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छत्तीसगढ़

सीएम भूपेश के निर्देश पर आवागमन साधनों को मजबूत करने के लिए हो रहा है सड़कों एवं पुलों का निर्माण

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construction of roads and bridges is being done to strengthen the means of transport.

रायपुर| मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर छत्तीसगढ़ में आवागमन के साधनों को मजबूत करने के लिए सड़कों एवं पुलों का निर्माण कार्य किया जा रहा है। इसी के अंतर्गत छत्तीसगढ़ शासन द्वारा छत्तीसगढ़ रोड़ एवं इंफ्रास्ट्रक्चर डेव्लपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड अंतर्गत छत्तीसगढ़  के समस्त जिलों में आवागमन के साधनों  की मजबूती हेतु कुल 520 कार्यों के लिए 5680 करोड़ रूपए की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गयी है।   

छत्तीसगढ़ में आवागमन
इसमें 3110 किमी. की लंबार्इ  वाले महत्त्वपूर्ण 429 मार्गों के लिये 4891 करोड़ रूपए तथा 91 उच्चस्तरीय पुलों के निर्माण कार्यों हेतु 788 करोड़ रूपए की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गयी है। इसके तहत् अभी तक कुल 492 कार्यों हेतु 5460 करोड़ रूपए की लागत वाले कार्यों की निविदाएं स्वीकृत की जा चुकी है।

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छत्तीसगढ़ रोड़ एवं इंफ्रास्ट्रक्चर डेव्लपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड से मिली जानकारी के अनुसार निर्माण कार्यों पर अभी तक 1109 करोड़ रूपए का व्यय किया गया है। वर्तमान में समस्त कार्य प्रगति पर है एवं निर्धारित समय-सीमा में उच्च गुणवत्ता के साथ पूर्ण  कर लिये जायेंगे।

प्रदेश की जनता को आवागमन की बेहतर सुविधा
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देशानुसार प्रदेश में सड़कों के गड्ढों की  भराई एवं सड़कों के मरम्मत का कार्य युद्ध स्तर पर जारी है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के परियोजना मण्डल बिलासपुर, मुंगेली, कोरबा एवं गौरेला पेण्ड्रा मरवाही जिले में 1258 कि.मी. लंबाई की कुल 352 सड़कों के मरम्मत एवं नवीनीकरण कार्य के लिए लगभग 160 करोड़ रु. की राशि की स्वीकृति प्राप्त हुई है।


कबीरधाम जिले में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत वर्ष 2022-23 में नवीनीकरण के लिए कुल 67 सड़क, लंबाई 252.975 किलोमीटर के लिए 78 करोड़ 97 लाख 8028 रूपए की स्वीकृति प्रदान की गई है। कबीरधाम से प्रमुख पर्यटन, धार्मिक एवं जन आस्था का केन्द्र भोरमदेव मंदिर पहुंच मार्ग 16 किलोमीटर सड़क लगभग 9 करोड़ 60 लाख 24 हजार रूपए की लागत से डामरीकरण का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। जिसे दिसबंर माह तक पूरा कर किया जाएगा।

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इसी तरह से पूरे प्रदेश में सड़कों का निर्माण, मरम्मत तथा डामरीकरण का कार्य युद्धस्तर पर जारी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देशानुसार सभी जिलों के कलेक्टर स्वयं इन कार्यों का निरीक्षण कर रहे हैं और मौके पर जाकर सड़कों एवं पुलों की गुणवत्ता भी परख रहे हैं ताकि प्रदेश की जनता को आवागमन की बेहतर सुविधा मिल सके।

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Bilaspur के नामी LCIT Group of Institutions का छात्रों के साथ भयानक फर्जीवाड़ा : वादे बड़े-बड़े, हकीकत पानी-पानी!

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LCIT Group of College bilaspur

बिलासपुर: LCIT Group of Institutions – Bilaspur, जो हर साल एडमिशन के दौरान बड़े-बड़े वादे और लुभावने दावे करता है, उसकी सच्चाई अब धीरे-धीरे सामने आने लगी है। दावा किया जाता है कि यहां आधुनिक लैब्स, अनुभवी फैकल्टी और विश्वस्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर मिलेगा — लेकिन ग्राउंड रियलिटी कुछ और ही कहानी बयां कर रही है।

बारिश आई, लैब्स ने छलनी बनकर स्वागत किया!
हमें मिले वीडियो में कॉलेज की लैब्स से टपकती छतें साफ़ दिखाई दे रही हैं। जहां स्टूडेंट्स को मशीनों के साथ प्रैक्टिकल करना चाहिए था, वहां अब पानी से बचने के लिए प्लास्टिक की बाल्टियाँ रखी जा रही हैं। सवाल ये उठता है कि जब प्रयोगशालाएं ही सुरक्षित नहीं, तो शिक्षा कितनी सुरक्षित होगी?

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फैकल्टी? बस कागज़ों पर!
सूत्रों के अनुसार, यहां कई फैकल्टी सदस्य केवल ऑन पेपर मौजूद हैं। यानी नाम तो है, पर काम में कहीं नजर नहीं आते। छात्रों का कहना है कि कई विषयों की क्लास ही नियमित नहीं होती।

इंजीनियरिंग प्रिंसिपल भी सिर्फ नाम के!
कहा जा रहा है कि इंजीनियरिंग कॉलेज का प्रिंसिपल भी फुल टाइम नहीं है, बल्कि केवल औपचारिकता निभाने के लिए कागजों पर मौजूद हैं। यह छात्रों के भविष्य के साथ खुला मज़ाक है।

स्टाफ की नियुक्ति पर भी सवाल
बताया जा रहा है कि अधिकांश स्टाफ या तो यहीं के पुराने छात्र हैं या फिर अन्य कॉलेज से किसी वजह से हटाए गए लोग हैं। इससे शिक्षा की गुणवत्ता पर गंभीर प्रश्नचिह्न लग जाता है।

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🎙 बिलासपुर के इस संस्थान की मार्केटिंग चमचमाती है, लेकिन हकीकत में ढहती छतें, दिखावटी स्टाफ और खोखले दावे छात्रों के सपनों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। ज़रूरत है कि शिक्षा को सिर्फ व्यापार न बनाकर, जिम्मेदारी समझा जाए

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छत्तीसगढ़

CG News: सुरक्षाबलों की बड़ी कामयाबी, घने जंगलों से भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद

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बीजापुर के कोमटपल्ली के जंगलों से जवानों ने भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद किया है। घने जंगल में पहाड़ों के बीच नक्सलियों ने सामग्री छुपाकर रखा था।

बीजापुर: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सुरक्षाबलों के जवानों को बड़ी सफलता मिली है। जवानों ने भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद किया है। नक्सलियों ने कोमटपल्ली जंगल-पहाड़ में बड़े चट्टानों के बीच हथियार और अन्य सामान छुपा कर रखा था। जिसे सर्चिंग के दौरान जवानों की संयुक्त टीम ने बरामद किया है।

बरामद किए गए सामग्रियों में गैस वेल्डिंग मशीन मय नोजल, आक्सीजन सिलेण्डर, गैस वेल्डिंग में उपयोग आने वाला पावडर- 8 डिब्बा, इन्वर्टर- 1 नग, स्टेबलाईजर 5 नग, स्टील कंटेनर 3 नग, कमर्सियल मोटर 3 नग, ब्लोवर(धौकनी मशीन)- 2 नग, ग्लेण्डर मोटर- 1 नग, वेल्डिंग राड 200 नग, टुकड़ा लोहे का राड छोटा बड़ा 3- 3 नग, खाली मैग्जीन 3 नग, इलेक्ट्रिक स्वीच- 65 नग, रायफल सिलिंग -08 नग और 2 नग पोच शामिल है।

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छत्तीसगढ़

निर्देश के बाद भी लापरवाही: धड़ल्ले से जल रही पराली, प्रदूषण बढ़ने का मंडरा रहा खतरा

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नगरी में रबि फसल की तैयारी के लिए किसान लगातार खेतों में पराली को आग के हवाले कर रहे हैं। जिसके चलते प्रदूषण का खतरा मंडरा रहा है।

छत्तीसगढ़ के नगरी के किसान इन दिनों रबि फसल की तैयारी में जुट गए हैं। इसी के साथ खेतों में लगातार पराली जलाने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। किसान लगातार खेतों में पराली को आग के हवाले कर रहे हैं जिसके चलते प्रदूषण का खतरा मंडरा रहा है। वहीं इन किसानों को पराली जलाने से रोकने वाला भी कोई नहीं है।

दरअसल, जिला प्रशासन ने पैरादान करने का निर्देश दिया था। इसके बाद भी किसान लगातार पराली को आग के हवाले कर रहे हैं। जिसके कारण प्रदूषण फैलने की संभावना बढ़ गई है। नगरी सिहावा के आसपास के गांव के अधिकतर किसान पैरा में जलाते हुए नजर आ रहे है। वहीं विभागीय अधिकारी का उदासीनता के चलते भी किसान बेख़ौफ़ होकर पराली जला रहे हैं।

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