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छत्तीसगढ़

केशकाल घाटी की सड़क का मरम्मत कार्य जारी, कलेक्टर ने किया निरीक्षण

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रायपुर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश के परिपालन में बस्तर अंचल से लेकर सरगुजा अंचल तक की सड़कों के रख-रखाव एवं मरम्मत का कार्य तेजी से कराया जा रहा है। बस्तर अंचल के प्रवेश द्वार के नाम से प्रसिद्ध केशकाल घाटी की सड़क के मरम्मत एवं जीर्णाेद्धार का कार्य युद्ध स्तर पर कराया जा रहा है। सड़क निर्माण कार्य निर्वाध रूप से जारी रहे, इसकों ध्यान में रखते हुए प्रशासन द्वारा फिलहाल भारी वाहन के आवागमन को रोका गया है। कोण्डागांव कलेक्टर दीपक सोनी ने आज केशकाल घाटी पहुंचकर सड़क मरम्मत के कार्य का जायजा लिया। उन्होंने अधिकारियों को मरम्मत कार्य को गुणवत्ता के साथ तेजी से पूरा कराए जाने के निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने केशकाल घाटी के तीसरे से सातवें टर्निंग पाइंट तक पैदल चलकर कार्य की गुणवत्ता का मुआयना भी किया।

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योजनाबद्ध तरीके से संचालित किया जा रहा सड़क मरम्मत कार्य

राष्ट्रीय राजमार्ग 30 के केशकाल घाटी में सड़क मरम्मत कार्य को योजनाबद्ध तरीके से तेजी के साथ संचालित किया जा रहा है। पेंच रिपेयर कार्य को तकनीकी एवं गुणवत्ता के मानकों के अनुरूप सुनिश्चित करने नियमित तौर पर मॉनिटरिंग किये जाने 5 उप अभियंताओं की ड्यूटी लगाई गई है। राष्ट्रीय राजमार्ग के कार्यपालन अभियंता एवं अनुविभागीय अधिकारी भी इस कार्य की निरन्तर मॉनिटरिंग कर रहे है। कलेक्टर सोनी ने केशकाल घाटी के तीसरे मोड़ पर ग्राउंड वॉटर की निकासी के लिए प्लान तैयार कर सीमेंट कांक्रीटीकरण किये जाने के निर्देश अधिकारियों को दिये। केशकाल घाट के सभी मोड़ों पर सुरक्षा दिशा-निर्देश के लिए सूचना पटल, रिफ्लेक्टर मिरर, सड़क पर मार्किंग, संकेतक रेडियम इत्यादि सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

भारी वाहनों के लिए वैकल्पिक मार्ग निर्धारित

गौरतलब है कि केशकाल घाट में पेंच रिपेयर कार्य को तेजी के साथ अनवरत संचालित करने के फलस्वरूप विगत 4 नवम्बर से 11 नवम्बर तक केशकाल घाट पर बसों एवं छोटी चौपहिया वाहनों को छोड़कर भारी माल वाहनों के आवागमन को प्रतिबन्धित किया गया है। इन भारी माल वाहकों के आवाजाही के लिए वैकल्पिक मार्ग निर्धारित किया गया है।

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इन भारी वाहनों एवं ट्रकों के द्वारा वैकल्पिक मार्ग का उपयोग सुनिश्चित कराये जाने और आम जनता की सुविधा के मद्देनजर केशकाल घाट से बसों तथा छोटी चौपहिया एवं दुपहिया वाहनों की सुगम आवाजाही की व्यवस्था करने हेतु प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गयी है। कलेक्टर सोनी के सड़क मरम्मत निरीक्षण के दौरान कार्यपालन अभियंता राष्ट्रीय राजमार्ग आरके गुरु, एसडीएम शंकरलाल सिन्हा तथा अन्य अधिकारी मौजूद थे।

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Bilaspur के नामी LCIT Group of Institutions का छात्रों के साथ भयानक फर्जीवाड़ा : वादे बड़े-बड़े, हकीकत पानी-पानी!

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LCIT Group of College bilaspur

बिलासपुर: LCIT Group of Institutions – Bilaspur, जो हर साल एडमिशन के दौरान बड़े-बड़े वादे और लुभावने दावे करता है, उसकी सच्चाई अब धीरे-धीरे सामने आने लगी है। दावा किया जाता है कि यहां आधुनिक लैब्स, अनुभवी फैकल्टी और विश्वस्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर मिलेगा — लेकिन ग्राउंड रियलिटी कुछ और ही कहानी बयां कर रही है।

बारिश आई, लैब्स ने छलनी बनकर स्वागत किया!
हमें मिले वीडियो में कॉलेज की लैब्स से टपकती छतें साफ़ दिखाई दे रही हैं। जहां स्टूडेंट्स को मशीनों के साथ प्रैक्टिकल करना चाहिए था, वहां अब पानी से बचने के लिए प्लास्टिक की बाल्टियाँ रखी जा रही हैं। सवाल ये उठता है कि जब प्रयोगशालाएं ही सुरक्षित नहीं, तो शिक्षा कितनी सुरक्षित होगी?

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फैकल्टी? बस कागज़ों पर!
सूत्रों के अनुसार, यहां कई फैकल्टी सदस्य केवल ऑन पेपर मौजूद हैं। यानी नाम तो है, पर काम में कहीं नजर नहीं आते। छात्रों का कहना है कि कई विषयों की क्लास ही नियमित नहीं होती।

इंजीनियरिंग प्रिंसिपल भी सिर्फ नाम के!
कहा जा रहा है कि इंजीनियरिंग कॉलेज का प्रिंसिपल भी फुल टाइम नहीं है, बल्कि केवल औपचारिकता निभाने के लिए कागजों पर मौजूद हैं। यह छात्रों के भविष्य के साथ खुला मज़ाक है।

स्टाफ की नियुक्ति पर भी सवाल
बताया जा रहा है कि अधिकांश स्टाफ या तो यहीं के पुराने छात्र हैं या फिर अन्य कॉलेज से किसी वजह से हटाए गए लोग हैं। इससे शिक्षा की गुणवत्ता पर गंभीर प्रश्नचिह्न लग जाता है।

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🎙 बिलासपुर के इस संस्थान की मार्केटिंग चमचमाती है, लेकिन हकीकत में ढहती छतें, दिखावटी स्टाफ और खोखले दावे छात्रों के सपनों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। ज़रूरत है कि शिक्षा को सिर्फ व्यापार न बनाकर, जिम्मेदारी समझा जाए

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छत्तीसगढ़

CG News: सुरक्षाबलों की बड़ी कामयाबी, घने जंगलों से भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद

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बीजापुर के कोमटपल्ली के जंगलों से जवानों ने भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद किया है। घने जंगल में पहाड़ों के बीच नक्सलियों ने सामग्री छुपाकर रखा था।

बीजापुर: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सुरक्षाबलों के जवानों को बड़ी सफलता मिली है। जवानों ने भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद किया है। नक्सलियों ने कोमटपल्ली जंगल-पहाड़ में बड़े चट्टानों के बीच हथियार और अन्य सामान छुपा कर रखा था। जिसे सर्चिंग के दौरान जवानों की संयुक्त टीम ने बरामद किया है।

बरामद किए गए सामग्रियों में गैस वेल्डिंग मशीन मय नोजल, आक्सीजन सिलेण्डर, गैस वेल्डिंग में उपयोग आने वाला पावडर- 8 डिब्बा, इन्वर्टर- 1 नग, स्टेबलाईजर 5 नग, स्टील कंटेनर 3 नग, कमर्सियल मोटर 3 नग, ब्लोवर(धौकनी मशीन)- 2 नग, ग्लेण्डर मोटर- 1 नग, वेल्डिंग राड 200 नग, टुकड़ा लोहे का राड छोटा बड़ा 3- 3 नग, खाली मैग्जीन 3 नग, इलेक्ट्रिक स्वीच- 65 नग, रायफल सिलिंग -08 नग और 2 नग पोच शामिल है।

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छत्तीसगढ़

निर्देश के बाद भी लापरवाही: धड़ल्ले से जल रही पराली, प्रदूषण बढ़ने का मंडरा रहा खतरा

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नगरी में रबि फसल की तैयारी के लिए किसान लगातार खेतों में पराली को आग के हवाले कर रहे हैं। जिसके चलते प्रदूषण का खतरा मंडरा रहा है।

छत्तीसगढ़ के नगरी के किसान इन दिनों रबि फसल की तैयारी में जुट गए हैं। इसी के साथ खेतों में लगातार पराली जलाने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। किसान लगातार खेतों में पराली को आग के हवाले कर रहे हैं जिसके चलते प्रदूषण का खतरा मंडरा रहा है। वहीं इन किसानों को पराली जलाने से रोकने वाला भी कोई नहीं है।

दरअसल, जिला प्रशासन ने पैरादान करने का निर्देश दिया था। इसके बाद भी किसान लगातार पराली को आग के हवाले कर रहे हैं। जिसके कारण प्रदूषण फैलने की संभावना बढ़ गई है। नगरी सिहावा के आसपास के गांव के अधिकतर किसान पैरा में जलाते हुए नजर आ रहे है। वहीं विभागीय अधिकारी का उदासीनता के चलते भी किसान बेख़ौफ़ होकर पराली जला रहे हैं।

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