Connect with us

छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ में अब तक 81 लाख मैट्रिक टन धान की हुई खरीदी

avatar

Published

on

रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के चालू सीजन में राज्य के 2484 धान उपार्जन केन्द्रों में आज शाम तक 19 लाख 43 हजार 603 किसानों से 81 लाख 45 हजार 532 मैट्रिक टन धान की खरीदी की जा चुकी है। अब तक राज्य सरकार द्वारा धान खरीदी के अनुमानित लक्ष्य का लगभग 77.58 प्रतिशत धान की खरीदी हो चुकी है। धान खरीदी के एवज में किसानों को बैंक लिकिंग व्यवस्था के तहत 14,907.14 करोड़ रूपए जारी कर दिए गए हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर इस वर्ष धान खरीदी के साथ-साथ कस्टम मिलिंग के लिए धान का तेजी से उठाव भी किया जा रहा है। डीओ और टीओ के माध्यम से 42.13 लाख मैट्रिक टन धान का उठाव हो चुका है।

खाद्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि 37 लाख 79 हजार मैट्रिक टन धान का डीओ जारी कर दिया गया है। उपार्जन केन्द्रों से मिलर्स द्वारा 32 लाख 06 हजार मैट्रिक धान का उठाव कर लिया गया है। इसी प्रकार अब तक 15 लाख 91 हजार मैट्रिक टन धान के परिवहन के लिए टी.ओ. जारी किया गया है। जिसके विरूद्ध समितियों से 10 लाख 07 हजार मैट्रिक टन धान का उठाव हो चुका है।

यह भी पढ़ें   15 सितम्बर राशिफल : जानिए कैसा होगा आपका आज का दिन

जांजगीर-चांपा जिला, प्रदेश में समर्थन मूल्य पर 21 जनवरी तक धान खरीदी के मामले में पहले पायदान पर है। वहां 7 लाख 21 हजार 097 मैट्रिक टन धान की खरीदी की जा चुकी है। वहीं राजनांदगांव जिला प्रदेश में धान खरीदी में दूसरे स्थान पर है। वहां 7 लाख 02 हजार 362 मैट्रिक टन धान की खरीदी हुई है। बलौदाबाजार-भाटापारा जिला धान खरीदी में आज राज्य में तीसरे स्थान पर है। बलौदाबाजार-भाटापारा जिले में 5 लाख 76 हजार 108 मैट्रिक टन धान की खरीदी की गई है।

खाद्य विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार 21 जनवरी तक समर्थन मूल्य पर बस्तर जिले में 1,31,901 मैट्रिक टन, बीजापुर जिले में 54,054 मैट्रिक टन, दंतेवाड़ा जिले में 13,907 मैट्रिक टन, कांकेर जिले में 2,46,753 मैट्रिक टन, कोण्डागांव जिले में 1,24,469 मैट्रिक टन, नारायणपुर जिले में 19,237 मैट्रिक टन, सुकमा जिले में 73,813 मैट्रिक टन, बिलासपुर जिले में 4,26,360 मैट्रिक टन, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिले में 58,333 मैट्रिक टन, कोरबा जिले में 1,38,689 मैट्रिक टन, मुंगेली जिले में 3,35,897 मैट्रिक टन, रायगढ़ जिले में 4,55,884 मैट्रिक टन, बालोद जिले में 4,42,482 मैट्रिक टन धान की खरीदी की गई।

यह भी पढ़ें   रायपुर के कारोबारी को मिली फोन पर धमकी...

इसी प्रकार बेमेतरा जिले में 5,36,412 मैट्रिक टन, दुर्ग जिले में 3,52,439 मैट्रिक टन, कवर्धा जिले में 3,68,285 मैट्रिक टन, धमतरी जिले में 3,35,607 मैट्रिक टन, गरियाबंद जिले में 2,73,019 मैट्रिक टन, महासमुंद जिले में 5,74,029 रायपुर जिले में 4,11,674 मैट्रिक टन, बलरामपुर जिले में 1,62,685 मैट्रिक टन, जशपुर जिले में 1,25,721 मैट्रिक टन, कोरिया जिले में 1,14,574 मैट्रिक टन, सरगुजा जिले में 1,90,562 मैट्रिक टन और सूरजपुर जिले में 2,15,179 मैट्रिक टन धान की खरीदी की जा चुकी है।

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

blog

Bilaspur के नामी LCIT Group of Institutions का छात्रों के साथ भयानक फर्जीवाड़ा : वादे बड़े-बड़े, हकीकत पानी-पानी!

avatar

Published

on

LCIT Group of College bilaspur

बिलासपुर: LCIT Group of Institutions – Bilaspur, जो हर साल एडमिशन के दौरान बड़े-बड़े वादे और लुभावने दावे करता है, उसकी सच्चाई अब धीरे-धीरे सामने आने लगी है। दावा किया जाता है कि यहां आधुनिक लैब्स, अनुभवी फैकल्टी और विश्वस्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर मिलेगा — लेकिन ग्राउंड रियलिटी कुछ और ही कहानी बयां कर रही है।

बारिश आई, लैब्स ने छलनी बनकर स्वागत किया!
हमें मिले वीडियो में कॉलेज की लैब्स से टपकती छतें साफ़ दिखाई दे रही हैं। जहां स्टूडेंट्स को मशीनों के साथ प्रैक्टिकल करना चाहिए था, वहां अब पानी से बचने के लिए प्लास्टिक की बाल्टियाँ रखी जा रही हैं। सवाल ये उठता है कि जब प्रयोगशालाएं ही सुरक्षित नहीं, तो शिक्षा कितनी सुरक्षित होगी?

यह भी पढ़ें   CG Corona Update: छत्तीसगढ़ में आज मिले कोरोना के 19 नए पॉजिटिव मरीज, 34 हुए स्वस्थ

फैकल्टी? बस कागज़ों पर!
सूत्रों के अनुसार, यहां कई फैकल्टी सदस्य केवल ऑन पेपर मौजूद हैं। यानी नाम तो है, पर काम में कहीं नजर नहीं आते। छात्रों का कहना है कि कई विषयों की क्लास ही नियमित नहीं होती।

इंजीनियरिंग प्रिंसिपल भी सिर्फ नाम के!
कहा जा रहा है कि इंजीनियरिंग कॉलेज का प्रिंसिपल भी फुल टाइम नहीं है, बल्कि केवल औपचारिकता निभाने के लिए कागजों पर मौजूद हैं। यह छात्रों के भविष्य के साथ खुला मज़ाक है।

स्टाफ की नियुक्ति पर भी सवाल
बताया जा रहा है कि अधिकांश स्टाफ या तो यहीं के पुराने छात्र हैं या फिर अन्य कॉलेज से किसी वजह से हटाए गए लोग हैं। इससे शिक्षा की गुणवत्ता पर गंभीर प्रश्नचिह्न लग जाता है।

यह भी पढ़ें   आनंद छाबडा बने नये खुफिया चीफ, IPS अजय यादव को बनाया गया बिलासपुर IG

🎙 बिलासपुर के इस संस्थान की मार्केटिंग चमचमाती है, लेकिन हकीकत में ढहती छतें, दिखावटी स्टाफ और खोखले दावे छात्रों के सपनों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। ज़रूरत है कि शिक्षा को सिर्फ व्यापार न बनाकर, जिम्मेदारी समझा जाए

Continue Reading

छत्तीसगढ़

CG News: सुरक्षाबलों की बड़ी कामयाबी, घने जंगलों से भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद

avatar

Published

on

बीजापुर के कोमटपल्ली के जंगलों से जवानों ने भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद किया है। घने जंगल में पहाड़ों के बीच नक्सलियों ने सामग्री छुपाकर रखा था।

बीजापुर: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सुरक्षाबलों के जवानों को बड़ी सफलता मिली है। जवानों ने भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद किया है। नक्सलियों ने कोमटपल्ली जंगल-पहाड़ में बड़े चट्टानों के बीच हथियार और अन्य सामान छुपा कर रखा था। जिसे सर्चिंग के दौरान जवानों की संयुक्त टीम ने बरामद किया है।

बरामद किए गए सामग्रियों में गैस वेल्डिंग मशीन मय नोजल, आक्सीजन सिलेण्डर, गैस वेल्डिंग में उपयोग आने वाला पावडर- 8 डिब्बा, इन्वर्टर- 1 नग, स्टेबलाईजर 5 नग, स्टील कंटेनर 3 नग, कमर्सियल मोटर 3 नग, ब्लोवर(धौकनी मशीन)- 2 नग, ग्लेण्डर मोटर- 1 नग, वेल्डिंग राड 200 नग, टुकड़ा लोहे का राड छोटा बड़ा 3- 3 नग, खाली मैग्जीन 3 नग, इलेक्ट्रिक स्वीच- 65 नग, रायफल सिलिंग -08 नग और 2 नग पोच शामिल है।

यह भी पढ़ें   सीएम बघेल 20 को राष्ट्रपति से ग्रहण करेंगे अवॉर्ड
Continue Reading

छत्तीसगढ़

निर्देश के बाद भी लापरवाही: धड़ल्ले से जल रही पराली, प्रदूषण बढ़ने का मंडरा रहा खतरा

avatar

Published

on

नगरी में रबि फसल की तैयारी के लिए किसान लगातार खेतों में पराली को आग के हवाले कर रहे हैं। जिसके चलते प्रदूषण का खतरा मंडरा रहा है।

छत्तीसगढ़ के नगरी के किसान इन दिनों रबि फसल की तैयारी में जुट गए हैं। इसी के साथ खेतों में लगातार पराली जलाने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। किसान लगातार खेतों में पराली को आग के हवाले कर रहे हैं जिसके चलते प्रदूषण का खतरा मंडरा रहा है। वहीं इन किसानों को पराली जलाने से रोकने वाला भी कोई नहीं है।

दरअसल, जिला प्रशासन ने पैरादान करने का निर्देश दिया था। इसके बाद भी किसान लगातार पराली को आग के हवाले कर रहे हैं। जिसके कारण प्रदूषण फैलने की संभावना बढ़ गई है। नगरी सिहावा के आसपास के गांव के अधिकतर किसान पैरा में जलाते हुए नजर आ रहे है। वहीं विभागीय अधिकारी का उदासीनता के चलते भी किसान बेख़ौफ़ होकर पराली जला रहे हैं।

यह भी पढ़ें   आनंद छाबडा बने नये खुफिया चीफ, IPS अजय यादव को बनाया गया बिलासपुर IG
Continue Reading
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement

Trending