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छत्तीसगढ़

आबकारी विभाग की दबिश! क्लब में चल रहा था ऐसा काम…

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रायपुर। राजधानी रायपुर विधानसभा रोड के आमासिवनी इलाके में स्थित सिमर्स क्लब पर देर रात आबकारी विभाग की टीम ने दबिश दी। इस दौरान नियत समय के बाद भी क्लब में खुलेआम शराब परोसती पाई गई, जहां आबकारी अमले ने क्लब को तत्काल बंद करा मौके पर खाली कराया। आपको बता दें कि सिमर्स क्लब की शिकायत पुलिस के आला अधिकारियों तक लंबे अरसे से पहुँच रही थी, क्लब में देर रात तक लाउडस्पीकर बजाए जाने के साथ ही नियत समय के बाद भी खुलेआम शराब परोसने की शिकायत आबकारी विभाग को मिल रही थी जिसके बाद शनिवार देर रात आबकारी विभाग की उपनिरीक्षक नीलम किरण सिंह अमले के साथ मौके पर पहुँची और क्लब को बंद कराते हुए संचालकों को जमकर फटकार लगाई। साथ ही क्लब की दोबारा शिकायत मिलने पर कड़ी कार्यवाही करने की चेतावनी दी।

विधानसभा रोड स्थित सिमर्स क्लब में शनिवार-रविवार देर रात हो रही शराब पार्टियों में शामिल होने पहुँच रहे हज़ारों की संख्या में युवा सड़क पर ही गाड़ी खड़ी कर पार्टी करने क्लब के अंदर चले जाते हैं। सड़क के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार होने की वजह से आवाजाही प्रभावित होती है जिसका खामियाज़ा राहगीरों को भुगतना पड़ता है। क्लब में पार्किंग की सम्पूर्ण रूप से व्यवस्था नहीं होने के चलते तकरीबन 300-400 चार पहिया वाहन सड़क को जाम कर लगाए जाते है, जिन पर नियम के तहत नो पार्किंग की चालानी कार्यवाही तक नहीं होती। इसके साथ ही ड्रिंक एंड ड्राइव कर रहे कार संचालकों पर सख्ती बरतने पुलिस की कोई कार्यवाही आज तक नज़र नहीं आई। जिसके चलते आधी रात नशेड़ी युवा क्लब से निकल तेज़ रफ़्तार से वाहन चला शहर में उधम मचाते हैं। जिसके परिणामस्वरूप भविष्य में किसी भी वक्त बड़ी घटना की आशंका बनी रहती है।

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जानकारी के मुताबिक इस क्लब में संचालकों के पास क्लब में शराब परोसने के लिए सिर्फ शनिवार-रविवार को वन डे पार्टी लाइसेंस आबकारी विभाग से लिया जाता है, परंतु इसकी शर्तें भी पूरी नहीं कि जाती। नियमानुसार वन डे पार्टी लाइसेंस के तहत मिलने वाली अनुमति में साफ तौर पर उल्लेखित होता है कि पार्टी केवल रात 11 बजे तक ही चलेगी, परंतु क्लब संचालकों द्वारा आबकारी विभाग द्वारा ज़ारी नियमों को ठेंगा दिखाते हुए देर रात 2 बजे तक पार्टी संचालित कर शराब परोसने का काम किया जाता है।

इसके साथ ही आबकारी नियम यह कहता है कि वन डे पार्टी लाइसेंस केवल प्राइवेट पार्टी करने वालो को ज़ारी किया जाए, परंतु इस नियम का फायदा उठाकर SHIMMERS क्लब संचालक प्राइवेट पार्टी की बजाय पब्लिक पार्टी कर खुलेआम शराब परोस बड़ी आमदनी करते हैं जिस पर प्रशासन मौन है। नाम ना छापने की शर्त पर क्लब के एक कर्मचारी ने बताया कि लाइसेंस डे के अलावा भी बिना लाइसेंस के हफ़्ते के कुछ दिनों क्लब में गुप्त रूप से शराब बेची जाती है। देर रात तक संचालित हो रहे इस क्लब में पार्टी के बाद नशे में युवा आपस में विवाद कर लड़ाई करते है, परंतु क्लब में मौजूद बड़ी संख्या में बाउंसर उन्हें रोककर समझाइश देकर क्लब से भेज देते है, जिसके चलते छोटे विवादों की शिकायत पुलिस तक नहीं पहुँचती।

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गौरतलब कि नया रायपुर स्थित एक प्राइवेट क्लब में इसी तरह की नशाखोर पार्टी में 2 साल पहले देर रात गोली चलने की घटना सामने आई थी, जिसके बाद पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया था और राजधानी पुलिस हरकत में आई थी। शायद पुलिस इस क्लब में भी देर रात गोली चलने की वारदात का इंतज़ार कर रही है।

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Bilaspur के नामी LCIT Group of Institutions का छात्रों के साथ भयानक फर्जीवाड़ा : वादे बड़े-बड़े, हकीकत पानी-पानी!

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LCIT Group of College bilaspur

बिलासपुर: LCIT Group of Institutions – Bilaspur, जो हर साल एडमिशन के दौरान बड़े-बड़े वादे और लुभावने दावे करता है, उसकी सच्चाई अब धीरे-धीरे सामने आने लगी है। दावा किया जाता है कि यहां आधुनिक लैब्स, अनुभवी फैकल्टी और विश्वस्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर मिलेगा — लेकिन ग्राउंड रियलिटी कुछ और ही कहानी बयां कर रही है।

बारिश आई, लैब्स ने छलनी बनकर स्वागत किया!
हमें मिले वीडियो में कॉलेज की लैब्स से टपकती छतें साफ़ दिखाई दे रही हैं। जहां स्टूडेंट्स को मशीनों के साथ प्रैक्टिकल करना चाहिए था, वहां अब पानी से बचने के लिए प्लास्टिक की बाल्टियाँ रखी जा रही हैं। सवाल ये उठता है कि जब प्रयोगशालाएं ही सुरक्षित नहीं, तो शिक्षा कितनी सुरक्षित होगी?

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फैकल्टी? बस कागज़ों पर!
सूत्रों के अनुसार, यहां कई फैकल्टी सदस्य केवल ऑन पेपर मौजूद हैं। यानी नाम तो है, पर काम में कहीं नजर नहीं आते। छात्रों का कहना है कि कई विषयों की क्लास ही नियमित नहीं होती।

इंजीनियरिंग प्रिंसिपल भी सिर्फ नाम के!
कहा जा रहा है कि इंजीनियरिंग कॉलेज का प्रिंसिपल भी फुल टाइम नहीं है, बल्कि केवल औपचारिकता निभाने के लिए कागजों पर मौजूद हैं। यह छात्रों के भविष्य के साथ खुला मज़ाक है।

स्टाफ की नियुक्ति पर भी सवाल
बताया जा रहा है कि अधिकांश स्टाफ या तो यहीं के पुराने छात्र हैं या फिर अन्य कॉलेज से किसी वजह से हटाए गए लोग हैं। इससे शिक्षा की गुणवत्ता पर गंभीर प्रश्नचिह्न लग जाता है।

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🎙 बिलासपुर के इस संस्थान की मार्केटिंग चमचमाती है, लेकिन हकीकत में ढहती छतें, दिखावटी स्टाफ और खोखले दावे छात्रों के सपनों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। ज़रूरत है कि शिक्षा को सिर्फ व्यापार न बनाकर, जिम्मेदारी समझा जाए

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छत्तीसगढ़

CG News: सुरक्षाबलों की बड़ी कामयाबी, घने जंगलों से भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद

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बीजापुर के कोमटपल्ली के जंगलों से जवानों ने भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद किया है। घने जंगल में पहाड़ों के बीच नक्सलियों ने सामग्री छुपाकर रखा था।

बीजापुर: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सुरक्षाबलों के जवानों को बड़ी सफलता मिली है। जवानों ने भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद किया है। नक्सलियों ने कोमटपल्ली जंगल-पहाड़ में बड़े चट्टानों के बीच हथियार और अन्य सामान छुपा कर रखा था। जिसे सर्चिंग के दौरान जवानों की संयुक्त टीम ने बरामद किया है।

बरामद किए गए सामग्रियों में गैस वेल्डिंग मशीन मय नोजल, आक्सीजन सिलेण्डर, गैस वेल्डिंग में उपयोग आने वाला पावडर- 8 डिब्बा, इन्वर्टर- 1 नग, स्टेबलाईजर 5 नग, स्टील कंटेनर 3 नग, कमर्सियल मोटर 3 नग, ब्लोवर(धौकनी मशीन)- 2 नग, ग्लेण्डर मोटर- 1 नग, वेल्डिंग राड 200 नग, टुकड़ा लोहे का राड छोटा बड़ा 3- 3 नग, खाली मैग्जीन 3 नग, इलेक्ट्रिक स्वीच- 65 नग, रायफल सिलिंग -08 नग और 2 नग पोच शामिल है।

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छत्तीसगढ़

निर्देश के बाद भी लापरवाही: धड़ल्ले से जल रही पराली, प्रदूषण बढ़ने का मंडरा रहा खतरा

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नगरी में रबि फसल की तैयारी के लिए किसान लगातार खेतों में पराली को आग के हवाले कर रहे हैं। जिसके चलते प्रदूषण का खतरा मंडरा रहा है।

छत्तीसगढ़ के नगरी के किसान इन दिनों रबि फसल की तैयारी में जुट गए हैं। इसी के साथ खेतों में लगातार पराली जलाने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। किसान लगातार खेतों में पराली को आग के हवाले कर रहे हैं जिसके चलते प्रदूषण का खतरा मंडरा रहा है। वहीं इन किसानों को पराली जलाने से रोकने वाला भी कोई नहीं है।

दरअसल, जिला प्रशासन ने पैरादान करने का निर्देश दिया था। इसके बाद भी किसान लगातार पराली को आग के हवाले कर रहे हैं। जिसके कारण प्रदूषण फैलने की संभावना बढ़ गई है। नगरी सिहावा के आसपास के गांव के अधिकतर किसान पैरा में जलाते हुए नजर आ रहे है। वहीं विभागीय अधिकारी का उदासीनता के चलते भी किसान बेख़ौफ़ होकर पराली जला रहे हैं।

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