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छत्तीसगढ़

14 से 23 तक 21 ट्रेनें रद्द, कोहरे से हर दिन लेटलतीफी भी

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रायपुर: बिलासपुर जोन की लगभग दो दर्जन ट्रेनें 14 दिसंबर से प्रभावित होंगी। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के रुपौंद-झलवारा सेक्शन में तीसरी लाइन कनेक्टिविटी कार्य के चलते ट्रेनों का परिचालन बाधित रहेगा। इससे 23 दिसंबर तक 21 ट्रेनों का परिचालन रद्द किया गया है। जबकि कुछ ट्रेनों के रुट में बदलाव किया गया है। इससे स्पष्ट है कि बिलासपुर, रायपुर और दुर्ग से देश के विभिन्न शहरों में जाने वाले यात्रियों को खासी मुसीबतों का सामना करना होगा। यात्रियों पर दोहरी मार इसलिए भी पड़ेगी, क्योंकि कोहरे और ठंड की वजह से उत्तर भारत की ट्रेनों को लगातार रीशेड्यूल किया जा रहा है। कई ट्रेनें अपने निर्धारित समय से घंटों लेट भी चल रही हैं। ऐसे में अब तीसरी लाइन कनेक्टिविटी की वजह से यात्रियों को परेशानी का सामना करना होगा। हालांकि रेलवे का दावा है कि इन कामों के पूरा होने के बाद ट्रेनों के परिचालन और समयबद्धता में गति आएगी। बता दें, रद्द होने वाली गाड़ियों में दुर्ग नौतनवा से लेकर दुर्ग निजामुद्दीन एक्सप्रेस तक अहम और बड़े शहरों को जोड़ने वाली ट्रेनें शामिल हैं।

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ये गाड़ियां रहेंगी रद्द

1. 15 और 22 दिसंबर को गाडी संख्या 22169 रानी कमलापति-सांतरागाछी एक्सप्रेस

2. 16 और 23 दिसंबर को गाडी संख्या 22170 सांतरागाछी-रानी कमलापति एक्सप्रेस

3. 15, 17 और 22 दिसंबर को गाडी संख्या 18201 दुर्ग-नौतनवा एक्सप्रेस

4. 17, 19 व 24 दिसंबर को गाडी संख्या 18202 नौतनवा-दुर्ग एक्सप्रेस

5. 12 और 19 दिसंबर को गाडी संख्या 20471 बीकानेर-पुरी एक्सप्रेस

6. 15 और 22 दिसंबर को गाडी संख्या 20472 पुरी-बीकानेर एक्सप्रेस

7. 14 और 21 दिसंबर को गाडी संख्या 12549 दुर्ग-जम्मूतवी एक्सप्रेस

8. 16 और 23 दिसंबर को गाडी संख्या 12550 जम्मूतवी-दुर्ग एक्सप्रेस

9. 14 दिसंबर से 22 दिसंबर तक गाडी संख्या 18247 बिलासपुर-रींवा एक्सप्रेस

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10. 13 दिसंबर से 21 दिसंबर तक गाडी संख्या 18248 रींवा-बिलासपुर एक्सप्रेस

11. 14 दिसंबर से 22 दिसंबर तक गाडी संख्या 08740 और 08739 बिलासपुर-शहडोल-बिलासपुर पैसेंजर

12. 14 दिसंबर से 22 दिसंबर तक गाडी संख्या 18236 बिलासपुर-भोपाल एक्सप्रेस

13. 13 दिसंबर से 21 दिसंबर तक गाडी संख्या 18235 भोपाल-बिलासपुर एक्सप्रेस

14. 14, 19 और 21 दिसंबर को गाडी संख्या 18203 दुर्ग-कानपुर एक्सप्रेस

15. 15, 20 और 22 दिसंबर को गाडी संख्या 18204 कानपुर-दुर्ग एक्सप्रेस

16. 16 दिसंबर को गाडी संख्या 22909 वलसाड-पुरी एक्सप्रेस

17. 19 दिसंबर को गाडी संख्या 22910 पुरी-वलसाड एक्सप्रेस

18. 18 दिसंबर को गाडी संख्या 20971 उदयपुर-शालीमार एक्सप्रेस

19. 19 दिसंबर को गाडी संख्या 20972 शालीमार-उदयपुर एक्सप्रेस

20. 17 दिसंबर को गाडी संख्या 22867 दुर्ग-निजामुद्दीन एक्सप्रेस

21. 18 दिसंबर को गाडी संख्या 22868 निजामुद्दीन-दुर्ग एक्सप्रेस

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Bilaspur के नामी LCIT Group of Institutions का छात्रों के साथ भयानक फर्जीवाड़ा : वादे बड़े-बड़े, हकीकत पानी-पानी!

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LCIT Group of College bilaspur

बिलासपुर: LCIT Group of Institutions – Bilaspur, जो हर साल एडमिशन के दौरान बड़े-बड़े वादे और लुभावने दावे करता है, उसकी सच्चाई अब धीरे-धीरे सामने आने लगी है। दावा किया जाता है कि यहां आधुनिक लैब्स, अनुभवी फैकल्टी और विश्वस्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर मिलेगा — लेकिन ग्राउंड रियलिटी कुछ और ही कहानी बयां कर रही है।

बारिश आई, लैब्स ने छलनी बनकर स्वागत किया!
हमें मिले वीडियो में कॉलेज की लैब्स से टपकती छतें साफ़ दिखाई दे रही हैं। जहां स्टूडेंट्स को मशीनों के साथ प्रैक्टिकल करना चाहिए था, वहां अब पानी से बचने के लिए प्लास्टिक की बाल्टियाँ रखी जा रही हैं। सवाल ये उठता है कि जब प्रयोगशालाएं ही सुरक्षित नहीं, तो शिक्षा कितनी सुरक्षित होगी?

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फैकल्टी? बस कागज़ों पर!
सूत्रों के अनुसार, यहां कई फैकल्टी सदस्य केवल ऑन पेपर मौजूद हैं। यानी नाम तो है, पर काम में कहीं नजर नहीं आते। छात्रों का कहना है कि कई विषयों की क्लास ही नियमित नहीं होती।

इंजीनियरिंग प्रिंसिपल भी सिर्फ नाम के!
कहा जा रहा है कि इंजीनियरिंग कॉलेज का प्रिंसिपल भी फुल टाइम नहीं है, बल्कि केवल औपचारिकता निभाने के लिए कागजों पर मौजूद हैं। यह छात्रों के भविष्य के साथ खुला मज़ाक है।

स्टाफ की नियुक्ति पर भी सवाल
बताया जा रहा है कि अधिकांश स्टाफ या तो यहीं के पुराने छात्र हैं या फिर अन्य कॉलेज से किसी वजह से हटाए गए लोग हैं। इससे शिक्षा की गुणवत्ता पर गंभीर प्रश्नचिह्न लग जाता है।

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🎙 बिलासपुर के इस संस्थान की मार्केटिंग चमचमाती है, लेकिन हकीकत में ढहती छतें, दिखावटी स्टाफ और खोखले दावे छात्रों के सपनों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। ज़रूरत है कि शिक्षा को सिर्फ व्यापार न बनाकर, जिम्मेदारी समझा जाए

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छत्तीसगढ़

CG News: सुरक्षाबलों की बड़ी कामयाबी, घने जंगलों से भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद

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बीजापुर के कोमटपल्ली के जंगलों से जवानों ने भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद किया है। घने जंगल में पहाड़ों के बीच नक्सलियों ने सामग्री छुपाकर रखा था।

बीजापुर: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सुरक्षाबलों के जवानों को बड़ी सफलता मिली है। जवानों ने भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद किया है। नक्सलियों ने कोमटपल्ली जंगल-पहाड़ में बड़े चट्टानों के बीच हथियार और अन्य सामान छुपा कर रखा था। जिसे सर्चिंग के दौरान जवानों की संयुक्त टीम ने बरामद किया है।

बरामद किए गए सामग्रियों में गैस वेल्डिंग मशीन मय नोजल, आक्सीजन सिलेण्डर, गैस वेल्डिंग में उपयोग आने वाला पावडर- 8 डिब्बा, इन्वर्टर- 1 नग, स्टेबलाईजर 5 नग, स्टील कंटेनर 3 नग, कमर्सियल मोटर 3 नग, ब्लोवर(धौकनी मशीन)- 2 नग, ग्लेण्डर मोटर- 1 नग, वेल्डिंग राड 200 नग, टुकड़ा लोहे का राड छोटा बड़ा 3- 3 नग, खाली मैग्जीन 3 नग, इलेक्ट्रिक स्वीच- 65 नग, रायफल सिलिंग -08 नग और 2 नग पोच शामिल है।

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छत्तीसगढ़

निर्देश के बाद भी लापरवाही: धड़ल्ले से जल रही पराली, प्रदूषण बढ़ने का मंडरा रहा खतरा

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नगरी में रबि फसल की तैयारी के लिए किसान लगातार खेतों में पराली को आग के हवाले कर रहे हैं। जिसके चलते प्रदूषण का खतरा मंडरा रहा है।

छत्तीसगढ़ के नगरी के किसान इन दिनों रबि फसल की तैयारी में जुट गए हैं। इसी के साथ खेतों में लगातार पराली जलाने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। किसान लगातार खेतों में पराली को आग के हवाले कर रहे हैं जिसके चलते प्रदूषण का खतरा मंडरा रहा है। वहीं इन किसानों को पराली जलाने से रोकने वाला भी कोई नहीं है।

दरअसल, जिला प्रशासन ने पैरादान करने का निर्देश दिया था। इसके बाद भी किसान लगातार पराली को आग के हवाले कर रहे हैं। जिसके कारण प्रदूषण फैलने की संभावना बढ़ गई है। नगरी सिहावा के आसपास के गांव के अधिकतर किसान पैरा में जलाते हुए नजर आ रहे है। वहीं विभागीय अधिकारी का उदासीनता के चलते भी किसान बेख़ौफ़ होकर पराली जला रहे हैं।

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