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छत्तीसगढ़

​​​​​​​बस्तर से सरगुजा तक ‘हमर तिरंगा’ कार्यक्रम की धूम

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रायपुर|  छत्तीसगढ़ में सभी सरकारी, निजी एवं अनुदान प्राप्त शालाओं में 20 से 30 अगस्त के दौरान समुदाय को शाला से जोड़ते हुए “हमर तिरंगा” कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम के आयोजन का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों एवं समुदाय के मध्य देशभक्ति का जज्बा विकसित करना और अपने संविधान में प्रति आस्था जताना है। शाला एवं समुदाय को आपस में जोड़कर “हमर तिरंगा” कार्यक्रम के अंतर्गत विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करते हुए उसमें अधिक से अधिक सहभागिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से इस कार्यक्रम को संचालित किया जा रहा है। 
 
राज्य भर में स्कूलों में इसकी शुरुआत 20 अगस्त को की गई। बस्तर से सरगुजा तक ‘हमर तिरंगा‘ कार्यक्रम की धूम रही। बच्चों ने ‘हमर तिरंगा‘ कार्यक्रम की पूरे उत्साह के साथ शुरूआत की। पहले दिन स्कूलों में प्रभात फेरी, दीवार लेखन, स्वतंत्रता सेनानियों पर आधारित फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता, झांकी, देशभक्ति गीत आयोजित करने का सुझाव दिया गया था। जिलों में विभिन्न सिनेमाघरों, मल्टीप्लेक्स एवं स्कूलों में स्मार्ट क्लासेस में कक्षा ग्यारहवीं एवं बारहवीं के बच्चों के लिए रिचर्ड एटनबरो निर्देशित “गांधी” फिल्म की स्क्रीनिंग सुबह 9.30 बजे से 12 बजे के मध्य किया गया। राज्य में इस वर्ष “”हमर तिरंगा” कार्यक्रम के माध्यम से लगभग पांच लाख से अधिक बच्चों को यह फिल्म दिखाये जाने का लक्ष्य रखा गया है। 

सुकमा जिले के सुदूर अंचल के बच्चों को सुबह सुबह वहां के शारदा सिनेमा हाल में फिल्म गांधी देखने का अवसर दिया गया। सुकमा में गाँवों में सुबह सुबह प्रभात फेरी एवं फैंसी ड्रेस प्रतियोगिताओं का आयोजन भी पूरे उत्साहपूर्वक किया गया। शिक्षकों ने अपने अपने स्कूल के बच्चों को फिल्म दिखाए जाने हेतु उनके पालकों से सहमति लेकर इस फिल्म को देखने लेकर जाने की व्यवस्था की। कांकेर में बडी संख्या में बच्चों को शहर के सिनेमाघर ले जाकर फिल्म देखने का अवसर दिया गया। स्कूल शिक्षा विभाग के प्रयास को सभी बच्चों ने खूब सराहा। नारायणपुर जिले में बच्चों ने फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता में पूरे मजे से हिस्सा लिया। महासमुंद में बालिकाओं ने बड़ी संख्या आमीन सुबह सुबह उपस्थित होकर विभिन्न गाँवों में प्रभात फेरी निकालकर “हमर तिरंगा” कार्यक्रम की शुरुआत की। धमतरी जिले के नगरी विकासखंड में हमार तिरंगा कार्यक्रम के दौरान झांकी निकालकर स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े विभिन्न संस्मरणों को याद कर बच्चों एवं पालकों को अवगत एवं जागरूक करने का प्रयास किया गया। 
 दुर्ग शहर विधायक श्री अरूण वोरा
रायपुर में इस कार्यक्रम के दौरान बच्चों से चर्चा करने एवं उनसे “हमर तिरंगा” कार्यक्रम के संबंध में फीडबैक लेने स्कूल शिक्षा सचिव डॉ. एस. भारतीदासन द्वारा पंडरी सिटी सेंटर में उपस्थित हुए। बच्चों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एवं स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम को उन्हें माल में जाकर गांधी फिल्म देखने का अवसर देने के लिए बहुत आभार जताया। उन्होंने बताया कि वे पहली बार अपने स्कूल के साथियों के साथ मिलकर माल में फिल्म का आनन्द लेने जा रहे हैं और वे इसके लिए बहुत उत्साहित हैं।

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पूरे उत्साह के साथ

दुर्ग शहर विधायक अरूण वोरा ने भी बच्चों के साथ “गांधी” फिल्म का आंनद लिया। इस अवसर पर प्रबंध संचालक राज्य परियोजना कार्यालय समग्र शिक्षा नरेंद्र दुग्गा, जिला शिक्षा अधिकारी अभय जायसवाल और अन्य अधिकारीगण के साथ उपस्थित होकर पूरी फिल्म का आनन्द लिया।गांधी फिल्म दिखाने के पीछे राज्य शासन का मंशा मुख्य रूप से बच्चों में गांधी जी के सिद्धांतों के प्रति समझ विकसित करना, उनके सत्य एवं अहिंसा के रास्ते को अपने जीवन में उतारने का प्रयास करना एवं हमें अंग्रेजों से अहिंसा के मार्ग पर चलकर किस प्रकार से आजादी मिली, इस तथ्य से परिचित करना था।

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 दुर्ग जिले में समग्र शिक्षा

इस अवसर पर दुर्ग जिले में समग्र शिक्षा के प्रबंध संचालक नरेंद्र दुग्गा ने बच्चों को संबोधित किया और इस वर्ष “हमर तिरंगा” कार्यक्रम के अंतर्गत कक्षा ग्यारहवीं एवं बारहवीं के लगभग पांच लाख बच्चों को “गांधी” फिल्म दिखाने का लक्ष्य जिलों को दिया गया है। बच्चों को फिल्म देखने के बाद गांधी जी के जीवन से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर आपस में चर्चा करवाए जाने के निर्देश भी दिए गए। कबीरधाम जिले में स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम के विद्यार्थियों ने इस कार्यक्रम में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। जांजगीर-चांपा के राष्ट्रीय सेवा योजना के विद्यार्थियों ने प्रभात फेरी निकालकर समुदाय को स्वतंत्रता आन्दोलन के प्रति जन-जागरूकता विकसित करने का प्रयास किया। विभिन्न स्कूलों में बच्चों ने आज के इस पल को यादगार बनाने हेतु पारंपरिक वेशभूषा में सजकर शाला में उपस्थित होकर सांस्कृतिक कार्यक्रम में सहभागिता ली।

कोरिया जिले में बच्चों की प्रभात रैली को जिले के अधिकारियों ने स्वागत कर रवाना किया, बच्चों ने प्रभात फेरी निकाली। अधिकांश स्थानों में बच्चों ने अपने स्कूल के स्मार्ट कक्षाओं के स्क्रीन पर भी गांधी फिल्म का आनन्द लिया। बालवाड़ी के बच्चों ने भी अपने प्राथमिक शाला के सहपाठियों के साथ मिलकर हमर तिरंगा कार्यक्रम में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। बलरामपुर जिले में गाँवों में दीवार लेखन के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार करने का कार्य किया गया। हमर तिरंगा कार्यक्रम के अंतर्गत 22 एवं 23 अगस्त को स्कूलों में बच्चों की प्रतियोगिताएं- चित्रकला, पोस्टर, रंगोली, नुक्कड़ नाटक, एकल-युगल-सामूहिक नृत्य, बड़े-बुजुर्गों द्वारा कहानी सुनाना, समुदाय की ओर से देशभक्ति गीत आदि के कार्यक्रम रखे गए हैं। शालाओं में इसके लिए तैयारी करने के निर्देश दिए गए हैं।  

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Bilaspur के नामी LCIT Group of Institutions का छात्रों के साथ भयानक फर्जीवाड़ा : वादे बड़े-बड़े, हकीकत पानी-पानी!

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LCIT Group of College bilaspur

बिलासपुर: LCIT Group of Institutions – Bilaspur, जो हर साल एडमिशन के दौरान बड़े-बड़े वादे और लुभावने दावे करता है, उसकी सच्चाई अब धीरे-धीरे सामने आने लगी है। दावा किया जाता है कि यहां आधुनिक लैब्स, अनुभवी फैकल्टी और विश्वस्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर मिलेगा — लेकिन ग्राउंड रियलिटी कुछ और ही कहानी बयां कर रही है।

बारिश आई, लैब्स ने छलनी बनकर स्वागत किया!
हमें मिले वीडियो में कॉलेज की लैब्स से टपकती छतें साफ़ दिखाई दे रही हैं। जहां स्टूडेंट्स को मशीनों के साथ प्रैक्टिकल करना चाहिए था, वहां अब पानी से बचने के लिए प्लास्टिक की बाल्टियाँ रखी जा रही हैं। सवाल ये उठता है कि जब प्रयोगशालाएं ही सुरक्षित नहीं, तो शिक्षा कितनी सुरक्षित होगी?

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फैकल्टी? बस कागज़ों पर!
सूत्रों के अनुसार, यहां कई फैकल्टी सदस्य केवल ऑन पेपर मौजूद हैं। यानी नाम तो है, पर काम में कहीं नजर नहीं आते। छात्रों का कहना है कि कई विषयों की क्लास ही नियमित नहीं होती।

इंजीनियरिंग प्रिंसिपल भी सिर्फ नाम के!
कहा जा रहा है कि इंजीनियरिंग कॉलेज का प्रिंसिपल भी फुल टाइम नहीं है, बल्कि केवल औपचारिकता निभाने के लिए कागजों पर मौजूद हैं। यह छात्रों के भविष्य के साथ खुला मज़ाक है।

स्टाफ की नियुक्ति पर भी सवाल
बताया जा रहा है कि अधिकांश स्टाफ या तो यहीं के पुराने छात्र हैं या फिर अन्य कॉलेज से किसी वजह से हटाए गए लोग हैं। इससे शिक्षा की गुणवत्ता पर गंभीर प्रश्नचिह्न लग जाता है।

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🎙 बिलासपुर के इस संस्थान की मार्केटिंग चमचमाती है, लेकिन हकीकत में ढहती छतें, दिखावटी स्टाफ और खोखले दावे छात्रों के सपनों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। ज़रूरत है कि शिक्षा को सिर्फ व्यापार न बनाकर, जिम्मेदारी समझा जाए

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छत्तीसगढ़

CG News: सुरक्षाबलों की बड़ी कामयाबी, घने जंगलों से भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद

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बीजापुर के कोमटपल्ली के जंगलों से जवानों ने भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद किया है। घने जंगल में पहाड़ों के बीच नक्सलियों ने सामग्री छुपाकर रखा था।

बीजापुर: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सुरक्षाबलों के जवानों को बड़ी सफलता मिली है। जवानों ने भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद किया है। नक्सलियों ने कोमटपल्ली जंगल-पहाड़ में बड़े चट्टानों के बीच हथियार और अन्य सामान छुपा कर रखा था। जिसे सर्चिंग के दौरान जवानों की संयुक्त टीम ने बरामद किया है।

बरामद किए गए सामग्रियों में गैस वेल्डिंग मशीन मय नोजल, आक्सीजन सिलेण्डर, गैस वेल्डिंग में उपयोग आने वाला पावडर- 8 डिब्बा, इन्वर्टर- 1 नग, स्टेबलाईजर 5 नग, स्टील कंटेनर 3 नग, कमर्सियल मोटर 3 नग, ब्लोवर(धौकनी मशीन)- 2 नग, ग्लेण्डर मोटर- 1 नग, वेल्डिंग राड 200 नग, टुकड़ा लोहे का राड छोटा बड़ा 3- 3 नग, खाली मैग्जीन 3 नग, इलेक्ट्रिक स्वीच- 65 नग, रायफल सिलिंग -08 नग और 2 नग पोच शामिल है।

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छत्तीसगढ़

निर्देश के बाद भी लापरवाही: धड़ल्ले से जल रही पराली, प्रदूषण बढ़ने का मंडरा रहा खतरा

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नगरी में रबि फसल की तैयारी के लिए किसान लगातार खेतों में पराली को आग के हवाले कर रहे हैं। जिसके चलते प्रदूषण का खतरा मंडरा रहा है।

छत्तीसगढ़ के नगरी के किसान इन दिनों रबि फसल की तैयारी में जुट गए हैं। इसी के साथ खेतों में लगातार पराली जलाने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। किसान लगातार खेतों में पराली को आग के हवाले कर रहे हैं जिसके चलते प्रदूषण का खतरा मंडरा रहा है। वहीं इन किसानों को पराली जलाने से रोकने वाला भी कोई नहीं है।

दरअसल, जिला प्रशासन ने पैरादान करने का निर्देश दिया था। इसके बाद भी किसान लगातार पराली को आग के हवाले कर रहे हैं। जिसके कारण प्रदूषण फैलने की संभावना बढ़ गई है। नगरी सिहावा के आसपास के गांव के अधिकतर किसान पैरा में जलाते हुए नजर आ रहे है। वहीं विभागीय अधिकारी का उदासीनता के चलते भी किसान बेख़ौफ़ होकर पराली जला रहे हैं।

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