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छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ के सुकमा में सुरक्षाकर्मियों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़, 4 जवान घायल

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छत्तीसगढ़ में बीजापुर-सुकमा सीमा पर सुरक्षाकर्मियों और नक्‍सलियों के बीच मुठभेड़ हुई है. मुठभेड़ के दौरान कुल चार जवान घायल हुए हैं. पुलिस के मुताबिक, लोगों को बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने और नक्‍सली गतिविधियों पर नजर रखने के लिए सुकमा के टेकलगुडेम गांव में आज ही एक सुरक्षा कैंप स्थापित किया गया था.

कैंप स्थापित करने के बाद डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड, कोबरा बटालियन और स्पेशल टास्क फोर्स इलाके में गश्त कर रहे थे. उसी दौरान नक्‍सलियों ने उन पर गोलीबारी शुरू कर दी, जिसका सुरक्षाबलों ने मुंहतोड़ जवाब दिया.

सुरक्षाबलों के बढ़ते दबाव को देखकर माओवादी जंगल की आड़ लेकर भाग गए. मुठभेड़ के दौरान एक जवान को गोली लगी है और तीन जवान मामूली रूप से घायल हुए हैं. पुलिस ने अपने आधिकारिक बयान में कहा है कि घायल जवानों की स्थिति खतरे से बाहर है और इलाज के लिए उन्‍हें रायपुर भेजा जा रहा है.

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टेकलगुडे़म में शहीद हुए थे 23 जवान

उल्लेखनीय है कि साल 2021 में टेकलगुड़ेम के जंगल में पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में 23 जवान शहीद हो गए थे.

बस्‍तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुन्दरराज पी. ने बताया कि क्षेत्र की जनता को नक्सल समस्या से मुक्ति दिलाने के लिए बस्तर पुलिस और तैनात सुरक्षा बल संकल्पित है. उन्‍होंने कहा कि वर्ष 2021 में टेकलगुड़ेम मुठभेड़ में भारी क्षति पहुंचने के बावजूद जनहित में पुनः हम मजबूती से टेकलगुड़ेम गांव में कैम्प स्थापित कर क्षेत्र की शांति, सुरक्षा एवं विकास हेतु समर्पित होकर कार्य करेंगे.

नक्‍सलियों ने तीन तरफ से किया था हमला

अप्रैल 2021 में बीजापुर जिले में करीब 2,000 सुरक्षाकर्मी एक नक्‍सली नेता की तलाश में थे, जब उनमें से कुछ पर हमला किया गया. अधिकारियों ने कहा था कि करीब 400 से 750 प्रशिक्षित नक्‍सलियों ने जवानों को तीन तरफ से घेरकर उन पर कई घंटों तक मशीनगन से गोलियां बरसाई और गोलाबारी की. साथ ही उन्‍होंने अपनी जान गंवाने वाले सुरक्षाकर्मियों के हथियार, गोला-बारूद, वर्दी और जूते लूट लिए थे. सीआरपीएफ के अनुसार, मुठभेड़ में करीब 28-30 नक्‍सली भी मारे गए थे.

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सुकमा राज्य के नक्सल प्रभावित बस्तर क्षेत्र के सात जिलों में से एक है.

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Bilaspur के नामी LCIT Group of Institutions का छात्रों के साथ भयानक फर्जीवाड़ा : वादे बड़े-बड़े, हकीकत पानी-पानी!

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LCIT Group of College bilaspur

बिलासपुर: LCIT Group of Institutions – Bilaspur, जो हर साल एडमिशन के दौरान बड़े-बड़े वादे और लुभावने दावे करता है, उसकी सच्चाई अब धीरे-धीरे सामने आने लगी है। दावा किया जाता है कि यहां आधुनिक लैब्स, अनुभवी फैकल्टी और विश्वस्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर मिलेगा — लेकिन ग्राउंड रियलिटी कुछ और ही कहानी बयां कर रही है।

बारिश आई, लैब्स ने छलनी बनकर स्वागत किया!
हमें मिले वीडियो में कॉलेज की लैब्स से टपकती छतें साफ़ दिखाई दे रही हैं। जहां स्टूडेंट्स को मशीनों के साथ प्रैक्टिकल करना चाहिए था, वहां अब पानी से बचने के लिए प्लास्टिक की बाल्टियाँ रखी जा रही हैं। सवाल ये उठता है कि जब प्रयोगशालाएं ही सुरक्षित नहीं, तो शिक्षा कितनी सुरक्षित होगी?

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फैकल्टी? बस कागज़ों पर!
सूत्रों के अनुसार, यहां कई फैकल्टी सदस्य केवल ऑन पेपर मौजूद हैं। यानी नाम तो है, पर काम में कहीं नजर नहीं आते। छात्रों का कहना है कि कई विषयों की क्लास ही नियमित नहीं होती।

इंजीनियरिंग प्रिंसिपल भी सिर्फ नाम के!
कहा जा रहा है कि इंजीनियरिंग कॉलेज का प्रिंसिपल भी फुल टाइम नहीं है, बल्कि केवल औपचारिकता निभाने के लिए कागजों पर मौजूद हैं। यह छात्रों के भविष्य के साथ खुला मज़ाक है।

स्टाफ की नियुक्ति पर भी सवाल
बताया जा रहा है कि अधिकांश स्टाफ या तो यहीं के पुराने छात्र हैं या फिर अन्य कॉलेज से किसी वजह से हटाए गए लोग हैं। इससे शिक्षा की गुणवत्ता पर गंभीर प्रश्नचिह्न लग जाता है।

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🎙 बिलासपुर के इस संस्थान की मार्केटिंग चमचमाती है, लेकिन हकीकत में ढहती छतें, दिखावटी स्टाफ और खोखले दावे छात्रों के सपनों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। ज़रूरत है कि शिक्षा को सिर्फ व्यापार न बनाकर, जिम्मेदारी समझा जाए

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छत्तीसगढ़

CG News: सुरक्षाबलों की बड़ी कामयाबी, घने जंगलों से भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद

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बीजापुर के कोमटपल्ली के जंगलों से जवानों ने भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद किया है। घने जंगल में पहाड़ों के बीच नक्सलियों ने सामग्री छुपाकर रखा था।

बीजापुर: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सुरक्षाबलों के जवानों को बड़ी सफलता मिली है। जवानों ने भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद किया है। नक्सलियों ने कोमटपल्ली जंगल-पहाड़ में बड़े चट्टानों के बीच हथियार और अन्य सामान छुपा कर रखा था। जिसे सर्चिंग के दौरान जवानों की संयुक्त टीम ने बरामद किया है।

बरामद किए गए सामग्रियों में गैस वेल्डिंग मशीन मय नोजल, आक्सीजन सिलेण्डर, गैस वेल्डिंग में उपयोग आने वाला पावडर- 8 डिब्बा, इन्वर्टर- 1 नग, स्टेबलाईजर 5 नग, स्टील कंटेनर 3 नग, कमर्सियल मोटर 3 नग, ब्लोवर(धौकनी मशीन)- 2 नग, ग्लेण्डर मोटर- 1 नग, वेल्डिंग राड 200 नग, टुकड़ा लोहे का राड छोटा बड़ा 3- 3 नग, खाली मैग्जीन 3 नग, इलेक्ट्रिक स्वीच- 65 नग, रायफल सिलिंग -08 नग और 2 नग पोच शामिल है।

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छत्तीसगढ़

निर्देश के बाद भी लापरवाही: धड़ल्ले से जल रही पराली, प्रदूषण बढ़ने का मंडरा रहा खतरा

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नगरी में रबि फसल की तैयारी के लिए किसान लगातार खेतों में पराली को आग के हवाले कर रहे हैं। जिसके चलते प्रदूषण का खतरा मंडरा रहा है।

छत्तीसगढ़ के नगरी के किसान इन दिनों रबि फसल की तैयारी में जुट गए हैं। इसी के साथ खेतों में लगातार पराली जलाने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। किसान लगातार खेतों में पराली को आग के हवाले कर रहे हैं जिसके चलते प्रदूषण का खतरा मंडरा रहा है। वहीं इन किसानों को पराली जलाने से रोकने वाला भी कोई नहीं है।

दरअसल, जिला प्रशासन ने पैरादान करने का निर्देश दिया था। इसके बाद भी किसान लगातार पराली को आग के हवाले कर रहे हैं। जिसके कारण प्रदूषण फैलने की संभावना बढ़ गई है। नगरी सिहावा के आसपास के गांव के अधिकतर किसान पैरा में जलाते हुए नजर आ रहे है। वहीं विभागीय अधिकारी का उदासीनता के चलते भी किसान बेख़ौफ़ होकर पराली जला रहे हैं।

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