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छत्तीसगढ़

चिरमिरी में होगी पॉलिटेक्निक कॉलेज की स्थापना, खड़गवां में खुलेगा स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल, सीएम भूपेश ने किया ऐलान

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रायपुरः मूसलाधार बारिश के बाद भी भेंट-मुलाकात में लोगों का उत्साह कम नहीं हुआ है। भेंट-मुलाकात में आस-पास के ग्रामवासी मुख्यमंत्री के समक्ष अपनी बात रखने पहुंचे थे। इस दौरान मूसलाधार बारिश होने लगी मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों से पूछा कि कार्यक्रम बंद करें या जारी रखे। ग्रामीणों ने पूरे उत्साह के साथ भेंट-मुलाकात जारी रखने की सहमति दी। मुख्यमंत्री ने भी बारिश में ग्रामीणों का उत्साह कम होने नहीं दिया। दरअसल मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज कोरिया जिले के मनेन्द्रगढ़ विधानसभा क्षेत्र के ग्राम कटकोना के ग्रामीणों से भेंट-मुलाकात कर रहे थे। इस दौरान मूसलाधार बारिश शुरू हो गई।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भेंट-मुलाकात अभियान के तहत आज मनेंद्रगढ़ विधानसभा के ग्राम कटकोना पहुंचे थे। भेंट-मुलाकात के पहले मुख्यमंत्री ने यहां ‘कटकोना मल्टीयूटिलिटी सेंटर‘ का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने इस दौरान बुधरा नदी पर लगभग 6 करोड़ 75 लाख रूपए की लागत से बनने वाले एनीकट निर्माण का भूमिपूजन किया। इस एनीकट के निर्माण से 33 गांव के 30 हज़ार से ज्यादा लोगों को सिंचाई, पेयजल और निस्तारी के लिए पानी की उपलब्धता होगी। यह मल्टीविलेज वाटर सप्लाई योजना के अंतर्गत बरदर जल प्रदाय समूह का हिस्सा है। उन्होंने चिरमिरी में लोगों की मांग एवं आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए पॉलीटेक्निक कॉलेज और खड़गवां में स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोलने की घोषणा की। इस अवसर पर गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू और मनेन्द्रगढ़ विधायक डॉ. विनय जायसवाल भी उपस्थित थे।

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मुख्यमंत्री बघेल ने मल्टीयूटिलिटी सेंटर कटकोना में 14 महिला स्व-सहायता समूहों के 140 सदस्यों से मुलाकात की। उन्होंने महिलाओं द्वारा किए जा रहे आय जनित गतिविधियों की सराहना की। मुख्यमंत्री ने महिलाओं का उत्साहवर्धन करते हुए मल्टीयूटिलिटी सेंटर के प्रबंधक पंजी में टिप्पणी लिखी कि महिला सशक्तिकरण के तहत स्वावलंबन की ओर महिलाओं का यह एक मजबूत कदम बढ़ाया है। गौरतलब है कि समूह की महिलाएं आलू चिप्स, बेकरी, दोना पत्तल, मसाला, चप्पल, एलईडी बल्ब का निर्माण कर रही है। इसी प्रकार दाल प्रसंस्करण, मिनी राईस मिल, लेयर पोल्ट्री फार्म, मुर्गी पालन, बकरी पालन, वर्मी खाद निर्माण, सामुदायिक बाड़ी जैसे अलग-अलग कार्य को सम्पादित कर रही हैं।

समूह की महिलाओं ने निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री बघेल को बताया कि आलू चिप्स निर्माण की इस यूनिट में प्रतिदिन लगभग 8 हजार आलू चिप्स पैकेट बनाए जा सकते हैं। जिन्हें सी-मार्ट के माध्यम से बाजार उपलब्ध कराया जाएगा। इस मौके पर बेकरी उत्पादन समूह द्वारा मुख्यमंत्री के लिए बनाया गया केक भी काटा। मुख्यमंत्री ने यहां एलईडी बल्ब इकाई के समूह से बातचीत भी की। समूह से प्रशिक्षण प्राप्त महिलाओं ने बताया कि महज 10 दिनों में प्रशिक्षण लेकर उन्होंने एलईडी बल्ब असेंबल करना सीख गई है। मुख्यमंत्री को अपने हाथों से असेंबल की हुई बल्ब जलाकर दिखाया।

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मुख्यमंत्री बघेल ने कटकोना स्थित हाई स्कूल मैदान में बच्चों के आग्रह पर पारंपरिक खेल भौरा का भी लुत्फ उठाया। मुख्यमंत्री के समक्ष आठवीं में अध्ययनरत पंडो जनजाति के छात्र संजय कुमार ने तीरंदाज़ी में अचूक निशाना लगाया। संजय गांव निवारी बहरा का निवासी है, जो खेलगढ़िया योजना में प्रशिक्षण ले रहे हैं। मुख्यमंत्री ने संजय के हुनर की प्रशंसा करते हुए हौसला अफजायी की।

मुख्यमंत्री ने भेंट-मुलाकात के दौरान कटकोना मुख्य मार्ग से पहाड़पारा तथा पहाड़पारा से करी छापर तक पक्की सड़क का निर्माण, कटकोना धान उपार्जन केंद्र में नये खाद गोदाम का निर्माण, खड़गवॉ में नये स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल की स्थापना, छोटे कलुआ में बिजली सब स्टेशन की स्थापना, ग्राम पंचायत कौड़ीमार से पैनारी मार्ग पर पुल का निर्माण, ग्राम पंचायत फुनगा से बेलबहरा मार्ग में पुल का निर्माण और चिरमिरी में नवीन इनडोर स्टेडियम निर्माण की भी घोषणा की।

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Bilaspur के नामी LCIT Group of Institutions का छात्रों के साथ भयानक फर्जीवाड़ा : वादे बड़े-बड़े, हकीकत पानी-पानी!

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LCIT Group of College bilaspur

बिलासपुर: LCIT Group of Institutions – Bilaspur, जो हर साल एडमिशन के दौरान बड़े-बड़े वादे और लुभावने दावे करता है, उसकी सच्चाई अब धीरे-धीरे सामने आने लगी है। दावा किया जाता है कि यहां आधुनिक लैब्स, अनुभवी फैकल्टी और विश्वस्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर मिलेगा — लेकिन ग्राउंड रियलिटी कुछ और ही कहानी बयां कर रही है।

बारिश आई, लैब्स ने छलनी बनकर स्वागत किया!
हमें मिले वीडियो में कॉलेज की लैब्स से टपकती छतें साफ़ दिखाई दे रही हैं। जहां स्टूडेंट्स को मशीनों के साथ प्रैक्टिकल करना चाहिए था, वहां अब पानी से बचने के लिए प्लास्टिक की बाल्टियाँ रखी जा रही हैं। सवाल ये उठता है कि जब प्रयोगशालाएं ही सुरक्षित नहीं, तो शिक्षा कितनी सुरक्षित होगी?

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फैकल्टी? बस कागज़ों पर!
सूत्रों के अनुसार, यहां कई फैकल्टी सदस्य केवल ऑन पेपर मौजूद हैं। यानी नाम तो है, पर काम में कहीं नजर नहीं आते। छात्रों का कहना है कि कई विषयों की क्लास ही नियमित नहीं होती।

इंजीनियरिंग प्रिंसिपल भी सिर्फ नाम के!
कहा जा रहा है कि इंजीनियरिंग कॉलेज का प्रिंसिपल भी फुल टाइम नहीं है, बल्कि केवल औपचारिकता निभाने के लिए कागजों पर मौजूद हैं। यह छात्रों के भविष्य के साथ खुला मज़ाक है।

स्टाफ की नियुक्ति पर भी सवाल
बताया जा रहा है कि अधिकांश स्टाफ या तो यहीं के पुराने छात्र हैं या फिर अन्य कॉलेज से किसी वजह से हटाए गए लोग हैं। इससे शिक्षा की गुणवत्ता पर गंभीर प्रश्नचिह्न लग जाता है।

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🎙 बिलासपुर के इस संस्थान की मार्केटिंग चमचमाती है, लेकिन हकीकत में ढहती छतें, दिखावटी स्टाफ और खोखले दावे छात्रों के सपनों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। ज़रूरत है कि शिक्षा को सिर्फ व्यापार न बनाकर, जिम्मेदारी समझा जाए

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छत्तीसगढ़

CG News: सुरक्षाबलों की बड़ी कामयाबी, घने जंगलों से भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद

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बीजापुर के कोमटपल्ली के जंगलों से जवानों ने भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद किया है। घने जंगल में पहाड़ों के बीच नक्सलियों ने सामग्री छुपाकर रखा था।

बीजापुर: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सुरक्षाबलों के जवानों को बड़ी सफलता मिली है। जवानों ने भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद किया है। नक्सलियों ने कोमटपल्ली जंगल-पहाड़ में बड़े चट्टानों के बीच हथियार और अन्य सामान छुपा कर रखा था। जिसे सर्चिंग के दौरान जवानों की संयुक्त टीम ने बरामद किया है।

बरामद किए गए सामग्रियों में गैस वेल्डिंग मशीन मय नोजल, आक्सीजन सिलेण्डर, गैस वेल्डिंग में उपयोग आने वाला पावडर- 8 डिब्बा, इन्वर्टर- 1 नग, स्टेबलाईजर 5 नग, स्टील कंटेनर 3 नग, कमर्सियल मोटर 3 नग, ब्लोवर(धौकनी मशीन)- 2 नग, ग्लेण्डर मोटर- 1 नग, वेल्डिंग राड 200 नग, टुकड़ा लोहे का राड छोटा बड़ा 3- 3 नग, खाली मैग्जीन 3 नग, इलेक्ट्रिक स्वीच- 65 नग, रायफल सिलिंग -08 नग और 2 नग पोच शामिल है।

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छत्तीसगढ़

निर्देश के बाद भी लापरवाही: धड़ल्ले से जल रही पराली, प्रदूषण बढ़ने का मंडरा रहा खतरा

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नगरी में रबि फसल की तैयारी के लिए किसान लगातार खेतों में पराली को आग के हवाले कर रहे हैं। जिसके चलते प्रदूषण का खतरा मंडरा रहा है।

छत्तीसगढ़ के नगरी के किसान इन दिनों रबि फसल की तैयारी में जुट गए हैं। इसी के साथ खेतों में लगातार पराली जलाने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। किसान लगातार खेतों में पराली को आग के हवाले कर रहे हैं जिसके चलते प्रदूषण का खतरा मंडरा रहा है। वहीं इन किसानों को पराली जलाने से रोकने वाला भी कोई नहीं है।

दरअसल, जिला प्रशासन ने पैरादान करने का निर्देश दिया था। इसके बाद भी किसान लगातार पराली को आग के हवाले कर रहे हैं। जिसके कारण प्रदूषण फैलने की संभावना बढ़ गई है। नगरी सिहावा के आसपास के गांव के अधिकतर किसान पैरा में जलाते हुए नजर आ रहे है। वहीं विभागीय अधिकारी का उदासीनता के चलते भी किसान बेख़ौफ़ होकर पराली जला रहे हैं।

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