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छत्तीसगढ़

शासन की योजनाओं को अंतिम छोर के व्यक्ति तक पहुँचाना सर्वाेच्च प्राथमिकता : प्रभारी मंत्री जयसिंह अग्रवाल

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बिलासपुर। छत्तीसगढ़ शासन के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन, पुनर्वास तथा वाणिज्यिक कर एवं जिले के प्रभारी मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने आज मंथन सभाकक्ष मंे विभागीय कामकाज की समीक्षा की। मंत्री अग्रवाल ने कहा कि शासकीय योजनाओं को अंतिम छोर के व्यक्ति तक पहंुचाना शासन की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। उन्होंने बिलासपुर पेण्ड्रीडीह बायपास, तिफरा फ्लाईओवर, शिवघाट, पचरीघाट बैराज एवं अरपा नदी के दोनों ओर सड़क निर्माण एवं सौंदर्यीकरण कार्य सहित अन्य विकास कार्याें को द्रुत गति से पूर्ण करने के निर्देश दिए।

बैठक में प्रभारी मंत्री अग्रवाल ने बिलासपुर स्मार्ट सिटी योजना के अंतर्गत 93 करोड़ 70 लाख रूपए की लागत से अरपा नदी के दोनों ओर सड़क निर्माण एवं सौंदर्यीकरण योजना की प्रगति की जानकारी ली। नगर निगम कमिश्नर ने बताया कि योजना के अंतर्गत नदी के दोनों किनारों पर इंदिरा सेतु से शनिचरी रपटा तक 1.80 किलोमीटर की फोरलेन आधुनिक सड़क बनाई जाएगी। वर्तमान में डिसिल्टिंग का कार्य किया जा रहा है। अब तक 1 लाख 20 हजार क्यूबिक मीटर सिल्ट निकाला जा चुका है। इस सिल्ट का उपयोग सड़क बनाने में फीलर सामग्री के रूप में किया जाएगा। उन्होंने शिवघाट, पचरीघाट बैराज की भी जानकारी ली। जल संसाधन विभाग के अधिकारी ने बताया कि शिवघाट का कार्य 25 प्रतिशत एवं पचरीघाट बैराज का कार्य 15 प्रतिशत पूर्ण कर लिया गया है।

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प्रभारी मंत्री अग्रवाल ने शिवघाट एवं पचरीघाट बैराज के कार्य को जून 2022 तक पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कोविड की संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए की जा रही तैयारियों की भी समीक्षा की। अग्रवाल ने कहा कि विशेषज्ञों द्वारा आशंका जताई जा रही है कि कोविड की तीसरी लहर भी आ सकती है। उन्होंने इससे निपटने के लिए ठोस रणनीति बनाते हुए स्वास्थ्य सुविधाओं में विस्तार करने के निर्देश दिए। कलेक्टर डाॅ. सारांश मित्तर ने तीसरी लहर के मद्देनजर की जा रही तैयारियों के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। प्रभारी मंत्री ने कोविड वैक्सीनेशन कार्य को सर्वाेच्च प्राथमिकता देते हुए पात्र सभी लोगों का टीकाकरण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कोविड से बचाव के लिए टीका ही कारगर उपाय है। प्रभारी मंत्री अग्रवाल ने इसके अतिरिक्त बैठक में स्वामी आत्मानंद स्कूल, मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना, गोधन न्याय योजना, लोक सेवा गारंटी, महात्मा गांधी नरेगा सहित अन्य योजनाओं की समीक्षा की। कलेक्टर ने जिले में संचालित सभी योजनाओं की प्रगति की जानकारी दी।

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Bilaspur के नामी LCIT Group of Institutions का छात्रों के साथ भयानक फर्जीवाड़ा : वादे बड़े-बड़े, हकीकत पानी-पानी!

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LCIT Group of College bilaspur

बिलासपुर: LCIT Group of Institutions – Bilaspur, जो हर साल एडमिशन के दौरान बड़े-बड़े वादे और लुभावने दावे करता है, उसकी सच्चाई अब धीरे-धीरे सामने आने लगी है। दावा किया जाता है कि यहां आधुनिक लैब्स, अनुभवी फैकल्टी और विश्वस्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर मिलेगा — लेकिन ग्राउंड रियलिटी कुछ और ही कहानी बयां कर रही है।

बारिश आई, लैब्स ने छलनी बनकर स्वागत किया!
हमें मिले वीडियो में कॉलेज की लैब्स से टपकती छतें साफ़ दिखाई दे रही हैं। जहां स्टूडेंट्स को मशीनों के साथ प्रैक्टिकल करना चाहिए था, वहां अब पानी से बचने के लिए प्लास्टिक की बाल्टियाँ रखी जा रही हैं। सवाल ये उठता है कि जब प्रयोगशालाएं ही सुरक्षित नहीं, तो शिक्षा कितनी सुरक्षित होगी?

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फैकल्टी? बस कागज़ों पर!
सूत्रों के अनुसार, यहां कई फैकल्टी सदस्य केवल ऑन पेपर मौजूद हैं। यानी नाम तो है, पर काम में कहीं नजर नहीं आते। छात्रों का कहना है कि कई विषयों की क्लास ही नियमित नहीं होती।

इंजीनियरिंग प्रिंसिपल भी सिर्फ नाम के!
कहा जा रहा है कि इंजीनियरिंग कॉलेज का प्रिंसिपल भी फुल टाइम नहीं है, बल्कि केवल औपचारिकता निभाने के लिए कागजों पर मौजूद हैं। यह छात्रों के भविष्य के साथ खुला मज़ाक है।

स्टाफ की नियुक्ति पर भी सवाल
बताया जा रहा है कि अधिकांश स्टाफ या तो यहीं के पुराने छात्र हैं या फिर अन्य कॉलेज से किसी वजह से हटाए गए लोग हैं। इससे शिक्षा की गुणवत्ता पर गंभीर प्रश्नचिह्न लग जाता है।

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🎙 बिलासपुर के इस संस्थान की मार्केटिंग चमचमाती है, लेकिन हकीकत में ढहती छतें, दिखावटी स्टाफ और खोखले दावे छात्रों के सपनों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। ज़रूरत है कि शिक्षा को सिर्फ व्यापार न बनाकर, जिम्मेदारी समझा जाए

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छत्तीसगढ़

CG News: सुरक्षाबलों की बड़ी कामयाबी, घने जंगलों से भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद

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बीजापुर के कोमटपल्ली के जंगलों से जवानों ने भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद किया है। घने जंगल में पहाड़ों के बीच नक्सलियों ने सामग्री छुपाकर रखा था।

बीजापुर: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सुरक्षाबलों के जवानों को बड़ी सफलता मिली है। जवानों ने भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद किया है। नक्सलियों ने कोमटपल्ली जंगल-पहाड़ में बड़े चट्टानों के बीच हथियार और अन्य सामान छुपा कर रखा था। जिसे सर्चिंग के दौरान जवानों की संयुक्त टीम ने बरामद किया है।

बरामद किए गए सामग्रियों में गैस वेल्डिंग मशीन मय नोजल, आक्सीजन सिलेण्डर, गैस वेल्डिंग में उपयोग आने वाला पावडर- 8 डिब्बा, इन्वर्टर- 1 नग, स्टेबलाईजर 5 नग, स्टील कंटेनर 3 नग, कमर्सियल मोटर 3 नग, ब्लोवर(धौकनी मशीन)- 2 नग, ग्लेण्डर मोटर- 1 नग, वेल्डिंग राड 200 नग, टुकड़ा लोहे का राड छोटा बड़ा 3- 3 नग, खाली मैग्जीन 3 नग, इलेक्ट्रिक स्वीच- 65 नग, रायफल सिलिंग -08 नग और 2 नग पोच शामिल है।

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छत्तीसगढ़

निर्देश के बाद भी लापरवाही: धड़ल्ले से जल रही पराली, प्रदूषण बढ़ने का मंडरा रहा खतरा

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नगरी में रबि फसल की तैयारी के लिए किसान लगातार खेतों में पराली को आग के हवाले कर रहे हैं। जिसके चलते प्रदूषण का खतरा मंडरा रहा है।

छत्तीसगढ़ के नगरी के किसान इन दिनों रबि फसल की तैयारी में जुट गए हैं। इसी के साथ खेतों में लगातार पराली जलाने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। किसान लगातार खेतों में पराली को आग के हवाले कर रहे हैं जिसके चलते प्रदूषण का खतरा मंडरा रहा है। वहीं इन किसानों को पराली जलाने से रोकने वाला भी कोई नहीं है।

दरअसल, जिला प्रशासन ने पैरादान करने का निर्देश दिया था। इसके बाद भी किसान लगातार पराली को आग के हवाले कर रहे हैं। जिसके कारण प्रदूषण फैलने की संभावना बढ़ गई है। नगरी सिहावा के आसपास के गांव के अधिकतर किसान पैरा में जलाते हुए नजर आ रहे है। वहीं विभागीय अधिकारी का उदासीनता के चलते भी किसान बेख़ौफ़ होकर पराली जला रहे हैं।

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