Connect with us

छत्तीसगढ़

धमतरी : खरीफ वर्ष 2023 के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा की अंतिम तिथि बढ़कर अब 16 अगस्त तक

avatar

Published

on

धमतरी| प्रदेश में फसलों को होने वाले नुकसान की क्षतिपूर्ति के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के क्रियान्वयन संबंधी अधिसूचना कृषि विभाग द्वारा जारी कर दी गई है। खरीफ वर्ष 2023 में फसल बीमा की अंतिम तिथि अब बढ़कर 16 अगस्त हो गई है। कलेक्टर ऋतुराज रघुवंशी ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत अधिक से अधिक किसानों का फसल बीमा कराने किसानों को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए गए हैं। फसल बीमा के लिए भारत सरकार द्वारा सूचीबद्ध बीमा कम्पनियों में से एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी लिमि., एचडीएफसी इगो एवं बजाज अल्यांज जनरल इंश्योरेंस कम्पनी लिमिटेड का चयन खरीफ एवं रबी वर्ष 2023-24, 2024-25 एवं वर्ष 2025-26 के लिए किया गया है।
                        

कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जिले के किसान मुख्य फसल धान सिंचित, धान असिंचित एवं अन्य फसल-जैसे मक्का, सोयाबीन, अरहर, मूंग, उड़द, कोदो, कुटकी एवं रागी का बीमा करा सकते है। ऋणी एवं अऋणी कृषक जो भू-धारक व बटाईदार हो योजना में ऐच्छिक रूप से शामिल हो सकते हैं। कृषकों द्वारा प्रदाय दी जाने वाली प्रीमियम खरीफ वर्ष 2023 के लिए बीमित राशि का 2 प्रतिशत होगा। अऋणी कृषक जो योजना में सम्मिलित होने के इच्छुक हो वे स्वप्रमाणित बुआई प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, बैंक पासबुक व भूमि के दस्तावेज के साथ बैंक/वित्तीय संस्थान, लोक सेवा केन्द्र (CSC, क्रियान्वयक बीमा कम्पनी में 16 अगस्त 2023 तक आवेदन कर योजना में शामिल हो सकते है।

यह भी पढ़ें   CG BREAKING: गिरफ्तार हुए सीएम भूपेश बघेल के पिता नंद कुमार बघेल, 21 सितंबर तक रहेंगे न्यायिक रिमांड में

अधिसूचित बीमा में अधिसूचित फसल को प्रतिकूल मौसम से होने वाले नुकसान से राहत दिलाने के लिए रोपाई/रोपण जोखिम, स्थानीयकृत आपदाएं एवं फसल कटाई के उपरांत सूखने हेतु खेत पर रखे करपा को होने वाले नुकसान तथा ’फसल पैदावार के आधार पर व्यापक क्षति को योजना में प्रावधानित किया गया है। ज्ञात हो कि धान सिंचित हेतु प्रिमियम राशि 1160 रूपये एवं असिंचित हेतु 880 रूपये निर्धारित है।
              

अधिकारियों ने बताया कि किसान खरीफ वर्ष 2023 में अपने फसल के लिए निर्धारित अंतिम तिथि 16 अगस्त 2023 के पूर्व बीमा अवश्य करायें। कृषक अधिसूचित बीमा ईकाई/फसल प्रावधानित जोखिम दावा भुगतान की प्रक्रिया आदि की अधिक जानकारी के लिए जिला स्तरीय पर्यवेक्षण समिति (DLMC PMFBY), कृषि कार्यालय, बैंक/वित्तीय संस्थान, क्रियान्वयक बीमा कम्पनी एवं लोक सेवा केन्द्र ( CSC) से सम्पर्क कर सकते है।

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

blog

Bilaspur के नामी LCIT Group of Institutions का छात्रों के साथ भयानक फर्जीवाड़ा : वादे बड़े-बड़े, हकीकत पानी-पानी!

avatar

Published

on

LCIT Group of College bilaspur

बिलासपुर: LCIT Group of Institutions – Bilaspur, जो हर साल एडमिशन के दौरान बड़े-बड़े वादे और लुभावने दावे करता है, उसकी सच्चाई अब धीरे-धीरे सामने आने लगी है। दावा किया जाता है कि यहां आधुनिक लैब्स, अनुभवी फैकल्टी और विश्वस्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर मिलेगा — लेकिन ग्राउंड रियलिटी कुछ और ही कहानी बयां कर रही है।

बारिश आई, लैब्स ने छलनी बनकर स्वागत किया!
हमें मिले वीडियो में कॉलेज की लैब्स से टपकती छतें साफ़ दिखाई दे रही हैं। जहां स्टूडेंट्स को मशीनों के साथ प्रैक्टिकल करना चाहिए था, वहां अब पानी से बचने के लिए प्लास्टिक की बाल्टियाँ रखी जा रही हैं। सवाल ये उठता है कि जब प्रयोगशालाएं ही सुरक्षित नहीं, तो शिक्षा कितनी सुरक्षित होगी?

यह भी पढ़ें   गौरेला पेंड्रा मरवाही : अतिवर्षा एवं हाथियों से जानमाल की सुरक्षा के लिए सतर्कता बरतने कलेक्टर ने दिए निर्देश

फैकल्टी? बस कागज़ों पर!
सूत्रों के अनुसार, यहां कई फैकल्टी सदस्य केवल ऑन पेपर मौजूद हैं। यानी नाम तो है, पर काम में कहीं नजर नहीं आते। छात्रों का कहना है कि कई विषयों की क्लास ही नियमित नहीं होती।

इंजीनियरिंग प्रिंसिपल भी सिर्फ नाम के!
कहा जा रहा है कि इंजीनियरिंग कॉलेज का प्रिंसिपल भी फुल टाइम नहीं है, बल्कि केवल औपचारिकता निभाने के लिए कागजों पर मौजूद हैं। यह छात्रों के भविष्य के साथ खुला मज़ाक है।

स्टाफ की नियुक्ति पर भी सवाल
बताया जा रहा है कि अधिकांश स्टाफ या तो यहीं के पुराने छात्र हैं या फिर अन्य कॉलेज से किसी वजह से हटाए गए लोग हैं। इससे शिक्षा की गुणवत्ता पर गंभीर प्रश्नचिह्न लग जाता है।

यह भी पढ़ें   राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव एवं राज्योत्सव 2021 का भव्य शुभारंभ

🎙 बिलासपुर के इस संस्थान की मार्केटिंग चमचमाती है, लेकिन हकीकत में ढहती छतें, दिखावटी स्टाफ और खोखले दावे छात्रों के सपनों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। ज़रूरत है कि शिक्षा को सिर्फ व्यापार न बनाकर, जिम्मेदारी समझा जाए

Continue Reading

छत्तीसगढ़

CG News: सुरक्षाबलों की बड़ी कामयाबी, घने जंगलों से भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद

avatar

Published

on

बीजापुर के कोमटपल्ली के जंगलों से जवानों ने भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद किया है। घने जंगल में पहाड़ों के बीच नक्सलियों ने सामग्री छुपाकर रखा था।

बीजापुर: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सुरक्षाबलों के जवानों को बड़ी सफलता मिली है। जवानों ने भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद किया है। नक्सलियों ने कोमटपल्ली जंगल-पहाड़ में बड़े चट्टानों के बीच हथियार और अन्य सामान छुपा कर रखा था। जिसे सर्चिंग के दौरान जवानों की संयुक्त टीम ने बरामद किया है।

बरामद किए गए सामग्रियों में गैस वेल्डिंग मशीन मय नोजल, आक्सीजन सिलेण्डर, गैस वेल्डिंग में उपयोग आने वाला पावडर- 8 डिब्बा, इन्वर्टर- 1 नग, स्टेबलाईजर 5 नग, स्टील कंटेनर 3 नग, कमर्सियल मोटर 3 नग, ब्लोवर(धौकनी मशीन)- 2 नग, ग्लेण्डर मोटर- 1 नग, वेल्डिंग राड 200 नग, टुकड़ा लोहे का राड छोटा बड़ा 3- 3 नग, खाली मैग्जीन 3 नग, इलेक्ट्रिक स्वीच- 65 नग, रायफल सिलिंग -08 नग और 2 नग पोच शामिल है।

यह भी पढ़ें   डीजीपी ने की समस्त आईजी और एसपी के साथ समीक्षा बैठक
Continue Reading

छत्तीसगढ़

निर्देश के बाद भी लापरवाही: धड़ल्ले से जल रही पराली, प्रदूषण बढ़ने का मंडरा रहा खतरा

avatar

Published

on

नगरी में रबि फसल की तैयारी के लिए किसान लगातार खेतों में पराली को आग के हवाले कर रहे हैं। जिसके चलते प्रदूषण का खतरा मंडरा रहा है।

छत्तीसगढ़ के नगरी के किसान इन दिनों रबि फसल की तैयारी में जुट गए हैं। इसी के साथ खेतों में लगातार पराली जलाने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। किसान लगातार खेतों में पराली को आग के हवाले कर रहे हैं जिसके चलते प्रदूषण का खतरा मंडरा रहा है। वहीं इन किसानों को पराली जलाने से रोकने वाला भी कोई नहीं है।

दरअसल, जिला प्रशासन ने पैरादान करने का निर्देश दिया था। इसके बाद भी किसान लगातार पराली को आग के हवाले कर रहे हैं। जिसके कारण प्रदूषण फैलने की संभावना बढ़ गई है। नगरी सिहावा के आसपास के गांव के अधिकतर किसान पैरा में जलाते हुए नजर आ रहे है। वहीं विभागीय अधिकारी का उदासीनता के चलते भी किसान बेख़ौफ़ होकर पराली जला रहे हैं।

यह भी पढ़ें   विदेश से लौटते ही पकड़ा गया दुष्कर्मी
Continue Reading
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement

Trending