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छत्तीसगढ़

स्वतंत्रता दिवस पर सीएम भूपेश बघेल रायपुर में करेंगे ध्वजारोहण, जनपद-तहसील स्तर पर नहीं होंगे सार्वजनिक समारोह

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रायपुर: प्रदेश में स्वतंत्रता दिवस, 15 अगस्त 2021 पूरे गरिमामय ढंग से मनाया जाएगा। राजधानी रायपुर में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ध्वजारोहण करेंगे। स्वतंत्रता दिवस समारोह में भारत सरकार गृह मंत्रालय एवं स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के निर्देशानुसार कोविड-19 महामारी को ध्यान में रखते हुए विशेष सावधानी बरती जाएगी। इस संबंध में राज्य शासन के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।

सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी निर्देशानुसार प्रदेश की राजधानी रायपुर एवं अन्य जिला मुख्यालयों में आयोजित होने वाले मुख्य समारोह चूंकि प्रातः 9 बजे से प्रारंभ होंगे, इसे देखते हुये रायपुर एवं अन्य जिला मुख्यालयों में स्थित शासकीय कार्यालयों में ध्वजारोहण कार्यक्रम प्रातः 9 बजे के पूर्व सम्पन्न किए जाएंगे, ताकि उन कार्यालयों के अधिकारी-कर्मचारीगण जिले के मुख्य समारोह में भाग ले सकें। स्वतंत्रता दिवस, 15 अगस्त, 2021 की रात्रि में प्रदेश के सभी शासकीय, सार्वजनिक भवनों, राष्ट्रीय महत्व के स्मारकों पर रोशनी की जाएगी। इस बार जनपद पंचायत एवं तहसील स्तर पर सार्वजनिक समारोह आयोजित नहीं होंगे। जनपद पंचायत कार्यालयों में जनपद पंचायत अध्यक्ष एवं नगरीय निकायों में निकाय अध्यक्षों द्वारा ध्वजारोहण किया जाएगा।

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राज्य स्तर पर राजधानी रायपुर में मुख्यमंत्री द्वारा ध्वजारोहण किया जायेगा। ध्वजारोहण के बाद पुलिस एवं अर्द्धसैनिक बलों की टुकड़ियों द्वारा सलामी (गार्ड आफ ऑनर) दी जायेगी। मुख्यमंत्री के द्वारा जनता के नाम संदेश का वाचन किया जायेगा। कार्यक्रम में कोरोना वारियर्स डॉक्टरों, पुलिसकर्मियों, स्वास्थ्यकर्मियों एवं स्वच्छताकर्मियों को विशेष रूप से आमंत्रित किया जाएगा। जिला स्तर पर मुख्य अतिथि के द्वारा ध्वजारोहण किया जायेगा। ध्वजारोहण के बाद पुलिस एवं नगर सैनिक की टुकड़ियों के द्वारा सलामी (गार्ड आफ ऑनर) दी जायेगी। मुख्य अतिथि के द्वारा मुख्यमंत्री के जनता के नाम संदेश का वाचन किया जायेगा। पंचायत मुख्यालय और बड़े ग्राम स्तर-पंचायत मुख्यालयों में सरपंच द्वारा एवं बड़े गांवो में, गांवों के मुखिया ध्वजारोहण करेंगे और सामूहिक रूप से राष्ट्रीय गान गाया जाएगा।

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ऐसे शैक्षणिक संस्थान जहां अध्ययन-अध्यापन का कार्य हो रहा है वहां पर छात्र-छात्राओं की उपस्थिति में ध्वजारोहण किया जाएगा और स्वतंत्रता दिवस के महत्व पर प्रकाश डाला जाएगा। किंतु रैली, सांस्कृतिक कार्यक्रम, प्रतियोगिता इत्यादि का आयोजन नहीं किया जाएगा। स्वतंत्रता दिवस समारोह के आयोजनों में कोविड 19 के लिए जारी निर्देश यथा-मास्क पहनना, सामाजिक दूरी आदि का पालन करना होगा। विभाग, कार्यालय प्रमुख द्वारा उनके कार्यालय में ध्वजारोहण का कार्यक्रम आयोजित किया जाए। ध्वजारोहण के पश्चात् सामूहिक रूप से राष्ट्रीय गान गाया जाएगा। सभी शासकीय और सार्वजनिक भवनों पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाएगा।

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Bilaspur के नामी LCIT Group of Institutions का छात्रों के साथ भयानक फर्जीवाड़ा : वादे बड़े-बड़े, हकीकत पानी-पानी!

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LCIT Group of College bilaspur

बिलासपुर: LCIT Group of Institutions – Bilaspur, जो हर साल एडमिशन के दौरान बड़े-बड़े वादे और लुभावने दावे करता है, उसकी सच्चाई अब धीरे-धीरे सामने आने लगी है। दावा किया जाता है कि यहां आधुनिक लैब्स, अनुभवी फैकल्टी और विश्वस्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर मिलेगा — लेकिन ग्राउंड रियलिटी कुछ और ही कहानी बयां कर रही है।

बारिश आई, लैब्स ने छलनी बनकर स्वागत किया!
हमें मिले वीडियो में कॉलेज की लैब्स से टपकती छतें साफ़ दिखाई दे रही हैं। जहां स्टूडेंट्स को मशीनों के साथ प्रैक्टिकल करना चाहिए था, वहां अब पानी से बचने के लिए प्लास्टिक की बाल्टियाँ रखी जा रही हैं। सवाल ये उठता है कि जब प्रयोगशालाएं ही सुरक्षित नहीं, तो शिक्षा कितनी सुरक्षित होगी?

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फैकल्टी? बस कागज़ों पर!
सूत्रों के अनुसार, यहां कई फैकल्टी सदस्य केवल ऑन पेपर मौजूद हैं। यानी नाम तो है, पर काम में कहीं नजर नहीं आते। छात्रों का कहना है कि कई विषयों की क्लास ही नियमित नहीं होती।

इंजीनियरिंग प्रिंसिपल भी सिर्फ नाम के!
कहा जा रहा है कि इंजीनियरिंग कॉलेज का प्रिंसिपल भी फुल टाइम नहीं है, बल्कि केवल औपचारिकता निभाने के लिए कागजों पर मौजूद हैं। यह छात्रों के भविष्य के साथ खुला मज़ाक है।

स्टाफ की नियुक्ति पर भी सवाल
बताया जा रहा है कि अधिकांश स्टाफ या तो यहीं के पुराने छात्र हैं या फिर अन्य कॉलेज से किसी वजह से हटाए गए लोग हैं। इससे शिक्षा की गुणवत्ता पर गंभीर प्रश्नचिह्न लग जाता है।

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🎙 बिलासपुर के इस संस्थान की मार्केटिंग चमचमाती है, लेकिन हकीकत में ढहती छतें, दिखावटी स्टाफ और खोखले दावे छात्रों के सपनों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। ज़रूरत है कि शिक्षा को सिर्फ व्यापार न बनाकर, जिम्मेदारी समझा जाए

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छत्तीसगढ़

CG News: सुरक्षाबलों की बड़ी कामयाबी, घने जंगलों से भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद

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बीजापुर के कोमटपल्ली के जंगलों से जवानों ने भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद किया है। घने जंगल में पहाड़ों के बीच नक्सलियों ने सामग्री छुपाकर रखा था।

बीजापुर: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सुरक्षाबलों के जवानों को बड़ी सफलता मिली है। जवानों ने भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद किया है। नक्सलियों ने कोमटपल्ली जंगल-पहाड़ में बड़े चट्टानों के बीच हथियार और अन्य सामान छुपा कर रखा था। जिसे सर्चिंग के दौरान जवानों की संयुक्त टीम ने बरामद किया है।

बरामद किए गए सामग्रियों में गैस वेल्डिंग मशीन मय नोजल, आक्सीजन सिलेण्डर, गैस वेल्डिंग में उपयोग आने वाला पावडर- 8 डिब्बा, इन्वर्टर- 1 नग, स्टेबलाईजर 5 नग, स्टील कंटेनर 3 नग, कमर्सियल मोटर 3 नग, ब्लोवर(धौकनी मशीन)- 2 नग, ग्लेण्डर मोटर- 1 नग, वेल्डिंग राड 200 नग, टुकड़ा लोहे का राड छोटा बड़ा 3- 3 नग, खाली मैग्जीन 3 नग, इलेक्ट्रिक स्वीच- 65 नग, रायफल सिलिंग -08 नग और 2 नग पोच शामिल है।

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छत्तीसगढ़

निर्देश के बाद भी लापरवाही: धड़ल्ले से जल रही पराली, प्रदूषण बढ़ने का मंडरा रहा खतरा

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नगरी में रबि फसल की तैयारी के लिए किसान लगातार खेतों में पराली को आग के हवाले कर रहे हैं। जिसके चलते प्रदूषण का खतरा मंडरा रहा है।

छत्तीसगढ़ के नगरी के किसान इन दिनों रबि फसल की तैयारी में जुट गए हैं। इसी के साथ खेतों में लगातार पराली जलाने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। किसान लगातार खेतों में पराली को आग के हवाले कर रहे हैं जिसके चलते प्रदूषण का खतरा मंडरा रहा है। वहीं इन किसानों को पराली जलाने से रोकने वाला भी कोई नहीं है।

दरअसल, जिला प्रशासन ने पैरादान करने का निर्देश दिया था। इसके बाद भी किसान लगातार पराली को आग के हवाले कर रहे हैं। जिसके कारण प्रदूषण फैलने की संभावना बढ़ गई है। नगरी सिहावा के आसपास के गांव के अधिकतर किसान पैरा में जलाते हुए नजर आ रहे है। वहीं विभागीय अधिकारी का उदासीनता के चलते भी किसान बेख़ौफ़ होकर पराली जला रहे हैं।

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