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छत्तीसगढ़

साक्षरता सप्ताह के तहत जिले में हुए विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम

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साक्षरता सप्ताह पर हुए विभिन्न कार्यक्रम

राज्य साक्षरता मिशन द्वारा रायपुर में आयोजित उल्लास मेले में जिले के स्टॉल की सराहना

उल्लास नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के तहत साक्षरता की जलाई जा रही अलख

बिलासपुर, 12 सितंबर2024/ 1 से 8 सितंबर तक अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता सप्ताह मनाया गया। जिसके तहत जागरूकता के विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। उल्लास-नव भारत साक्षरता कार्यक्रम के तहत चलाए जा रहे साक्षरता अभियान के द्वारा लोगों को साक्षरता के प्रति जागरूक किया गया। अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस 8 सितंबर को पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम रायपुर में उल्लास नवभारत साक्षरता अभियान प्रदर्शनी उल्लास मेले का आयोजन किया गया जिसमें प्रदेश के सभी जिलों से प्रतिभागी शामिल हुए। मेले में जिले के स्टॉल की सराहना हुई।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि माननीय मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रदर्शनी का उद्घाटन किया एवं अन्य अतिथियों के साथ सभी जिला साक्षरता मिशन प्राधिकरण द्वारा लगाए स्टाल का अवलोकन किया। उल्लास मेला प्रदर्शनी एस सी आर टी व राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण के डायरेक्टर श्री राजेन्द्र कुमार कटारा, के निर्देशन एवं असि डायरेक्टर श्री प्रशांत पांडे, सहा संचालक योजना एवं वित्त श्री दिनेश टांक, प्रकोष्ठ प्रभारी श्री डेकेश्वर वर्मा के नेतृत्व में संचालन किया गया। बिलासपुर जिले के स्टाल में असाक्षरों को अक्षर और अंक ज्ञान कराने के लिए प्रमुख आकर्षण कठपुतली कला से उल्लास जागरूकता,नवाचारी गतिविधियों से अंक ज्ञान, रसोई की दैनिक दिनचर्या की वस्तुओं से सीखना था। नवाचारी प्रयोग उल्लास सेल्फी स्टैंड था जिसे राज्य के मॉडल उल्लास केंद्र में लगाया गया था। स्टाल की सभी अतिथियों ने सराहना की । बिलासपुर की ओर से अक्षर खुमरी को मान मुख्यमंत्री को पहनकर स्वागत किया गया I

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बिलासपुर जिले में जिला साक्षरता मिशन प्राधिकरण का गठन किया गया है जिसके अध्यक्ष कलेक्टर श्री अवनीश शरण, उपाध्यक्ष जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री आर पी चौहान, सचिव जिला शिक्षा अधिकारी श्री टी आर साहू के मार्गदर्शन में जिले में जिला परियोजना अधिकारी श्री जे के पाटले द्वारा उल्लास कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा हैI उल्लास मेला में प्रतिभागी के रूप में सहा परि अधि श्री रमेश गोपाल, मास्टर ट्रेनर श्रीमती आशा उज्जैनी, श्रीमती अनुराधा कौशिक , उषा कोरी, प्रीति चंद्रवंशी, शशि कांत कौशिक, संजय रजक, राजेश सिंह, नितेश सोनाराजा, रविंद्र बागड़े, शिवनाथ यादव, एवं प्रत्येक विकास खंड से 2 स्वयं सेवी शिक्षक, 2 नव साक्षर, सभी ब्लॉक के कार्यक्रम अधिकारी और कर्मचारी सम्मिलित हुए । जहाँ पर स्वयं सेवी शिक्षक हर्ष साहू को मुख्यमंत्री द्वारा शाल एवं मोमेंटो एवं प्रमाण पत्र से सम्मानित किया गया I

उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की सिफारिशों के अनुसार, भारत सरकार ने 2022-2027 तक पाँच साल की अवधि के लिए न्यू इंडिया लिटरेसी प्रोग्राम नामक एक केंद्र प्रायोजित योजना शुरू की है, जिसे लोकप्रिय रूप से उल्लास (समाज में सभी के लिए आजीवन सीखने की समझ) के नाम से जाना जाता है। इस योजना का प्राथमिक उद्देश्य 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के सभी वयस्क असाक्षरों को अक्षर ज्ञान और संख्यात्मक ज्ञान सिखाकर सशक्त बनाना है, तो किसी कारणों से औपचारिक रूप से विद्यालय में अध्ययन का अवसर नहीं मिला हैI यह “उल्लास” नव भारत साक्षरता कार्यक्रम न केवल शिक्षार्थियों को पढ़ने, लिखने और अंकगणित कौशल हासिल करने की अनुमति देता है, बल्कि आजीवन सीखने को प्रोत्साहित करते हुए उन्हें महत्वपूर्ण जीवन कौशल की समझ से समृद्ध भी करता है। इस योजना को स्वैच्छिकता, सामाजिक जिम्मेदारी और कर्तव्यबोध की भावना को बढ़ावा देने के माध्यम से लागू किया गया है। इस कार्यक्रम के क्रियान्वयन के लिए आन लाइन मोड में शिक्षार्थियों को के लिए दीक्षा पोर्टल पर एजुकेशन फॉर ऑल के साथ-साथ उल्लास मोबाइल ऐप के माध्यम से क्षेत्रीय भाषाओं में शिक्षण सामग्री पहुचाई जा रही है और आफ लाइन मोड में स्वयंसेवक शिक्षकों के माध्यम से इन्हें दो सौ घंटे की कक्षा लेकर अक्षर एवं अंक ज्ञान की तालीम दी जा रही है ।

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उल्लास नवभारत साक्षरता कार्यक्रम इस वर्ष के लिए जिला बिलासपुर को 30000 असाक्षरों को 3000 स्वयं सेवी शिक्षक के द्वारा साक्षर करने का लक्ष्य दिया गया है । सचिव स्कूल शिक्षा विभाग छ ग शासन के निर्देशानुसार जिला साक्षरता मिशन प्राधिकरण बिलासपुर के द्वारा स्वयं सेवी शिक्षकों को मास्टर ट्रेनर के माध्यम से ट्रेनिंग दी जा रही है। स्वयं सेवी शिक्षक के रूप में विद्यालय / महाविद्यालय के विद्यार्थी, विद्यालय / महाविद्यालय के पूर्व विद्यार्थी, पूर्व शासकीय कर्मचारी शिक्षक या एनसीसी, एनएसएस के विद्यार्थी हो सकते हैं। यदि स्वयं सेवक शिक्षक के रूप में कक्षा दसवी एवं बारहवी के विद्यार्थी हैं और 10 असाक्षरों को साक्षर करने का कार्य के है तो इन्हें 10 अंक बोनस के प्राप्त होंगेI चयनित ग्राम में साक्षरता उल्लास केंद्र बनाया जावेगा जहां शिक्षार्थीयों को स्वयंसेवी शिक्षकों के द्वारा पढ़ाया लिखाया जाएगा।

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Bilaspur के नामी LCIT Group of Institutions का छात्रों के साथ भयानक फर्जीवाड़ा : वादे बड़े-बड़े, हकीकत पानी-पानी!

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LCIT Group of College bilaspur

बिलासपुर: LCIT Group of Institutions – Bilaspur, जो हर साल एडमिशन के दौरान बड़े-बड़े वादे और लुभावने दावे करता है, उसकी सच्चाई अब धीरे-धीरे सामने आने लगी है। दावा किया जाता है कि यहां आधुनिक लैब्स, अनुभवी फैकल्टी और विश्वस्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर मिलेगा — लेकिन ग्राउंड रियलिटी कुछ और ही कहानी बयां कर रही है।

बारिश आई, लैब्स ने छलनी बनकर स्वागत किया!
हमें मिले वीडियो में कॉलेज की लैब्स से टपकती छतें साफ़ दिखाई दे रही हैं। जहां स्टूडेंट्स को मशीनों के साथ प्रैक्टिकल करना चाहिए था, वहां अब पानी से बचने के लिए प्लास्टिक की बाल्टियाँ रखी जा रही हैं। सवाल ये उठता है कि जब प्रयोगशालाएं ही सुरक्षित नहीं, तो शिक्षा कितनी सुरक्षित होगी?

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फैकल्टी? बस कागज़ों पर!
सूत्रों के अनुसार, यहां कई फैकल्टी सदस्य केवल ऑन पेपर मौजूद हैं। यानी नाम तो है, पर काम में कहीं नजर नहीं आते। छात्रों का कहना है कि कई विषयों की क्लास ही नियमित नहीं होती।

इंजीनियरिंग प्रिंसिपल भी सिर्फ नाम के!
कहा जा रहा है कि इंजीनियरिंग कॉलेज का प्रिंसिपल भी फुल टाइम नहीं है, बल्कि केवल औपचारिकता निभाने के लिए कागजों पर मौजूद हैं। यह छात्रों के भविष्य के साथ खुला मज़ाक है।

स्टाफ की नियुक्ति पर भी सवाल
बताया जा रहा है कि अधिकांश स्टाफ या तो यहीं के पुराने छात्र हैं या फिर अन्य कॉलेज से किसी वजह से हटाए गए लोग हैं। इससे शिक्षा की गुणवत्ता पर गंभीर प्रश्नचिह्न लग जाता है।

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🎙 बिलासपुर के इस संस्थान की मार्केटिंग चमचमाती है, लेकिन हकीकत में ढहती छतें, दिखावटी स्टाफ और खोखले दावे छात्रों के सपनों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। ज़रूरत है कि शिक्षा को सिर्फ व्यापार न बनाकर, जिम्मेदारी समझा जाए

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छत्तीसगढ़

CG News: सुरक्षाबलों की बड़ी कामयाबी, घने जंगलों से भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद

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बीजापुर के कोमटपल्ली के जंगलों से जवानों ने भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद किया है। घने जंगल में पहाड़ों के बीच नक्सलियों ने सामग्री छुपाकर रखा था।

बीजापुर: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सुरक्षाबलों के जवानों को बड़ी सफलता मिली है। जवानों ने भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद किया है। नक्सलियों ने कोमटपल्ली जंगल-पहाड़ में बड़े चट्टानों के बीच हथियार और अन्य सामान छुपा कर रखा था। जिसे सर्चिंग के दौरान जवानों की संयुक्त टीम ने बरामद किया है।

बरामद किए गए सामग्रियों में गैस वेल्डिंग मशीन मय नोजल, आक्सीजन सिलेण्डर, गैस वेल्डिंग में उपयोग आने वाला पावडर- 8 डिब्बा, इन्वर्टर- 1 नग, स्टेबलाईजर 5 नग, स्टील कंटेनर 3 नग, कमर्सियल मोटर 3 नग, ब्लोवर(धौकनी मशीन)- 2 नग, ग्लेण्डर मोटर- 1 नग, वेल्डिंग राड 200 नग, टुकड़ा लोहे का राड छोटा बड़ा 3- 3 नग, खाली मैग्जीन 3 नग, इलेक्ट्रिक स्वीच- 65 नग, रायफल सिलिंग -08 नग और 2 नग पोच शामिल है।

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छत्तीसगढ़

निर्देश के बाद भी लापरवाही: धड़ल्ले से जल रही पराली, प्रदूषण बढ़ने का मंडरा रहा खतरा

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नगरी में रबि फसल की तैयारी के लिए किसान लगातार खेतों में पराली को आग के हवाले कर रहे हैं। जिसके चलते प्रदूषण का खतरा मंडरा रहा है।

छत्तीसगढ़ के नगरी के किसान इन दिनों रबि फसल की तैयारी में जुट गए हैं। इसी के साथ खेतों में लगातार पराली जलाने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। किसान लगातार खेतों में पराली को आग के हवाले कर रहे हैं जिसके चलते प्रदूषण का खतरा मंडरा रहा है। वहीं इन किसानों को पराली जलाने से रोकने वाला भी कोई नहीं है।

दरअसल, जिला प्रशासन ने पैरादान करने का निर्देश दिया था। इसके बाद भी किसान लगातार पराली को आग के हवाले कर रहे हैं। जिसके कारण प्रदूषण फैलने की संभावना बढ़ गई है। नगरी सिहावा के आसपास के गांव के अधिकतर किसान पैरा में जलाते हुए नजर आ रहे है। वहीं विभागीय अधिकारी का उदासीनता के चलते भी किसान बेख़ौफ़ होकर पराली जला रहे हैं।

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