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छत्तीसगढ़

जल्द होगा बैगा आदिवासियों की समस्याओं का निराकरण

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मुंगेली : लोरमी के अचानकमार टाइगर रिजर्व क्षेत्र में बसे बैगा आदिवासियों से जुड़ी समस्याओं के निराकरण को लेकर जिले के कलेक्टर ने मैराथन बैठक की। मुंगेली कलेक्टर राहुल देव ने जनपद पंचायत लोरमी के सभाकक्ष में अचानकमार टाईगर रिजर्व क्षेत्र के ग्रामीणों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा, शिक्षा, पोषण आहार, राशन, सामाजिक पेंशन, शौचालय जैसे मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए अधिकारियों और अचानकमार क्षेत्र के सरपंच व सचिवों की संयुक्त बैठक ली और आवश्यक निर्देश दिए।

लापरवाही नही की जाएगी बर्दाश्त

उन्होंने कहा कि अचानकमार क्षेत्र के ग्रामीणजनों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए जिला प्रशासन द्वारा हर संभव प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि अचानकमार क्षेत्र के ग्रामीणों को सभी आवश्यक मूलभूत सुविधाएं समय पर उपलब्ध हो। इसमें किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नही की जाएगी। कलेक्टर ने कहा कि अचानकमार क्षेत्र में लोगों को जहरीले जीव जंतु जैसे सर्प काटे जाने की सूचना मिलती रहती है। इससे बचाव के लिए एंटीस्नैक वेनम इंजेक्शन जैसे अन्य सभी प्रकार की आवश्यक दवाईयां स्वास्थ्य केन्द्रों में उपलब्धता सुनिश्चित किया जाए।

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ग्रामीणों का आयुष्मान कार्ड बनाने के दिए निर्देश

problems of Baiga tribals :  उन्होंने अचानकमार क्षेत्र में एंबुलेंस की सेवाएं, स्वास्थ्य केंद्रों में 24 घंटे चिकित्सक एवं स्टाॅफ की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर को दिए। इस अवसर पर उन्होंने मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत गंभीर व मध्यम कुपोषित बच्चों को अंडा वितरण, गर्भवती व एनीमिक बैगा महिलाओं को प्रतिदिन गरम भोजन वितरण की जानकारी ली और सीडीपीओ को अचानकमार क्षेत्र में पोषण आहार वितरण की मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने अचानकमार क्षेत्र के शतप्रतिशत ग्रामीणजनों का आयुष्मान भारत योजना के तहत आयुष्मान कार्ड बनाने के भी निर्देश दिए।

ग्रामसभा की बैठक में पारित करें ये प्रस्ताव

उन्होंने सरपंचों से कहा कि ऐसे ग्रामीण जिनके पास जाति प्रमाण पत्र बनवाने के लिए आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध नहीं है, उन्हें जाति प्रमाण पत्र जारी करने के लिए आगामी ग्रामसभा की बैठक में प्रस्ताव पारित करने के निर्देश दिए। गौरतलब है की एटीआर के कोर एरिया में बीते दिनों सर्पदंश से पीड़ित महिला और गर्भवती महिला को समय पर एंबुलेंस और चिकित्सकीय सुविधा भी नहीं मिल पाई थी।

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खाट पर मरीजों को रखकर नदी पार करने पर नाराज हुए कलेक्टर

वहीं पीड़ित परिवारों को खाट पर मरीजों को रखकर नदी पार कर अस्पताल जाने को मजबूर होना पड़ा था। इस मामले को लेकर कलेक्टर बेहद नाराज हुए थे। लोरमी में हुई इस बैठक में एटीआर के डिप्टी डायरेक्टर सत्यदेव शर्मा, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डी. एस. राजपूत, एसडीएम लोरमी पार्वती पटेल सहित स्वास्थ्य विभाग एवं अन्य संबंधित विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

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Bilaspur के नामी LCIT Group of Institutions का छात्रों के साथ भयानक फर्जीवाड़ा : वादे बड़े-बड़े, हकीकत पानी-पानी!

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LCIT Group of College bilaspur

बिलासपुर: LCIT Group of Institutions – Bilaspur, जो हर साल एडमिशन के दौरान बड़े-बड़े वादे और लुभावने दावे करता है, उसकी सच्चाई अब धीरे-धीरे सामने आने लगी है। दावा किया जाता है कि यहां आधुनिक लैब्स, अनुभवी फैकल्टी और विश्वस्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर मिलेगा — लेकिन ग्राउंड रियलिटी कुछ और ही कहानी बयां कर रही है।

बारिश आई, लैब्स ने छलनी बनकर स्वागत किया!
हमें मिले वीडियो में कॉलेज की लैब्स से टपकती छतें साफ़ दिखाई दे रही हैं। जहां स्टूडेंट्स को मशीनों के साथ प्रैक्टिकल करना चाहिए था, वहां अब पानी से बचने के लिए प्लास्टिक की बाल्टियाँ रखी जा रही हैं। सवाल ये उठता है कि जब प्रयोगशालाएं ही सुरक्षित नहीं, तो शिक्षा कितनी सुरक्षित होगी?

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फैकल्टी? बस कागज़ों पर!
सूत्रों के अनुसार, यहां कई फैकल्टी सदस्य केवल ऑन पेपर मौजूद हैं। यानी नाम तो है, पर काम में कहीं नजर नहीं आते। छात्रों का कहना है कि कई विषयों की क्लास ही नियमित नहीं होती।

इंजीनियरिंग प्रिंसिपल भी सिर्फ नाम के!
कहा जा रहा है कि इंजीनियरिंग कॉलेज का प्रिंसिपल भी फुल टाइम नहीं है, बल्कि केवल औपचारिकता निभाने के लिए कागजों पर मौजूद हैं। यह छात्रों के भविष्य के साथ खुला मज़ाक है।

स्टाफ की नियुक्ति पर भी सवाल
बताया जा रहा है कि अधिकांश स्टाफ या तो यहीं के पुराने छात्र हैं या फिर अन्य कॉलेज से किसी वजह से हटाए गए लोग हैं। इससे शिक्षा की गुणवत्ता पर गंभीर प्रश्नचिह्न लग जाता है।

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🎙 बिलासपुर के इस संस्थान की मार्केटिंग चमचमाती है, लेकिन हकीकत में ढहती छतें, दिखावटी स्टाफ और खोखले दावे छात्रों के सपनों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। ज़रूरत है कि शिक्षा को सिर्फ व्यापार न बनाकर, जिम्मेदारी समझा जाए

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छत्तीसगढ़

CG News: सुरक्षाबलों की बड़ी कामयाबी, घने जंगलों से भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद

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बीजापुर के कोमटपल्ली के जंगलों से जवानों ने भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद किया है। घने जंगल में पहाड़ों के बीच नक्सलियों ने सामग्री छुपाकर रखा था।

बीजापुर: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सुरक्षाबलों के जवानों को बड़ी सफलता मिली है। जवानों ने भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद किया है। नक्सलियों ने कोमटपल्ली जंगल-पहाड़ में बड़े चट्टानों के बीच हथियार और अन्य सामान छुपा कर रखा था। जिसे सर्चिंग के दौरान जवानों की संयुक्त टीम ने बरामद किया है।

बरामद किए गए सामग्रियों में गैस वेल्डिंग मशीन मय नोजल, आक्सीजन सिलेण्डर, गैस वेल्डिंग में उपयोग आने वाला पावडर- 8 डिब्बा, इन्वर्टर- 1 नग, स्टेबलाईजर 5 नग, स्टील कंटेनर 3 नग, कमर्सियल मोटर 3 नग, ब्लोवर(धौकनी मशीन)- 2 नग, ग्लेण्डर मोटर- 1 नग, वेल्डिंग राड 200 नग, टुकड़ा लोहे का राड छोटा बड़ा 3- 3 नग, खाली मैग्जीन 3 नग, इलेक्ट्रिक स्वीच- 65 नग, रायफल सिलिंग -08 नग और 2 नग पोच शामिल है।

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छत्तीसगढ़

निर्देश के बाद भी लापरवाही: धड़ल्ले से जल रही पराली, प्रदूषण बढ़ने का मंडरा रहा खतरा

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नगरी में रबि फसल की तैयारी के लिए किसान लगातार खेतों में पराली को आग के हवाले कर रहे हैं। जिसके चलते प्रदूषण का खतरा मंडरा रहा है।

छत्तीसगढ़ के नगरी के किसान इन दिनों रबि फसल की तैयारी में जुट गए हैं। इसी के साथ खेतों में लगातार पराली जलाने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। किसान लगातार खेतों में पराली को आग के हवाले कर रहे हैं जिसके चलते प्रदूषण का खतरा मंडरा रहा है। वहीं इन किसानों को पराली जलाने से रोकने वाला भी कोई नहीं है।

दरअसल, जिला प्रशासन ने पैरादान करने का निर्देश दिया था। इसके बाद भी किसान लगातार पराली को आग के हवाले कर रहे हैं। जिसके कारण प्रदूषण फैलने की संभावना बढ़ गई है। नगरी सिहावा के आसपास के गांव के अधिकतर किसान पैरा में जलाते हुए नजर आ रहे है। वहीं विभागीय अधिकारी का उदासीनता के चलते भी किसान बेख़ौफ़ होकर पराली जला रहे हैं।

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