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Lok Sabha Election 2024 : छत्तीसगढ़ की ये सीट है BJP का गढ़, 23 साल से जीत को तरस रही कांग्रेस, जानें समीकरण

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Kanker Lok Sabha Chunav 2024: नक्सल प्रभावित कांकेर लोकसभा सीट का शुमार संवेधनशील क्षेत्रों में होता है. इस सीट को बीजेपी का गढ़ कहा जाता है. इस सीट पर आदिवासी वोटर्स निर्णायक भूमिका में हैं.

Kanker Lok Sabha Election 2024: छत्तीसगढ़ में कुल 11 लोकसभा सीटें हैं. इनमें से कांकेर लोकसभा सीट काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है. महानदी के तट से सटे विशाल भू-भाग का एक बड़ा भाग कांकेर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है. इस क्षेत्र में महानदी बहती है और गढ़िया पहाड़ इस स्थान की प्राकृतिक सुंदरता में चार चांद लगा देते हैं. आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र होने की वजह से यहां आदिवासियों की जनसंख्या काफी अधिक है.

कांकेर की कुल आबादी लगभग 26 लाख है, जिसमें से 42 फीसदी आबादी आदिवासियों की है. यही कारण है कि यहां के मूल मुद्दे आदिवासियों से जुड़े हुए हैं. बस्तर लोकसभा क्षेत्र की तरह कांकेर लोकसभा क्षेत्र भी नक्सल प्रभावित होने के कारण आजादी के 76 साल बाद भी कई बुनियादी सुविधाओं के विकास से अछूता है. यहां के आदिवासियों के मुख्य आय का स्रोत वनोपज है. चारों ओर से घने जंगल और पहाड़ियों से घिरा कांकेर लोकसभा क्षेत्र में कोई भी फैक्ट्री या खदान नहीं है. यहां के रहवासी खेती किसानी और जंगलों से मिलने वाले वनोपज पर निर्भर हैं.

क्या हैं स्थानीय मुद्दे?
कांकेर लोकसभा क्षेत्र में नक्सल समस्या सहित कहीं ऐसे मुद्दे हैं, जिनको लेकर यहां की जनता लंबे समय से जूझ रही हैं. हर बार की तरह लोकसभा और विधानसभा चुनाव के दौरान क्षेत्र में विकास के दावे तो किए जाते हैं, लेकिन आज भी कांकेर लोकसभा क्षेत्र के ग्रामीण अंचलों में मूलभूत सुविधाओं की कमी है. नक्सलवाद की वजह से कई गांव विकास से अछूते हैं. कांकेर के वरिष्ठ पत्रकार गौरव श्रीवास्तव का कहना है कि कांकेर लोकसभा क्षेत्र का अधिकतर हिस्सा नक्सल प्रभावित है. यहां नक्सलियों की उपस्थिति हमेशा बनी रहती है.

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गौरव श्रीवास्तव के मुताबिक, यही कारण है कि कांकेर लोकसभा सीट के संवेदनशील क्षेत्रों में विकास कार्य काफी मुश्किल से हो पाता है. हालांकि समय के साथ-साथ कुछ क्षेत्रों में विकास हुआ है. इसके बावजूद क्षेत्र में आज भी कई जगहों पर शिक्षा के साथ-साथ स्वास्थ सुविधा और अन्य सुविधाओं की कमी है. कई जगहों पर पेयजल की समस्या है. यहां के लोग आज भी झील-झरना और तुर्रा के पानी के सहारे जी रहे हैं. उन्होंने कहा कि ग्रामीणों के लिए पक्की सड़क सपने जैसा है. यहां के ग्रामीण पेयजल, बिजली और शिक्षा के साथ ही मूलभूत सुविधाओं की मांग को लेकर मतदान करते हैं.

कांकेर सीट का संसदीय इतिहास
आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र कांकेर लोकसभा में कुल 8 विधानसभा सीटें हैं और कांकेर शहर इसका मुख्यालय है. साल 1999 के लोकसभा चुनाव में कांकेर लोकसभा सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 10 लाख 36 हजार 799 थी. इस सीट पर बीजेपी प्रत्याशी सोहन पोटाई ने जीत हासिल की थी. उन्हें कुल 3 लाख 18 हजार 40 वोट मिले थे. वहीं, साल 2004 के लोकसभा चुनाव में कांकेर लोकसभा सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 11 लाख 52 हजार 128 थी. इस सीट पर एक बार फिर से बीजेपी उम्मीदवार सोहन पोटाई ने जीत हासिल की और सांसद बने. उन्हें कुल 2 लाख 74 हजार 294 वोट मिले थे.

साल 2009 के लोकसभा चुनाव में भी सोहन पोटाई को बीजेपी ने तीसरी बार टिकट दिया और एक बार फिर सोहन पोटाई ने कांग्रेस की प्रत्याशी फूलोदेवी नेताम को हराकर दिल्ली पहुंचे. हालांकि साल 2014 में सोहन पोटाई की जगह पर बीजेपी ने वरिष्ठ नेता विक्रम उसेंडी को कांकेर सीट से टिकट दिया. इस चुनाव में कांग्रेस को नाकामी हाथ लगी. बीजेपी प्रत्याशी विक्र उसेंडी ने कांग्रेसी की फूलोदेवी नेताम बड़े अंतर से हराया.
साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने मोहन मंडावी को प्रत्याशी बनाया. मोहन मंडावी ने कांग्रेस प्रत्याशी बीरेश ठाकुर को बड़े अंतर से हराया. इस साल भी बीजेपी ने इस सीट से प्रत्याशी बदल दिया है. बीजेपी ने इस बार कांकेर सीट से अंतागढ़ के पूर्व विधायक और धर्मांतरण विरोधी चेहरा भोजराज नाग को टिकट दिया है. पिछले पांच कार्यकाल से कांकेर लोकसभा सीट पर बीजेपी प्रत्याशियों का दबदबा रहा है. यही वजह है कि कांकेर सीट को बीजेपी का गढ़ कहा जाता है.

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कांकेर में मतदाताओं की संख्या
कांकेर लोकसभा क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या 16 लाख 50 हजार 692 है. जिसमें महिला मतदाताओं की संख्या 8 लाख 43 हजारर 124 है, जबकि पुरूष मतदाताओं की संख्या 8 लाख 7 हजार 549 है. इस सीट पर थर्ज जेंडर वोटर्स की संख्या 19 है. इस सीट पर मतदान केंद्रों की संख्या 2090 है. जिसमें 300 से ज्यादा मतदान केंद्र संवेदनशील और 100 से ज्यादा मतदान केंद्र अति संवेदनशील क्षेत्र में आते हैं. यहां मतदान शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराना हमेशा से जिला प्रशासन के लिए चुनौती पूर्ण रहा है.

हालांकि हर चुनाव की तरह इस बार भी कांकेर लोकसभा क्षेत्र संवेदनशील होने की वजह से अतिरिक्त फोर्स की मांग की गई है. कई मतदान केंद्र तक जाने के लिए हेलीकॉप्टर का सहारा लिया जाता है. कांकेर लोकसभा सीट पर दूसरे चरण में 26 अप्रैल को मतदान होना है. इस सीट पर 8 अप्रैल को नामांकन पत्र दाखिल करने की आखिरी तारीख है. कांग्रेस ने इस सीट पर प्रत्याशी के नाम पर मुहर नहीं लगाई है, इसको लेकर दिल्ली मंथन का दौर जारी है.

जातिगत समीकरण
आदिवासी- 70 %
ओबीसी- 20 %
सामान्य- 10 %

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बिलासपुर को मिली नई सौगात

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Chouksey College of Ayurved Research Center & Hospital

बिलासपुर। क्षेत्र के विद्यार्थियों के लिए बड़ी खुशखबरी है। Chouksey Group of Colleges के अंतर्गत नया Chouksey College of Ayurved Research Center & Hospital अब राष्ट्रीय आयुर्वेद आयोग (NCISM), नई दिल्ली से संबद्ध हो गया है।

यह उपलब्धि बिलासपुर के लिए गौरव की बात है, क्योंकि अब जिले को अपना पहला और एकमात्र निजी बीएएमएस (BAMS) कॉलेज मिल गया है।

कॉलेज प्रबंधन ने बताया कि इस वर्ष होने वाली काउंसलिंग में चौकसे आयुर्वेद कॉलेज में NEET 2025 के आधार पर प्रवेश (Admission) दिए जाएंगे। इससे विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण आयुर्वेद शिक्षा एवं आधुनिक सुविधाओं से युक्त प्रशिक्षण का अवसर मिलेगा।

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ज्ञात रहे कि इस वर्ष Chouksey Group के इंजीनियरिंग कॉलेज में बिलासपुर संभाग में सर्वाधिक प्रवेश (Admissions) हुए हैं। साथ ही डिग्री पाठ्यक्रमों जैसे B.Com, Law, BBA, BCA, PGDCA की सभी सीटें भी पूर्ण रूप से भर गई हैं। यह विद्यार्थियों के बीच चौकसे ग्रुप की बढ़ती लोकप्रियता और विश्वास को दर्शाता है।

चौकसे ग्रुप ऑफ कॉलेजेस के प्रबंध निदेशक डॉ. आशीष जायसवाल ने कहा —
“हमारा संकल्प विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और बेहतर अवसर उपलब्ध कराना है। बिलासपुर में पहला निजी बीएएमएस कॉलेज खुलना न केवल विद्यार्थियों बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। हमें विश्वास है कि यह कॉलेज आयुर्वेद शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में नई पहचान स्थापित करेगा।”

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अग्रसेन धाम में गूँज रही श्रीमद्भागवत कथा, आस्था का उमड़ा सैलाब

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Shrimad Bhagwat Katha is resonating in Agrasen Dham, a flood of faith has surged

रायपुर। अग्रसेन धाम, छोकरा नाला में गोयल परिवार द्वारा आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा महोत्सव में भक्ति और आस्था का अनुपम संगम देखने को मिल रहा है।

श्रीधाम वृंदावन वाले सुप्रसिद्ध कथावाचक परम पूज्य श्री आनंद कृष्ण ठाकुर जी महाराज अपने मधुर श्रीमुख से कथा वाचन कर रहे हैं। उनके मुखारविंद से झर रही श्रीकृष्ण कथा श्रद्धालुओं के हृदयों को भक्ति रस में सराबोर कर रही है।

हर दिन दोपहर 3 बजे से रात्रि 9 बजे तक चल रही कथा में श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ रहा है। केवल रायपुर ही नहीं, बल्कि आसपास के गाँवों और कस्बों से भी बड़ी संख्या में भक्तजन आकर कथा श्रवण का सौभाग्य प्राप्त कर रहे हैं।

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पूरे परिसर में निरंतर हरिनाम संकीर्तन, भजनों और आध्यात्मिक ऊर्जा की गूँज से वातावरण अलौकिक हो गया है।

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हेल्पिंग हैंड्स क्लब फाउंडेशन महिला विंग की प्रदेश अध्यक्षा बबीता अग्रवाल को मिला राष्ट्रीय अग्र ज्योति अलंकरण सम्मान

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State President of Helping Hands Club Foundation Women's Wing Babita Agarwal received the National Agra Jyoti Alankaran Samman

सबसे अग्रणी संस्था में अहम भूमिका सामाजिक कार्यों से लेकर महिला सशक्तिकरण में अहम योगदान के लिए हुई सम्मानित

छत्तीसगढ़ प्रांतीय अग्रवाल संगठन का नवम अग्र अलंकरण समारोह में डॉक्टर रमन सिंह के हाथों मिला सम्मान

रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रांतीय अग्रवाल संगठन का नवम अग्र अलंकरण समारोह 28 अगस्त को एस एन पैलेस रायपुर में सम्पन्न हुआ इस समारोह में छत्तीसगढ़ के विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करने वाले 18 विभूतियों का सम्मान किया जाएगा। इस राष्ट्रीय अलंकरण समारोह में पूरे देश में अपनी अलग पहचान बना चुकी प्रदेश की सबसे अग्रणी संस्था हेल्पिंग हैंड्स क्लब फाउंडेशन की महिला विंग की प्रदेश अध्यक्षा रायपुर निवासी श्रीमती बबीता अग्रवाल को अग्र ज्योति अलंकरण पुरस्कार से सम्मानित किया गया। आपको बता दे कि हेल्पिंग हैंड्स क्लब फाउंडेशन के अध्यक्षा के रूप में बबीता अग्रवाल ने अनेकों सामाजिक गतिविधियों में अपना बहुमूल्य योगदान दिया है इनके इस दायित्व में इन्होंने पूरे प्रदेश में महिला समूहों में एक अलग अलख जगाई है। एवं आज के समय में हेल्पिंग हैंड्स क्लब की महिला विंग में हजारों की संख्या में महिलाएं शामिल है। विगत दिनों राखी विथ रक्षक का महा आयोजन राजधानी रायपुर के पुलिस ग्राउंड में किया गया था जो अपने आप में एक इतिहास के पन्ने में दर्ज हो गया। जिसमें हजारों रक्षक देश के जवानों को हेल्पिंग हैंड्स की बहनों ने रक्षासूत्र बांधा था। बबीता अग्रवाल शुरू से ही सामाजिक कार्यों में निस्वार्थ भाव से लोगो की मदद करने में दूसरों का दर्द दूर करने में सामाजिक बुराइयों को नष्ट करने में आगे रहती है। वही बबीता अग्रवाल ने बताया कि यह सम्मान उनके जीवन में एक नई ऊर्जा प्रदान कर रहा है। उन्होंने बताया कि हेल्पिंग हैंड्स क्लब फाउंडेशन के फाउंडर एवं प्रदेश अध्यक्ष अंकित अग्रवाल से उन्होंने बहुत कुछ सीखा है अंकित अग्रवाल के नेतृत्व और मार्गदर्शन में मानवसेवा माधवसेवा का साक्षात् उदाहरण जीवन में उतारा है जिस वजह से आज वो इस मुकाम पर है। एवं हेल्पिंग हैंड्स क्लब फाउंडेशन एक एनजीओ नहीं एक परिवार की तरह रहता है एवं कार्य करता है। उन्होंने आगे कहा कि अग्रवाल समाज के वरिष्ठ विधायक संपत अग्रवाल, अशोक सियाराम अग्रवाल,सुनील रामदास अग्रवाल,रमेश अग्रवाल , मनोज गोयल, अशोक मोदी , योगेश अग्रवाल हमेशा उनके प्रेरणाश्रोत रहे है। साथ ही उन्होंने आगे कहा कि हेल्पिंग हैंड्स महिला विंग की उनके साथीगण बहने हमेशा ही उनके साथ कंधे से कंधा मिला कर अग्रणी होकर कार्य करती है एवं यह मेरा नहीं मेरी पूरी टीम का सम्मान है यह सम्मान में अपनी पूरी टीम को समर्पित करती हु। साथ ही में छत्तीसगढ़ प्रांतीय अग्रवाल संगठन का इस पल के लिए इस सम्मान के लिए तहे दिल से आभार व्यक्त करती हु।
हेल्पिंग हैंड्स क्लब फाउंडेशन के प्रदेश संरक्षक डॉ रमेश अग्रवाल मनोज गोयल, अध्यक्ष अंकित अग्रवाल,उपाध्यक्ष विन्नी सलूजा तरुण अग्रवाल, अमित केडिया , रजत अग्रवाल , उदित अग्रवाल , विवेक श्रीवास्तव, रिंकू केडिया ,भारती मोदी,सुनीता पांडे, ज्योति अग्रवाल, पूजा छाबड़ा, एकता मलिक , अल्पना शर्मा , अंकुर अग्रवाल, मयंक जैन ,सुमित अग्रवाल,राकेश बोथरा,सुकुमार चटर्जी, अनामिका मिश्रा ,सेजल खंडेलवाल एवं अन्य सभी सदस्यों ने बबीता अग्रवाल को बधाई एवं शुभकामनाएं प्रदान की।

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