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छत्तीसगढ़

CG : डॉक्टरी पेशे से जुड़े दर्जनभर लोगों को चार्टेड एकाउंटेंट दंपत्ति ने लालच देकर फंसाया

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रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी में डॉक्टरी पेशे से जुड़े एक दर्जन डॉक्टर और मेडिकल कर्मचारी 10 करोड़ की ठगी का शिकार हो गए। आरोपी ने पहले डॉक्टर और उससे जुड़े लोगों का भरोसा जीतने समय पर जमा राशि के पांच फीसदी ब्याज के साथ रुपए वापस किए। ऐसा उसने तीन साल तक किया और अब रफूचक्कर हो गया।

ठगी करने वाला गुजरात का दंपत्ति है। वह प्लानिंग बनाकर राजधानी पहुंचा। उसने रायपुर के फाफाडीह में चार्टेड अकाउंटेंट का आफिस खोला और लोगों से सम्पर्क करना शुरू किया। उसके झांसे में फंसे लोगों को उसने सबसे पहले दो साल तक 5 फीसदी ब्याज के साथ पैसा वापस किया। इससे लोगों का उस पर भरोसा हो गया। उसके बाद बड़ी कंपनी में पैसा लगाने का प्लान बनाया। बताया जा रहा है कि उसके झांसे में अंबेडकर अस्पताल की डॉक्टर ने मकान बनाने के लिए 92.70 लाख कर्ज लिए थे, ठग के बताए स्कीम पर उसने वह पैसे ठग को दे दिया। पैसा मिलने के कुछ महीने बाद आरोपी गायब हो गया। इस बीच उसने अपना ऑफिस और मकान दोनों खाली कर दिया। लोगों को आफिस बंद दिखने पर शंका हुई और उसके निवास की खोजबिन की गई तो वह वहां से भी मकान खाली कर नौ दो ग्यारह हो गया था।

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सभी पीड़ित डॉक्टरी पेशा से जुड़े

इस संबंध में एएसपी अभिषेक माहेश्वरी ने बताया कि उनके पास अब तक दस से ज्यादा डॉक्टर और मेडिकल से जुड़े लोगों की शिकायत मिली है। पीड़ितों ने पुलिस को बताया कि उन्होंने राकेश भभूतमल जैन और उसकी पत्नी शीतल जैन के पास पैसा निवेश किया है। पति-पत्नी ने मिलकर 10 करोड़ से ज्यादा की ठगी की है। ठगों ने पूरी प्लानिंग के साथ लोगों को झांसे में लिया। अब पूरा पैसा लेकर फरार हो गया है।

शादी के बाद दोनों पहुंचे रायपुर

यह भी बताया गया कि ठग राकेश जैन गुजरात और उसकी पत्नी शीतल मुंबई की रहने वाली है। शादी के बाद दोनों रायपुर आ गए थे। राकेश का भाई गुजरात में रहता है। पीड़ितों ने उसके भाई से संपर्क किया तो पता चला कि वे गुजरात भी नहीं आये। फिलहाल उनका उनका फोन भी बंद है। दोनों कहां गए हैं, भाई और उसके रिश्तेदारों को भी मालूम नहीं है। लेकिन अनुमान लगाया जा रहा है कि दोनों विदेश फरार हो गए होंगे।

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Bilaspur के नामी LCIT Group of Institutions का छात्रों के साथ भयानक फर्जीवाड़ा : वादे बड़े-बड़े, हकीकत पानी-पानी!

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LCIT Group of College bilaspur

बिलासपुर: LCIT Group of Institutions – Bilaspur, जो हर साल एडमिशन के दौरान बड़े-बड़े वादे और लुभावने दावे करता है, उसकी सच्चाई अब धीरे-धीरे सामने आने लगी है। दावा किया जाता है कि यहां आधुनिक लैब्स, अनुभवी फैकल्टी और विश्वस्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर मिलेगा — लेकिन ग्राउंड रियलिटी कुछ और ही कहानी बयां कर रही है।

बारिश आई, लैब्स ने छलनी बनकर स्वागत किया!
हमें मिले वीडियो में कॉलेज की लैब्स से टपकती छतें साफ़ दिखाई दे रही हैं। जहां स्टूडेंट्स को मशीनों के साथ प्रैक्टिकल करना चाहिए था, वहां अब पानी से बचने के लिए प्लास्टिक की बाल्टियाँ रखी जा रही हैं। सवाल ये उठता है कि जब प्रयोगशालाएं ही सुरक्षित नहीं, तो शिक्षा कितनी सुरक्षित होगी?

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फैकल्टी? बस कागज़ों पर!
सूत्रों के अनुसार, यहां कई फैकल्टी सदस्य केवल ऑन पेपर मौजूद हैं। यानी नाम तो है, पर काम में कहीं नजर नहीं आते। छात्रों का कहना है कि कई विषयों की क्लास ही नियमित नहीं होती।

इंजीनियरिंग प्रिंसिपल भी सिर्फ नाम के!
कहा जा रहा है कि इंजीनियरिंग कॉलेज का प्रिंसिपल भी फुल टाइम नहीं है, बल्कि केवल औपचारिकता निभाने के लिए कागजों पर मौजूद हैं। यह छात्रों के भविष्य के साथ खुला मज़ाक है।

स्टाफ की नियुक्ति पर भी सवाल
बताया जा रहा है कि अधिकांश स्टाफ या तो यहीं के पुराने छात्र हैं या फिर अन्य कॉलेज से किसी वजह से हटाए गए लोग हैं। इससे शिक्षा की गुणवत्ता पर गंभीर प्रश्नचिह्न लग जाता है।

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🎙 बिलासपुर के इस संस्थान की मार्केटिंग चमचमाती है, लेकिन हकीकत में ढहती छतें, दिखावटी स्टाफ और खोखले दावे छात्रों के सपनों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। ज़रूरत है कि शिक्षा को सिर्फ व्यापार न बनाकर, जिम्मेदारी समझा जाए

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छत्तीसगढ़

CG News: सुरक्षाबलों की बड़ी कामयाबी, घने जंगलों से भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद

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बीजापुर के कोमटपल्ली के जंगलों से जवानों ने भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद किया है। घने जंगल में पहाड़ों के बीच नक्सलियों ने सामग्री छुपाकर रखा था।

बीजापुर: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सुरक्षाबलों के जवानों को बड़ी सफलता मिली है। जवानों ने भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद किया है। नक्सलियों ने कोमटपल्ली जंगल-पहाड़ में बड़े चट्टानों के बीच हथियार और अन्य सामान छुपा कर रखा था। जिसे सर्चिंग के दौरान जवानों की संयुक्त टीम ने बरामद किया है।

बरामद किए गए सामग्रियों में गैस वेल्डिंग मशीन मय नोजल, आक्सीजन सिलेण्डर, गैस वेल्डिंग में उपयोग आने वाला पावडर- 8 डिब्बा, इन्वर्टर- 1 नग, स्टेबलाईजर 5 नग, स्टील कंटेनर 3 नग, कमर्सियल मोटर 3 नग, ब्लोवर(धौकनी मशीन)- 2 नग, ग्लेण्डर मोटर- 1 नग, वेल्डिंग राड 200 नग, टुकड़ा लोहे का राड छोटा बड़ा 3- 3 नग, खाली मैग्जीन 3 नग, इलेक्ट्रिक स्वीच- 65 नग, रायफल सिलिंग -08 नग और 2 नग पोच शामिल है।

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छत्तीसगढ़

निर्देश के बाद भी लापरवाही: धड़ल्ले से जल रही पराली, प्रदूषण बढ़ने का मंडरा रहा खतरा

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नगरी में रबि फसल की तैयारी के लिए किसान लगातार खेतों में पराली को आग के हवाले कर रहे हैं। जिसके चलते प्रदूषण का खतरा मंडरा रहा है।

छत्तीसगढ़ के नगरी के किसान इन दिनों रबि फसल की तैयारी में जुट गए हैं। इसी के साथ खेतों में लगातार पराली जलाने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। किसान लगातार खेतों में पराली को आग के हवाले कर रहे हैं जिसके चलते प्रदूषण का खतरा मंडरा रहा है। वहीं इन किसानों को पराली जलाने से रोकने वाला भी कोई नहीं है।

दरअसल, जिला प्रशासन ने पैरादान करने का निर्देश दिया था। इसके बाद भी किसान लगातार पराली को आग के हवाले कर रहे हैं। जिसके कारण प्रदूषण फैलने की संभावना बढ़ गई है। नगरी सिहावा के आसपास के गांव के अधिकतर किसान पैरा में जलाते हुए नजर आ रहे है। वहीं विभागीय अधिकारी का उदासीनता के चलते भी किसान बेख़ौफ़ होकर पराली जला रहे हैं।

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