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छत्तीसगढ़

पुलिस महानिरीक्षक बद्री नारायण मीणा के द्वारा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक व उप पुलिस अधीक्षक की ली गई बैठक

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Additional Superintendent of Police and Deputy Superintendent of Police held a meeting by Inspector General of Police Badri Narayan Meena
बिलासपुर| दिनांक 30.10.2022 को बी.एन. मीणा, पुलिस महानिरीक्षक, बिलासपुर रेंज, बिलासपुर द्वारा रज अंतर्गत जिलों में पुलिस मुख्यालय एवं अन्य वरिष्ठ कार्यालयों से प्राप्त पत्रों के पालन/निराकरण के संबंध में जिलों के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एवं उप पुलिस अधीक्षक (मुख्यालय) की वर्चुअल समीक्षा बैठक ली गई। 

पुलिस महानिरीक्षक द्वारा जिलों में लंबित शिकायत पत्रों एवं वरिष्ठ कार्यालय द्वारा जारी लंबित पत्रों की समीक्षा बैठक में विभिन्न बिन्दुओं पर कार्यवाही संबंधी निर्देश दिये गये। इसके अंतर्गत पुलिस महानिरीक्षक द्वारा जिलों में शिकायत जॉच प्रतिवेदन की समीक्षा जिला पुलिस कार्यालय में पदस्थ राजपत्रित अधिकारी द्वारा जॉच की गुणवत्ता की समीक्षा कर वरिष्ठ कार्यालय को तथ्यात्मक प्रतिवेदन उपलब्ध कराने संबंधी निर्देश देते हुए कहा कि यदि समय पर शिकायतों का निराकरण होता है तो जनता का विश्वास पुलिस पर बढ़ता है और यदि थाना स्तर पर ही शिकायतों का समय पर निराकरण हो जाता है तो जनता को वरिष्ठ कार्यालय में आवश्यकता नहीं होती है। लंबित पत्रों के निकाल में अनावश्यक विलंब ना किये जाने संबंधी निर्देश देते हुए उनके द्वारा कहा गया कि निर्धारित समयावधि में पत्रों का जवाब वरिष्ठ कार्यालयों को उपलब्ध करा दिया जावे, इसकी जिम्मेदारी  जिला पुलिस कार्यालय में पदस्थ उप पुलिस अधीक्षक मुख्यालय को दी गई। 
 
 बैठक के दौरान कार्यालयों में प्राप्त होने वाले पत्रों की प्रारंभिक प्रक्रिया के संबंध में पुलिस महानिरीक्षक द्वारा उपस्थित राजपत्रित अधिकारियों को समझाई देते हुए बताया गया कि कतिपय कार्यालयों में पत्रों के मार्किंग व आवक-जावक की व्यवस्था सही नहीं होने के कारण संबंधित शाखा को पत्र प्राप्त होने व जवाब तैयार करने में विलंब होता है इसके लिए उनके द्वारा आवक-जावक शाखा को व्यवस्थित करने व प्रत्येक शाखा में पत्रों का गोश्वारा तैयार कर उसकी साप्ताहिक समीक्षा करने निर्देशित किया गया। साथ ही वरिष्ठ कार्यालय से लंबित पत्रों की जानकारी हेतु सतत संपर्क में रहने निर्देश दिये गये । 

    समीक्षा बैठक में अति.पु.अधी.(शहर) राजेन्द्र जायसवाल, अति.पु.अधी. सक्ती गायत्री सिंह, अति.पु.अधी. रायगढ़ संजय महादेवा, अति.पु.अधी. जांजगीर-चाम्पा अनिल सोनी, अति.पु.अधी. मुंगेली प्रतिभा पाण्डेय, अति.पु.अधी. सारंगढ़-बिलाईगढ़ महेश्वर नाग, उ.पु.अधी. सारंगढ़-बिलाईगढ़ मनीष कंवर, उ.पु.अधी. मुंगेली साधना सिंह, उ.पु.अधी. कोरबा प्रदीप येरेवार, उ.पु.अधी. बेनेडिक्ट मिंज, उ.पु.अधी. गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही आई.तिर्की सहित रेंज कार्यालय में पदस्थ अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक  दीपमाला कश्यप, उ.पु.अधी. सुशीला टेकाम व उ.पु.अधी. माया असवाल उपस्थित रहीं
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Bilaspur के नामी LCIT Group of Institutions का छात्रों के साथ भयानक फर्जीवाड़ा : वादे बड़े-बड़े, हकीकत पानी-पानी!

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LCIT Group of College bilaspur

बिलासपुर: LCIT Group of Institutions – Bilaspur, जो हर साल एडमिशन के दौरान बड़े-बड़े वादे और लुभावने दावे करता है, उसकी सच्चाई अब धीरे-धीरे सामने आने लगी है। दावा किया जाता है कि यहां आधुनिक लैब्स, अनुभवी फैकल्टी और विश्वस्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर मिलेगा — लेकिन ग्राउंड रियलिटी कुछ और ही कहानी बयां कर रही है।

बारिश आई, लैब्स ने छलनी बनकर स्वागत किया!
हमें मिले वीडियो में कॉलेज की लैब्स से टपकती छतें साफ़ दिखाई दे रही हैं। जहां स्टूडेंट्स को मशीनों के साथ प्रैक्टिकल करना चाहिए था, वहां अब पानी से बचने के लिए प्लास्टिक की बाल्टियाँ रखी जा रही हैं। सवाल ये उठता है कि जब प्रयोगशालाएं ही सुरक्षित नहीं, तो शिक्षा कितनी सुरक्षित होगी?

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फैकल्टी? बस कागज़ों पर!
सूत्रों के अनुसार, यहां कई फैकल्टी सदस्य केवल ऑन पेपर मौजूद हैं। यानी नाम तो है, पर काम में कहीं नजर नहीं आते। छात्रों का कहना है कि कई विषयों की क्लास ही नियमित नहीं होती।

इंजीनियरिंग प्रिंसिपल भी सिर्फ नाम के!
कहा जा रहा है कि इंजीनियरिंग कॉलेज का प्रिंसिपल भी फुल टाइम नहीं है, बल्कि केवल औपचारिकता निभाने के लिए कागजों पर मौजूद हैं। यह छात्रों के भविष्य के साथ खुला मज़ाक है।

स्टाफ की नियुक्ति पर भी सवाल
बताया जा रहा है कि अधिकांश स्टाफ या तो यहीं के पुराने छात्र हैं या फिर अन्य कॉलेज से किसी वजह से हटाए गए लोग हैं। इससे शिक्षा की गुणवत्ता पर गंभीर प्रश्नचिह्न लग जाता है।

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🎙 बिलासपुर के इस संस्थान की मार्केटिंग चमचमाती है, लेकिन हकीकत में ढहती छतें, दिखावटी स्टाफ और खोखले दावे छात्रों के सपनों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। ज़रूरत है कि शिक्षा को सिर्फ व्यापार न बनाकर, जिम्मेदारी समझा जाए

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छत्तीसगढ़

CG News: सुरक्षाबलों की बड़ी कामयाबी, घने जंगलों से भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद

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बीजापुर के कोमटपल्ली के जंगलों से जवानों ने भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद किया है। घने जंगल में पहाड़ों के बीच नक्सलियों ने सामग्री छुपाकर रखा था।

बीजापुर: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सुरक्षाबलों के जवानों को बड़ी सफलता मिली है। जवानों ने भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद किया है। नक्सलियों ने कोमटपल्ली जंगल-पहाड़ में बड़े चट्टानों के बीच हथियार और अन्य सामान छुपा कर रखा था। जिसे सर्चिंग के दौरान जवानों की संयुक्त टीम ने बरामद किया है।

बरामद किए गए सामग्रियों में गैस वेल्डिंग मशीन मय नोजल, आक्सीजन सिलेण्डर, गैस वेल्डिंग में उपयोग आने वाला पावडर- 8 डिब्बा, इन्वर्टर- 1 नग, स्टेबलाईजर 5 नग, स्टील कंटेनर 3 नग, कमर्सियल मोटर 3 नग, ब्लोवर(धौकनी मशीन)- 2 नग, ग्लेण्डर मोटर- 1 नग, वेल्डिंग राड 200 नग, टुकड़ा लोहे का राड छोटा बड़ा 3- 3 नग, खाली मैग्जीन 3 नग, इलेक्ट्रिक स्वीच- 65 नग, रायफल सिलिंग -08 नग और 2 नग पोच शामिल है।

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छत्तीसगढ़

निर्देश के बाद भी लापरवाही: धड़ल्ले से जल रही पराली, प्रदूषण बढ़ने का मंडरा रहा खतरा

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नगरी में रबि फसल की तैयारी के लिए किसान लगातार खेतों में पराली को आग के हवाले कर रहे हैं। जिसके चलते प्रदूषण का खतरा मंडरा रहा है।

छत्तीसगढ़ के नगरी के किसान इन दिनों रबि फसल की तैयारी में जुट गए हैं। इसी के साथ खेतों में लगातार पराली जलाने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। किसान लगातार खेतों में पराली को आग के हवाले कर रहे हैं जिसके चलते प्रदूषण का खतरा मंडरा रहा है। वहीं इन किसानों को पराली जलाने से रोकने वाला भी कोई नहीं है।

दरअसल, जिला प्रशासन ने पैरादान करने का निर्देश दिया था। इसके बाद भी किसान लगातार पराली को आग के हवाले कर रहे हैं। जिसके कारण प्रदूषण फैलने की संभावना बढ़ गई है। नगरी सिहावा के आसपास के गांव के अधिकतर किसान पैरा में जलाते हुए नजर आ रहे है। वहीं विभागीय अधिकारी का उदासीनता के चलते भी किसान बेख़ौफ़ होकर पराली जला रहे हैं।

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