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सांसद अरुण साव समेत भाजपा और युवा मोर्चा के नेताओं ने गिरफ्तारी देने 17 पुलिस थानों पर दिया धरना

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बिलासपुर । टूल किट मामले में प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह और भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संदीप पात्रा के खिलाफ प्रदेश में एफ आई आर दर्ज करने को लेकर सियासी माहौल गर्मा चुका है। भारतीय जनता पार्टी ने सियासी नफा नुकसान के हिसाब से इस मामले का जमकर विरोध करने और दबाव बनाने पूरे प्रदेश में थानों पर सोमवार को धरना प्रदर्शन करने का निर्णय लिया । इस मामले में दर्ज FIR को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह आज राजधानी रायपुर के सिविल लाइन थाने में सुबह 10:00 बजे पहुचे तो उस समय उनके साथ भाजपा के कद्दावर नेता बृजमोहन अग्रवाल तथा राजेश मूणत समेत पार्टी के अनेक नेता थे ।इस मामले में छत्तीसगढ़ भाजपा ने आज पूरे प्रदेश में दोपहर 3:00 बजे से शाम को 5:00 बजे तक सभी थानों पर धरना दिया और प्रदर्शन किया बिलासपुर में भी जिले के सभी थानों पर दोपहर 3 बजे से शाम 5 बजे तक भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं द्वारा धरना प्रदर्शन किया गया ।

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जिला भाजपा अध्यक्ष रामदेव कुमावत ने बताया कि बिलासपुर में भी इस मामले को लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं तथा आम जनता में खासा रोष व्याप्त है। उन्होंने बताया कि प्रदेश इकाई के निर्देशानुसार आज बिलासपुर जिले में भी सभी थानों के सामने धरना प्रदर्शन किया गया । थाना सिविल लाइन मे सांसद अरुण साव ने तो महिला थाना मे जयश्री चौकसे जिला भाजपा महिला मोर्चा अध्यक्ष ने अपने कार्यकर्त्ता के साथ गिरफ़्तारी देने धरना प्रदर्शन किया। श्री कुमावत ने कहा कि धरना प्रदर्शन के दौरान कोविड-19 के प्रोटोकॉल और गाइडलाइन का पूरा पालन करते हुए धरना प्रदर्शन किया गया।. इस दौरान भाजपा के पूर्व एल्डर मेन मनीष अग्रवाल , अजीत सिंह भोगल अध्यक्ष पश्चिम मंडल .सुश्री सुनीता मानिकपुरी. अध्यक्ष पिछड़ा वर्ग भाजपा. गायत्री साहू जिला महामंत्री ने भी धरना दिया और अपनी गिरफ्तारी की मांग की । सरकंडा थाना के सामने मंडल अध्यक्ष महर्षि बाजपेई ,युवा मोर्चा अध्यक्ष निखिल केशरवाणी कार्यकर्ताओं के साथ धरने पर बैठे ।

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गिरफ्तारी देने आए और धरने पर बैठे भाजपा नेताओं ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के टूलकिट उजागर होने के बाद बौखलाहट में आकर छत्तीसगढ़ कांग्रेस और सीएम भूपेश बघेल ने सत्ता का दुरुपयोग करते हुए भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री माननीय डॉ. रमन सिंह सहित भाजपा नेताओं पर एफआईआर दर्ज करवाया है। जिसके विरोध में 24 मई को तारबहार ,सरकंडा ,कोनी ,चक्रभाठा ,बिल्हा ,मस्तूरी ,तखतपुर ,कोटा ,रतनपुर ,सिविल लाइन ,कोतवाली ,तोरवा ,सिरगिटी , हिररी आदि थानों के सामने भारतीय जनता पार्टी, और भाजयुमो ,महिला मोर्चा के नेताओ और कार्यकर्ताओं ने कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए धरना प्रदर्शन किया ।

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Maharashtra चुनाव: इन 49 सीटों पर कांटे की टक्कर, उद्धव और शिंदे में कौन किस पर रहेगा भारी?

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Maharashtra Assembly Election 2024

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में सियासी पारा चढ़ा हुआ है। प्रदेश में 20 नवंबर को मतदान होगा और 23 नवंबर को नतीजों का ऐलान किया जाएगा। इस बार की चुनावी जंग महायुति और महा विकास अघाड़ी के बीच होने जा रही है, जहाँ दोनों गठबंधनों के नेता एक-दूसरे पर तीखे हमले कर रहे हैं।

चुनावी स्थिति
शिवसेना के दो धड़ों के बीच भी मुकाबला देखने को मिल रहा है। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाला गुट और एकनाथ शिंदे का गुट दोनों ही खुद को असली शिवसेना बताकर लोगों से वोट मांग रहे हैं। खासकर 49 सीटों पर यह कांटे की टक्कर देखी जा रही है, जिनमें 19 सीटें मुंबई के मेट्रोपोलिटन इलाकों में आती हैं और 12 सीटें शहर की हैं।

2022 में शिवसेना का विभाजन
जून 2022 में शिवसेना के विभाजन के बाद, एकनाथ शिंदे ने कई विधायकों के साथ एनडीए में शामिल होकर मुख्यमंत्री बनने में सफलता प्राप्त की थी। वहीं, उद्धव ठाकरे और कुछ विधायक महा विकास अघाड़ी में बने रहे। अब कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर उद्धव सत्ता में वापसी की उम्मीद कर रहे हैं।

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उद्धव ठाकरे पर अपने पिता बालासाहेब ठाकरे की विरासत को बचाने का दबाव भी है। शिंदे का आरोप है कि उद्धव ने कांग्रेस के साथ जाकर अपने पिता के विचारों को धोखा दिया है। इस चुनाव में यह देखना दिलचस्प होगा कि जनता किसे अपना समर्थन देती है।

चुनावी रणनीतियाँ
उद्धव ठाकरे: उद्धव ने उन 40 सीटों पर जीतने की रणनीति बनाई है, जहां से विधायक जीत के बाद शिंदे के साथ चले गए थे। उनके लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे अपने गढ़ को सुरक्षित रखें।

एकनाथ शिंदे: शिंदे का दावा है कि यदि महायुति की जीत होती है, तो मुख्यमंत्री वे ही होंगे। उन्हें अपनी पार्टी का जनाधार बढ़ाने और पिछली जीत को दोहराने की चुनौती का सामना करना होगा।

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प्रमुख मुकाबले
ठाणे की कोपरी पांचपखाड़ी सीट: यहाँ शिंदे को कड़ी टक्कर मिल रही है, जहाँ उद्धव गुट ने आनंद दिघे के भतीजे केदार को मैदान में उतारा है।
वर्ली सीट: उद्धव ने यहाँ अपने बेटे आदित्य को चुनावी मैदान में उतारा है, जो मिलिंद देवड़ा से मुकाबला कर रहे हैं।
निष्कर्ष
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में यह 49 सीटें न केवल उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि इन सीटों पर जीत या हार दोनों ही नेताओं के भविष्य का निर्धारण करेगी। सियासी दांव-पेंच और जनता की सोच इस बार के चुनाव में निर्णायक साबित होगी।

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अवैध शराब विक्रेताओं पर थाना कोटा पुलिस की कार्यवाही

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बिलासपुर: थाना कोटा पुलिस ने अवैध शराब विक्रेताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। पुलिस ने गनियारी स्थित कपूर तालाब से 1000 किलो से अधिक महुआ लहान को नष्ट कर दिया है और 10 लीटर कच्ची महुआ शराब भी जब्त की है।

गिरफ्तार आरोपियों में गौरी वर्मा, निवासी गनियारी, और जयप्रकाश रात्रे, निवासी लोकबंद शामिल हैं। जिला पुलिस अधीक्षक श्री रजनेश सिंह (भापुसे) ने ऑपरेशन चेतना के तहत नशे के अवैध कारोबारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे।

पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी कि गनियारी में एक महिला अवैध रूप से हाथभट्ठी से कच्ची महुआ शराब बना रही है। इस सूचना पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने गौरी वर्मा से 3 लीटर कच्ची महुआ शराब, जिसकी कीमत 600 रुपये थी, जब्त की और धारा 34(01) आबकारी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया।

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वहीं, ग्राम लोकबंद निवासी जयप्रकाश रात्रे से 7 लीटर कच्ची महुआ शराब, जिसकी कीमत 1400 रुपये थी, जब्त की गई और उन्हें धारा 34(02) आबकारी अधिनियम के तहत गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया।

रेड कार्यवाही के दौरान गनियारी के कपूर तालाब में शराब बनाने के लिए रखे 1000 किलो से अधिक महुआ लहान/पाश को मौके पर ही नष्ट किया गया। बिलासपुर पुलिस ने नशे के खिलाफ इसी तरह की सख्त कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है और आम जन से नशा उन्मूलन में सहयोग की अपील की है।

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बिलासपुर पुलिस ने नशे के सौदागरों पर किया प्रहार, 31 लाख रुपये की नशीली सामग्री बरामद

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बिलासपुर: पुलिस अधीक्षक श्री रजनेश सिंह के नेतृत्व में बिलासपुर पुलिस ने नशे के अवैध कारोबारियों पर बड़ी कार्रवाई की है। पुलिस ने नशीले इंजेक्शन और टेबलेट सप्लाई करने वाले आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनके पास से कुल 31 लाख रुपये की नशीली सामग्री बरामद की गई है।

गिरफ्तारी और बरामदगी:

गिरफ्तार किए गए आरोपियों में कल्पना कुर्रे, सृष्टि कुर्रे, और गोदावरी कुर्रे शामिल हैं, जो बिलासपुर की मिनीबस्ती में अपने परिवार के सदस्यों के साथ नशे का कारोबार कर रही थीं। उनके कब्जे से 2150 नग नशीले एम्पुल (कीमत लगभग 11 लाख रुपये) और 23648 नग टैबलेट (कीमत लगभग 20 लाख रुपये) बरामद किए गए हैं। इस तरह, कुल जप्त की गई सामग्री की कीमत लगभग 31 लाख रुपये है।

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आरोपियों का आपराधिक रिकॉर्ड:

गिरफ्तार आरोपियों का पूर्व से आपराधिक रिकॉर्ड रहा है। इनके खिलाफ नशे के कारोबार में संलिप्तता के कई मामले दर्ज हैं। इस गिरोह में शामिल कुल 09 सदस्य जेल में निरूद्ध हैं।

कार्रवाई की विस्तृत जानकारी:

पुलिस ने बताया कि 26.09.24 को अवैध रूप से नशीली सामग्री बेचने के आरोप में पहले भी कल्पना कुर्रे और एक विधि से संघर्षरत बालक के खिलाफ कार्रवाई की गई थी, जिसमें 896 नग नाइट्राज़ेपम टैबलेट जब्त की गई थीं। इसके बाद, 22.10.24 को सृष्टि कुर्रे के कब्जे से 150 नग बुप्रेनोर्फिन इंजेक्शन और रेक्सोजेसिक एम्पुल बरामद हुए।

आरोपियों से पूछताछ के दौरान पता चला कि वे रायपुर निवासी विक्रांत सरकार और रविशंकर मरकाम के माध्यम से नशीली सामग्री का ऑर्डर देते थे। पुलिस ने तकनीकी साक्ष्यों और मुखबिर की सूचना पर इनकी गिरफ्तारी के लिए एक रेड कार्यवाही की, जिसमें विक्रांत और रविशंकर को गिरफ्तार किया गया।

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आगे की कार्रवाई:

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों से नशे की सामग्री के संबंध में पूछताछ की जा रही है, और उनके खिलाफ वित्तीय जांच भी की जाएगी ताकि नशे के कारोबार से अर्जित संपत्ति की जानकारी एकत्र की जा सके। नशे के कारोबार में संलिप्त अन्य लोगों की पहचान कर उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।

इस कार्रवाई में पुलिस की टीम को सराहा गया है, और उचित पुरस्कार की घोषणा की गई है।

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