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छत्तीसगढ़

रायपुर: युवा उद्यमियों के लिए सपोर्ट सिस्टम तैयार, इनोवेशन सेंटर का शुभारंभ और ओयो फाउंडर की बड़ी घोषणा

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छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने रायपुर में सेंटर फार इनोवेशन, ट्रेड एंड स्किलिंग स्थापना के साथ ही 1000 सीटर को-वर्किंग स्पेस निर्माण और शहर के सभी जोन में एक बाक्स स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स निर्माण की घोषणा की है।

रायपुर: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बुधवार को भाठागांव स्थित अंतरराज्यीय बस स्टैंड में नवनिर्मित इनोवेशन सेंटर का शुभारंभ किया। साथ ही जयस्तंभ चौक के मल्टीलेवल पार्किंग में नवनिर्मित को-वर्किंग स्पेस का वर्चुअली लोकार्पण किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री साय ने सेंटर फार इनोवेशन, ट्रेड एंड स्किलिंग की स्थापना, रायपुर जिले में 1000 सीटर को-वर्किंग स्पेस निर्माण और नगर निगम क्षेत्र के प्रत्येक जोन में एक-एक बाक्स स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स निर्माण की घोषणा की। इस अवसर पर ओयो के फाउंडर रितेश अग्रवाल ने छत्तीसगढ़ में 500 करोड़ रुपए का निवेश करने और 15 हजार रोजगार सृजन करने की बात कही। इनोवेट के गेम जोन में मुख्यमंत्री साय एवं ओयो के फाउंडर अग्रवाल ने टेबल टेनिस खेल में हाथ आजमाया।

मुख्यमंत्री साय ने इस अवसर पर कहा कि, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नागरिक सुविधाओं को बढ़ाने एवं रोजगार के नये अवसर पैदा करने स्मार्ट सिटी का विचार क्रियान्वित किया। रायपुर को भी स्मार्ट सिटी के रूप में चयनित किया गया है। राज्य सरकार स्मार्ट सिटी के अनुरूप सुविधाओं को लगातार बढ़ाने के लिए पहल कर रही हैं।CM साय ने कहा कि, युवा उद्यमियों के दिमाग में उद्यम के बहुत से विचार हैं। वे अपना स्टार्टअप आरंभ करना चाहते हैं बस उन्हें थोड़ा सहयोग देने की आवश्यकता है फिर वे कमाल कर दिखाएंगे। सरकार युवाओं के लिए यही सपोर्ट सिस्टम तैयार कर रही है। मुख्यमंत्री साय ने जिला प्रशासन के कार्यों की सराहना की।

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युवाओं को बजट जुटाने की फिक्र नहीं होगी : सीएम

CM साय ने कहा कि, स्टार्टअप के लिए एक आफिस, फर्नीचर, एक अच्छा लोकेशन, कंप्यूटर, वाईफाई चाहिए, लेकिन इतने सब कुछ के लिए ही जो बजट लगता है वो बहुत से युवा उद्यमियों के बस की बात नहीं होती। को-वर्किंग एंड इनोवेशन सेंटर के रूप में यही आफिस स्पेस उन्हें उपलब्ध करा रहे हैं। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि 48 लाख रुपए की लागत से जयस्तंभ चैक के मल्टीलेवल पार्किंग सेंटर में आरंभ स्टार्टअप को-वर्किंग सेंटर तथा एक करोड़ रुपए की लागत से अंतरराज्यीय बस टर्मिनल में इनोवेशन सेंटर तैयार किया गया है। यहां स्टार्टअप उद्यमियों को काम करने के लिए आफिस मिल जाएगा। साथ ही प्राइवेट कैबिन होंगे, कंप्यूटर मिल जाएंगे और फर्नीचर उपलब्ध होगा, कैफेटेरिया होगा। प्रेजेंटेशन के लिए आडिटोरियम होगा। उन्हें केवल अपने आइडिया पर काम करना होगा।

ओयो के फाउंडर रितेश अग्रवाल ने की बड़ी घोषणा

इस अवसर पर ओयो के फाउंडर रितेश अग्रवाल ने कहा कि, स्टार्टअप के जरिए हमें बड़ी सफलता मिली थी और वर्तमान में 22 हजार होटल संचालित हो रहे हैं। छत्तीसगढ़ में इनोवेट के शुरू होने से हजारों युवाओं को फाउंडर बनने का अवसर मिलेगा। गांव के युवाओं के सपने भी पूरे हो सकेंगे।अग्रवाल ने कहा कि, छत्तीसगढ़ में आने वाले समय में 500 करोड़ रुपए निवेश करने की तैयारी हमारी कंपनी ने की है और 15 हजार रोजगार भी सृजनित किए जाएंगे। उन्होंने छत्तीसगढ़ सरकार की नीतियों की सराहना करते हुए कहा कि, यहां पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिया गया है, इससे निश्चित ही स्टार्टअप शुरू करने वाले युवाओं को प्रोत्साहन मिलेगा। उन्होंने विश्वास जताया कि, छत्तीसगढ़ एक स्टार्टअप राज्य बनेगा। अग्रवाल ने खुशी जताते हुए कहा कि, यह देखा गया है कि बड़ी कंपनी के शुभारंभ में उद्यमी पहुंचते थे, लेकिन आज छत्तीसगढ़ में सुखद अवसर है कि, मुख्यमंत्री सहित अन्य सम्मानीय जनप्रतिनिधि शामिल हुए हैं।

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नवाचार की दिशा में ऐतिहासक कदम उठाए गए : डॉ. गौरव सिंह

कलेक्टर डॉ. गौरव सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री साय के नेतृत्व में नवाचार की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाए गए हैं। इससे जिले में रोजगार की दिशा में आगे बढ़ने का अवसर मिलेगा। 50 से अधिक महिला नेतृत्व वाले स्टार्टअप को भी बढ़ावा दिया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री साय ने नवगुरूकुल संस्था के युवाओं को जाब आफर लेटर दिया। शी-हब से जुड़ी महिलाओं और स्टार्टअप कंपनियों के युवा उद्यमियों का सम्मान किया। साथ ही बी.पी.ओ. सेंटर से जुड़े युवाओं को नियुक्ति पत्र दिया।

अच्छा काम करने वाले निगम कर्मी पुरष्कृत

कार्यक्रम के दौरान नवाचार क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले नगर निगम के अधिकारी, कर्मचारियों का सम्मान किया। इस अवसर पर विधायक मोतीलाल साहू, पुरंदर मिश्रा, अनुज शर्मा, विक्रम उसेंडी, कलेक्टर डा. गौरव सिंह, नगर निगम आयुक्त अबिनाश मिश्रा, जिला पंचायत सीईओ विश्वदीप समेत अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।

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Bilaspur के नामी LCIT Group of Institutions का छात्रों के साथ भयानक फर्जीवाड़ा : वादे बड़े-बड़े, हकीकत पानी-पानी!

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LCIT Group of College bilaspur

बिलासपुर: LCIT Group of Institutions – Bilaspur, जो हर साल एडमिशन के दौरान बड़े-बड़े वादे और लुभावने दावे करता है, उसकी सच्चाई अब धीरे-धीरे सामने आने लगी है। दावा किया जाता है कि यहां आधुनिक लैब्स, अनुभवी फैकल्टी और विश्वस्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर मिलेगा — लेकिन ग्राउंड रियलिटी कुछ और ही कहानी बयां कर रही है।

बारिश आई, लैब्स ने छलनी बनकर स्वागत किया!
हमें मिले वीडियो में कॉलेज की लैब्स से टपकती छतें साफ़ दिखाई दे रही हैं। जहां स्टूडेंट्स को मशीनों के साथ प्रैक्टिकल करना चाहिए था, वहां अब पानी से बचने के लिए प्लास्टिक की बाल्टियाँ रखी जा रही हैं। सवाल ये उठता है कि जब प्रयोगशालाएं ही सुरक्षित नहीं, तो शिक्षा कितनी सुरक्षित होगी?

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फैकल्टी? बस कागज़ों पर!
सूत्रों के अनुसार, यहां कई फैकल्टी सदस्य केवल ऑन पेपर मौजूद हैं। यानी नाम तो है, पर काम में कहीं नजर नहीं आते। छात्रों का कहना है कि कई विषयों की क्लास ही नियमित नहीं होती।

इंजीनियरिंग प्रिंसिपल भी सिर्फ नाम के!
कहा जा रहा है कि इंजीनियरिंग कॉलेज का प्रिंसिपल भी फुल टाइम नहीं है, बल्कि केवल औपचारिकता निभाने के लिए कागजों पर मौजूद हैं। यह छात्रों के भविष्य के साथ खुला मज़ाक है।

स्टाफ की नियुक्ति पर भी सवाल
बताया जा रहा है कि अधिकांश स्टाफ या तो यहीं के पुराने छात्र हैं या फिर अन्य कॉलेज से किसी वजह से हटाए गए लोग हैं। इससे शिक्षा की गुणवत्ता पर गंभीर प्रश्नचिह्न लग जाता है।

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🎙 बिलासपुर के इस संस्थान की मार्केटिंग चमचमाती है, लेकिन हकीकत में ढहती छतें, दिखावटी स्टाफ और खोखले दावे छात्रों के सपनों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। ज़रूरत है कि शिक्षा को सिर्फ व्यापार न बनाकर, जिम्मेदारी समझा जाए

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छत्तीसगढ़

CG News: सुरक्षाबलों की बड़ी कामयाबी, घने जंगलों से भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद

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बीजापुर के कोमटपल्ली के जंगलों से जवानों ने भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद किया है। घने जंगल में पहाड़ों के बीच नक्सलियों ने सामग्री छुपाकर रखा था।

बीजापुर: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सुरक्षाबलों के जवानों को बड़ी सफलता मिली है। जवानों ने भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद किया है। नक्सलियों ने कोमटपल्ली जंगल-पहाड़ में बड़े चट्टानों के बीच हथियार और अन्य सामान छुपा कर रखा था। जिसे सर्चिंग के दौरान जवानों की संयुक्त टीम ने बरामद किया है।

बरामद किए गए सामग्रियों में गैस वेल्डिंग मशीन मय नोजल, आक्सीजन सिलेण्डर, गैस वेल्डिंग में उपयोग आने वाला पावडर- 8 डिब्बा, इन्वर्टर- 1 नग, स्टेबलाईजर 5 नग, स्टील कंटेनर 3 नग, कमर्सियल मोटर 3 नग, ब्लोवर(धौकनी मशीन)- 2 नग, ग्लेण्डर मोटर- 1 नग, वेल्डिंग राड 200 नग, टुकड़ा लोहे का राड छोटा बड़ा 3- 3 नग, खाली मैग्जीन 3 नग, इलेक्ट्रिक स्वीच- 65 नग, रायफल सिलिंग -08 नग और 2 नग पोच शामिल है।

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छत्तीसगढ़

निर्देश के बाद भी लापरवाही: धड़ल्ले से जल रही पराली, प्रदूषण बढ़ने का मंडरा रहा खतरा

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नगरी में रबि फसल की तैयारी के लिए किसान लगातार खेतों में पराली को आग के हवाले कर रहे हैं। जिसके चलते प्रदूषण का खतरा मंडरा रहा है।

छत्तीसगढ़ के नगरी के किसान इन दिनों रबि फसल की तैयारी में जुट गए हैं। इसी के साथ खेतों में लगातार पराली जलाने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। किसान लगातार खेतों में पराली को आग के हवाले कर रहे हैं जिसके चलते प्रदूषण का खतरा मंडरा रहा है। वहीं इन किसानों को पराली जलाने से रोकने वाला भी कोई नहीं है।

दरअसल, जिला प्रशासन ने पैरादान करने का निर्देश दिया था। इसके बाद भी किसान लगातार पराली को आग के हवाले कर रहे हैं। जिसके कारण प्रदूषण फैलने की संभावना बढ़ गई है। नगरी सिहावा के आसपास के गांव के अधिकतर किसान पैरा में जलाते हुए नजर आ रहे है। वहीं विभागीय अधिकारी का उदासीनता के चलते भी किसान बेख़ौफ़ होकर पराली जला रहे हैं।

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