Connect with us

देश

सीरिया में रहने वाले भारतीय जल्द से जल्द देश छोड़ें, भारत सरकार ने जारी की ट्रैवल एडवाइजरी

avatar

Published

on

Travel Advisory: सीरिया में विद्रोहियों ने 27 नवंबर से बशर अल-असद सरकार के खिलाफ जबरदस्त आक्रामक अभियान छेड़ रखा है, जिसके चलते कम से कम 3 लाख 70 हजार लोग विस्थापित हुए हैं।

Travel Advisory: सीरिया में बढ़ते संघर्ष और विद्रोही ताकतों की तेज़ हमले की स्थिति को देखते हुए भारतीय विदेश मंत्रालय (MEA) ने अपने नागरिकों को सीरिया की यात्रा से बचने और वहां मौजूद भारतीयों को तुरंत देश छोड़ने की सलाह दी है। सीरिया में विद्रोही ताकतों ने पिछले महीने 27 नवंबर से राष्ट्रपति बशर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। अब तक 3.70 लाख लोग विस्थापित हो चुके हैं। सीरियाई सरकार विरोधी लड़ाकों ने पिछले दिनों मध्य-पश्चिमी शहर हामा पर कब्जा कर शुक्रवार को जश्न मनाया।

विदेश मंत्रालय ने ट्रैवल एडवाइजरी में क्या कहा?
विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार रात जारी एक बयान में कहा, “सीरिया में मौजूदा स्थिति के मद्देनज़र भारतीय नागरिकों को अगले आदेश तक सीरिया की यात्रा करने से बचने की सलाह दी जाती है। जो भारतीय पहले से सीरिया में मौजूद हैं, उनसे अनुरोध है कि वे जल्द से जल्द उपलब्ध वाणिज्यिक उड़ानों से देश छोड़ दें और अपनी सुरक्षा को लेकर सतर्क रहें।”

यह भी पढ़ें   मुख्यमंत्री की तखतपुर में बड़ी घोषणाएं: स्वास्थ्य, शिक्षा और विकास को मिलेगा बढ़ावा

दूतावास से संपर्क के लिए हेल्पलाइन
विदेश मंत्रालय ने सीरिया में मौजूद भारतीय नागरिकों को भारतीय दूतावास, दमिश्क से संपर्क करने की अपील की है। दूतावास के इमरजेंसी हेल्पलाइन नंबर +963 993385973 (वॉट्सऐप पर भी उपलब्ध) और ईमेल आईडी hoc.damascus@mea.gov.in के जरिए मदद ली जा सकती है।

3.70 लाख से ज्यादा लोग हुए विस्थापित
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, सीरिया में विद्रोही ताकतों ने 27 नवंबर 2024 से राष्ट्रपति बशर अल-असद की सरकार के खिलाफ तेज़ हमले शुरू किए हैं, जिससे अब तक कम से कम 3 लाख 70 हजार लोग विस्थापित हो चुके हैं। विद्रोही समूहों में हयात तहरीर अल-शाम (HTS) और तुर्की समर्थित सीरियन नेशनल आर्मी शामिल हैं। इन विद्रोहियों ने होम्स और राजधानी दमिश्क तक पहुंचने की कसम खाई है।

यह भी पढ़ें   तेजस्वी प्रकाश से लेकर जैस्मिन भसीन तक... ये स्टार्स मनाते है ईद का जश्न

भारतीय विदेश मंत्रालय की प्रतिक्रिया
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जयसवाल ने कहा- “हम सीरिया के उत्तर में हालिया संघर्ष में बढ़ोतरी को लेकर स्थिति पर नज़र बनाए हुए हैं। सीरिया में करीब 90 भारतीय नागरिक हैं, जिनमें 14 अलग-अलग संयुक्त राष्ट्र संगठनों में कार्यरत हैं। हमारी मिशन टीम उनके संपर्क में है और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पूरी कोशिश कर रही है।” जयसवाल ने यह भी कहा कि मंत्रालय भारतीय नागरिकों की सुरक्षा के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है और स्थिति पर लगातार निगरानी रखी जा रही है। सभी भारतीय नागरिकों से अनुरोध है कि वे अपनी सुरक्षा को प्राथमिकता दें और जल्द से जल्द सीरिया से बाहर निकलें। उन्होंने शुक्रवार को वीकली मीडिया ब्रीफिंग में यह जानकारियां साझा कीं।

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

देश

सीहोर में ब्रिज निर्माण के लिए खुदाई करते समय धंसी मिट्टी, 3 मजदूरों की दबने से मौत

avatar

Published

on

मध्य प्रदेश के सीहोर में सोमवार (23 दिसंबर) को बड़ी घटना हो गई। ब्रिज निर्माण के लिए खुदाई करते समय अचानक मिट्टी धंस गई। दबने से तीन मजदूरों की मौत हो गई। एक को सुरक्षित निकाल लिया।

मध्य प्रदेश के सीहोर में सोमवार (23 दिसंबर) को बड़ी घटना हो गई। बुधनी में ब्रिज का निर्माण कार्य चल रहा है। पुलिया के पास खुदाई करते समय अचानक मिट्टी धंस गई। मिट्‌टी में दबने से 3 मजदूरों की मौत हो गई। एक को रेस्क्यू टीम ने सुरक्षित निकालकर अस्पताल पहुंचाया है। घटना शाहगंज थाना क्षेत्र के सियागहन गांव की है। पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।

यह भी पढ़ें   29 नवंबर राशिफ़ल: जानिए कैसा होगा आपका आज का दिन

रेस्क्यू कर एक को सुरक्षित बाहर निकाला
शाहगंज थाना क्षेत्र के सियागहन गांव में ब्रिज का निर्माण कार्य चल रहा है। सोमवार को चार मजदूर निर्माण के लिए दूसरी पुलिया के पास से मिट्टी खोद रहे थे। खुदाई के समय अचानक मिट्टी धंस गई। सूचना मिलने पर पुलिस और प्रशासन की टीम पहुंची। रेस्क्यू टीम ने एक मजदूर को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। तीन की मौत हो गई।

हादसे में इनकी हुई मौत
पुलिस के मुताबिक, लटेरी (विदिशा) निवासी करण (18) पिता घनश्याम, रामकृष्ण उर्फ रामू (32) पिता मांगीलाल गौड और गुना के रहने वाले भगवान लाल पिता बरसादी गौड़ की मौत हो गई। लटेरी निवासी वीरेंद्र पिता सुखराम गौड (25) को सुरक्षित बाहर निकाला गया। वीरेंद्र को नर्मदापुरम रेफर किया है।

यह भी पढ़ें   भारत में 7 चरणों में होंगे लोकसभा के चुनाव

राजलक्ष्मी कंस्ट्रक्शन करवा रहा निर्माण
प्रशासनिक अधिकारियों के मुताबिक, राजलक्ष्मी कंस्ट्रक्शन पुलिया का निर्माण कार्य करा रहा है। पुलिया सियागहन और मंगरोल गांव को जोड़ती है। पुलिया की रिटेनिंग वॉल बनाते समय पहले से बनी रोड की रिटेनिंग वॉल का स्लैब धंस गया। पोकलेन मशीन से मिट्टी हटाकर चारों मजदूरों को बाहर निकाला गया, लेकिन तीन की मौत हो गई। वीरेंद्र का इलाज चल रहा है।

Continue Reading

देश

इंजीनियर अतुल के बेटे की कस्टडी को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला, 4 साल के बच्चे की तलाश जारी

avatar

Published

on

Atul Subhash Suicide: एआई इंजीनियर का परिवार बिहार के समस्तीपुर में रहता है। निकिता और अतुल का 4 साल का एक बेटा है। अतुल के पिता पीएम मोदी से पोते की कस्टडी दिलाने की गुहार लगा चुके हैं।

Atul Subhash Suicide: बेंगलुरु के इंजीनियर अतुल सुभाष की मां अंजू मोदी ने अपने 4 साल के पोते की कस्टडी के लिए शुक्रवार (20 दिसंबर) को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की। सुभाष ने अपने सुसाइड नोट और वीडियो में पत्नी निकिता सिंघानिया और ससुराल पक्ष पर उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए थे। जिसके बाद बेंगलुरु पुलिस ने निकिता समेत तीन लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। बता दें कि एआई इंजीनियर अतुल ने पिछले 9 दिसंबर को बेंगलुरु स्थित अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी।

पोते के ठिकाने को लेकर गहरी चिंता
अंजू मोदी ने पोते के ठिकाने का पता लगाने और उसकी कस्टडी सुनिश्चित करने के लिए हैबियस कॉर्पस याचिका दाखिल की है। इसमें दावा है कि न तो सुभाष की अलग रह रही पत्नी निकिता सिंघानिया और न ही उनके परिवार के किसी सदस्य, जो फिलहाल हिरासत में हैं, ने बच्चे के ठिकाने की जानकारी दी है। दूसरी ओर, निकिता ने पुलिस से कहा था कि उसका बेटा फरीदाबाद के एक बोर्डिंग स्कूल में पढ़ाई कर रहा है और उसके चाचा सुशील सिंघानिया की देखरेख में है। लेकिन सुशील ने बच्चे की स्थिति की जानकारी होने से इनकार किया है।

यह भी पढ़ें   घरों के बाहर लिखा, हिंदुओं मकान खाली करो... पुलिस ने केस दर्ज कर शुरू की जांच

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्यों से जवाब मांगा
जस्टिस बीवी नागरथना और जस्टिस एन कोटिस्वर सिंह की बेंच ने उत्तर प्रदेश, हरियाणा और कर्नाटक की सरकारों को नोटिस जारी कर बच्चे की स्थिति स्पष्ट करने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई 7 जनवरी को होगी।

अतुल सुभाष की आत्महत्या से जुड़ी गिरफ्तारी
इंजीनियर सुभाष की आत्महत्या के मामले में कई गिरफ्तारियां हुई हैं। पत्नी निकिता सिंघानिया, सास निशा सिंघानिया और साले अनुराग सिंघानिया को बेंगलुरु पुलिस ने 16 दिसंबर को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने सुभाष के छोड़े गए सुसाइड नोट और वीडियो के आधार पर तीनों पर आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया है। अभी वे न्यायिक हिरासत में हैं।

सिंघानिया फैमिली ने जमानत याचिका लगाई
निकिता सिंघानिया के परिजनों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में इस मामले में अग्रिम जमानत के लिए अपील की है। वरिष्ठ वकील मनीष तिवारी ने सुशील सिंघानिया की उम्र (69 वर्ष) और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का हवाला देते हुए आरोपों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने का दावा किया। जस्टिस आशुतोष श्रीवास्तव ने सुशील को 50 हजार रुपए के निजी मुचलके और सख्त शर्तों के साथ अग्रिम जमानत दी है, जिसमें पुलिस जांच के लिए उपलब्ध रहना और पासपोर्ट सरेंडर करना शामिल है।

यह भी पढ़ें   29 नवंबर राशिफ़ल: जानिए कैसा होगा आपका आज का दिन

अतुल सुभाष के परिवार की क्या है मांग?

इंजीनियर अतुल सुभाष के परिवार ने आरोप लगाया कि निकिता और उनके परिवार ने झूठे कानूनी मामलों और पैसों की मांग कर अतुल को बुरी तरह प्रताड़ित किया। पिता पवन कुमार और भाई बिकास कुमार ने अतुल की अस्थियों को तब तक न बहाने की कसम खाई है जब तक उन्हें न्याय नहीं मिलता।

भाई बिकास कुमार ने कहा- ‘जो लोग इस घटना के पीछे हैं, उन्हें भी गिरफ्तार किया जाना चाहिए। जब तक हमारे खिलाफ झूठे मामले वापस नहीं लिए जाते, हमें न्याय नहीं मिलेगा। हमारा संघर्ष जारी रहेगा।’

बिकास ने अपने भतीजे की सुरक्षा पर भी चिंता जताई और कहा- ‘मुझे अपने भतीजे (अतुल के बेटे) की सुरक्षा की चिंता है। हमने उसे हाल की तस्वीरों में नहीं देखा है। हम उसके ठिकाने की जानकारी चाहते हैं और उसकी कस्टडी जल्द से जल्द चाहते हैं।’

Continue Reading

देश

10 वंदे भारत स्लीपर ट्रेनें निर्माणाधीन, 200 रेक का निर्माण प्रौद्योगिकी साझेदारों के जिम्मे: अश्विनी वैष्णव

avatar

Published

on

  • विश्व स्तरीय यात्रा के अनुभव के लिए भारतीय रेल अप्रैल 2018 से केवल एलएचबी कोच बना रहा है; 2004-14 की तुलना में 2014-24 के दौरान निर्मित एलएचबी कोचों की संख्या 16 गुना से अधिक है।
  • “सुगम्य भारत मिशन” के हिस्से के रूप में भारतीय रेल दिव्यांगजनों और कम गतिशीलता वाले यात्रियों को अधिकांश मेल/एक्सप्रेस रेलगाड़ियों और वंदे भारत ट्रेनों में व्यापक सुविधाएं प्रदान करता है।

वर्तमान में देश में लंबी और मध्यम दूरी की यात्रा के लिए 10 वंदे भारत स्लीपर ट्रेनें निर्माणाधीन हैं। पहला प्रोटोटाइप निर्मित हो चुका है और इसका फील्ड ट्रायल किया जाएगा। इसके अलावा, 200 वंदे भारत स्लीपर रेक के निर्माण का काम भी प्रौद्योगिकी भागीदारों को सौंपा गया है। सभी रेलगाड़ियों के उपयोग में आने की समयसीमा उनके सफल परीक्षणों पर निर्भर है। 02 दिसंबर 2024 तक, देश भर में छोटी और मध्यम दूरी की यात्रा के लिए भारतीय रेल के ब्रॉड गेज विद्युतीकृत नेटवर्क पर 136 वंदे भारत रेलगाड़ी सेवाएं जारी हैं।

यह भी पढ़ें   भारत में 7 चरणों में होंगे लोकसभा के चुनाव

रेल, सूचना एवं प्रसारण तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में एक वक्तव्य में कहा कि विश्व स्तरीय यात्रा का अनुभव प्रदान करने के लिए भारतीय रेल के ब्रॉड गेज विद्युतीकृत नेटवर्क पर वर्तमान में चेयर कार वाली 136 वंदे भारत रेल सेवाएं जारी हैं। अक्टूबर 2024 तक वंदे भारत एक्सप्रेस रेलगाड़ियों की कुल क्षमता 100% से अधिक होगी।

एक अन्य प्रश्न के उत्तर में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारतीय रेल की उत्पादन इकाइयां अप्रैल 2018 से केवल एलएचबी कोच बना रही हैं। पिछले कुछ वर्षों में एलएचबी कोच का उत्पादन लगातार बढ़ा है। 2014-24 के दौरान निर्मित एलएचबी कोच की संख्या 2004-14 के दौरान निर्मित (2,337) संख्या से 16 गुना (36,933) अधिक है। भारतीय रेल (आईआर) ने एलएचबी कोचों की भरमार कर दी है जो तकनीकी रूप से बेहतर हैं और इनमें एंटी क्लाइम्बिंग व्यवस्था, विफलता संकेत प्रणाली के साथ एयर सस्पेंशन और कम संक्षारक शेल जैसी विशेषताएं हैं।

यह भी पढ़ें   NZ vs PAK : पहले कप्तानी और अब बाबर आजम का पसंदीदा स्पॉट भी छिना! युवा खिलाड़ी को मिलेगा मौका

“सुगम्य भारत मिशन” (सुलभ भारत अभियान) के हिस्से के रूप में, भारतीय रेल दिव्यांगजनों और कम गतिशीलता वाले यात्रियों के लिए सुगमता सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण प्रगति कर रहा है। दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 के दिशा-निर्देशों के अंतर्गत, रैंप, सुलभ पार्किंग, ब्रेल और स्पर्शनीय संकेत, कम ऊंचाई वाले काउंटर और लिफ्ट/एस्कलेटर जैसी व्यापक सुविधाएँ प्रदान की गई हैं।

नवंबर 2024 तक भारतीय रेल ने 399 स्टेशनों पर 1,512 एस्कलेटर और 609 स्टेशनों पर 1,607 लिफ्टें स्थापित की थीं जो पिछले दशक की तुलना में उल्लेखनीय वृद्धि को दर्शाता है – क्रमशः 9 और 14 गुना की वृद्धि। इसके अलावा, अधिकांश मेल और एक्सप्रेस रेलगाड़ियों में चौड़े प्रवेश द्वार, सुलभ शौचालय और व्हीलचेयर पार्किंग वाले कोच उपलब्ध हैं, जबकि वंदे भारत रेलगाड़ियां दिव्यांगजनों के लिए स्वचालित दरवाजे, निर्धारित स्थान और ब्रेल साइनेज जैसी सुविधाओं के साथ बेहतर सुगमता प्रदान करती हैं।

Continue Reading
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement

Trending