Connect with us

Viral News

Maldives President : कम नहीं हुई मालदीव की अकड़ राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू बोले- छोटे हैं पर धमकाने का लाइसेंस किसी को नहीं

avatar

Published

on

मालदीव के राष्ट्रपति ने हाल ही में चीन का दौरा किया. वापस मालदीव आने के बाद मुइज़ू ने कहा कि “हम भले ही छोटे देश हैं, लेकिन हमें धमकाने का लाइसेंस किसी को नहीं है.

Maldives President Mohamed Muizzu On India: भारत और मालदीव के बीच पर्यटन को लेकर चल रहे तनाव के बीच मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़ू ने बिना नाम लिए एक बार फिर भारत को निशाना बनाया है. मालदीव के राष्ट्रपति ने हाल ही में चीन का दौरा किया. वापस मालदीव आने के बाद मुइज़ू ने कहा कि “हम भले ही छोटे देश हैं, लेकिन हमें धमकाने का लाइसेंस किसी को नहीं है. मालदीव किसी देश विशेष की संपत्ति नहीं है”

यह भी पढ़ें   Bilaspur News: दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में सौर ऊर्जा उत्पादन का विस्तार

यह बयान हाल ही में हुए घटनाक्रमों की प्रतिक्रिया के रूप में आया है. पिछले हफ्ते भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लक्षद्वीप द्वीप समूह के दौरे के बाद मालदीव के कुछ मंत्रियों ने सोशल मीडिया पर विवादास्पद टिप्पणियां की थीं. इन टिप्पणियों में मोदी का अपमान किया गया था और लक्षद्वीप के पर्यटन विकास का मज़ाक उड़ाया गया था.

मालदीव सरकार ने इन टिप्पणियों की निंदा की और मंत्रियों को निलंबित कर दिया. हालांकि, भारत ने इस कार्रवाई को अपर्याप्त बताया और मालदीव के राजदूत को तलब किया. इसके अलावा, कुछ भारतीय यात्रा एजेंसियों ने मालदीव की यात्राओं पर बुकिंग रोक दी है.

यह भी पढ़ें   मोदी सरकार युवा लेखकों के लिए लेकर आयी युवा - प्रधानमंत्री योजना, ऐसे करें Apply

मुइज़ू के बयान से तनाव और बढ़ने की आशंका है. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि मालदीव भारत के साथ अपने मित्रतापूर्ण संबंधों को बचाना चाहता है. उन्होंने दोनों देशों के बीच बातचीत के जरिए इस मुद्दे को सुलझाने की उम्मीद जताई.

इस विवाद के पीछे भारत के लक्षद्वीप द्वीप समूह के विकास की योजनाएं भी एक कारण हैं. लक्षद्वीप मालदीव के करीब स्थित है और दोनों ही देश पर्यटन पर निर्भर हैं. कुछ विश्लेषकों का मानना है कि भारत लक्षद्वीप को विकसित करके मालदीव के पर्यटन उद्योग को टक्कर देना चाहता है

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

blog

Bilaspur के नामी LCIT Group of Institutions का छात्रों के साथ भयानक फर्जीवाड़ा : वादे बड़े-बड़े, हकीकत पानी-पानी!

avatar

Published

on

LCIT Group of College bilaspur

बिलासपुर: LCIT Group of Institutions – Bilaspur, जो हर साल एडमिशन के दौरान बड़े-बड़े वादे और लुभावने दावे करता है, उसकी सच्चाई अब धीरे-धीरे सामने आने लगी है। दावा किया जाता है कि यहां आधुनिक लैब्स, अनुभवी फैकल्टी और विश्वस्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर मिलेगा — लेकिन ग्राउंड रियलिटी कुछ और ही कहानी बयां कर रही है।

बारिश आई, लैब्स ने छलनी बनकर स्वागत किया!
हमें मिले वीडियो में कॉलेज की लैब्स से टपकती छतें साफ़ दिखाई दे रही हैं। जहां स्टूडेंट्स को मशीनों के साथ प्रैक्टिकल करना चाहिए था, वहां अब पानी से बचने के लिए प्लास्टिक की बाल्टियाँ रखी जा रही हैं। सवाल ये उठता है कि जब प्रयोगशालाएं ही सुरक्षित नहीं, तो शिक्षा कितनी सुरक्षित होगी?

यह भी पढ़ें   Bilaspur News: खेलो इंडिया खेलो पैरा गेम्स, में टी. एन. आई. एस. स्कूल, के अभिजीत ने बैडमिंटन में जीता स्लिवर पदक,

फैकल्टी? बस कागज़ों पर!
सूत्रों के अनुसार, यहां कई फैकल्टी सदस्य केवल ऑन पेपर मौजूद हैं। यानी नाम तो है, पर काम में कहीं नजर नहीं आते। छात्रों का कहना है कि कई विषयों की क्लास ही नियमित नहीं होती।

इंजीनियरिंग प्रिंसिपल भी सिर्फ नाम के!
कहा जा रहा है कि इंजीनियरिंग कॉलेज का प्रिंसिपल भी फुल टाइम नहीं है, बल्कि केवल औपचारिकता निभाने के लिए कागजों पर मौजूद हैं। यह छात्रों के भविष्य के साथ खुला मज़ाक है।

स्टाफ की नियुक्ति पर भी सवाल
बताया जा रहा है कि अधिकांश स्टाफ या तो यहीं के पुराने छात्र हैं या फिर अन्य कॉलेज से किसी वजह से हटाए गए लोग हैं। इससे शिक्षा की गुणवत्ता पर गंभीर प्रश्नचिह्न लग जाता है।

यह भी पढ़ें   Republic Day Celebration 2024 : परेड में इस बार झलकेगी नारी शक्ति, झांकी से लेकर हथियारों तक दिखेगा महिला सशक्तिकरण दबदबा

🎙 बिलासपुर के इस संस्थान की मार्केटिंग चमचमाती है, लेकिन हकीकत में ढहती छतें, दिखावटी स्टाफ और खोखले दावे छात्रों के सपनों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। ज़रूरत है कि शिक्षा को सिर्फ व्यापार न बनाकर, जिम्मेदारी समझा जाए

Continue Reading

Viral News

165 किलोमीटर की रफ्तार से टकराया तूफान… सेंट्रल अमेरिका में सारा ने मचाई ऐसी तबाही, लोग करने लगे त्राहिमाम

avatar

Published

on

165 किलोमीटर की रफ्तार से टकराया तूफान... सेंट्रल अमेरिका में सारा ने मचाई ऐसी तबाही, लोग करने लगे त्राहिमाम

नई दिल्ली. ट्रॉपिकल स्टॉर्म सारा ने हाल के दिनों में मध्य अमेरिका में भारी तबाही मचाई है. यह तूफान गुरुवार दोपहर को कैरेबियन सागर में बना था. यह अटलांटिक तूफान मौसम का 18वां तूफान है और इस महीने का तीसरा.

इस मौसम में इतने सारे उष्णकटिबंधीय तूफान (ट्रॉपिकल स्टॉर्म) और चक्रवात बनने का कारण कैरेबियन सागर और मैक्सिको की खाड़ी का औसत से अधिक गर्म होना है, जिससे इन सिस्टम के डेवलपमेंट और तेजी को अधिक एनर्जी मिलती है.

अपने बनने के बाद से, सारा समुद्री तूफान ने होंडुरास, कोस्टा रिका, निकारागुआ, बेलीज और ग्वाटेमाला को बुरी तरह से प्रभावित किया है, जिससे भारी बारिश, बड़े पैमाने पर बाढ़ और लैंडस्लाइड हुआ है. तूफान की धीमी गति ने नुकसान को और बढ़ा दिया है, जिससे इसका असर लंबे समय तक बना रह सकता है. हालांकि, सारा की ताकत कम हो रही है; गुरुवार को इसकी स्थायी हवाएं 45 मील प्रति घंटे की थीं, लेकिन अंदरूनी इलाकों में जाने के बाद यह थोड़ी कमजोर हो गई, और रविवार तक हवाएं 40 मील प्रति घंटे की रह गईं.

यह भी पढ़ें   27 जुलाई राशिफल : जानिए कैसा होगा आपका आज का दिन

राष्ट्रीय तूफान केंद्र के अनुसार, सारा के सोमवार को युकाटन प्रायद्वीप के दक्षिणी क्षेत्र की ओर उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ते हुए निम्न दबाव के क्षेत्र में बदलने की उम्मीद है. 15 नवंबर की रात से लगातार बारिश हो रही है और 16 नवंबर को भी सैन पेड्रो सुला शहर में यह बारिश जारी रही, जहां तूफान की वजह से एक नदी का पुल बह गया, जिससे एक पूरे समुदाय का संपर्क मुख्य शहर से कट गया. मियामी स्थित नेशनल हरिकेन सेंटर के अनुसार, इस वीकेंड में इस क्षेत्र में जानलेवा फ्लैश फ्लडिंग और लैंडस्लाइड हो सकता है.

वेदर सिस्टम ने 14 नवंबर देर रात होंडुरास-निकारागुआ सीमा पर काबो ग्रासियस ए डिओस से लगभग 105 मील (165 किलोमीटर) पश्चिम-उत्तर-पश्चिम में लैंडफॉल किया था. हरिकेन सेंटर ने उम्मीद जताई कि तूफान शनिवार और रविवार को “थोड़ी तेज गति से पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर” बढ़ते हुए होंडुरास की खाड़ी में प्रवेश करेगा और फिर बेलीज में लैंडफॉल करेगा.

Continue Reading

Viral News

टीचिंग छोड़ शुरू किया खाना बनाना, आज हैं देश की सबसे अमीर महिला यूट्यूबर, हर दिन की कमाई लाखों में

avatar

Published

on

नई दिल्ली. निशा मधुलिका का नाम आज भारतीय डिजिटल मीडिया में प्रेरणादायक कहानियों में सबसे आगे है. एक समय में शिक्षिका रहीं निशा ने यूट्यूब की दुनिया में “Nisha Madhulika” चैनल के जरिए अपनी अलग पहचान बनाई है.

उत्तर प्रदेश में एक साधारण परिवार में जन्मी निशा मधुलिका ने अपने जीवन की शुरुआत शिक्षिका के रूप में की थी और अपने पति एम.एस. गुप्ता के साथ उनके व्यापार में भी सहयोग किया. बाद में वह अपने पति के साथ नोएडा शिफ्ट हो गईं और यहीं से उनके यूट्यूब करियर की शुरुआत हुई.

निशा ने 2009 में अपना यूट्यूब चैनल शुरू किया, जिसमें वह सरल और पारंपरिक भारतीय शाकाहारी रेसिपी बनाती हैं. हिंदी भाषा में वीडियो बनाकर उन्होंने देश-विदेश में लाखों दर्शकों को अपने चैनल से जोड़ा है. आज उनके चैनल पर 14.5 मिलियन सब्सक्राइबर्स हैं और उन्होंने 2,300 से अधिक वीडियो पोस्ट किए हैं. सरल भाषा और आसान विधियों से खाना बनाना सिखाने के कारण उनके वीडियो हर आयु वर्ग के लोगों में लोकप्रिय हैं. उनके वीडियो में स्नैक्स से लेकर मिठाई और रोजमर्रा के खाने तक की रेसिपीज़ शामिल हैं, जो आसानी से उपलब्ध सामग्री का उपयोग करके बनती हैं.

यह भी पढ़ें   Republic Day Celebration 2024 : परेड में इस बार झलकेगी नारी शक्ति, झांकी से लेकर हथियारों तक दिखेगा महिला सशक्तिकरण दबदबा

सबसे अमीर महिला यूट्यूबर
निशा मधुलिका के चैनल को भारत में सबसे बड़े यूट्यूब फूड चैनलों में से एक माना जाता है. उनकी नेट वर्थ लगभग 43 करोड़ रुपये आंकी गई है, और वह हर महीने लाखों रुपये कमा रही हैं. निशा को 2017 में सोशल मीडिया समिट एंड अवॉर्ड्स में टॉप यूट्यूब कुकिंग कंटेंट क्रिएटर के खिताब से सम्मानित किया गया था, जो उनके योगदान और सफलता को दर्शाता है. कुछ खबरों के अनुसार, वह देश की सबसे अमीर महिला यूट्यूबर भी हैं.

दर्शकों से जुड़ाव जरूरी
उनका कहना है कि यूट्यूब पर सफल होने के लिए नियमितता और अपने दर्शकों के साथ जुड़ाव बनाए रखना जरूरी है. उनका यह विश्वास कि “हर घर में स्वाद और आनंद लाने” का उनका मिशन, उन्हें आगे बढ़ाता है. निशा मधुलिका का यह सफर केवल एक चैनल या बिजनेस तक सीमित नहीं है, बल्कि यह उन महिलाओं के लिए भी प्रेरणा है, जो अपने पैशन को फॉलो कर यूट्यूब जैसी डिजिटल माध्यमों में पहचान बनाना चाहती हैं. निशा का यूट्यूब चैनल केवल रेसिपी सिखाने का प्लेटफॉर्म नहीं है, बल्कि एक ऐसा मंच बन चुका है जहाँ लोग उनकी सादगी और सरलता के कारण जुड़ते हैं.

Continue Reading
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement

Trending