छत्तीसगढ़
स्वाधीनता का अमृत महोत्सव, घर-घर तिरंगा से बढ़ेगी देशप्रेम की भावना

इस वर्ष हम भारत की स्वाधीनता की 75वीं वर्षगांठ को ‘‘आजादी का अमृत महोत्सव’’ के रूप में मना रहे हैं। स्वाधीनता के लिए हमें जिन कठिनाईयों और मुश्किलों का सामना करना पड़ा, उसे भुलाया नहीं जा सकता। इस आजादी के लिए हमारे पूर्वजों ने कितनी वेदना, दण्ड और जुल्म सहे होंगे। हम उस गुजरे हुए वक्त की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। आजादी के दीवानों ने जो कष्ट सहे हैं, उन पर बनी कई फिल्मों, नाटकों को देखकर मन बहुत व्याकुल हो उठता है। आजादी की लड़ाई में किसी का परिवार, किसी का घर, किसी का पूरा साम्राज्य ही समाप्त हो गया। भारत देश में अनेक वीर योद्धा हुए जिन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ अनेक लड़ाई लड़ी और अपने प्राणों की आहुति तक दे दी, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी।
आजादी की लड़ाई में महान स्वतंत्रता सेनानियों ने अंग्रेजों के खिलाफ आवाज उठाई, जहां एक ओर महात्मा गांधी जी ने शांति और अहिंसा का मार्ग अपनाया था तो दूसरी ओर भगत सिंह, चन्द्रशेखर आजाद जैसे बहादुर वीर क्रांतिकारी नेता हुए। अलग-अलग विचारधारा के लोग एकजुट होकर देश की आजादी के अभियान में शामिल हुए। किसी ने अंग्रेजों के खिलाफ अखबार में लिखना शुरू किया तो किसी ने हथियार उठाये, किसी ने अपने ओजपूर्ण भाषणों से लोगों को जगाया, कइयों ने लोगों को जोड़ने का कार्य किया तो कई सीधे अंग्रेजों से भिड़ गए। गांधीजी ने अहिंसा और सत्याग्रह के बल पर अंग्रेजों के खिलाफ आवाज उठाई। गांधी जी ने लोगों को शांति व अहिंसा के मार्ग पर चलने की सीख दी और आखिरकार उन्हें सफलता मिली। आजादी की लड़ाई और स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के संघर्षों की बदौलत अंग्रेजों को देश को छोड़कर जाना पड़ा।
स्वाधीनता के लिए हमारे पूर्वजों, वीर योद्धाओं, देशभक्तों और स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने भारत देश की रक्षा के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। देश की आजादी के लिए हमारे महापुरूषों ने जो लड़ाई लड़ी वह कोई साधारण कार्य नहीं था, उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष कर देश की जनता के साथ हो रहे शोषण, बेरोजगारी, भूखमरी, लाचारी व अत्याचार को दूर करने का प्रयास किया। इस प्रकार पूरे भारत वर्ष के सभी क्षेत्रों के स्वतंत्रता सेनानिनों ने इस पुनीत कार्य में हिस्सा लिया। इस लड़ाई में छत्तीसगढ़ के वीर नारायण सिंह, गेंद सिंह, ठाकुर प्यारेलाल, पंडित माधव राव सप्रे, पंडित सुन्दर लाल शर्मा, डॉ. खूबचंद बघेल जैसे अनेक स्वतंत्रता सेनानियों ने भी आजादी की लड़ाई में अंग्रेजों का डटकर सामना किया और देश की आजादी के लिये कड़ा संघर्ष किया।
आजादी का दिन इतिहास के पन्नों पर स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज हो चुका है। आजादी के पश्चात् हमारा भारत देश सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश बना। हमारा देश अनेक जाति, धर्म विविधता में एकता के लिये प्रसिद्ध है। हमारा भारत देश सोने की चिड़िया कहलाता था, जिसे अंग्रेजी हुकूमत ने कब्जा कर गुलाम बना रखा था। स्वतंत्रता दिवस की वर्षगांठ हम बड़ी धूमधाम से मनाते हैं और उन सभी महान लोगों को याद करते हैं, जिनके कठिन संघर्षों की वजह से हमें आजादी मिली। आज हम उन्हीं के बदलौत अपनी इच्छा से खुली हवा में साँस ले रहे हैं, इस वर्ष का स्वतंत्रता दिवस बहुत खास है, क्योंकि हम इस वर्ष स्वतंत्रता दिवस की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर ‘‘आजादी का अमृत महोत्सव’’ मना रहे हैं।
यह आजादी हमें वर्षों के संघर्षों और लाखों लोगों की कुर्बानी से मिली हैं। इसे हमें संजोकर रखना होगा। हमें मातृभूमि के गौरव को बनाए रखना होगा। स्वतंत्रता दिवस उन सभी वीर योद्धाओं, समाज-सेवियों एवं संग्राम सेनानियों को नमन करने का दिन है। इस तरह अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए सर्वस्व न्यौछावर करने देश पर गर्व करने को कुर्बान है।
पहले भारतीयों को राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराने की इजाजत केवल 15 अगस्त व 26 जनवरी को ही थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने 23 जनवरी 2004 को महत्वपूर्ण फैसले में भारतीयों को इसे पूरे सम्मान के साथ किसी भी दिन फहराने का अधिकार दिया। इस फैसले के बाद संविधान में संशोधन किया गया है। इस वर्ष 75वीं वर्षगांठ पर आजादी का अमृत महोत्सव के रूप में देश के ‘हर घर तिरंगा’ फहराने का अभियान संचालित किया जा है। इस अभियान में पूरे देश में घरो-घरों तिरंगा लहरा रहा है, इस अमृत महोत्सव ने लोगों के दिलों में एक नई खुशी, उल्लास और देश प्रेम को बढ़ा दिया है। हर व्यक्ति के मन में देश प्रेम और तिरंगे के प्रति सम्मान बढ़ता की जा रहा है। हमारा राष्ट्रीय ध्वज न केवल प्रत्येक भारतीय को एकजुट करता है बल्कि राष्ट्र के प्रति समर्पण की भावना को भी मजबूत करता है।
सभी नागरिक रखे ध्वज संहिता का ख्याल
फ्लैग कोड के मुताबिक तिरंगे को पूरे सम्मान के साथ फहराया जा सकता है। तिरंगा किसी भी आकार का हो सकता है यानी कितना भी छोटा या बड़ा लेकिन हर ध्वज में इसकी लंबाई और चौड़ाई का अनुपात 3: 2 होना चाहिए। तिरंगा का केसरिया रंग हमेशा ऊपर रहना चाहिए। तिरंगा कटा-फटा नहीं होना चाहिए। इसके अलावा यह जमीन और पानी को नहीं छूना चाहिए। तिरंगा के साथ कोई और झंडा उसके बराबर नहीं फहराना चाहिए। पहले राष्ट्रीय ध्वज को केवल सूर्वाेदय से सूर्यास्त तक फहराया जाता था। अब रात में भी तिरंगा फहराया जा सकता है, लेकिन इसके लिए विशेष ध्यान दिया जाना है कि पोल लम्बा हो और रोशनी में तिरंगा चमकते रहे, मतलब पर्याप्त रोशनी होनी चाहिए।
इस राष्ट्रीय अभियान में छत्तीसगढ़ शासन ने पूरे राज्य को ‘‘हमर तिरंगा’’ अभियान से लोगों को देश प्रेम व तिरंगे से जोड़ने का प्रयास किया है। इसके लिए पूरे राज्य में 11 अगस्त से 17 अगस्त तक विभिन्न आयोजनों के माध्यम से आम लोगों को तिरंगा वितरण कर अपने-अपने घरों में तिरंगा फहराने का प्रयास है।
आजादी का यह मतलब नहीं कि हम केवल तिरंगे फहराते रहे। हमें हमेशा देश की उन्नति, विकास में बढ़-चढ़कर सतत् सहयोग करना चाहिए। हमें जाति, धर्म, समुदाय और क्षेत्रवादिता से ऊपर उठकर देश को आगे बढ़ाने व विश्व के सर्वाेच्च स्तर पर पहुंचाना होगा। तभी हमारे पूर्वजों और वीर योद्धाओं के आजादी के लिए दिए गए बलिदानों का कर्ज उतरेगा। आओ हम प्रतिज्ञा ले कि हमारे देश को हम समृद्ध, खुशहाल और विकसित करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।
आजादी के इस वर्षगांठ पर सभी भारतवासी के मन में खुशी, उल्लास व प्रेम की तरंगे दौड़ रही हैं। पूरा देश वंदे मातरम्, भारतमाता की जय के नारे लगा रहा हैं। हमें आजादी की अमिट स्मरणों को सदैव अपने हृदय में संजो कर रखना है।
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बिलासपुर को मिली नई सौगात

बिलासपुर। क्षेत्र के विद्यार्थियों के लिए बड़ी खुशखबरी है। Chouksey Group of Colleges के अंतर्गत नया Chouksey College of Ayurved Research Center & Hospital अब राष्ट्रीय आयुर्वेद आयोग (NCISM), नई दिल्ली से संबद्ध हो गया है।
यह उपलब्धि बिलासपुर के लिए गौरव की बात है, क्योंकि अब जिले को अपना पहला और एकमात्र निजी बीएएमएस (BAMS) कॉलेज मिल गया है।
कॉलेज प्रबंधन ने बताया कि इस वर्ष होने वाली काउंसलिंग में चौकसे आयुर्वेद कॉलेज में NEET 2025 के आधार पर प्रवेश (Admission) दिए जाएंगे। इससे विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण आयुर्वेद शिक्षा एवं आधुनिक सुविधाओं से युक्त प्रशिक्षण का अवसर मिलेगा।
ज्ञात रहे कि इस वर्ष Chouksey Group के इंजीनियरिंग कॉलेज में बिलासपुर संभाग में सर्वाधिक प्रवेश (Admissions) हुए हैं। साथ ही डिग्री पाठ्यक्रमों जैसे B.Com, Law, BBA, BCA, PGDCA की सभी सीटें भी पूर्ण रूप से भर गई हैं। यह विद्यार्थियों के बीच चौकसे ग्रुप की बढ़ती लोकप्रियता और विश्वास को दर्शाता है।

चौकसे ग्रुप ऑफ कॉलेजेस के प्रबंध निदेशक डॉ. आशीष जायसवाल ने कहा —
“हमारा संकल्प विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और बेहतर अवसर उपलब्ध कराना है। बिलासपुर में पहला निजी बीएएमएस कॉलेज खुलना न केवल विद्यार्थियों बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। हमें विश्वास है कि यह कॉलेज आयुर्वेद शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में नई पहचान स्थापित करेगा।”
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अग्रसेन धाम में गूँज रही श्रीमद्भागवत कथा, आस्था का उमड़ा सैलाब

रायपुर। अग्रसेन धाम, छोकरा नाला में गोयल परिवार द्वारा आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा महोत्सव में भक्ति और आस्था का अनुपम संगम देखने को मिल रहा है।
श्रीधाम वृंदावन वाले सुप्रसिद्ध कथावाचक परम पूज्य श्री आनंद कृष्ण ठाकुर जी महाराज अपने मधुर श्रीमुख से कथा वाचन कर रहे हैं। उनके मुखारविंद से झर रही श्रीकृष्ण कथा श्रद्धालुओं के हृदयों को भक्ति रस में सराबोर कर रही है।
हर दिन दोपहर 3 बजे से रात्रि 9 बजे तक चल रही कथा में श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ रहा है। केवल रायपुर ही नहीं, बल्कि आसपास के गाँवों और कस्बों से भी बड़ी संख्या में भक्तजन आकर कथा श्रवण का सौभाग्य प्राप्त कर रहे हैं।
पूरे परिसर में निरंतर हरिनाम संकीर्तन, भजनों और आध्यात्मिक ऊर्जा की गूँज से वातावरण अलौकिक हो गया है।
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हेल्पिंग हैंड्स क्लब फाउंडेशन महिला विंग की प्रदेश अध्यक्षा बबीता अग्रवाल को मिला राष्ट्रीय अग्र ज्योति अलंकरण सम्मान

सबसे अग्रणी संस्था में अहम भूमिका सामाजिक कार्यों से लेकर महिला सशक्तिकरण में अहम योगदान के लिए हुई सम्मानित
छत्तीसगढ़ प्रांतीय अग्रवाल संगठन का नवम अग्र अलंकरण समारोह में डॉक्टर रमन सिंह के हाथों मिला सम्मान
रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रांतीय अग्रवाल संगठन का नवम अग्र अलंकरण समारोह 28 अगस्त को एस एन पैलेस रायपुर में सम्पन्न हुआ इस समारोह में छत्तीसगढ़ के विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करने वाले 18 विभूतियों का सम्मान किया जाएगा। इस राष्ट्रीय अलंकरण समारोह में पूरे देश में अपनी अलग पहचान बना चुकी प्रदेश की सबसे अग्रणी संस्था हेल्पिंग हैंड्स क्लब फाउंडेशन की महिला विंग की प्रदेश अध्यक्षा रायपुर निवासी श्रीमती बबीता अग्रवाल को अग्र ज्योति अलंकरण पुरस्कार से सम्मानित किया गया। आपको बता दे कि हेल्पिंग हैंड्स क्लब फाउंडेशन के अध्यक्षा के रूप में बबीता अग्रवाल ने अनेकों सामाजिक गतिविधियों में अपना बहुमूल्य योगदान दिया है इनके इस दायित्व में इन्होंने पूरे प्रदेश में महिला समूहों में एक अलग अलख जगाई है। एवं आज के समय में हेल्पिंग हैंड्स क्लब की महिला विंग में हजारों की संख्या में महिलाएं शामिल है। विगत दिनों राखी विथ रक्षक का महा आयोजन राजधानी रायपुर के पुलिस ग्राउंड में किया गया था जो अपने आप में एक इतिहास के पन्ने में दर्ज हो गया। जिसमें हजारों रक्षक देश के जवानों को हेल्पिंग हैंड्स की बहनों ने रक्षासूत्र बांधा था। बबीता अग्रवाल शुरू से ही सामाजिक कार्यों में निस्वार्थ भाव से लोगो की मदद करने में दूसरों का दर्द दूर करने में सामाजिक बुराइयों को नष्ट करने में आगे रहती है। वही बबीता अग्रवाल ने बताया कि यह सम्मान उनके जीवन में एक नई ऊर्जा प्रदान कर रहा है। उन्होंने बताया कि हेल्पिंग हैंड्स क्लब फाउंडेशन के फाउंडर एवं प्रदेश अध्यक्ष अंकित अग्रवाल से उन्होंने बहुत कुछ सीखा है अंकित अग्रवाल के नेतृत्व और मार्गदर्शन में मानवसेवा माधवसेवा का साक्षात् उदाहरण जीवन में उतारा है जिस वजह से आज वो इस मुकाम पर है। एवं हेल्पिंग हैंड्स क्लब फाउंडेशन एक एनजीओ नहीं एक परिवार की तरह रहता है एवं कार्य करता है। उन्होंने आगे कहा कि अग्रवाल समाज के वरिष्ठ विधायक संपत अग्रवाल, अशोक सियाराम अग्रवाल,सुनील रामदास अग्रवाल,रमेश अग्रवाल , मनोज गोयल, अशोक मोदी , योगेश अग्रवाल हमेशा उनके प्रेरणाश्रोत रहे है। साथ ही उन्होंने आगे कहा कि हेल्पिंग हैंड्स महिला विंग की उनके साथीगण बहने हमेशा ही उनके साथ कंधे से कंधा मिला कर अग्रणी होकर कार्य करती है एवं यह मेरा नहीं मेरी पूरी टीम का सम्मान है यह सम्मान में अपनी पूरी टीम को समर्पित करती हु। साथ ही में छत्तीसगढ़ प्रांतीय अग्रवाल संगठन का इस पल के लिए इस सम्मान के लिए तहे दिल से आभार व्यक्त करती हु।
हेल्पिंग हैंड्स क्लब फाउंडेशन के प्रदेश संरक्षक डॉ रमेश अग्रवाल मनोज गोयल, अध्यक्ष अंकित अग्रवाल,उपाध्यक्ष विन्नी सलूजा तरुण अग्रवाल, अमित केडिया , रजत अग्रवाल , उदित अग्रवाल , विवेक श्रीवास्तव, रिंकू केडिया ,भारती मोदी,सुनीता पांडे, ज्योति अग्रवाल, पूजा छाबड़ा, एकता मलिक , अल्पना शर्मा , अंकुर अग्रवाल, मयंक जैन ,सुमित अग्रवाल,राकेश बोथरा,सुकुमार चटर्जी, अनामिका मिश्रा ,सेजल खंडेलवाल एवं अन्य सभी सदस्यों ने बबीता अग्रवाल को बधाई एवं शुभकामनाएं प्रदान की।
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