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छत्तीसगढ़

बैकुण्ठपुर : गौठानों को ग्रामीण आजीविका का गतिविधि केंद्र बनाने में गौठान समितियों की भूमिका अहम

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बैकुण्ठपुर| प्रत्येक ग्राम गौठान के उपयोगी स्वरूप के लिए आवष्यक है कि वहां का प्रबंधन करने वाली समिति के सभी सदस्यों को इसके संचालन और नियोजन के बारे में विस्तार से जानकारी हो। स्थानीय पषुओं के लिए बनाए गए इस आश्रय स्थल को ग्रामीण आजीविका की गतिविधियों के कंेद्र की तरह विकसित किया जाना है। कलेक्टर कोरिया ष्याम धावड़े के निर्देषानुसार इसी उद्देष्य को लेकर सभी माडल ग्राम गौठानों में ग्राम गौठान समितियों के अध्यक्ष और सदस्यों के उन्मुखीकरण को लेकर एक दिवसीय कार्यषालाओं का आयोजन किया जा रहा है। इस संबंध में जानकारी देते हुए जिला पंचायत के मुख्यकार्यपालन अधिकारी श्री कुणाल दुदावत ने बताया कि गत सप्ताह बैठक लेकर ग्राम गौठान समितियों के प्रबंधन के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करते हुए कार्यषालाओं के माध्यम से उन्मुखीकरण करने के लिए निर्देषित किया गया था।

इसी तारतम्य में मनेन्द्रगढ़ जनपद पंचायत के अंतर्गत ग्राम गौठान पिपरिया में मनेन्द्रगढ़ क्षेत्र की समस्त नई ग्राम गौठान समितियों के पदाधिकारियों व सदस्यों के उन्मुखीकरण हेतु एक दिवसीय कार्यषाला आयोजित की गई। इस कार्यषाला में उपस्थित रहे प्रतिभागियों को ग्राम गौठान समिति के कार्यों की जानकारी देते हुए समिति के उत्तरदायित्वों के बारे में विस्तार से अवगत कराया गया।

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जिला पंचायत सीइओ दुदावत ने बताया कि ग्राम पंचायत पिपरिया के गौठान में आयोजित समस्त समिति के सदस्यों को सबसे पहले सुराजी ग्राम योजना के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए उन्हे ग्राम गौठान की संकल्पना और उसके महती उद्देष्यों से अवगत कराया गया। इसके बाद प्रषिक्षकों ने उन्हे समिति के द्वारा किए जाने वाले कार्य दायित्वों की प्रदान करते हुए समिति के द्वारा विभिन्न दस्तावेजों के रखरखाव के बारे में बताया गया। जनपद पंचायत की टीम के साथ पषु चिकित्सा विभाग के अधिकारियों ने उपस्थित सदस्यों को सहकारिता को बढ़ावा देने वाली गोधन न्याय योजना के बारे मे विस्तार से अवगत कराया गया। गौठान समितियों के द्वारा किस तरह से गोबर खरीदी की जाएगी, उसके बाद उसे किस प्रकार महिला स्व सहायता समूह को प्रदान किया जाएगा। समूह द्वारा वर्मी खाद बना लिए जाने के बाद उसके पैकिंग और विक्रय की पूरी प्रक्रिया सहकारिता के माध्यम से किस तरह से पूरी होगी। इन सभी विषयों पर विस्तार से जानकारी प्रदान करते हुए उपस्थित प्रतिभागियों के सभी षंकाओं का निवारण किया गया।

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ग्राम पंचायत पिपरिया के गौठान में आयोजित इस कार्यषाला में कुल 36 ग्राम गौठान समितियों के पदाधिकारी व सक्रिय सदस्य उपस्थित रहे। इसके अलावा एक अन्य उन्मुखीकरण कार्यषाला मनेन्द्रगढ़ के ग्राम गोठान रोझी में आयोजित की गई जहां 35 ग्राम पंचायतों के ग्राम गौठान समिति के अध्यक्ष व सचिवों के साथ उनके यहां सक्रिय स्व सहायता समूह के सदस्य उपस्थित हुए। जिला पंचायत सीइओ ने बताया कि कलेक्टर कोरिया के निर्देष पर जनपद पंचायतों के द्वारा टीम बनाकर ग्राम गौठान समितियों को गोधन न्याय योजना के क्रियान्वयन और ग्राम गौठानों को आजीविका गतिविधियों के केंद्र बनाने के लिए पूरे जिले में यह उन्मुखीकरण कार्यषालाएं आयोजित की जा रही हैं।

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Bilaspur के नामी LCIT Group of Institutions का छात्रों के साथ भयानक फर्जीवाड़ा : वादे बड़े-बड़े, हकीकत पानी-पानी!

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LCIT Group of College bilaspur

बिलासपुर: LCIT Group of Institutions – Bilaspur, जो हर साल एडमिशन के दौरान बड़े-बड़े वादे और लुभावने दावे करता है, उसकी सच्चाई अब धीरे-धीरे सामने आने लगी है। दावा किया जाता है कि यहां आधुनिक लैब्स, अनुभवी फैकल्टी और विश्वस्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर मिलेगा — लेकिन ग्राउंड रियलिटी कुछ और ही कहानी बयां कर रही है।

बारिश आई, लैब्स ने छलनी बनकर स्वागत किया!
हमें मिले वीडियो में कॉलेज की लैब्स से टपकती छतें साफ़ दिखाई दे रही हैं। जहां स्टूडेंट्स को मशीनों के साथ प्रैक्टिकल करना चाहिए था, वहां अब पानी से बचने के लिए प्लास्टिक की बाल्टियाँ रखी जा रही हैं। सवाल ये उठता है कि जब प्रयोगशालाएं ही सुरक्षित नहीं, तो शिक्षा कितनी सुरक्षित होगी?

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फैकल्टी? बस कागज़ों पर!
सूत्रों के अनुसार, यहां कई फैकल्टी सदस्य केवल ऑन पेपर मौजूद हैं। यानी नाम तो है, पर काम में कहीं नजर नहीं आते। छात्रों का कहना है कि कई विषयों की क्लास ही नियमित नहीं होती।

इंजीनियरिंग प्रिंसिपल भी सिर्फ नाम के!
कहा जा रहा है कि इंजीनियरिंग कॉलेज का प्रिंसिपल भी फुल टाइम नहीं है, बल्कि केवल औपचारिकता निभाने के लिए कागजों पर मौजूद हैं। यह छात्रों के भविष्य के साथ खुला मज़ाक है।

स्टाफ की नियुक्ति पर भी सवाल
बताया जा रहा है कि अधिकांश स्टाफ या तो यहीं के पुराने छात्र हैं या फिर अन्य कॉलेज से किसी वजह से हटाए गए लोग हैं। इससे शिक्षा की गुणवत्ता पर गंभीर प्रश्नचिह्न लग जाता है।

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🎙 बिलासपुर के इस संस्थान की मार्केटिंग चमचमाती है, लेकिन हकीकत में ढहती छतें, दिखावटी स्टाफ और खोखले दावे छात्रों के सपनों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। ज़रूरत है कि शिक्षा को सिर्फ व्यापार न बनाकर, जिम्मेदारी समझा जाए

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छत्तीसगढ़

CG News: सुरक्षाबलों की बड़ी कामयाबी, घने जंगलों से भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद

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बीजापुर के कोमटपल्ली के जंगलों से जवानों ने भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद किया है। घने जंगल में पहाड़ों के बीच नक्सलियों ने सामग्री छुपाकर रखा था।

बीजापुर: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सुरक्षाबलों के जवानों को बड़ी सफलता मिली है। जवानों ने भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद किया है। नक्सलियों ने कोमटपल्ली जंगल-पहाड़ में बड़े चट्टानों के बीच हथियार और अन्य सामान छुपा कर रखा था। जिसे सर्चिंग के दौरान जवानों की संयुक्त टीम ने बरामद किया है।

बरामद किए गए सामग्रियों में गैस वेल्डिंग मशीन मय नोजल, आक्सीजन सिलेण्डर, गैस वेल्डिंग में उपयोग आने वाला पावडर- 8 डिब्बा, इन्वर्टर- 1 नग, स्टेबलाईजर 5 नग, स्टील कंटेनर 3 नग, कमर्सियल मोटर 3 नग, ब्लोवर(धौकनी मशीन)- 2 नग, ग्लेण्डर मोटर- 1 नग, वेल्डिंग राड 200 नग, टुकड़ा लोहे का राड छोटा बड़ा 3- 3 नग, खाली मैग्जीन 3 नग, इलेक्ट्रिक स्वीच- 65 नग, रायफल सिलिंग -08 नग और 2 नग पोच शामिल है।

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छत्तीसगढ़

निर्देश के बाद भी लापरवाही: धड़ल्ले से जल रही पराली, प्रदूषण बढ़ने का मंडरा रहा खतरा

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नगरी में रबि फसल की तैयारी के लिए किसान लगातार खेतों में पराली को आग के हवाले कर रहे हैं। जिसके चलते प्रदूषण का खतरा मंडरा रहा है।

छत्तीसगढ़ के नगरी के किसान इन दिनों रबि फसल की तैयारी में जुट गए हैं। इसी के साथ खेतों में लगातार पराली जलाने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। किसान लगातार खेतों में पराली को आग के हवाले कर रहे हैं जिसके चलते प्रदूषण का खतरा मंडरा रहा है। वहीं इन किसानों को पराली जलाने से रोकने वाला भी कोई नहीं है।

दरअसल, जिला प्रशासन ने पैरादान करने का निर्देश दिया था। इसके बाद भी किसान लगातार पराली को आग के हवाले कर रहे हैं। जिसके कारण प्रदूषण फैलने की संभावना बढ़ गई है। नगरी सिहावा के आसपास के गांव के अधिकतर किसान पैरा में जलाते हुए नजर आ रहे है। वहीं विभागीय अधिकारी का उदासीनता के चलते भी किसान बेख़ौफ़ होकर पराली जला रहे हैं।

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