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छत्तीसगढ़

बेलगहना में मनाया जायेगा जिला स्तरीय जनजातीय गौरव दिवस

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बैठक से नदारद सीएमओ को नोटिस
बिलासपुर, कोटा विकासखंड के ग्राम बेलगहना में 15 नवम्बर को जिला स्तरीय जनजातीय गौरव दिवस मनाया जायेगा। केंद्रीय आवासन व शहरी विकास मंत्री तोखन साहू मुख्य अतिथि होंगे। कलेक्टर अवनीश शरण ने टीएल बैठक में आयोजन की तैयारी की समीक्षा की। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के उद्बोधन का जीवंत प्रसारण बड़े एलईडी पर देखने का मौका मिलेगा। विभागीय स्टॉल भी लगाए जाएंगे। जिला पंचायत सीईओ संदीप अग्रवाल को आयोजन के लिए नोडल अधिकारी बनाया गया है। पीएम जनमन योजना की जिले की उपलब्धियों को प्रमुखता से स्टॉल में प्रदर्शित किया जाएगा।

कलेक्टर श्री शरण ने बैठक में रतनपुर के मुख्य नगरपालिका अधिकारी के एल निर्मलकर को शो कॉज नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। बिना अनुमति लिए वे टीएल बैठक से नदारद थे। कलेक्टर ने प्राकृतिक आपदा से मृत लोगों को आर्थिक सहायता देने के लंबित मामलों को टीएल पंजी में दर्ज करने के निर्देश दिए। पीड़ित व्यक्ति के परिवार को 4 लाख की आर्थिक मदद दी जाती है। एसडीएम को विलंब का कारण बताना होगा। सहकार से समृद्धि योजना के तहत वन, मछलीपालन और पशुपालन से जुड़ी गतिविधियों की प्राथमिकता से समिति गठित करने को कहा गया है।

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पशु आश्रय स्थल के कामकाज की जानकारी ली। उन्होंने मुख्यमंत्री जनदर्शन सहित विभिन्न विभागों के लंबित मामलों की समीक्षा कर जल्द से जल्द निराकरण करने के निर्देश दिए। पुराने वाहनों की नीलामी की प्रगति की भी समीक्षा की। बैठक में डीएफओ सत्यदेव शर्मा, निगम आयुक्त अमितकुमार, जिला पंचायत सीईओ संदीप अग्रवाल, सहायक कलेक्टर तन्मय खन्ना सहित जिला स्तरीय वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

कलेक्टर ने ली समाज प्रमुखों की बैठक-
जिला स्तरीय जनजातीय गौरव दिवस के सफल आयोजन के लिए कलेक्टर ने आदिवासी समाज प्रमुखों की बैठक ली। उन्होंने सभी से आयोजन में उत्साह के साथ भागीदारी की अपील की। सफल आयोजन को लेकर उनसे सलाह मशविरा भी किया। कलेक्टर ने बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा विशेष पिछड़ी जनजाति के विकास के लिए शुरू की गई पीएम जनमन योजना का विस्तार करते हुए धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान शुरू किया गया है।

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इसके तहत जिले में 102 गांव शामिल किए गए हैं, जिसमें कोटा के 65, तखतपुर के 13, मस्तूरी के 13 और बिल्हा के 11 गांव शामिल हैं। इस अभियान में 17 विभाग शामिल होंगे। 15 नवंबर से 26 नवंबर तक योजना के प्रचार-प्रसार के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। कलेक्टर ने सभी से अपील करते हुए कहा कि हमें समन्वित प्रयास करते हुए अभियान को सफल बनाना है। बैठक में, सर्व आदिवासी समाज से जनपद पंचायत कोटा के अध्यक्ष श्री मनोहर सिंह राज, आदिवासी समाज, गोंड समाज, बिंझवार समाज, आदिवासी कंवर समाज सहित अन्य समाज प्रमुख मौजूद थे।

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Bilaspur के नामी LCIT Group of Institutions का छात्रों के साथ भयानक फर्जीवाड़ा : वादे बड़े-बड़े, हकीकत पानी-पानी!

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LCIT Group of College bilaspur

बिलासपुर: LCIT Group of Institutions – Bilaspur, जो हर साल एडमिशन के दौरान बड़े-बड़े वादे और लुभावने दावे करता है, उसकी सच्चाई अब धीरे-धीरे सामने आने लगी है। दावा किया जाता है कि यहां आधुनिक लैब्स, अनुभवी फैकल्टी और विश्वस्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर मिलेगा — लेकिन ग्राउंड रियलिटी कुछ और ही कहानी बयां कर रही है।

बारिश आई, लैब्स ने छलनी बनकर स्वागत किया!
हमें मिले वीडियो में कॉलेज की लैब्स से टपकती छतें साफ़ दिखाई दे रही हैं। जहां स्टूडेंट्स को मशीनों के साथ प्रैक्टिकल करना चाहिए था, वहां अब पानी से बचने के लिए प्लास्टिक की बाल्टियाँ रखी जा रही हैं। सवाल ये उठता है कि जब प्रयोगशालाएं ही सुरक्षित नहीं, तो शिक्षा कितनी सुरक्षित होगी?

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फैकल्टी? बस कागज़ों पर!
सूत्रों के अनुसार, यहां कई फैकल्टी सदस्य केवल ऑन पेपर मौजूद हैं। यानी नाम तो है, पर काम में कहीं नजर नहीं आते। छात्रों का कहना है कि कई विषयों की क्लास ही नियमित नहीं होती।

इंजीनियरिंग प्रिंसिपल भी सिर्फ नाम के!
कहा जा रहा है कि इंजीनियरिंग कॉलेज का प्रिंसिपल भी फुल टाइम नहीं है, बल्कि केवल औपचारिकता निभाने के लिए कागजों पर मौजूद हैं। यह छात्रों के भविष्य के साथ खुला मज़ाक है।

स्टाफ की नियुक्ति पर भी सवाल
बताया जा रहा है कि अधिकांश स्टाफ या तो यहीं के पुराने छात्र हैं या फिर अन्य कॉलेज से किसी वजह से हटाए गए लोग हैं। इससे शिक्षा की गुणवत्ता पर गंभीर प्रश्नचिह्न लग जाता है।

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🎙 बिलासपुर के इस संस्थान की मार्केटिंग चमचमाती है, लेकिन हकीकत में ढहती छतें, दिखावटी स्टाफ और खोखले दावे छात्रों के सपनों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। ज़रूरत है कि शिक्षा को सिर्फ व्यापार न बनाकर, जिम्मेदारी समझा जाए

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छत्तीसगढ़

CG News: सुरक्षाबलों की बड़ी कामयाबी, घने जंगलों से भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद

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बीजापुर के कोमटपल्ली के जंगलों से जवानों ने भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद किया है। घने जंगल में पहाड़ों के बीच नक्सलियों ने सामग्री छुपाकर रखा था।

बीजापुर: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सुरक्षाबलों के जवानों को बड़ी सफलता मिली है। जवानों ने भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद किया है। नक्सलियों ने कोमटपल्ली जंगल-पहाड़ में बड़े चट्टानों के बीच हथियार और अन्य सामान छुपा कर रखा था। जिसे सर्चिंग के दौरान जवानों की संयुक्त टीम ने बरामद किया है।

बरामद किए गए सामग्रियों में गैस वेल्डिंग मशीन मय नोजल, आक्सीजन सिलेण्डर, गैस वेल्डिंग में उपयोग आने वाला पावडर- 8 डिब्बा, इन्वर्टर- 1 नग, स्टेबलाईजर 5 नग, स्टील कंटेनर 3 नग, कमर्सियल मोटर 3 नग, ब्लोवर(धौकनी मशीन)- 2 नग, ग्लेण्डर मोटर- 1 नग, वेल्डिंग राड 200 नग, टुकड़ा लोहे का राड छोटा बड़ा 3- 3 नग, खाली मैग्जीन 3 नग, इलेक्ट्रिक स्वीच- 65 नग, रायफल सिलिंग -08 नग और 2 नग पोच शामिल है।

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छत्तीसगढ़

निर्देश के बाद भी लापरवाही: धड़ल्ले से जल रही पराली, प्रदूषण बढ़ने का मंडरा रहा खतरा

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नगरी में रबि फसल की तैयारी के लिए किसान लगातार खेतों में पराली को आग के हवाले कर रहे हैं। जिसके चलते प्रदूषण का खतरा मंडरा रहा है।

छत्तीसगढ़ के नगरी के किसान इन दिनों रबि फसल की तैयारी में जुट गए हैं। इसी के साथ खेतों में लगातार पराली जलाने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। किसान लगातार खेतों में पराली को आग के हवाले कर रहे हैं जिसके चलते प्रदूषण का खतरा मंडरा रहा है। वहीं इन किसानों को पराली जलाने से रोकने वाला भी कोई नहीं है।

दरअसल, जिला प्रशासन ने पैरादान करने का निर्देश दिया था। इसके बाद भी किसान लगातार पराली को आग के हवाले कर रहे हैं। जिसके कारण प्रदूषण फैलने की संभावना बढ़ गई है। नगरी सिहावा के आसपास के गांव के अधिकतर किसान पैरा में जलाते हुए नजर आ रहे है। वहीं विभागीय अधिकारी का उदासीनता के चलते भी किसान बेख़ौफ़ होकर पराली जला रहे हैं।

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