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छत्तीसगढ़

कोण्डागांव: जिले में मनरेगा योजना से वृहद पैमाने पर रोजगार की सुलभता

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कोण्डागांव| जिले के अंतर्गत कुल 383 ग्राम पंचायतों में से  363 ग्राम पंचायतों में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजनान्तर्गत वर्तमान में रोजगारपरक कार्य संचालित किया जा रहा है। जिसमें मुख्य रूप से भूमि समतलीकरण, डबरी निर्माण, तालाब निर्माण, मिट्टीकृत सड़क निर्माण इत्यादि सम्मिलित हैं। इन कार्यों में 1554 रोजगारमूलक कार्य प्रगतिरत हैं। इन सभी कार्यों में प्रतिदिन 30 हजार से भी अधिक श्रमिकों को रोजगार प्राप्त हो रहा है। ज्ञातव्य है कि राज्य  स्तर से मनरेगा में जिले को 26 लाख 29 हजार मानव दिवस रोजगार के अवसर सृजित किये जाने हेतु लक्ष्य प्राप्त हुआ है। उक्त लक्ष्य के अनुरूप जिले में पंजीकृत जॉब कार्डधारी परिवारों को रोजगार उपलब्ध कराये जाने सर्वोच्च प्राथमिकता देकर स्वीकृत रोजगारमूलक कार्यों को नियमित तौर पर संचालित किया जा रहा है। जिसके फलस्वरूप जिले में लक्ष्य के विरूद्व अब तक 75 प्रतिशत से अधिक रोजगार के अवसर सृजित किया जा चुका है, जो कि पूरे राज्य में 5 वां स्थान तथा बस्तर संभाग क्षेत्र में लक्ष्य प्राप्ति के दृष्टिकोण से पहला स्थान है।

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रोजगारमूलक कार्यों की स्वीकृति एवं नियमित संचालन पर फोकस


जिले में मनरेगा हेतु निर्धारित लक्ष्य की प्राप्ति हेतु कलेक्टर दीपक सोनी के निर्देशानुसार अब तक कुल 14 करोड़ 38 लाख रुपये लागत के 6153 कार्यों की स्वीकृति प्रदान की गई है । जिसके तहत सभी ग्राम पंचायतों में पर्याप्त मात्रा में कार्यों की स्वीकृति सुनिश्चित करने के साथ ही नियमित तौर पर कार्यों को संचालित करने के लिए ध्यान केंद्रित किया गया है।  जिससे  एक कार्य की समाप्ति पर अन्य दूसरा रोजगारमूलक कार्य शुरू किया जा रहा है। इसी के फलस्वरूप पंजीकृत जॉब कार्डधारी परिवारों को रोजगार की सुलभता सुनिश्चित हो सके । जिले में मनरेगा के क्रियान्वयन को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है और कलेक्टर जन चौपाल एवं अन्य माध्यम से प्राप्त शिकायतों का निराकरण भी किया जा रहा है ।

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इस वित्तीय वर्ष में  प्राप्त कुल 20 शिकायतों में से 14 शिकायतों की जांच कर कार्यवाही पूर्ण की जा चुकी है तथा शेष बचे प्रकरणों की जांच  प्रक्रियाधीन है। देश की आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में प्रत्येक जिलें में 150 अमृत सरोवर बनाये जाने का लक्ष्य है । इस ओर जिले में 136 अमृत सरोवर तालाब निर्माण हेतु चिन्हाकंन कर 96 अमृत सरोवर तालाब की स्वीकृति दी जा चुकी है जिसमें 2 अमृत सरोवर पूर्ण  किये जा चुके हैं और 88 अमृत सरोवर प्रगतिरत है। आगामी दिनों में इन कार्यों को और तेजी के साथ संचालित कर जल्द पूर्ण किया जाएगा।

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Bilaspur के नामी LCIT Group of Institutions का छात्रों के साथ भयानक फर्जीवाड़ा : वादे बड़े-बड़े, हकीकत पानी-पानी!

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LCIT Group of College bilaspur

बिलासपुर: LCIT Group of Institutions – Bilaspur, जो हर साल एडमिशन के दौरान बड़े-बड़े वादे और लुभावने दावे करता है, उसकी सच्चाई अब धीरे-धीरे सामने आने लगी है। दावा किया जाता है कि यहां आधुनिक लैब्स, अनुभवी फैकल्टी और विश्वस्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर मिलेगा — लेकिन ग्राउंड रियलिटी कुछ और ही कहानी बयां कर रही है।

बारिश आई, लैब्स ने छलनी बनकर स्वागत किया!
हमें मिले वीडियो में कॉलेज की लैब्स से टपकती छतें साफ़ दिखाई दे रही हैं। जहां स्टूडेंट्स को मशीनों के साथ प्रैक्टिकल करना चाहिए था, वहां अब पानी से बचने के लिए प्लास्टिक की बाल्टियाँ रखी जा रही हैं। सवाल ये उठता है कि जब प्रयोगशालाएं ही सुरक्षित नहीं, तो शिक्षा कितनी सुरक्षित होगी?

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फैकल्टी? बस कागज़ों पर!
सूत्रों के अनुसार, यहां कई फैकल्टी सदस्य केवल ऑन पेपर मौजूद हैं। यानी नाम तो है, पर काम में कहीं नजर नहीं आते। छात्रों का कहना है कि कई विषयों की क्लास ही नियमित नहीं होती।

इंजीनियरिंग प्रिंसिपल भी सिर्फ नाम के!
कहा जा रहा है कि इंजीनियरिंग कॉलेज का प्रिंसिपल भी फुल टाइम नहीं है, बल्कि केवल औपचारिकता निभाने के लिए कागजों पर मौजूद हैं। यह छात्रों के भविष्य के साथ खुला मज़ाक है।

स्टाफ की नियुक्ति पर भी सवाल
बताया जा रहा है कि अधिकांश स्टाफ या तो यहीं के पुराने छात्र हैं या फिर अन्य कॉलेज से किसी वजह से हटाए गए लोग हैं। इससे शिक्षा की गुणवत्ता पर गंभीर प्रश्नचिह्न लग जाता है।

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🎙 बिलासपुर के इस संस्थान की मार्केटिंग चमचमाती है, लेकिन हकीकत में ढहती छतें, दिखावटी स्टाफ और खोखले दावे छात्रों के सपनों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। ज़रूरत है कि शिक्षा को सिर्फ व्यापार न बनाकर, जिम्मेदारी समझा जाए

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छत्तीसगढ़

CG News: सुरक्षाबलों की बड़ी कामयाबी, घने जंगलों से भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद

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बीजापुर के कोमटपल्ली के जंगलों से जवानों ने भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद किया है। घने जंगल में पहाड़ों के बीच नक्सलियों ने सामग्री छुपाकर रखा था।

बीजापुर: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सुरक्षाबलों के जवानों को बड़ी सफलता मिली है। जवानों ने भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद किया है। नक्सलियों ने कोमटपल्ली जंगल-पहाड़ में बड़े चट्टानों के बीच हथियार और अन्य सामान छुपा कर रखा था। जिसे सर्चिंग के दौरान जवानों की संयुक्त टीम ने बरामद किया है।

बरामद किए गए सामग्रियों में गैस वेल्डिंग मशीन मय नोजल, आक्सीजन सिलेण्डर, गैस वेल्डिंग में उपयोग आने वाला पावडर- 8 डिब्बा, इन्वर्टर- 1 नग, स्टेबलाईजर 5 नग, स्टील कंटेनर 3 नग, कमर्सियल मोटर 3 नग, ब्लोवर(धौकनी मशीन)- 2 नग, ग्लेण्डर मोटर- 1 नग, वेल्डिंग राड 200 नग, टुकड़ा लोहे का राड छोटा बड़ा 3- 3 नग, खाली मैग्जीन 3 नग, इलेक्ट्रिक स्वीच- 65 नग, रायफल सिलिंग -08 नग और 2 नग पोच शामिल है।

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छत्तीसगढ़

निर्देश के बाद भी लापरवाही: धड़ल्ले से जल रही पराली, प्रदूषण बढ़ने का मंडरा रहा खतरा

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नगरी में रबि फसल की तैयारी के लिए किसान लगातार खेतों में पराली को आग के हवाले कर रहे हैं। जिसके चलते प्रदूषण का खतरा मंडरा रहा है।

छत्तीसगढ़ के नगरी के किसान इन दिनों रबि फसल की तैयारी में जुट गए हैं। इसी के साथ खेतों में लगातार पराली जलाने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। किसान लगातार खेतों में पराली को आग के हवाले कर रहे हैं जिसके चलते प्रदूषण का खतरा मंडरा रहा है। वहीं इन किसानों को पराली जलाने से रोकने वाला भी कोई नहीं है।

दरअसल, जिला प्रशासन ने पैरादान करने का निर्देश दिया था। इसके बाद भी किसान लगातार पराली को आग के हवाले कर रहे हैं। जिसके कारण प्रदूषण फैलने की संभावना बढ़ गई है। नगरी सिहावा के आसपास के गांव के अधिकतर किसान पैरा में जलाते हुए नजर आ रहे है। वहीं विभागीय अधिकारी का उदासीनता के चलते भी किसान बेख़ौफ़ होकर पराली जला रहे हैं।

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