज्यादा होने के कारण दोनों बच्चे डूब गए। 17 जुलाई को भी अरपा नदी में अवैध रेत खुदाई की वजह से तीन बच्चियों की मौत हो गई हो गई थी, जिसकी अब तक जांच चल रही है।

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आसपास के लोगों ने 108 को दी सूचना फिर पहुंचाया अस्पताल
दोनों बच्चों को आसपास के लोगों ने गड्‌ढे में डूबते देखा, तब उन्होंने 108 को सूचना दी। मौके पर पहुंची टीम ने बच्चों को खदान के गड्‌ढे से बाहर निकाला। तब तक उनकी मां भी वहां पहुंच गई थी। इसके बाद दोनों बच्चों को सिम्स ले जाया गया, जहां जांच के बाद डॉक्टरों ने उन्हें मृत बता दिया। देर शाम सरकंडा पुलिस को इस घटना की जानकारी मिली। पुलिस ने मामला दर्ज कर मामले की जांच कर रही है। टीआई जेपी गुप्ता ने बताया कि सोमवार की सुबह शव का पीएम कराया जाएगा। इसके साथ ही परिजन से पूछताछ कर जानकारी ली जाएगी।

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मां गई थी आंगनबाड़ी और पिता दुकान
अभिषेक की मां बबीता बाचेकर आंगनबाड़ी सहायिका है। अभिषेक श्याम नगर लिंगियाडीह मिडिल स्कूल में सातवीं कक्षा में पढ़ता था। वहीं, निशांत अमरैय्या चौक के विद्यानिकेतन स्कूल में आठवीं कक्षा का छात्र था। बताया जा रहा है कि दोनों बच्चे घर से बिना बताए निकले थे। उस समय अभिषेक की मां आंगनबाड़ी गई थी और पिता रवि जूता दुकान गया था। वह जूते बनाकर परिवार चलाता था। वहीं, निशांत के पिता भी जूता दुकान चलाता है और उसकी मां ज्योति अहिरवार गृहणी हैं। इस घटना की जानकारी मिलते ही बबीता और ज्योति मौके पर पहुंच गई थीं। दोनों बच्चे वहां कैसे पहुंचे, इसकी जानकारी भी उन्हें नहीं है।

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Bilaspur के नामी LCIT Group of Institutions का छात्रों के साथ भयानक फर्जीवाड़ा : वादे बड़े-बड़े, हकीकत पानी-पानी!

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LCIT Group of College bilaspur

बिलासपुर: LCIT Group of Institutions – Bilaspur, जो हर साल एडमिशन के दौरान बड़े-बड़े वादे और लुभावने दावे करता है, उसकी सच्चाई अब धीरे-धीरे सामने आने लगी है। दावा किया जाता है कि यहां आधुनिक लैब्स, अनुभवी फैकल्टी और विश्वस्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर मिलेगा — लेकिन ग्राउंड रियलिटी कुछ और ही कहानी बयां कर रही है।

बारिश आई, लैब्स ने छलनी बनकर स्वागत किया!
हमें मिले वीडियो में कॉलेज की लैब्स से टपकती छतें साफ़ दिखाई दे रही हैं। जहां स्टूडेंट्स को मशीनों के साथ प्रैक्टिकल करना चाहिए था, वहां अब पानी से बचने के लिए प्लास्टिक की बाल्टियाँ रखी जा रही हैं। सवाल ये उठता है कि जब प्रयोगशालाएं ही सुरक्षित नहीं, तो शिक्षा कितनी सुरक्षित होगी?

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फैकल्टी? बस कागज़ों पर!
सूत्रों के अनुसार, यहां कई फैकल्टी सदस्य केवल ऑन पेपर मौजूद हैं। यानी नाम तो है, पर काम में कहीं नजर नहीं आते। छात्रों का कहना है कि कई विषयों की क्लास ही नियमित नहीं होती।

इंजीनियरिंग प्रिंसिपल भी सिर्फ नाम के!
कहा जा रहा है कि इंजीनियरिंग कॉलेज का प्रिंसिपल भी फुल टाइम नहीं है, बल्कि केवल औपचारिकता निभाने के लिए कागजों पर मौजूद हैं। यह छात्रों के भविष्य के साथ खुला मज़ाक है।

स्टाफ की नियुक्ति पर भी सवाल
बताया जा रहा है कि अधिकांश स्टाफ या तो यहीं के पुराने छात्र हैं या फिर अन्य कॉलेज से किसी वजह से हटाए गए लोग हैं। इससे शिक्षा की गुणवत्ता पर गंभीर प्रश्नचिह्न लग जाता है।

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🎙 बिलासपुर के इस संस्थान की मार्केटिंग चमचमाती है, लेकिन हकीकत में ढहती छतें, दिखावटी स्टाफ और खोखले दावे छात्रों के सपनों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। ज़रूरत है कि शिक्षा को सिर्फ व्यापार न बनाकर, जिम्मेदारी समझा जाए

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छत्तीसगढ़

CG News: सुरक्षाबलों की बड़ी कामयाबी, घने जंगलों से भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद

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बीजापुर के कोमटपल्ली के जंगलों से जवानों ने भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद किया है। घने जंगल में पहाड़ों के बीच नक्सलियों ने सामग्री छुपाकर रखा था।

बीजापुर: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सुरक्षाबलों के जवानों को बड़ी सफलता मिली है। जवानों ने भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद किया है। नक्सलियों ने कोमटपल्ली जंगल-पहाड़ में बड़े चट्टानों के बीच हथियार और अन्य सामान छुपा कर रखा था। जिसे सर्चिंग के दौरान जवानों की संयुक्त टीम ने बरामद किया है।

बरामद किए गए सामग्रियों में गैस वेल्डिंग मशीन मय नोजल, आक्सीजन सिलेण्डर, गैस वेल्डिंग में उपयोग आने वाला पावडर- 8 डिब्बा, इन्वर्टर- 1 नग, स्टेबलाईजर 5 नग, स्टील कंटेनर 3 नग, कमर्सियल मोटर 3 नग, ब्लोवर(धौकनी मशीन)- 2 नग, ग्लेण्डर मोटर- 1 नग, वेल्डिंग राड 200 नग, टुकड़ा लोहे का राड छोटा बड़ा 3- 3 नग, खाली मैग्जीन 3 नग, इलेक्ट्रिक स्वीच- 65 नग, रायफल सिलिंग -08 नग और 2 नग पोच शामिल है।

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छत्तीसगढ़

निर्देश के बाद भी लापरवाही: धड़ल्ले से जल रही पराली, प्रदूषण बढ़ने का मंडरा रहा खतरा

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नगरी में रबि फसल की तैयारी के लिए किसान लगातार खेतों में पराली को आग के हवाले कर रहे हैं। जिसके चलते प्रदूषण का खतरा मंडरा रहा है।

छत्तीसगढ़ के नगरी के किसान इन दिनों रबि फसल की तैयारी में जुट गए हैं। इसी के साथ खेतों में लगातार पराली जलाने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। किसान लगातार खेतों में पराली को आग के हवाले कर रहे हैं जिसके चलते प्रदूषण का खतरा मंडरा रहा है। वहीं इन किसानों को पराली जलाने से रोकने वाला भी कोई नहीं है।

दरअसल, जिला प्रशासन ने पैरादान करने का निर्देश दिया था। इसके बाद भी किसान लगातार पराली को आग के हवाले कर रहे हैं। जिसके कारण प्रदूषण फैलने की संभावना बढ़ गई है। नगरी सिहावा के आसपास के गांव के अधिकतर किसान पैरा में जलाते हुए नजर आ रहे है। वहीं विभागीय अधिकारी का उदासीनता के चलते भी किसान बेख़ौफ़ होकर पराली जला रहे हैं।

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