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घर से निकलने से पहले कर लें यह उपाय, मिलेगी श्री गणेश की कृपा

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जीवन में अनेक प्रकार की समस्या आती रहती हैं। ऐसे में जीवन सामान्य रूप ना चल कर समस्या ग्रस्त बना रहता है। अगर आप नीचे दी गई इन समस्याओं से ग्रस्त हैं तो आपके लिए कुछ उपाय दिये जा रहे हैं। जिसे समय-समय पर किया जाए तो बहुत कुछ जीवन आसान किया जा सकता है।

1- यदि आप किसी विशेष कार्य के लिए जा रहे हैं और चाहते हैं आपका वह काम जल्दी से जल्दी और ठीक से हो जाए, तो घर से निकलने से पहले यह उपाय करें। इससे आपका हर काम जल्दी और परफेक्ट होगा।

उपाय:-

आपको जिस दिन किसी कार्य विशेष के लिए जाना हो, उस दिन जल्दी उठकर स्नान आदि नित्य कामों से निपट कर सबसे पहले भगवान श्री गणेश का पूजन करें। श्रीगणेश को धूप-दीप, फूल, दूर्वा आदि चढ़ाएं। गुड़-धनिए का प्रसाद अर्पित करें। इसके बाद गणेशजी के सामने बैठकर पन्ना या हरे हकीक की माला से (ऊँ गं गणपतये नमः मंत्र का यथाशक्ति जप करें। जब घर से निकलने वाले हों, तब श्री गणेश को चढ़ाई दूर्वा में से थोड़ी दूर्वा अपनी जेब में रख लें। इस उपाय से आपका हर सोचा हुआ काम जल्दी और ठीक से हो सकता है।

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2- नौकरी के लिए कई बार इंसान को अपना घर-परिवार सब छोड़ना पड़ता है। ऐसे में वह अपने कार्य के प्रति पूरी ईमानदारी नहीं बरत पाता। उसका मन अपने घर पर ही लगा रहता है। उसे लगता है कि काश मेरा तबादला वहां हो जाएं जहां मैं चाहता हूं। अगर आपके साथ भी यही समस्या है तो नीचे लिखे उपाय से आपकी इस समस्या का समाधान हो सकता है।

उपाय:-

शुक्रवार को ब्रह्म मुहूर्त में चंद्रमा दिखाई देने पर सफेद बर्फी या थोड़ा सा दही अपने ऊपर सात बार उसारें और अपने मन में श्रद्धा व विश्वास के साथ चंद्रदेव से प्रार्थना करें- हे चंद्रदेव। मेरा तबादला अमुक(स्थान का नाम बोलें) स्थान पर करवाने की कृपा करें। सात बार यह क्रिया करते हुए। (ऊँ सोम सोमाय नंः) मंत्र पढ़कर बर्फी या दही को सूर्योदय से पहले किसी चौराहे पर जाकर रख आएं। जिस दिशा में चंद्रमा आसमान में हो अपना मुख उस ओर रखना चाहिए तथा यह क्रिया छत पर बाहर खुले में करें लेकिन कोई देख न पाएं। अपना कार्य पूर्ण होने पर चंद्रमा को अर्घ्य दें, पूजा करें व सफेद बर्फी या खीर का भोग लगाएं।

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3- पति-पत्नी में नोक-झोंक चलती रहती है। जो बात-बात पर गुस्सा हो जाते हैं। कभी-कभी यह स्थिति और भी बिगड़ जाती हैं जब पति का स्वभाव गुस्सैल होता है। यदि आपके पति का स्वभाव भी गुस्सैल है और वह भी बात-बात पर गुस्सा हो जाते हैं तो नीचे लिखा उपाय करें।

उपाय:-

जब आपके पति गहरी नींद में सोए हों, तब एक नारियल, सात गोमती चक्र और थोड़ा का गुड़ लेकर इन सभी सामग्री को एक पीले कपड़े में बांध लें। अब इस पोटली को अपने पति के ऊपर सात बार ऊबार कर बहते हुए जल में बहा दें। इसके अलावा प्रतिदिन सूर्य को अर्घ्य दें। कुछ ही समय में आपके पति का गुस्सा छूमंतर हो जाएगा।

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6 हेल्थ कंडीशन में भूलकर भी न पिएं गुनगुना पानी, फायदे की जगह हो सकता है बड़ा नुकसान

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Lukewarm Water: गुनगुना पानी वैसे तो शरीर के लिए फायदेमंद होता है, लेकिन कुछ हेल्थ कंडीशन में नुकसान पहुंचा सकता है। जानते हैं किन लोगों को गुनगुना पानी पीने से बचना चाहिए।

Lukewarm Water Side Effects: सर्दी के दिनों में बहुत से लोग गुनगुने पानी से दिन की शुरुआत करते हैं। गुनगुना पानी पाचन में सुधार करता है और शरीर को डिटॉक्स करता है। हालांकि सभी के लिए गुनगुना पानी फायदेमंद हो ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। कुछ हेल्थ कंडीशंस में गुनगुना पानी नियमित पीना फायदे की जगह नुकसान पहुंचा सकता है। इससे शरीर में कई तरह की परेशानियां शुरू हो सकती हैं।

आप अगर रेगुलर गुनगुना पानी पीना शुरू कर चुके हैं तो सेहत से जुड़ी कुछ बातों को जान लें। कुछ शारीरिक समस्यओं में गुनगुना पानी पीने से प्रॉब्लम बढ़ सकती है। आइए जानते हैं ऐसी ही 6 हेल्थ कंडीशन के बारे में।

किस हेल्थ कंडीशन में न पिएं गुनगुना पानी?

पेट की समस्या में: जिन लोगों को अल्सर, एसिडिटी, या IBS जैसी पाचन संबंधी समस्याएं हैं, उन्हें गर्म पानी पीने से बचना चाहिए। इससे उनकी समस्या और बढ़ सकती है।

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किडनी की समस्या में: किडनी की समस्या वाले लोगों को ज्यादा मात्रा में गर्म पानी पीने से बचना चाहिए, क्योंकि इससे किडनी पर अतिरिक्त दबाव पड़ सकता है।

दिल की बीमारी में : दिल की बीमारी वाले लोगों को भी गर्म पानी पीने से सावधान रहना चाहिए, क्योंकि इससे हृदय गति बढ़ सकती है।

जलन महसूस होने में: अगर आपको गर्म पानी पीने से मुंह या गले में जलन होती है, तो आपको इसे कम गर्म या ठंडा करके पीना चाहिए।

बुखार: बुखार में शरीर का तापमान पहले से ही बढ़ा होता है, ऐसे में गर्म पानी पीने से शरीर का तापमान और बढ़ सकता है।

गर्भावस्था: गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को गर्म पानी पीने से सावधान रहना चाहिए, क्योंकि इससे गर्भ में पल रहे बच्चे पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है।

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क्यों नहीं पीना चाहिए?

पेट में जलन: गर्म पानी पेट में एसिडिटी बढ़ा सकता है और जलन पैदा कर सकता है।
किडनी पर दबाव: गर्म पानी किडनी पर अतिरिक्त दबाव डाल सकता है।
शरीर का तापमान बढ़ना: बुखार में गर्म पानी पीने से शरीर का तापमान और बढ़ सकता है।
अन्य स्वास्थ्य समस्याएं: कुछ अन्य स्वास्थ्य समस्याओं में भी गर्म पानी पीने से नुकसान हो सकता है।

कब और कितना गर्म पानी पीना चाहिए
सुबह खाली पेट: सुबह खाली पेट गुनगुना पानी पीने से पाचन तंत्र दुरुस्त रहता है और शरीर डिटॉक्स होता है।
खाना खाने के एक घंटे बाद: खाना खाने के एक घंटे बाद गुनगुना पानी पीना फायदेमंद होता है।
कितना पीना चाहिए: दिन में 2-3 लीटर पानी पीना चाहिए।

(Disc।aimer: इस आर्टिकल में दी गई सामग्री सिर्फ जानकारी के लिए है। किसी भी सलाह या सुझाव को अमल में लेने से पहले किसी विशेषज्ञ, डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।)

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सर्दियों में किन लोगों को रहता है हार्ट अटैक का खतरा? जानिए लक्षण और बचाव के तरीके

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देश के कई इलाकों में तापमान कम हो रहा है. सर्दियों के इस मौसम में हार्ट अटैक आने का खतरा काफी बढ़ जाता है. गर्मियों की तुलना में दिल का दौरा पड़ने के मामले 25 फीसदी तक बढ़ जाते हैं. इस मौसम में हार्ट अटैक का खतरा किनको ज्यादा है और बचाव कैसे करें. इस बारे में दिल्ली के आरएमएल हॉस्पिटल में कार्डियोलॉजी विभाग में प्रोफेसर डॉ तरुण कुमार ने बताया है.

सर्दियों के इस मौसम में कई तरह की बीमारियों का खतरा रहता है. सांस लेने में दिक्कत होने के अलावा इस मौसम में हार्ट अटैक के मामले भी बढ़ जाते हैं. वैसे तो किसी भी व्यक्ति को कभी भी हार्ट अटैक आ सकता है, लेकिन सर्दी के मौसम में गर्मियों की तुलना में दिल का दौरा पड़ने के मामले बढ़ जाते हैं. सर्दियों में बायोलॉजिकल फैक्टर्स में बदलाव के कारण हार्ट डिजीज में इजाफा हो जाता है. इस मौसम मेंकम तापमान के कारण हार्ट की ब्लड वेसल्स और कोरोनरी आर्टरीज सिकोड़ सकती है, जिसका सीधा असर शरीर में बह रहे ब्लड पर पड़ता है.

सर्दियों में ब्लड प्रेशर काफी बढ़ सकता है. जो हार्ट अटैक का कारण बनता है. सर्दियों में हार्ट अटैक का खतरा कुछ लोगों को ज्यादा होता है. ऐसे में इन लोगों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है.

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सर्दियों में हार्ट अटैक का ज्यादा खतरा ज्यादा क्यों?
दिल्ली के आरएमएल हॉस्पिटल में कार्डियोलॉजी विभाग में प्रोफेसर डॉ. तरुण कुमार ने बताया कि सर्दियों में हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है. सर्दियों में तापमान कम रहता है तो आपके शरीर में काफी बदलाव आते हैं. सर्दी में हार्ट की आर्टरीज सिकुड़ जाती है और ब्लड का वॉल्यूम बढ़ जाता है. इससे ब्लड प्रेशर बढ़ने का रिस्क रहता है. जो हार्ट अटैक का कारण बन सकता है.

इस मौसम में व्यक्ति गर्मियों की तुलना में ज्यादा खाते है. फिजिकल एक्टिविटी कम करते हैं. इससे मेटाबॉलिज्म भी ठीक नहीं रहता है और गलत खानपान से शुगर लेवल भी बढ़ जाता है. इससे वजन बढ़ जाता है. बीपी का बढ़ना, वजन का बढ़ना और मेटाबॉलिज्म का ठीक न होना यहसभी फैक्टर हार्ट अटैक का कारण बन सकते हैं.

किन लोगों को ज्यादा खतरा है?
डॉ तरुण बताते हैं किहार्ट अटैक का रिस्क उन लोगों में ज्यादा रहता है जो बुजुर्ग हैं, जिनको पहले से हार्ट की बीमारी है, स्मोकिंग ज्यादा करते हैं. किसी व्यक्ति को पहले से हृदय रोग रहा हो. इसके अलावा हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों और छोटे बच्चों को को भी खतरा रहता है. क्योंकि छोटे बच्चे अपने शरीर के तापमान को मेंटेन नहीं कर पाते हैं.

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जो लोग स्मोकिंग करते हैं उनको भी हार्ट अटैक का रिस्क रहता है. ऐसे में इस मौसम में स्मोकिंग से बचना चाहिए.

हार्ट अटैक से बचाव के तरीके क्या हैं
लाइफस्टाइल को ठीक रखें

डॉ तरुण बताते हैं कि अगर आपको पहले से ही हृदय संबंधी समस्याएं हैं तो आपको सर्दी के मौसम में अपना और ख्याल रखना चाहिए. आप एक हेल्दी लाइफस्टाइल को अपनाएं ताकि इसकी वजह से आपके दिल पर कोई बुरा प्रभाव न पड़े. ऐसे में जरूरी की आप अच्छे से खाएं पिएं और अपनी नींद पूरी करें. साथ ही, स्मोकिंग न करें. जो लोग शराब पीते हैं वह इसका इंटेक कम करें. अपनी दवाएं समय पर लें और खानपान का ध्यान रखें.

लक्षणों को नजरअंदाज न करें

अगर आपको ऐसा लग रहा कि आपकी तबियत ज्यादा खराब हो रही है या फिर आपको कोई और प्रॉब्लम है, जो और बढ़ सकती है तो इसके लिए आपको तुरंत डॉक्टर से बात करनी चाहिए. खासतौर पर अगर छाती में दर्द, सांस लेने में परेशानी हो रही है. अचानक पसीना आ रहा तो तुरंत अस्पताल जाएं. समय पर लक्षणों की पहचान से बीमारी को आसानी से काबू में किया जा सकता है.

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बच्चों को सोशल एक्टिव बनाने के लिए अपनाएं ये 6 पैरेंटिंग टिप्स, बढ़ेगा मेलजोल

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Parenting Tips: बच्चे को सोशली एक्टिव बनाना जरूरी है। पढ़ाई के साथ बच्चे का दूसरों से आपसी मेलजोल बढ़ाना सीखना भी जरूरी है। पैरेंटिंग टिप्स इसमें आपकी मदद करेंगे।

Parenting Tips: हर पैरेंट्स की ख्वाहिश होती है कि उनका बच्चा हर क्षेत्र में आगे रहे। बात जब सामाजिकता की होती है तो इसमें भी बच्चे का आगे रहना जरूरी है। आप अपने बच्चे को सोशली एक्टिव बनाना चाहते हैं तो कुछ पैरेंटिंग टिप्स इसमें आपकी मदद कर सकते हैं। बच्चे को सामाजिक बनाना माता-पिता के लिए एक महत्वपूर्ण लक्ष्य होता है। एक सामाजिक बच्चा दूसरों के साथ अच्छे संबंध बना सकता है, टीम वर्क सीख सकता है और जीवन में अधिक सफल हो सकता है।

बच्चे के लिए सिर्फ स्टडी ही जरूरी नहीं है, बल्कि खेल-कूद और दूसरों से मेलजोल बढ़ाना सीखना भी आवश्यक है। आइए जानते हैं कुछ टिप्स के बारे में जिनकी मदद से बच्चे को सोशली एक्टिव बना सकते हैं।

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बच्चे को सोशली एक्टिव बनाने के टिप्स

समाजिक गतिविधियों में शामिल करें
खेल समूह: बच्चों को खेल समूहों, क्लबों या स्पोर्ट्स एक्टिविटीज़ में शामिल करें।
पार्क में जाएं: पार्क में अन्य बच्चों के साथ खेलने के लिए ले जाएं।
परिवार के साथ समय बिताएं: परिवार के साथ मिलकर समय बिताएं और रिश्तेदारों से मिलने जाएं।

खुलकर बातचीत को प्रोत्साहित करें
कहानियां सुनाएं: उन्हें कहानियां सुनाएं और उनसे सवाल पूछें।
रोल प्ले: रोल प्ले के माध्यम से विभिन्न स्थितियों में बातचीत करना सिखाएं।
सुनने की आदत डालें: दूसरों की बात ध्यान से सुनने की आदत डालें।

आत्मविश्वास बढ़ाएं
उनकी प्रशंसा करें: उनकी छोटी-छोटी उपलब्धियों की प्रशंसा करें।
नई चीजें करने के लिए प्रोत्साहित करें: उन्हें नई चीजें सीखने और करने के लिए प्रोत्साहित करें।
गलतियों को स्वीकार करना सिखाएं: गलतियां करना सीखना और उनसे सीखना सिखाएं।

भावनाओं को समझना सिखाएं
भावनाओं के बारे में बात करें: उनकी भावनाओं के बारे में बात करें और उन्हें समझने में मदद करें।
दूसरों की भावनाओं का सम्मान करना सिखाएं: दूसरों की भावनाओं का सम्मान करना सिखाएं।

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अच्छे व्यवहार को प्रोत्साहित करें
शेयरिंग और सहयोग सिखाएं: दूसरों के साथ शेयर करना और सहयोग करना सिखाएं।
नम्रता और विनम्रता सिखाएं: नम्रता और विनम्रता सिखाएं।

खुद का उदाहरण पेश करें
दूसरों के साथ सकारात्मक व्यवहार करें: दूसरों के साथ सकारात्मक व्यवहार करके अपने बच्चे के लिए एक अच्छा उदाहरण बनें।

याद रखें
धैर्य रखें: बच्चों को सामाजिक बनने में समय लग सकता है।
दबाव न डालें: उन्हें किसी भी चीज के लिए मजबूर न करें।
मज़े करें: सामाजिक गतिविधियों को मज़ेदार बनाएं।

अतिरिक्त टिप्स
बच्चों को स्वतंत्रता दें: उन्हें अपने फैसले लेने और अपनी गलतियाँ करने दें।
बच्चों को प्रकृति के करीब लाएं: प्रकृति के साथ समय बिताने से बच्चों का मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है।
बच्चों को पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करें: पढ़ने से बच्चों की कल्पना शक्ति और भाषा का विकास होता है।

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