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छत्तीसगढ़

Breaking: अम्बिकापुर मेडिकल हॉस्पिटल में एक और नवजात की मौत, मामला गंभीर!

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अम्बिकापुर. अंबिकापुर मेडिकल अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में एक और नवजात बच्चे की मौत हो गई है. 5 नवजात बच्चों की स्थिति गंभीर है. बता दें कि अंबिकापुर मेडिकल हॉस्पिटल में बीते कुछ दिनों में ही 7 बच्चों की मौत हो चुकी है.

एसएनसीयू वार्ड में बच्चों की हो रही मौत पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं. स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव, सरगुजा प्रभारी मंत्री शिव कुमार डहरिया, खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने एक दिन पहले ही एसएनसीयू वार्ड का निरीक्षण किया था. हॉस्पिटल प्रबंधक के साथ बैठक कर जांच के निर्देश दिए थे.

दो दिन में 7 नवजातों के मौत मामले पर राज्य स्तरीय टीम ने जांच शुरू कर दी है. टीम ने मेडिकल कॉलेज के एसएनसीयू वार्ड का निरीक्षण भी किया है. 3 सदस्य टीम ने कहा कि जांच कर रिपोर्ट शासन को सौंपेंगे. बता दें कि 30 बेड की क्षमता वाले एसएनसीयू वार्ड में 47 नवजात भर्ती हैं. 

पिछले कई दिनों से एसएनसीयू समेत अस्पताल के शिशु वार्ड में नवजातों की मौत पर हंगामा मचा हुआ है. बच्चों की मौत के बाद परिजनों ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है. बीते कल इसे गंभीरता से लेते हुए टीएस सिंहदेव दिल्ली से लौट आए थे. उन्होंने मेडिकल कॉलेज अस्पताल के एमसीएच भवन में एसएनसीयू वार्ड का निरीक्षण किया व लगातार नवजातों की मौतों के बारे में जानकारी ली. 

इस दौरान उन्होंने डीन डॉ. आर मूर्ति, अधीक्षक डॉ. लखन सिंह व विभाग के एचओडी डॉ. जेके रेलवानी से बच्चों को दिए गए उपचार व एसएनसीयू में बच्चों की स्थिति की जानकारी ली और फिर बंद कमरे में प्रबंधन के साथ बैठक की. इस दौरान उन्होंने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि एक साथ चार मौतें होना चिंताजनक है. आज भी दो और मौतों की जानकारी मिली थी लेकिन वे बच्चे नियोनेटल नहीं थे. उन्होंने कहा, अगर निरंतर मौतें हो रही हैं तो इसका कारण जानने आया था कि कहीं ऑक्सीजन की कमी तो नहीं थी. वजन कम होने, प्री मेच्योर व अन्य कारणों से सामान्य से ज्यादा मौतें देखने को मिलती है लेकिन एक साथ चार मौतें चौकाने वाली है. क्योंकि ये आंकड़े सामान्य से अधिक है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में प्रतिवर्ष 6 लाख बच्चों का जन्म हो रहा है और उनमें से 22 हजार बच्चों को एसएनसीयू में भर्ती होना पड़ रहा है. 

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वजन कम व समय से पहले जन्म के कारण मौतें हो रही है और सिर्फ एक अस्पताल नहीं बल्कि रायपुर, सरगुजा व जगदलपुर में मौत का प्रतिशत अधिक है. इसके कारणों का गहराई से पता लगाना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि गर्भवती माताएं आ रही हैं तो यह देखना होगा कि उन्होंने एचबी टेस्ट कराया है या नही. कुछ जगहों पर देखा जा रहा है कि पहले तीन माह तक महिलाएं गर्भधारण की जानकारी नही दे पाती है. महिलाओं में आयरन, एचबी टेस्ट व अन्य बुनियादी चीजों को लेकर पहल करनी होगी. महिलाओं का एचबी काउंट कराना जरूरी है. इसके साथ ही नियमित एएनसी चेकअप व जन्म के बाद बच्चों के देखभाल पर ध्यान देना जरूरी है. 

मरीज के परिजन द्वारा समय समय पर लगाए जाने वाले लापरवाही के आरोप व रिफर करने की शिकायत पर उन्होंने कहा कि अस्पताल में बिस्तर की संख्या 30 हो गई है और इसे बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है. लगातार मरीज आ रहे हैं, इससे दबाव बना है. कोई भी नही चाहता कि मृत्यु हो फिर भी अगर परिजन कह रहे है तो उनसे भी पूछा जाएगा और लापरवाही पर जांच कर कार्रवाई की जाएगी. 

सिंहदेव के साथ बैठक कर लगाई फटकार मेडिकल कॉलेज के एमसीएच स्थित एसएनसीयू में एक साथ 4 बच्चों की मौत को लेकर प्रदेशभर में मचे बवाल के बाद रात प्रदेश के नगरीय प्रशासन व जिले के प्रभारी मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया भी सरगुजा पहुंचे. मंत्री डॉ. डहरिया के साथ खाद्य मंत्री अमरजीत भगत भी मौजूद रहे. इस दौरान उन्होंने मेडिकल कॉलेज अस्पताल के एमसीएच भवन का निरीक्षण किया व एसएनसीयू व प्रसूति वार्ड में बच्चों को दी जा रही सुविधाओं की जानकारी ली. 

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अस्पताल के निरीक्षण के बाद मंत्री डॉ. डहरिया सीधे प्रबंधन की बैठक ले रहे स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के पास पहुंचे व अधिकारियों से घटना को लेकर जानकारी ली. बैठक में पहुंचते ही मंत्री डॉ. डहरिया ने कड़ी नाराजगी जताते हुए 15 व 16 अक्टूबर को मरने वाले बच्चों की संख्या व मौत के कारणों की जानकारी मांगी. जिस पर डीन डॉ. मूर्ति व अन्य चिकित्सकों ने बताया कि बच्चे लो बर्थ, प्री मैच्योर थे और उन्हें अन्य कॉम्प्लिकेशन भी थी. मंत्री डॉ. डहरिया ने कहा कि अस्पताल में 15 दिन में 37 मौतें हुई है जो बहुत ज्यादा हैं. इस पर अधिकारियों ने बताया कि अस्पताल में 139 एडमिशन हुए जिसमें से 37 मौतें हुई हैं. इनमें से 19 न्यू बोर्न बच्चे हैं. डॉ. डहरिया ने कड़े लहजे में नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि घटना के दिन कौन कौन डॉक्टर की ड्यूटी लगाई गई थी इसके साथ ही पिछले 15 दिन के डॉक्टरों का ड्यूटी चार्ट उपलब्ध कराया जाए. इसके साथ ही होने वाली मौतों की रिपोर्ट भी बनाकर दी जाए. उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री श्री सिंहदेव से कहा कि उस दिन अस्पताल में कोई डॉक्टर नहीं था. उस दिन चार प्रोफेसर की ड्यूटी थी लेकिन कोई नही था. यहां एक जिम्मेदार डॉक्टर को हमेशा रहना चाहिए. इस बात की जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी. 

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बिलासपुर को मिली नई सौगात

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Chouksey College of Ayurved Research Center & Hospital

बिलासपुर। क्षेत्र के विद्यार्थियों के लिए बड़ी खुशखबरी है। Chouksey Group of Colleges के अंतर्गत नया Chouksey College of Ayurved Research Center & Hospital अब राष्ट्रीय आयुर्वेद आयोग (NCISM), नई दिल्ली से संबद्ध हो गया है।

यह उपलब्धि बिलासपुर के लिए गौरव की बात है, क्योंकि अब जिले को अपना पहला और एकमात्र निजी बीएएमएस (BAMS) कॉलेज मिल गया है।

कॉलेज प्रबंधन ने बताया कि इस वर्ष होने वाली काउंसलिंग में चौकसे आयुर्वेद कॉलेज में NEET 2025 के आधार पर प्रवेश (Admission) दिए जाएंगे। इससे विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण आयुर्वेद शिक्षा एवं आधुनिक सुविधाओं से युक्त प्रशिक्षण का अवसर मिलेगा।

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ज्ञात रहे कि इस वर्ष Chouksey Group के इंजीनियरिंग कॉलेज में बिलासपुर संभाग में सर्वाधिक प्रवेश (Admissions) हुए हैं। साथ ही डिग्री पाठ्यक्रमों जैसे B.Com, Law, BBA, BCA, PGDCA की सभी सीटें भी पूर्ण रूप से भर गई हैं। यह विद्यार्थियों के बीच चौकसे ग्रुप की बढ़ती लोकप्रियता और विश्वास को दर्शाता है।

चौकसे ग्रुप ऑफ कॉलेजेस के प्रबंध निदेशक डॉ. आशीष जायसवाल ने कहा —
“हमारा संकल्प विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और बेहतर अवसर उपलब्ध कराना है। बिलासपुर में पहला निजी बीएएमएस कॉलेज खुलना न केवल विद्यार्थियों बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। हमें विश्वास है कि यह कॉलेज आयुर्वेद शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में नई पहचान स्थापित करेगा।”

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अग्रसेन धाम में गूँज रही श्रीमद्भागवत कथा, आस्था का उमड़ा सैलाब

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Shrimad Bhagwat Katha is resonating in Agrasen Dham, a flood of faith has surged

रायपुर। अग्रसेन धाम, छोकरा नाला में गोयल परिवार द्वारा आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा महोत्सव में भक्ति और आस्था का अनुपम संगम देखने को मिल रहा है।

श्रीधाम वृंदावन वाले सुप्रसिद्ध कथावाचक परम पूज्य श्री आनंद कृष्ण ठाकुर जी महाराज अपने मधुर श्रीमुख से कथा वाचन कर रहे हैं। उनके मुखारविंद से झर रही श्रीकृष्ण कथा श्रद्धालुओं के हृदयों को भक्ति रस में सराबोर कर रही है।

हर दिन दोपहर 3 बजे से रात्रि 9 बजे तक चल रही कथा में श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ रहा है। केवल रायपुर ही नहीं, बल्कि आसपास के गाँवों और कस्बों से भी बड़ी संख्या में भक्तजन आकर कथा श्रवण का सौभाग्य प्राप्त कर रहे हैं।

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पूरे परिसर में निरंतर हरिनाम संकीर्तन, भजनों और आध्यात्मिक ऊर्जा की गूँज से वातावरण अलौकिक हो गया है।

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हेल्पिंग हैंड्स क्लब फाउंडेशन महिला विंग की प्रदेश अध्यक्षा बबीता अग्रवाल को मिला राष्ट्रीय अग्र ज्योति अलंकरण सम्मान

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State President of Helping Hands Club Foundation Women's Wing Babita Agarwal received the National Agra Jyoti Alankaran Samman

सबसे अग्रणी संस्था में अहम भूमिका सामाजिक कार्यों से लेकर महिला सशक्तिकरण में अहम योगदान के लिए हुई सम्मानित

छत्तीसगढ़ प्रांतीय अग्रवाल संगठन का नवम अग्र अलंकरण समारोह में डॉक्टर रमन सिंह के हाथों मिला सम्मान

रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रांतीय अग्रवाल संगठन का नवम अग्र अलंकरण समारोह 28 अगस्त को एस एन पैलेस रायपुर में सम्पन्न हुआ इस समारोह में छत्तीसगढ़ के विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करने वाले 18 विभूतियों का सम्मान किया जाएगा। इस राष्ट्रीय अलंकरण समारोह में पूरे देश में अपनी अलग पहचान बना चुकी प्रदेश की सबसे अग्रणी संस्था हेल्पिंग हैंड्स क्लब फाउंडेशन की महिला विंग की प्रदेश अध्यक्षा रायपुर निवासी श्रीमती बबीता अग्रवाल को अग्र ज्योति अलंकरण पुरस्कार से सम्मानित किया गया। आपको बता दे कि हेल्पिंग हैंड्स क्लब फाउंडेशन के अध्यक्षा के रूप में बबीता अग्रवाल ने अनेकों सामाजिक गतिविधियों में अपना बहुमूल्य योगदान दिया है इनके इस दायित्व में इन्होंने पूरे प्रदेश में महिला समूहों में एक अलग अलख जगाई है। एवं आज के समय में हेल्पिंग हैंड्स क्लब की महिला विंग में हजारों की संख्या में महिलाएं शामिल है। विगत दिनों राखी विथ रक्षक का महा आयोजन राजधानी रायपुर के पुलिस ग्राउंड में किया गया था जो अपने आप में एक इतिहास के पन्ने में दर्ज हो गया। जिसमें हजारों रक्षक देश के जवानों को हेल्पिंग हैंड्स की बहनों ने रक्षासूत्र बांधा था। बबीता अग्रवाल शुरू से ही सामाजिक कार्यों में निस्वार्थ भाव से लोगो की मदद करने में दूसरों का दर्द दूर करने में सामाजिक बुराइयों को नष्ट करने में आगे रहती है। वही बबीता अग्रवाल ने बताया कि यह सम्मान उनके जीवन में एक नई ऊर्जा प्रदान कर रहा है। उन्होंने बताया कि हेल्पिंग हैंड्स क्लब फाउंडेशन के फाउंडर एवं प्रदेश अध्यक्ष अंकित अग्रवाल से उन्होंने बहुत कुछ सीखा है अंकित अग्रवाल के नेतृत्व और मार्गदर्शन में मानवसेवा माधवसेवा का साक्षात् उदाहरण जीवन में उतारा है जिस वजह से आज वो इस मुकाम पर है। एवं हेल्पिंग हैंड्स क्लब फाउंडेशन एक एनजीओ नहीं एक परिवार की तरह रहता है एवं कार्य करता है। उन्होंने आगे कहा कि अग्रवाल समाज के वरिष्ठ विधायक संपत अग्रवाल, अशोक सियाराम अग्रवाल,सुनील रामदास अग्रवाल,रमेश अग्रवाल , मनोज गोयल, अशोक मोदी , योगेश अग्रवाल हमेशा उनके प्रेरणाश्रोत रहे है। साथ ही उन्होंने आगे कहा कि हेल्पिंग हैंड्स महिला विंग की उनके साथीगण बहने हमेशा ही उनके साथ कंधे से कंधा मिला कर अग्रणी होकर कार्य करती है एवं यह मेरा नहीं मेरी पूरी टीम का सम्मान है यह सम्मान में अपनी पूरी टीम को समर्पित करती हु। साथ ही में छत्तीसगढ़ प्रांतीय अग्रवाल संगठन का इस पल के लिए इस सम्मान के लिए तहे दिल से आभार व्यक्त करती हु।
हेल्पिंग हैंड्स क्लब फाउंडेशन के प्रदेश संरक्षक डॉ रमेश अग्रवाल मनोज गोयल, अध्यक्ष अंकित अग्रवाल,उपाध्यक्ष विन्नी सलूजा तरुण अग्रवाल, अमित केडिया , रजत अग्रवाल , उदित अग्रवाल , विवेक श्रीवास्तव, रिंकू केडिया ,भारती मोदी,सुनीता पांडे, ज्योति अग्रवाल, पूजा छाबड़ा, एकता मलिक , अल्पना शर्मा , अंकुर अग्रवाल, मयंक जैन ,सुमित अग्रवाल,राकेश बोथरा,सुकुमार चटर्जी, अनामिका मिश्रा ,सेजल खंडेलवाल एवं अन्य सभी सदस्यों ने बबीता अग्रवाल को बधाई एवं शुभकामनाएं प्रदान की।

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