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बिलासपुर : 2021 के दौरान “मिशन जीवन रक्षा” के तहत आरपीएफ कर्मियों ने 601 लोगों की बचाई जिंदगी

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बिलासपुर| रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) को रेलवे संपत्ति, यात्री क्षेत्र और यात्रियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी गई है। आरपीएफ यात्रियों को सुरक्षित और आरामदायक यात्रा अनुभव प्रदान करने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रही है। यह अपने ग्राहकों को सुरक्षित माल परिवहन सेवा प्रदान करने में भारतीय रेलवे की सहायता करती है। आरपीएफ ने रेलवे संपत्ति के खिलाफ अपराध का पता लगाने के लिए उपाय करने के साथ-साथ निरोधक उपायों के जरिए पूरे देश में स्थित रेलवे की विशाल संपत्ति की सुरक्षा की जिम्मेदारी को भी निभाया है। यह आंतरिक सुरक्षा, कानून व व्यवस्था संरक्षण और राष्ट्रीय व राज्य चुनावों के दौरान बंदोबस्त प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाकर राष्ट्रीय सुरक्षा प्रणाली में एक महत्वपूर्ण हितधारक बन गई है। साल 2021 के दौरान आरपीएफ की उपलब्धियों का संक्षिप्त विवरण निम्नलिखित है-
• महामारी के दौरान कोविड के प्रसार को रोकने के लिए की गई कार्रवाई-
o आरपीएफ ने 522 ऑक्सीजन विशेष ट्रेनों को शुरुआती स्टेशन से गंतव्य तक सुरक्षा प्रदान की
o प्रमुख स्टेशनों पर कोविड सहायता बूथों को संचालित किया गया, जिन्होंने कई स्रोतों से सत्यापित जानकारी प्राप्त की और जरूरतमंदों को तत्काल सहायता प्रदान करने के अलावा उन्हें कोविड संसाधनों की उपलब्धता के बारे में जानकारी प्रदान की।
o प्रोटोकॉल के अनुरूप कोविड उचित व्यवहार के अनुपालन यानी मास्क पहनना, सैनिटाइजर उपयोग करना और शारीरिक दूरी बनाए रखने को सुनिश्चित किया गया।
o 2021 के दौरान 26 आरपीएफ कर्मियों ने काम के दौरान कोविड संक्रमित होने के चलते अपनी जिंदगी न्यौछावर कर दी।
• अनमोल जीवन को बचाना –
साल 2021 के दौरान आरपीएफ कर्मियों ने अपनी सुरक्षा की चिंता किए बिना अपनी ड्यूटी की सीमा से कहीं आगे जाकर 601 व्यक्तियों की जिंदगी को बचाया। एनसीआर (उत्तर प्रदेश) के भरवारी रेलवे स्टेशन पर 2 मार्च, 2021 को हेड कांस्टेबल श्री ज्ञान चंद ने अदम्य साहस दिखाते हुए आत्महत्या की कोशिश करने वाली एक महिला को बचाते हुए अपना जीवन बलिदान कर दिया। आरपीएफ “मिशन जीवन रक्षा” के तहत मिशन मोड में लोगों की जिंदगी को बचा रही है। इस मिशन के तहत पिछले चार वर्षों में आरपीएफ के जवानों ने रेलवे स्टेशनों पर चलती ट्रेनों के पहियों की चपेट में आने से 1,650 लोगों की जिंदगी बचाई है। बीते 4 वर्षों में जीवन बचाने में आरपीएफ कर्मियों के प्रयासों को मान्यता देने के लिए भारत के माननीय राष्ट्रपति ने आरपीएफ कर्मियों को 9 जीवन रक्षा पदक और एक वीरता पदक से सम्मानित किया है ।
• महिला सुरक्षा –
लंबी दूरी की ट्रेनों में विशेष रूप से अकेली यात्रा करने वाली या अपराध की दृष्टि से कमजोर महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करने के लिए एक पहल “मेरी सहेली” शुरू की गई थी। आरपीएफ ने इस उद्देश्य के लिए पूरे भारत के प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर 244 “मेरी सहेली” दलों की तैनाती की है। आरपीएफ इन महिला यात्रियों से उनकी यात्रा के अंत में प्रतिक्रिया प्राप्त करती है, जिससे इस पहल की प्रभावशीलता का आकलन किया जा सके व इसे और अधिक बेहतर बनाया जा सके। इसके अलावा महिला यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अन्य निवारक उपायों को भी लागू किया जा रहा है। इनमें ट्रेन एस्कॉर्टिंग, 840 स्टेशन व लगभग 4000 कोचों में सीसीटीवी प्रणाली, महिला विशेष उपनगरीय ट्रेनों में महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करना और महिला कोच में अनाधिकृत यात्रियों के खिलाफ नियमित अभियान संचालित करना शामिल हैं ।
• मानव तस्करी –
आरपीएफ रेल परिवहन के जरिए मानव तस्करी के मामलों में तत्काल कदम उठाती है और इस अपराध को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। साल 2021 के दौरान आरपीएफ ने 630 व्यक्तियों को मानव तस्करों के चंगुल से छुड़ाया। इसमें 54 महिलाएं, 94 नाबालिग लड़कियां, 81 पुरुष और 401 नाबालिग लड़के शामिल हैं ।
• बच्चों को बचाना –
आरपीएफ ने कई वजह से अपने परिवार से खोए/बिछड़े हुए बच्चों को फिर से मिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसके अलावा भारतीय रेलवे के संपर्क में आए देखभाल और सुरक्षा की जरूरत वाले 11,900 से अधिक बच्चों को बचाया है। पूरे देश में 132 चाइल्ड हेल्प डेस्क कार्यरत हैं, जहां आरपीएफ बच्चों के बचाव के लिए मनोनीत एनजीओ के साथ काम करती है।
• यात्रियों के खिलाफ अपराध में शामिल अपराधी के खिलाफ कार्रवाई-
पुलिस के माध्यम से कानून और व्यवस्था को बनाए रखने की जिम्मेदारी राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों की है, जिसे ट्रेनों में वे जीआरपी/जिला पुलिस के जरिए पूरा करते हैं। आरपीएफ रेलवे यात्रियों के खिलाफ अपराध की रोकथाम/पहचान में पुलिस के प्रयासों में सहायता करती है। साल 2021 के दौरान आरपीएफ ने यात्रियों के खिलाफ अपराध में शामिल 3,000 से अधिक अपराधियों को गिरफ्तार कर संबंधित जीआरपी/पुलिस को सौंपने का काम की है।
• रेलवे संपत्ति का संरक्षण और सुरक्षा-
रेलवे संपत्ति की सुरक्षा और इससे जुड़े अपराध के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के अपने आदेश के अनुसार, आरपीएफ ने साल 2021 में 5.83 करोड़ रुपये की चोरी की गई रेलवे संपत्ति की वसूली के साथ इस तरह के अपराध में शामिल 8,744 लोगों को गिरफ्तार किया है।
• दलालों के खिलाफ कार्रवाई–
कोविड महामारी के दौरान यात्री ट्रेनों के सीमित परिचालन को बहाल किया गया था और कोविड प्रोटोकॉल को लागू करने के संबंध में भीड़ को नियंत्रण में रखने के लिए ट्रेनों में आरक्षित बर्थ/सीट वाले यात्रियों को ही यात्रा करने की अनुमति थी। इसके चलते दलालों को अवैध रूप से प्रीमियम दरों पर आरक्षित टिकटों की खरीद और बिक्री का कारोबार करने का एक सुनहरा अवसर मिला। इस अपराध पर लगाम लगाने के लिए आरपीएफ ने तेजी से कार्रवाई की और पूरे साल इस तरह के अपराध के खिलाफ निरंतर अभियान चलाया और 4,600 से अधिक अपराधियों की गिरफ्तारी के साथ 4,100 से अधिक मामले दर्ज किए। इन दलालों के पास से 2.8 करोड़ रुपये की अवैध रूप से प्राप्त भविष्य की यात्रा टिकटों को भी जब्त किया गया।
नशीले पदार्थों के खिलाफ कार्रवाई-
2019 में एनडीपीएस अधिनियम के तहत अधिकार मिलने के बाद आरपीएफ ने साल 2021 के दौरान 620 ड्रग पेडलर (नशीले पदार्थों के व्यापार में शामिल व्यक्ति) की गिरफ्तारी के साथ रेलवे के जरिए ढोए जा रहे 15.7 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के नशीले पदार्थों की बरामदगी में सफलता प्राप्त की।
• वन्यजीव तस्करों के खिलाफ कार्रवाई –
वन्यजीव और जानवरों के अंगों की तस्करी प्रकृति के खिलाफ अपराध है। आरपीएफ इस मुद्दे पर सक्रिय है और वन्यजीवों के अवैध व्यापार में शामिल तस्करों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। साल 2021 के दौरान आरपीएफ ने चंदन की लकड़ी और पशु व वनस्पतियों के साथ-साथ कई प्रतिबंधित वन्यजीव यानी पक्षी, सांप, कछुआ, मोर, सरीसृप और उनके प्रसंस्कृत उत्पादों को बरामद की है।
• वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं और दिव्यांगजनों के लिए यात्रा को आरामदायक बनाना –
आरपीएफ निरंतर सहायता की जरूरत वाले व्यक्तियों, विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिकों, बीमार लोगों, गर्भवती महिलाओं, दिव्यांगजनों और महिला यात्रियों को मानवीय सोच के साथ सहायता प्रदान कर रही है। उनकी सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने के लिए आरपीएफ ने साल 2021 के दौरान महिलाओं के लिए आरक्षित कोचों में अनधिकृत रूप से यात्रा करने वाले 25,000 से अधिक व्यक्तियों और दिव्यांगजनों के लिए आरक्षित कोचों से 9,307 व्यक्तियों को पकड़ा है।
• आपातकालीन प्रतिक्रिया –
टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर 139 (24X7) और ट्विटर पर संकट में फंसे यात्रियों की 80 हजार से अधिक सुरक्षा संबंधित कॉल/शिकायतों पर तत्काल कार्रवाई की गई और उनका समाधान किया गया।
• यात्रियों को उनका छूटा हुआ सामान वापस करना –
साल 2021 के दौरान आरपीएफ ने 12,377 यात्रियों से संबंधित 23 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के छूटे हुए सामान को सत्यापन के बाद उन्हें वापस कर दी। आरपीएफ ‘ऑपरेशन अमानत’ के तहत यात्रियों को यह सेवा प्रदान कर रही है।

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बिलासपुर को मिली नई सौगात

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Chouksey College of Ayurved Research Center & Hospital

बिलासपुर। क्षेत्र के विद्यार्थियों के लिए बड़ी खुशखबरी है। Chouksey Group of Colleges के अंतर्गत नया Chouksey College of Ayurved Research Center & Hospital अब राष्ट्रीय आयुर्वेद आयोग (NCISM), नई दिल्ली से संबद्ध हो गया है।

यह उपलब्धि बिलासपुर के लिए गौरव की बात है, क्योंकि अब जिले को अपना पहला और एकमात्र निजी बीएएमएस (BAMS) कॉलेज मिल गया है।

कॉलेज प्रबंधन ने बताया कि इस वर्ष होने वाली काउंसलिंग में चौकसे आयुर्वेद कॉलेज में NEET 2025 के आधार पर प्रवेश (Admission) दिए जाएंगे। इससे विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण आयुर्वेद शिक्षा एवं आधुनिक सुविधाओं से युक्त प्रशिक्षण का अवसर मिलेगा।

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ज्ञात रहे कि इस वर्ष Chouksey Group के इंजीनियरिंग कॉलेज में बिलासपुर संभाग में सर्वाधिक प्रवेश (Admissions) हुए हैं। साथ ही डिग्री पाठ्यक्रमों जैसे B.Com, Law, BBA, BCA, PGDCA की सभी सीटें भी पूर्ण रूप से भर गई हैं। यह विद्यार्थियों के बीच चौकसे ग्रुप की बढ़ती लोकप्रियता और विश्वास को दर्शाता है।

चौकसे ग्रुप ऑफ कॉलेजेस के प्रबंध निदेशक डॉ. आशीष जायसवाल ने कहा —
“हमारा संकल्प विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और बेहतर अवसर उपलब्ध कराना है। बिलासपुर में पहला निजी बीएएमएस कॉलेज खुलना न केवल विद्यार्थियों बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। हमें विश्वास है कि यह कॉलेज आयुर्वेद शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में नई पहचान स्थापित करेगा।”

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Bilaspur के नामी LCIT Group of Institutions का छात्रों के साथ भयानक फर्जीवाड़ा : वादे बड़े-बड़े, हकीकत पानी-पानी!

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LCIT Group of College bilaspur

बिलासपुर: LCIT Group of Institutions – Bilaspur, जो हर साल एडमिशन के दौरान बड़े-बड़े वादे और लुभावने दावे करता है, उसकी सच्चाई अब धीरे-धीरे सामने आने लगी है। दावा किया जाता है कि यहां आधुनिक लैब्स, अनुभवी फैकल्टी और विश्वस्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर मिलेगा — लेकिन ग्राउंड रियलिटी कुछ और ही कहानी बयां कर रही है।

बारिश आई, लैब्स ने छलनी बनकर स्वागत किया!
हमें मिले वीडियो में कॉलेज की लैब्स से टपकती छतें साफ़ दिखाई दे रही हैं। जहां स्टूडेंट्स को मशीनों के साथ प्रैक्टिकल करना चाहिए था, वहां अब पानी से बचने के लिए प्लास्टिक की बाल्टियाँ रखी जा रही हैं। सवाल ये उठता है कि जब प्रयोगशालाएं ही सुरक्षित नहीं, तो शिक्षा कितनी सुरक्षित होगी?

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फैकल्टी? बस कागज़ों पर!
सूत्रों के अनुसार, यहां कई फैकल्टी सदस्य केवल ऑन पेपर मौजूद हैं। यानी नाम तो है, पर काम में कहीं नजर नहीं आते। छात्रों का कहना है कि कई विषयों की क्लास ही नियमित नहीं होती।

इंजीनियरिंग प्रिंसिपल भी सिर्फ नाम के!
कहा जा रहा है कि इंजीनियरिंग कॉलेज का प्रिंसिपल भी फुल टाइम नहीं है, बल्कि केवल औपचारिकता निभाने के लिए कागजों पर मौजूद हैं। यह छात्रों के भविष्य के साथ खुला मज़ाक है।

स्टाफ की नियुक्ति पर भी सवाल
बताया जा रहा है कि अधिकांश स्टाफ या तो यहीं के पुराने छात्र हैं या फिर अन्य कॉलेज से किसी वजह से हटाए गए लोग हैं। इससे शिक्षा की गुणवत्ता पर गंभीर प्रश्नचिह्न लग जाता है।

यह भी पढ़ें   Bilaspur News: 'रात्रि कोनी पेट्रोलिंग टीम द्वारा' चोरी कर भाग रहे आरोपी को घेराबंदी कर पकड़ा,

🎙 बिलासपुर के इस संस्थान की मार्केटिंग चमचमाती है, लेकिन हकीकत में ढहती छतें, दिखावटी स्टाफ और खोखले दावे छात्रों के सपनों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। ज़रूरत है कि शिक्षा को सिर्फ व्यापार न बनाकर, जिम्मेदारी समझा जाए

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Bilaspur News: सट्टा के खिलाफ संगठित अपराध और जुआ प्रतिषेध अधिनियम के तहत की गई कार्रवाई

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बिलासपुर: नगदी रकम 11,600/- रूपये, मोचाईल, सट्टा प‌ट्टी पर्ची जप्त

अपराध क्रमांक 1268/2024 धारा- 06 ख जुआ प्रतिशेध अधिनियम 2022 तथा धारा 112(2) बीएनएस०
नाम गिर० आरोपी :– आकाश सारथी पिता राजेश सारथी उम्र 28 साल नि० दुर्गा मंदीर के पास, कस्तुरबा नगर थाना सिविल लाईन जिला बिलासपुर छ०ग०

विवरण इस प्रकार है कि उपरोक्त आरोपी कल्याण सट्टा नाम से अंको के माध्यम से हारजीत का दाव लगाकर स‌ट्टा लिख रहा था। मुखबीर से प्राप्त सूचना के आधार पर आरोपी को गुरुद्वारा के सामने सिन्धी कॉलोनी थाना सिविल लाईन के पास से गिरफ्तार किया गया। आरोपी से पूछताछ करने पर मोबाईल नंबर धारक व्यक्ति कथित खाईवाल के कहने पर तथा उससे मिलकर कर स‌ट्टा प‌ट्टी लिखना, जिसके एवज में प्रतिदिन कमीशन के रूप में नगदी रकम प्राप्त होना बताया। आरोपी के बताये अनुसार प्रकरण में मोबाईल नंबर धारक व्यक्ति कथित खाईवाल को भी आरोपी बनाया गया है। आरोपियो के विरुध्द जुआ अधिनियम तथा संगठित अपराध की धारा के अंतर्गत कार्यवाही की गई।

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