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छत्तीसगढ़

कलेक्टर ने कोनी में बन रहे 240 बेड मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल का किया निरीक्षण

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केन्द्र राज्य सहयोग से 200 करोड़ में बन रहा 10 मंजिला अत्याधुनिक हॉस्पिटल

कलेक्टर ने बचे काम 15 फरवरी तक पूर्ण करने दिए निर्देश

शुभारंभ के पहले कराएं फायर सेफ्टी ऑडिट

बिलासपुर, 13 जनवरी/कलेक्टर अवनीश शरण ने आज कोनी में सिम्स की विस्तारित निर्माणाधीन मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल भवन का निरीक्षण किया। उन्होंने बचे हुए निर्माण कार्य और उपकरणों की खरीदी 15फरवरी तक पूर्ण करने के निर्देश दिए। गौरतलब है कि लगभग 200 करोड रुपए की लागत से इस मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल का निर्माण किया जा रहा है। इसमें मरीजों के लिए 240 बेड सुविधा हैं।

केंद्र और राज्य दोनों सरकार की वित्तीय सहयोग से इसका निर्माण किया जा रहा है। सिम्स के इस विस्तारित अस्पताल में विशेषज्ञ वाले छह विभाग फिलहाल शुरू होंगे। इनमें नेफ्रोलॉजी,यूरोलॉजी कार्डियोलॉजी, सीटीवीएस, न्यूरोलॉजी और न्यूरो सर्जरी शामिल हैं।

कलेक्टर ने नक्शा के अनुरूप ग्राउंड फ्लोर से लेकर 10 वीं मंजिल तक निर्माण कार्यों का अवलोकन किया। भवन में ग्राउंड फ्लोर के अलावा 10 मंजिल बनाए गए हैं। केंद्र सरकार के पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा इसका निर्माण कार्य किया जा रहा है। सिविल वर्क लगभग 98% कार्य पूर्ण हो गए हैं।

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केवल अब छोटे-मोटे कार्य बचे हैं। उपकरणों की खरीदी केंद्र सरकार की एजेंसी हाइट के माध्यम से की जा रही है। इनमें 77 प्रकार के उपकरणों में से 51 उपकरणों की खरीदी की जा चुकी है । कलेक्टर ने उपकरण खरीदी वाली एजेंसी को शेष उपकरणों की आपूर्ति 15फरवरी तक करने को कहा है।


कलेक्टर ने कहा अस्पताल शुरू होने के पहले फायर सेफ्टीऑडिट, लिफ्ट ऑडिट और लोकल बॉडी ऑडिट करा लिए जाएं। मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल के ग्राउंड फ्लोर में रेडियोलॉजी और कैजुअल्टी की व्यवस्था की गई है। पहले और दूसरे मंजिल में ओपीडी, तीसरी मंजिल में प्रशासनिक कार्य, चौथी मंजिल में ऑपरेशन थिएटर और कैथलैब,पांचवी मंजिल में सर्विसेज के साथ छठवें से दसवें मंजिल तक विभिन्न मेडिकल वार्ड होंगे।

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कलेक्टर ने मल्टी मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल में विशेषज्ञ डॉक्टरों की भरती शुरू करने को भी कहा है। सिम्स के स्टाफ को भी नए भवन का दौरा करने के निर्देश दिए हैं ताकि वे भवन से अच्छी तेरह अवगत हो सकें । सिम्स के विस्तार के प्रथम चरण में सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल का निर्माण किया गया है।

शासन के निर्देशानुसार अगले चरण में सिम्स के मेडिकल कॉलेज, डॉक्टर के रेजिडेंस छात्रों के रहने के लिए हॉस्टल, खेल मैदान, पार्किंग आदि सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी। इस अवसर पर सिम्स के अस्पताल अधीक्षक डॉ. नायक, मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल के नोडल अधिकारी डॉ. रविकांत दास, सीपीडब्ल्यूडी के ईई अभिषेक गोपाल, ईई इलेक्ट्रिकल समरेंद्र साहू सहित ठेकेदार उपस्थित थे।

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Bilaspur के नामी LCIT Group of Institutions का छात्रों के साथ भयानक फर्जीवाड़ा : वादे बड़े-बड़े, हकीकत पानी-पानी!

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LCIT Group of College bilaspur

बिलासपुर: LCIT Group of Institutions – Bilaspur, जो हर साल एडमिशन के दौरान बड़े-बड़े वादे और लुभावने दावे करता है, उसकी सच्चाई अब धीरे-धीरे सामने आने लगी है। दावा किया जाता है कि यहां आधुनिक लैब्स, अनुभवी फैकल्टी और विश्वस्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर मिलेगा — लेकिन ग्राउंड रियलिटी कुछ और ही कहानी बयां कर रही है।

बारिश आई, लैब्स ने छलनी बनकर स्वागत किया!
हमें मिले वीडियो में कॉलेज की लैब्स से टपकती छतें साफ़ दिखाई दे रही हैं। जहां स्टूडेंट्स को मशीनों के साथ प्रैक्टिकल करना चाहिए था, वहां अब पानी से बचने के लिए प्लास्टिक की बाल्टियाँ रखी जा रही हैं। सवाल ये उठता है कि जब प्रयोगशालाएं ही सुरक्षित नहीं, तो शिक्षा कितनी सुरक्षित होगी?

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फैकल्टी? बस कागज़ों पर!
सूत्रों के अनुसार, यहां कई फैकल्टी सदस्य केवल ऑन पेपर मौजूद हैं। यानी नाम तो है, पर काम में कहीं नजर नहीं आते। छात्रों का कहना है कि कई विषयों की क्लास ही नियमित नहीं होती।

इंजीनियरिंग प्रिंसिपल भी सिर्फ नाम के!
कहा जा रहा है कि इंजीनियरिंग कॉलेज का प्रिंसिपल भी फुल टाइम नहीं है, बल्कि केवल औपचारिकता निभाने के लिए कागजों पर मौजूद हैं। यह छात्रों के भविष्य के साथ खुला मज़ाक है।

स्टाफ की नियुक्ति पर भी सवाल
बताया जा रहा है कि अधिकांश स्टाफ या तो यहीं के पुराने छात्र हैं या फिर अन्य कॉलेज से किसी वजह से हटाए गए लोग हैं। इससे शिक्षा की गुणवत्ता पर गंभीर प्रश्नचिह्न लग जाता है।

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🎙 बिलासपुर के इस संस्थान की मार्केटिंग चमचमाती है, लेकिन हकीकत में ढहती छतें, दिखावटी स्टाफ और खोखले दावे छात्रों के सपनों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। ज़रूरत है कि शिक्षा को सिर्फ व्यापार न बनाकर, जिम्मेदारी समझा जाए

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छत्तीसगढ़

CG News: सुरक्षाबलों की बड़ी कामयाबी, घने जंगलों से भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद

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बीजापुर के कोमटपल्ली के जंगलों से जवानों ने भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद किया है। घने जंगल में पहाड़ों के बीच नक्सलियों ने सामग्री छुपाकर रखा था।

बीजापुर: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सुरक्षाबलों के जवानों को बड़ी सफलता मिली है। जवानों ने भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद किया है। नक्सलियों ने कोमटपल्ली जंगल-पहाड़ में बड़े चट्टानों के बीच हथियार और अन्य सामान छुपा कर रखा था। जिसे सर्चिंग के दौरान जवानों की संयुक्त टीम ने बरामद किया है।

बरामद किए गए सामग्रियों में गैस वेल्डिंग मशीन मय नोजल, आक्सीजन सिलेण्डर, गैस वेल्डिंग में उपयोग आने वाला पावडर- 8 डिब्बा, इन्वर्टर- 1 नग, स्टेबलाईजर 5 नग, स्टील कंटेनर 3 नग, कमर्सियल मोटर 3 नग, ब्लोवर(धौकनी मशीन)- 2 नग, ग्लेण्डर मोटर- 1 नग, वेल्डिंग राड 200 नग, टुकड़ा लोहे का राड छोटा बड़ा 3- 3 नग, खाली मैग्जीन 3 नग, इलेक्ट्रिक स्वीच- 65 नग, रायफल सिलिंग -08 नग और 2 नग पोच शामिल है।

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छत्तीसगढ़

निर्देश के बाद भी लापरवाही: धड़ल्ले से जल रही पराली, प्रदूषण बढ़ने का मंडरा रहा खतरा

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नगरी में रबि फसल की तैयारी के लिए किसान लगातार खेतों में पराली को आग के हवाले कर रहे हैं। जिसके चलते प्रदूषण का खतरा मंडरा रहा है।

छत्तीसगढ़ के नगरी के किसान इन दिनों रबि फसल की तैयारी में जुट गए हैं। इसी के साथ खेतों में लगातार पराली जलाने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। किसान लगातार खेतों में पराली को आग के हवाले कर रहे हैं जिसके चलते प्रदूषण का खतरा मंडरा रहा है। वहीं इन किसानों को पराली जलाने से रोकने वाला भी कोई नहीं है।

दरअसल, जिला प्रशासन ने पैरादान करने का निर्देश दिया था। इसके बाद भी किसान लगातार पराली को आग के हवाले कर रहे हैं। जिसके कारण प्रदूषण फैलने की संभावना बढ़ गई है। नगरी सिहावा के आसपास के गांव के अधिकतर किसान पैरा में जलाते हुए नजर आ रहे है। वहीं विभागीय अधिकारी का उदासीनता के चलते भी किसान बेख़ौफ़ होकर पराली जला रहे हैं।

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