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छत्तीसगढ़

रायपुर: शहरी गरीबों के लिए निर्बाध स्वास्थ्य सेवाएं, नगरीय प्रशासन विभाग ने जारी किए 55.58 करोड़ रुपए

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रायपुर: मोबाइल मेडिकल यूनिट्स के लिए मार्च-2025 तक जारी की गई राशि

नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने शहरों में स्वास्थ्य सेवाओं के निर्बाध और सुचारू संचालन के लिए 55 करोड़ 58 लाख रुपए जारी किए हैं। उप मुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन मंत्री अरुण साव के अनुमोदन के बाद राज्य शहरी विकास अभिकरण (SUDA) ने नगरीय निकायों में मोबाइल मेडिकल यूनिट्स के संचालन के लिए सभी जिलों में गठित जिला अर्बन पब्लिक सर्विस सोसाइटीज को आज कुल 55 करोड़ 58 लाख रुपए जारी किए हैं। इनमें दिसम्बर-2024 तक की सेवाओं के भुगतान के साथ ही आगामी मार्च-2025 तक का अग्रिम भुगतान शामिल है। इससे मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य सहायता योजना के तहत शहरी लोगों को निर्बाध स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकेगी।

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने बताया कि शहरी स्वास्थ्य सुविधाओं से जुड़ी योजनाओं को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए शासन द्वारा निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में आज शहरी क्षेत्रों में, विशेषकर स्लम बस्तियों में रहने वाले परिवारों को समुचित स्वास्थ्य सुविधाएं उनके मुहल्ले तक पहुंचाने तथा मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना के मार्च-2025 तक सुचारू और निर्बाध संचालन के लिए बड़ी राशि जारी की गई है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना के तहत राज्य के विभिन्न नगरीय निकायों में पिछले एक साल में 40 हजार से अधिक स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन कर 27 लाख से अधिक मरीजों का नि:शुल्क इलाज किया गया है। साथ ही 24 लाख से अधिक मरीजों को मुफ्त दवाईयां और 8 लाख मरीजों को निःशुल्क लैब टेस्ट की सुविधा प्रदान की गई है।

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दाई-दीदी क्लिनिक्स में एक साल में 1.75 लाख से अधिक महिलाओं का उपचार

मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य सहायता योजना के अंतर्गत मुख्यमंत्री दाई-दीदी क्लीनिक योजना में पिछले एक वर्ष में एक लाख 75 हजार से अधिक महिलाओं का इलाज किया गया है। योजना के तहत नगरीय निकायों में महिला डॉक्टरों, महिला फार्मासिस्ट्स, महिला लैब टेक्नीशियन्स, एएनएम और महिला चालकों की टीम द्वारा एक वर्ष में 2995 शिविर आयोजित किए गए हैं। दाई दीदी क्लिनिक्स में पौने दो लाख महिलाओं के उपचार के साथ ही एक लाख 62 हजार से ज्यादा महिलाओं को नि:शुल्क दवाईयां और 49 हजार से अधिक महिलाओं को मुफ्त लैब टेस्ट का लाभ मिला है। योजना के माध्यम से महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य की देखभाल प्राथमिकता से की जा रही है।

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Bilaspur के नामी LCIT Group of Institutions का छात्रों के साथ भयानक फर्जीवाड़ा : वादे बड़े-बड़े, हकीकत पानी-पानी!

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LCIT Group of College bilaspur

बिलासपुर: LCIT Group of Institutions – Bilaspur, जो हर साल एडमिशन के दौरान बड़े-बड़े वादे और लुभावने दावे करता है, उसकी सच्चाई अब धीरे-धीरे सामने आने लगी है। दावा किया जाता है कि यहां आधुनिक लैब्स, अनुभवी फैकल्टी और विश्वस्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर मिलेगा — लेकिन ग्राउंड रियलिटी कुछ और ही कहानी बयां कर रही है।

बारिश आई, लैब्स ने छलनी बनकर स्वागत किया!
हमें मिले वीडियो में कॉलेज की लैब्स से टपकती छतें साफ़ दिखाई दे रही हैं। जहां स्टूडेंट्स को मशीनों के साथ प्रैक्टिकल करना चाहिए था, वहां अब पानी से बचने के लिए प्लास्टिक की बाल्टियाँ रखी जा रही हैं। सवाल ये उठता है कि जब प्रयोगशालाएं ही सुरक्षित नहीं, तो शिक्षा कितनी सुरक्षित होगी?

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फैकल्टी? बस कागज़ों पर!
सूत्रों के अनुसार, यहां कई फैकल्टी सदस्य केवल ऑन पेपर मौजूद हैं। यानी नाम तो है, पर काम में कहीं नजर नहीं आते। छात्रों का कहना है कि कई विषयों की क्लास ही नियमित नहीं होती।

इंजीनियरिंग प्रिंसिपल भी सिर्फ नाम के!
कहा जा रहा है कि इंजीनियरिंग कॉलेज का प्रिंसिपल भी फुल टाइम नहीं है, बल्कि केवल औपचारिकता निभाने के लिए कागजों पर मौजूद हैं। यह छात्रों के भविष्य के साथ खुला मज़ाक है।

स्टाफ की नियुक्ति पर भी सवाल
बताया जा रहा है कि अधिकांश स्टाफ या तो यहीं के पुराने छात्र हैं या फिर अन्य कॉलेज से किसी वजह से हटाए गए लोग हैं। इससे शिक्षा की गुणवत्ता पर गंभीर प्रश्नचिह्न लग जाता है।

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🎙 बिलासपुर के इस संस्थान की मार्केटिंग चमचमाती है, लेकिन हकीकत में ढहती छतें, दिखावटी स्टाफ और खोखले दावे छात्रों के सपनों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। ज़रूरत है कि शिक्षा को सिर्फ व्यापार न बनाकर, जिम्मेदारी समझा जाए

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छत्तीसगढ़

CG News: सुरक्षाबलों की बड़ी कामयाबी, घने जंगलों से भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद

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बीजापुर के कोमटपल्ली के जंगलों से जवानों ने भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद किया है। घने जंगल में पहाड़ों के बीच नक्सलियों ने सामग्री छुपाकर रखा था।

बीजापुर: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सुरक्षाबलों के जवानों को बड़ी सफलता मिली है। जवानों ने भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद किया है। नक्सलियों ने कोमटपल्ली जंगल-पहाड़ में बड़े चट्टानों के बीच हथियार और अन्य सामान छुपा कर रखा था। जिसे सर्चिंग के दौरान जवानों की संयुक्त टीम ने बरामद किया है।

बरामद किए गए सामग्रियों में गैस वेल्डिंग मशीन मय नोजल, आक्सीजन सिलेण्डर, गैस वेल्डिंग में उपयोग आने वाला पावडर- 8 डिब्बा, इन्वर्टर- 1 नग, स्टेबलाईजर 5 नग, स्टील कंटेनर 3 नग, कमर्सियल मोटर 3 नग, ब्लोवर(धौकनी मशीन)- 2 नग, ग्लेण्डर मोटर- 1 नग, वेल्डिंग राड 200 नग, टुकड़ा लोहे का राड छोटा बड़ा 3- 3 नग, खाली मैग्जीन 3 नग, इलेक्ट्रिक स्वीच- 65 नग, रायफल सिलिंग -08 नग और 2 नग पोच शामिल है।

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छत्तीसगढ़

निर्देश के बाद भी लापरवाही: धड़ल्ले से जल रही पराली, प्रदूषण बढ़ने का मंडरा रहा खतरा

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नगरी में रबि फसल की तैयारी के लिए किसान लगातार खेतों में पराली को आग के हवाले कर रहे हैं। जिसके चलते प्रदूषण का खतरा मंडरा रहा है।

छत्तीसगढ़ के नगरी के किसान इन दिनों रबि फसल की तैयारी में जुट गए हैं। इसी के साथ खेतों में लगातार पराली जलाने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। किसान लगातार खेतों में पराली को आग के हवाले कर रहे हैं जिसके चलते प्रदूषण का खतरा मंडरा रहा है। वहीं इन किसानों को पराली जलाने से रोकने वाला भी कोई नहीं है।

दरअसल, जिला प्रशासन ने पैरादान करने का निर्देश दिया था। इसके बाद भी किसान लगातार पराली को आग के हवाले कर रहे हैं। जिसके कारण प्रदूषण फैलने की संभावना बढ़ गई है। नगरी सिहावा के आसपास के गांव के अधिकतर किसान पैरा में जलाते हुए नजर आ रहे है। वहीं विभागीय अधिकारी का उदासीनता के चलते भी किसान बेख़ौफ़ होकर पराली जला रहे हैं।

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