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छत्तीसगढ़

स्वच्छता ही सेवा अभियान के पांचवे दिन आज एक पेड़ माँ के नाम थीम पर दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में वृहद वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया”

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“मुख्यालय बिलासपुर में महाप्रबंधक नीनु इटियेरा सहित अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने किया वृक्षारोपण”

भारतीय रेलवे द्वारा इस वर्ष स्वच्छ भारत मिशन के शुभारंभ की 10वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में ‘स्वभाव स्वच्छता – संस्कार स्वच्छता’ थीम के साथ ‘स्वच्छता ही सेवा’ 2024 अभियान 17 सितम्बर से 02 अक्टूबर 2024 तक मनाया जा रहा है । इसी क्रम में 17 सितम्बर से 02 अक्टूबर 2024 तक आयोजित इस ‘स्वच्छता ही सेवा’ 2024 अभियान में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के सभी स्टेशनों, रेलवे परिसरों, पटरियों, कार्य क्षेत्रों तथा गाडियों में प्रत्येक दिवसों के थीम के अनुसार विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है ।

इसी कड़ी में स्वच्छता ही सेवा अभियान के पांचवे दिन आज “एक पेड़ मां के नाम” थीम के तहत वृहद वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया । इस दौरान दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे मुख्यालय, बिलासपुर में महाप्रबंधक नीनु इटियेरा की अगुवाई में रेलवे कालोनी नर्मदा रेस्ट हाउस के सामने वृक्षारोपण किया गया ।

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इस दौरान अपर महाप्रबंधक, मण्डल रेल प्रबंधक, बिलासपुर सहित मुख्यालय एवं मण्डल के अधिकारी, दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे महिला कल्याण संगठन (सेक्रो) मुख्यालय एवं मंडल की सदस्याएं, कर्मचारीगण उनके उनके परिवार के सदस्यों ने भी अपनी माताओं के नाम पर पेड़ लगाए । वृक्षारोपण के तहत लगभग 300 नीम के पौधे रोपित किए गए । इस अभियान का उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ मातृत्व और प्रकृति के प्रति सम्मान प्रकट करना है ।

इस पहल का मकसद न केवल हरित आवरण को बढ़ाना है, बल्कि सामाजिक और भावनात्मक जुड़ाव भी स्थापित करना है । वृक्षारोपण के दौरान इस बात पर जोर दिया गया कि जैसे मां जीवन देने वाली होती है, वैसे ही पेड़ भी जीवन प्रदान करते हैं । इस थीम ने न केवल पर्यावरण के प्रति जागरूकता फैलाई बल्कि व्यक्तिगत स्तर पर मातृत्व और प्रकृति के बीच एक गहरे संबंध को भी दर्शाया ।

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एक पेड़ मां के नाम” थीम के तहत वृक्षारोपण कार्यक्रम दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के तीनों रेल मंडलो, बिलासपुर, रायपुर एवं नागपुर तथा अलग-अलग स्टेशनों में भी आयोजित किया गया । इस तरह की पहल से रेलवे न सिर्फ अपने परिवेश को हराभरा बना रहा है, बल्कि अपने कर्मचारियों को भी पर्यावरण संरक्षण में सक्रिय भागीदार बना रहा है । स्वच्छता ही सेवा अभियान के छठवें दिन कल दिनांक 22 सितम्बर को वेस्ट रिसायकल थीम पर स्वच्छता कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे ।

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Bilaspur के नामी LCIT Group of Institutions का छात्रों के साथ भयानक फर्जीवाड़ा : वादे बड़े-बड़े, हकीकत पानी-पानी!

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LCIT Group of College bilaspur

बिलासपुर: LCIT Group of Institutions – Bilaspur, जो हर साल एडमिशन के दौरान बड़े-बड़े वादे और लुभावने दावे करता है, उसकी सच्चाई अब धीरे-धीरे सामने आने लगी है। दावा किया जाता है कि यहां आधुनिक लैब्स, अनुभवी फैकल्टी और विश्वस्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर मिलेगा — लेकिन ग्राउंड रियलिटी कुछ और ही कहानी बयां कर रही है।

बारिश आई, लैब्स ने छलनी बनकर स्वागत किया!
हमें मिले वीडियो में कॉलेज की लैब्स से टपकती छतें साफ़ दिखाई दे रही हैं। जहां स्टूडेंट्स को मशीनों के साथ प्रैक्टिकल करना चाहिए था, वहां अब पानी से बचने के लिए प्लास्टिक की बाल्टियाँ रखी जा रही हैं। सवाल ये उठता है कि जब प्रयोगशालाएं ही सुरक्षित नहीं, तो शिक्षा कितनी सुरक्षित होगी?

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फैकल्टी? बस कागज़ों पर!
सूत्रों के अनुसार, यहां कई फैकल्टी सदस्य केवल ऑन पेपर मौजूद हैं। यानी नाम तो है, पर काम में कहीं नजर नहीं आते। छात्रों का कहना है कि कई विषयों की क्लास ही नियमित नहीं होती।

इंजीनियरिंग प्रिंसिपल भी सिर्फ नाम के!
कहा जा रहा है कि इंजीनियरिंग कॉलेज का प्रिंसिपल भी फुल टाइम नहीं है, बल्कि केवल औपचारिकता निभाने के लिए कागजों पर मौजूद हैं। यह छात्रों के भविष्य के साथ खुला मज़ाक है।

स्टाफ की नियुक्ति पर भी सवाल
बताया जा रहा है कि अधिकांश स्टाफ या तो यहीं के पुराने छात्र हैं या फिर अन्य कॉलेज से किसी वजह से हटाए गए लोग हैं। इससे शिक्षा की गुणवत्ता पर गंभीर प्रश्नचिह्न लग जाता है।

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🎙 बिलासपुर के इस संस्थान की मार्केटिंग चमचमाती है, लेकिन हकीकत में ढहती छतें, दिखावटी स्टाफ और खोखले दावे छात्रों के सपनों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। ज़रूरत है कि शिक्षा को सिर्फ व्यापार न बनाकर, जिम्मेदारी समझा जाए

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छत्तीसगढ़

CG News: सुरक्षाबलों की बड़ी कामयाबी, घने जंगलों से भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद

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बीजापुर के कोमटपल्ली के जंगलों से जवानों ने भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद किया है। घने जंगल में पहाड़ों के बीच नक्सलियों ने सामग्री छुपाकर रखा था।

बीजापुर: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सुरक्षाबलों के जवानों को बड़ी सफलता मिली है। जवानों ने भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद किया है। नक्सलियों ने कोमटपल्ली जंगल-पहाड़ में बड़े चट्टानों के बीच हथियार और अन्य सामान छुपा कर रखा था। जिसे सर्चिंग के दौरान जवानों की संयुक्त टीम ने बरामद किया है।

बरामद किए गए सामग्रियों में गैस वेल्डिंग मशीन मय नोजल, आक्सीजन सिलेण्डर, गैस वेल्डिंग में उपयोग आने वाला पावडर- 8 डिब्बा, इन्वर्टर- 1 नग, स्टेबलाईजर 5 नग, स्टील कंटेनर 3 नग, कमर्सियल मोटर 3 नग, ब्लोवर(धौकनी मशीन)- 2 नग, ग्लेण्डर मोटर- 1 नग, वेल्डिंग राड 200 नग, टुकड़ा लोहे का राड छोटा बड़ा 3- 3 नग, खाली मैग्जीन 3 नग, इलेक्ट्रिक स्वीच- 65 नग, रायफल सिलिंग -08 नग और 2 नग पोच शामिल है।

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छत्तीसगढ़

निर्देश के बाद भी लापरवाही: धड़ल्ले से जल रही पराली, प्रदूषण बढ़ने का मंडरा रहा खतरा

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नगरी में रबि फसल की तैयारी के लिए किसान लगातार खेतों में पराली को आग के हवाले कर रहे हैं। जिसके चलते प्रदूषण का खतरा मंडरा रहा है।

छत्तीसगढ़ के नगरी के किसान इन दिनों रबि फसल की तैयारी में जुट गए हैं। इसी के साथ खेतों में लगातार पराली जलाने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। किसान लगातार खेतों में पराली को आग के हवाले कर रहे हैं जिसके चलते प्रदूषण का खतरा मंडरा रहा है। वहीं इन किसानों को पराली जलाने से रोकने वाला भी कोई नहीं है।

दरअसल, जिला प्रशासन ने पैरादान करने का निर्देश दिया था। इसके बाद भी किसान लगातार पराली को आग के हवाले कर रहे हैं। जिसके कारण प्रदूषण फैलने की संभावना बढ़ गई है। नगरी सिहावा के आसपास के गांव के अधिकतर किसान पैरा में जलाते हुए नजर आ रहे है। वहीं विभागीय अधिकारी का उदासीनता के चलते भी किसान बेख़ौफ़ होकर पराली जला रहे हैं।

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