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छत्तीसगढ़ में दम तोड़ती स्वास्थ्य व्यवस्था, वेंटिलेटर पर अस्पताल……१ 180 में 110 वेंटिलेटर है खराब, गरीब मरीजों की जान पर आफत

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छत्तीसगढ़ में दम तोड़ती स्वास्थ्य व्यवस्था, वेंटिलेटर पर अस्पताल

180 में 110 वेंटिलेटर है खराब, गरीब मरीजों की जान पर आफत

सरकारी डॉक्टर मरीज को निजी अस्पताल कर रहे रेफर ताकि मोटा मुनाफा कमाए

रायपुर : छत्तीसगढ़ में दम तोड़ती स्वास्थ्य व्यवस्था के बीच मरीज जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं। छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े डॉक्टर भीमराव अंबेडकर अस्पताल में 180 में से 110 वेंटीलेटर खराब हो चुके हैं। यही स्थिति रायपुर समेत 10 शासकीय मेडिकल कॉलेज की भी है। स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण कर बेहतर व्यवस्था का दावा कर रहे हैं। और मरीज मौत के मुंह में समाते जा रहे हैं।

विभागीय जानकारी के अनुसार डॉक्टर भीमराव आंबेडकर अस्पताल में पिछले 6 महीने से 110 वेंटिलेटर खराब होकर बंद पड़े हैं। इसके चलते जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे गरीब गंभीर रोगियों को इलाज नहीं मिल पा रहा।रोगियों को या तो निजी अस्पताल जाना पड़ रहा या समय पर इलाज न मिलने की वजह से दम तोड़ रहे हैं। आंबेडकर अस्पताल में 180 वेंटिलेटर है, इसमें से मात्र 70 वेंटिलेटर ही चालू हालत में है। अस्पताल में प्रदेश भर से 2000 से अधिक मरीज आते हैं। वहीं 200 से अधिक गंभीर रोगी पहुंचते हैं। स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल हाल ही में निरीक्षण के लिए पहुंचे थे उन्होंने व्यवस्था बेहतर करने की बात कही थी लेकिन फिर भी यहां स्थिति जस की तस है।

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90% डॉक्टर के खुद के अस्पताल या निजी में करते हैं प्रैक्टिस
बता दें डॉक्टर भीमराव आंबेडकर अस्पताल में 90% से अधिक डॉक्टरों का निजी अस्पताल है या निजी अस्पताल प्रेक्टिस करते हैं। लंबे समय से शिकायत है कि यहां पर सुविधाओं को रोककर मोटा मुनाफा कमाने के लिए मरीजों को निजी अस्पताल भेज दिया जाता है।

दो डॉक्टरों के बीच विवाद का मामला खूब गरमाया
अंबेडकर अस्पताल में जिस आपात चिकित्सा विभाग में गंभीर मरीजों का इलाज होता है। वहां दो वरिष्ठ डॉक्टरों के बीच जमकर झुमाझटकी हुई। मेडिसिन विभाग की अध्यक्ष डॉक्टर देव प्रिया लकड़ा और अंबेडकर अस्पताल में पदस्थ आपात चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर विनय जायसवाल के बीच लड़ाई हुई। मामले का वीडियो वायरल हुआ जिसमें प्रोफेसर लकड़ा विनय जायसवाल को धक्का देते और अभद्रता करते दिखाई। चिकित्सा शिक्षा संघ ने इसकी शिकायत शासन स्तर पर की। लेकिन विडंबना है कि अस्पताल में भारी व्यवस्था को लेकर कोई भी डॉक्टर आवाज नहीं उठाता दिखता है।

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वर्जन अधीक्षक
अंबेडकर अस्पताल में 180 वेंटीलेटर हैं उसमें 110 वेंटीलेटर खराब हैं। इसमें से 60 वेंटीलेटर पीएम केयर फंड के तहत डोनेट किए गए थे वह सुधार की हालत में ही नहीं है। उसकी गुणवत्ता बेहद खराब। बाकी वेंटीलेटरों को जल्द सुधारा जाएगा।
डॉक्टर एस बी एस नेताम, अधीक्षक, अंबेडकर अस्पताल

मामला मेरे संज्ञान में आया है। वेंटीलेटरों की स्थिति दुरुस्त की जाएगी। और भी जो अस्पताल में अव्यवस्थाएं नजर आती है उसे भी सुधारा जाएगा।
श्याम बिहारी जायसवाल, स्वास्थ्य मंत्री

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Bilaspur के नामी LCIT Group of Institutions का छात्रों के साथ भयानक फर्जीवाड़ा : वादे बड़े-बड़े, हकीकत पानी-पानी!

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LCIT Group of College bilaspur

बिलासपुर: LCIT Group of Institutions – Bilaspur, जो हर साल एडमिशन के दौरान बड़े-बड़े वादे और लुभावने दावे करता है, उसकी सच्चाई अब धीरे-धीरे सामने आने लगी है। दावा किया जाता है कि यहां आधुनिक लैब्स, अनुभवी फैकल्टी और विश्वस्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर मिलेगा — लेकिन ग्राउंड रियलिटी कुछ और ही कहानी बयां कर रही है।

बारिश आई, लैब्स ने छलनी बनकर स्वागत किया!
हमें मिले वीडियो में कॉलेज की लैब्स से टपकती छतें साफ़ दिखाई दे रही हैं। जहां स्टूडेंट्स को मशीनों के साथ प्रैक्टिकल करना चाहिए था, वहां अब पानी से बचने के लिए प्लास्टिक की बाल्टियाँ रखी जा रही हैं। सवाल ये उठता है कि जब प्रयोगशालाएं ही सुरक्षित नहीं, तो शिक्षा कितनी सुरक्षित होगी?

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फैकल्टी? बस कागज़ों पर!
सूत्रों के अनुसार, यहां कई फैकल्टी सदस्य केवल ऑन पेपर मौजूद हैं। यानी नाम तो है, पर काम में कहीं नजर नहीं आते। छात्रों का कहना है कि कई विषयों की क्लास ही नियमित नहीं होती।

इंजीनियरिंग प्रिंसिपल भी सिर्फ नाम के!
कहा जा रहा है कि इंजीनियरिंग कॉलेज का प्रिंसिपल भी फुल टाइम नहीं है, बल्कि केवल औपचारिकता निभाने के लिए कागजों पर मौजूद हैं। यह छात्रों के भविष्य के साथ खुला मज़ाक है।

स्टाफ की नियुक्ति पर भी सवाल
बताया जा रहा है कि अधिकांश स्टाफ या तो यहीं के पुराने छात्र हैं या फिर अन्य कॉलेज से किसी वजह से हटाए गए लोग हैं। इससे शिक्षा की गुणवत्ता पर गंभीर प्रश्नचिह्न लग जाता है।

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🎙 बिलासपुर के इस संस्थान की मार्केटिंग चमचमाती है, लेकिन हकीकत में ढहती छतें, दिखावटी स्टाफ और खोखले दावे छात्रों के सपनों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। ज़रूरत है कि शिक्षा को सिर्फ व्यापार न बनाकर, जिम्मेदारी समझा जाए

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CG News: सुरक्षाबलों की बड़ी कामयाबी, घने जंगलों से भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद

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बीजापुर के कोमटपल्ली के जंगलों से जवानों ने भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद किया है। घने जंगल में पहाड़ों के बीच नक्सलियों ने सामग्री छुपाकर रखा था।

बीजापुर: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सुरक्षाबलों के जवानों को बड़ी सफलता मिली है। जवानों ने भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद किया है। नक्सलियों ने कोमटपल्ली जंगल-पहाड़ में बड़े चट्टानों के बीच हथियार और अन्य सामान छुपा कर रखा था। जिसे सर्चिंग के दौरान जवानों की संयुक्त टीम ने बरामद किया है।

बरामद किए गए सामग्रियों में गैस वेल्डिंग मशीन मय नोजल, आक्सीजन सिलेण्डर, गैस वेल्डिंग में उपयोग आने वाला पावडर- 8 डिब्बा, इन्वर्टर- 1 नग, स्टेबलाईजर 5 नग, स्टील कंटेनर 3 नग, कमर्सियल मोटर 3 नग, ब्लोवर(धौकनी मशीन)- 2 नग, ग्लेण्डर मोटर- 1 नग, वेल्डिंग राड 200 नग, टुकड़ा लोहे का राड छोटा बड़ा 3- 3 नग, खाली मैग्जीन 3 नग, इलेक्ट्रिक स्वीच- 65 नग, रायफल सिलिंग -08 नग और 2 नग पोच शामिल है।

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छत्तीसगढ़

निर्देश के बाद भी लापरवाही: धड़ल्ले से जल रही पराली, प्रदूषण बढ़ने का मंडरा रहा खतरा

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नगरी में रबि फसल की तैयारी के लिए किसान लगातार खेतों में पराली को आग के हवाले कर रहे हैं। जिसके चलते प्रदूषण का खतरा मंडरा रहा है।

छत्तीसगढ़ के नगरी के किसान इन दिनों रबि फसल की तैयारी में जुट गए हैं। इसी के साथ खेतों में लगातार पराली जलाने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। किसान लगातार खेतों में पराली को आग के हवाले कर रहे हैं जिसके चलते प्रदूषण का खतरा मंडरा रहा है। वहीं इन किसानों को पराली जलाने से रोकने वाला भी कोई नहीं है।

दरअसल, जिला प्रशासन ने पैरादान करने का निर्देश दिया था। इसके बाद भी किसान लगातार पराली को आग के हवाले कर रहे हैं। जिसके कारण प्रदूषण फैलने की संभावना बढ़ गई है। नगरी सिहावा के आसपास के गांव के अधिकतर किसान पैरा में जलाते हुए नजर आ रहे है। वहीं विभागीय अधिकारी का उदासीनता के चलते भी किसान बेख़ौफ़ होकर पराली जला रहे हैं।

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