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छत्तीसगढ़

महतारियों के लिए खुशखबरी : महतारी वंदन योजना के जरिए हर महीने पहली तारीख को आएगा पैसा, सीएम ने सभा में किया ऐलान

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10 मार्च तक महतारियों के खाते में पहली किस्त पहुंच गई थी। लेकिन अब दूसरी किस्त 1 अप्रैल को मिल जाएगी। सीएम विष्णुदेव साय ने किया ऐलान…

रायपुर- सीएम विष्णुदेव साय ने महतारी वंदन योजना के हितग्राहियों को बड़ी राहत दी है। महिलाओं के खाते में पहली किस्त तो 8 मार्च को देने का ऐलान किया था। हालांकि बाद में इस तारीख को बदलकर 10 मार्च तक महतारियों के खाते में पहली किस्त पहुंच गई थी। लेकिन अब दूसरी किस्त 1 अप्रैल को मिल जाएगी। दरअसल, सीएम साय ने बालोद के डौंडीलोहारा में सभा को संबोधित करते हुए कहा कि, 1st अप्रैल को महतारियों के खाते में एक हजार रुपए डाले जाएंगे। अब हर बार महीने की पहले हफ्ते में खातों में पैसा आ जाएगा। 

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बता दें, पीएम नरेंद्र मोदी ने 10 मार्च को छत्तीसगढ़ में महतारी वंदन योजना की शुरूआत की थी। जिसके तहत सीएम साय के नेतृत्व में राज्य में महतारी वंदन योजना के तहत महिलाओं को एक-एक हजार रूपए डीबीटी के माध्यम से दिए गए हैं। इस योजना के तहत एक-एक हजार रूपए प्रतिमाह 1000 और साल में 12 हजार रूपए महिलाओं के बैंक खातों में डाले जाएंगे। 

पीएम ने बताया 8 मार्च को खाते में पैसा क्यों नहीं आया 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छत्तीसगढ़ में महतारी वंदन योजना की शुरूआत करते हुए 10 मार्च को 70 लाख 12 हजार 417 महिलाओं के खाते में 1000-1000 रूपए की प्रथम किश्त की राशि अंतरित की थी। महिलाओं के खाते में 655 करोड़ रुपए 57 लाख रुपए की राशि अंतरित की गई। प्रधानमंत्री ने कहा कि, हमारी माताओं-बहनों को छत्तीसगढ़ सरकार नियमित रूप से हर माह 1000 रूपए की राशि देगी। उन्होंने कहा कि, 8 मार्च को शिवरात्रि की वजह से यह कार्यक्रम नहीं किया जा सका, लेकिन आज बाबा भोले की नगरी से एक हजार रुपए पहुंच रहा है। साथ ही भोले बाबा का आशीर्वाद भी पहुंच रहा है। आप सभी के खातों में हर महीने बिना किसी परेशानी के ये पैसा आता रहेगा।

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Bilaspur के नामी LCIT Group of Institutions का छात्रों के साथ भयानक फर्जीवाड़ा : वादे बड़े-बड़े, हकीकत पानी-पानी!

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LCIT Group of College bilaspur

बिलासपुर: LCIT Group of Institutions – Bilaspur, जो हर साल एडमिशन के दौरान बड़े-बड़े वादे और लुभावने दावे करता है, उसकी सच्चाई अब धीरे-धीरे सामने आने लगी है। दावा किया जाता है कि यहां आधुनिक लैब्स, अनुभवी फैकल्टी और विश्वस्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर मिलेगा — लेकिन ग्राउंड रियलिटी कुछ और ही कहानी बयां कर रही है।

बारिश आई, लैब्स ने छलनी बनकर स्वागत किया!
हमें मिले वीडियो में कॉलेज की लैब्स से टपकती छतें साफ़ दिखाई दे रही हैं। जहां स्टूडेंट्स को मशीनों के साथ प्रैक्टिकल करना चाहिए था, वहां अब पानी से बचने के लिए प्लास्टिक की बाल्टियाँ रखी जा रही हैं। सवाल ये उठता है कि जब प्रयोगशालाएं ही सुरक्षित नहीं, तो शिक्षा कितनी सुरक्षित होगी?

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फैकल्टी? बस कागज़ों पर!
सूत्रों के अनुसार, यहां कई फैकल्टी सदस्य केवल ऑन पेपर मौजूद हैं। यानी नाम तो है, पर काम में कहीं नजर नहीं आते। छात्रों का कहना है कि कई विषयों की क्लास ही नियमित नहीं होती।

इंजीनियरिंग प्रिंसिपल भी सिर्फ नाम के!
कहा जा रहा है कि इंजीनियरिंग कॉलेज का प्रिंसिपल भी फुल टाइम नहीं है, बल्कि केवल औपचारिकता निभाने के लिए कागजों पर मौजूद हैं। यह छात्रों के भविष्य के साथ खुला मज़ाक है।

स्टाफ की नियुक्ति पर भी सवाल
बताया जा रहा है कि अधिकांश स्टाफ या तो यहीं के पुराने छात्र हैं या फिर अन्य कॉलेज से किसी वजह से हटाए गए लोग हैं। इससे शिक्षा की गुणवत्ता पर गंभीर प्रश्नचिह्न लग जाता है।

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🎙 बिलासपुर के इस संस्थान की मार्केटिंग चमचमाती है, लेकिन हकीकत में ढहती छतें, दिखावटी स्टाफ और खोखले दावे छात्रों के सपनों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। ज़रूरत है कि शिक्षा को सिर्फ व्यापार न बनाकर, जिम्मेदारी समझा जाए

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छत्तीसगढ़

CG News: सुरक्षाबलों की बड़ी कामयाबी, घने जंगलों से भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद

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बीजापुर के कोमटपल्ली के जंगलों से जवानों ने भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद किया है। घने जंगल में पहाड़ों के बीच नक्सलियों ने सामग्री छुपाकर रखा था।

बीजापुर: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सुरक्षाबलों के जवानों को बड़ी सफलता मिली है। जवानों ने भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद किया है। नक्सलियों ने कोमटपल्ली जंगल-पहाड़ में बड़े चट्टानों के बीच हथियार और अन्य सामान छुपा कर रखा था। जिसे सर्चिंग के दौरान जवानों की संयुक्त टीम ने बरामद किया है।

बरामद किए गए सामग्रियों में गैस वेल्डिंग मशीन मय नोजल, आक्सीजन सिलेण्डर, गैस वेल्डिंग में उपयोग आने वाला पावडर- 8 डिब्बा, इन्वर्टर- 1 नग, स्टेबलाईजर 5 नग, स्टील कंटेनर 3 नग, कमर्सियल मोटर 3 नग, ब्लोवर(धौकनी मशीन)- 2 नग, ग्लेण्डर मोटर- 1 नग, वेल्डिंग राड 200 नग, टुकड़ा लोहे का राड छोटा बड़ा 3- 3 नग, खाली मैग्जीन 3 नग, इलेक्ट्रिक स्वीच- 65 नग, रायफल सिलिंग -08 नग और 2 नग पोच शामिल है।

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छत्तीसगढ़

निर्देश के बाद भी लापरवाही: धड़ल्ले से जल रही पराली, प्रदूषण बढ़ने का मंडरा रहा खतरा

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नगरी में रबि फसल की तैयारी के लिए किसान लगातार खेतों में पराली को आग के हवाले कर रहे हैं। जिसके चलते प्रदूषण का खतरा मंडरा रहा है।

छत्तीसगढ़ के नगरी के किसान इन दिनों रबि फसल की तैयारी में जुट गए हैं। इसी के साथ खेतों में लगातार पराली जलाने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। किसान लगातार खेतों में पराली को आग के हवाले कर रहे हैं जिसके चलते प्रदूषण का खतरा मंडरा रहा है। वहीं इन किसानों को पराली जलाने से रोकने वाला भी कोई नहीं है।

दरअसल, जिला प्रशासन ने पैरादान करने का निर्देश दिया था। इसके बाद भी किसान लगातार पराली को आग के हवाले कर रहे हैं। जिसके कारण प्रदूषण फैलने की संभावना बढ़ गई है। नगरी सिहावा के आसपास के गांव के अधिकतर किसान पैरा में जलाते हुए नजर आ रहे है। वहीं विभागीय अधिकारी का उदासीनता के चलते भी किसान बेख़ौफ़ होकर पराली जला रहे हैं।

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