Connect with us

शिक्षा

Health Tips : क्या आंखों को देखने से भी हो जाता है आई फ्लू? जानिए कंजक्टिवाइटिस के कुछ आम मिथक

avatar

Published

on

Eye Flu Myths vs Facts: कंजंक्टिवाइटिस या पिंक आई एक एनुअल फ्लू है, जो हर साल मानसून में देखने को मिलता है। इसकी वजह से आंखों में जलन, रेडनेस, दर्द और सूजन होती है। डॉक्टरों के मुताबिक, यह एक माइल्ड इन्फेक्शन है, जो अपने आप ठीक हो जाता है, लेकिन यह अत्यधिक संक्रामक होता है और आसानी से फैल सकता है। हालांकि, आज ही कंजंक्टिवाइटिस से जुड़े कई मिथक हैं, जिन्हें दूर करना बेहद जरूरी है। आज इस आर्टिकल में आई फ्लू से जुड़े इन्हीं मिथकों के बारे में जानेंगे।

मिथकः क्या सिर्फ आंखों में देखने से हो जाता है कंजक्टिवाइटिस?
फैक्टः यह आई फ्लू से जुड़ा एक सबसे आम मिथक है। आपने अक्सर लोगों से सुना होगा कि संक्रमित व्यक्ति की आंख में देखने मात्र से आपको कंजक्टिवाइटिस हो सकता है। हालांकि, यह पूरी तरह से गलत है, क्योंकि कंजक्टिवाइटिस केवल संक्रमित व्यक्ति की आंखों से निकलने वाले तरल के सीधे संपर्क से फैलता है।

यह भी पढ़ें   छत्तीसगढ़ को प्रधानमंत्री आवास योजना में बड़ी उपलब्धि, नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में मिला पुरस्कार

मिथकः क्या केवल बच्चों की ही आई फ्लू होता है?
फैक्टः नहीं, यह पूरी तरह सच नहीं है। हालांकि, कंजक्टिवाइटिस के मामले बच्चों में ज्यादा देखने को मिलते हैं, लेकिन इसका ये मतलब बिल्कुल भी नहीं है कि यह सिर्फ बच्चों का संक्रमण है। आई फ्लू किसी भी उम्र के व्यक्ति को अपनी चपेट में ले सकता है।

मिथकः अगर आप अपनी आंखें नहीं रगड़ेंगे, तो आई फ्लू नहीं होगा।
फैक्टः गंदे हाथों से अपनी आंखों को छूना सिर्फ एक तरीका है, जिससे आपको कंजक्टिवाइटिस हो सकता है। ऐसे में अगर आप गंदे हाथों से आंखों की नहीं छूएंगे, तब भी अन्य कारणों से आई फ्लू की चपेट में आ सकते हैं। किसी भी दूषित वस्तु या पदार्थ के संपर्क में आने से आंखें संक्रमित हो जाती हैं, जैसे अनुचित तरीके से साफ किए गए कॉन्टैक्ट लेंस, मेकअप, या यहां तक ​​कि आई-ड्रॉप डिस्पेंसर की नोक, जिसका उपयोग कंजक्टिवाइटिस वाली आंख पर किया गया था।

यह भी पढ़ें   बिलासपुर में जी-20/एल-20 कॉन्क्लेव सम्पन्न, राज्यपाल हरिचंदन बोले- श्रम संबंधी मुद्दों के लिए मील का पत्थर साबित होगा ये कॉन्क्लेव

मिथकः कंजंक्टिवाइटिस का कोई इलाज नहीं है?
फैक्टः स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, कंजक्टिवाइटिस एक माइल्ड इन्फेक्शन है, जो अपने आप ठीक हो जाता है। हालांकि, कुछ आई ड्रॉप जैसे उपचार मौजूद हैं, जो असुविधा, सूखापन और सूजन को कम कर सकते हैं। पिंक आई अपने आप ठीक हो जाती हैं।

मिथकः अगर आपकी आंखें लाल हैं, तो यह कंजंक्टिवाइटिस ही है।
फैक्टः लाल या ब्लडशॉट आंखें कंजक्टिवाइटिस के अलावा कई चीजों का संकेत हो सकती हैं। एलर्जी, ड्राई आई सिंड्रोम और जलन पैदा करने वाले तत्व आंख के सफेद हिस्से के लाल होने का कारण बन सकते हैं। आंखों की लाली के पीछे कंजंक्टिवाइटिस के अलावा और भी गंभीर कारण हो सकते हैं।

Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

blog

Bilaspur के नामी LCIT Group of Institutions का छात्रों के साथ भयानक फर्जीवाड़ा : वादे बड़े-बड़े, हकीकत पानी-पानी!

avatar

Published

on

LCIT Group of College bilaspur

बिलासपुर: LCIT Group of Institutions – Bilaspur, जो हर साल एडमिशन के दौरान बड़े-बड़े वादे और लुभावने दावे करता है, उसकी सच्चाई अब धीरे-धीरे सामने आने लगी है। दावा किया जाता है कि यहां आधुनिक लैब्स, अनुभवी फैकल्टी और विश्वस्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर मिलेगा — लेकिन ग्राउंड रियलिटी कुछ और ही कहानी बयां कर रही है।

बारिश आई, लैब्स ने छलनी बनकर स्वागत किया!
हमें मिले वीडियो में कॉलेज की लैब्स से टपकती छतें साफ़ दिखाई दे रही हैं। जहां स्टूडेंट्स को मशीनों के साथ प्रैक्टिकल करना चाहिए था, वहां अब पानी से बचने के लिए प्लास्टिक की बाल्टियाँ रखी जा रही हैं। सवाल ये उठता है कि जब प्रयोगशालाएं ही सुरक्षित नहीं, तो शिक्षा कितनी सुरक्षित होगी?

यह भी पढ़ें   रायपुर : हेल्पलाईन में समस्या समाधान के लिए अब तक 849 फोन कॉल

फैकल्टी? बस कागज़ों पर!
सूत्रों के अनुसार, यहां कई फैकल्टी सदस्य केवल ऑन पेपर मौजूद हैं। यानी नाम तो है, पर काम में कहीं नजर नहीं आते। छात्रों का कहना है कि कई विषयों की क्लास ही नियमित नहीं होती।

इंजीनियरिंग प्रिंसिपल भी सिर्फ नाम के!
कहा जा रहा है कि इंजीनियरिंग कॉलेज का प्रिंसिपल भी फुल टाइम नहीं है, बल्कि केवल औपचारिकता निभाने के लिए कागजों पर मौजूद हैं। यह छात्रों के भविष्य के साथ खुला मज़ाक है।

स्टाफ की नियुक्ति पर भी सवाल
बताया जा रहा है कि अधिकांश स्टाफ या तो यहीं के पुराने छात्र हैं या फिर अन्य कॉलेज से किसी वजह से हटाए गए लोग हैं। इससे शिक्षा की गुणवत्ता पर गंभीर प्रश्नचिह्न लग जाता है।

यह भी पढ़ें   बेरोजगार युवाओं के लिए सुनहरा अवसर! 17 से 23 अगस्त तक होगा सेक्टरवार प्लेसमेंट कैम्प का आयोजन

🎙 बिलासपुर के इस संस्थान की मार्केटिंग चमचमाती है, लेकिन हकीकत में ढहती छतें, दिखावटी स्टाफ और खोखले दावे छात्रों के सपनों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। ज़रूरत है कि शिक्षा को सिर्फ व्यापार न बनाकर, जिम्मेदारी समझा जाए

Continue Reading

कोरबा

ई.वी.पी.जी. कॉलेज कोरबा में जनभागीदारी शिक्षक नियुक्ति की मांग पर भूगोल विभाग के छात्रों का आवेदन

avatar

Published

on

कोरबा जिले के प्रतिष्ठित ई.वी.पी.जी. कॉलेज में भूगोल विभाग के विद्यार्थियों ने शिक्षक नियुक्ति और शिक्षा के स्तर में सुधार के लिए प्राचार्या के समक्ष आवेदन दिया है। छात्रों का कहना है कि विभाग में केवल दो शिक्षकों के पद स्वीकृत हैं, जिनमें एक विभागाध्यक्ष और एक अतिथि शिक्षिका नियुक्त हैं। पहले, विभाग में जनभागीदारी शुल्क के माध्यम से एक जनभागीदारी शिक्षक भी नियुक्त किया जाता था, जिससे शैक्षणिक जरूरतें पूरी होती थीं।

हालांकि, नए प्राचार्या के आने के बाद से इस व्यवस्था में अनियमितता देखी जा रही है, और सत्र 2024-25 में अभी तक किसी भी जनभागीदारी शिक्षक की नियुक्ति नहीं की गई है, जिससे शिक्षण का स्तर प्रभावित हो रहा है। 5 नवंबर 2024 को भूगोल विभाग के छात्रों ने प्राचार्या से 7 दिनों के भीतर जनभागीदारी शिक्षक की नियुक्ति का आग्रह किया और किसी अड़चन के लिए उचित दस्तावेज प्रस्तुत करने की मांग की। छात्रों का कहना है कि यदि नियुक्ति में कोई समस्या है, तो वे इसे रायपुर उच्च शिक्षा आयुक्त के पास ले जाकर समाधान मांग सकते हैं।

यह भी पढ़ें   बिल्हा पुलिस द्वारा अवैध शराब बिक्री करने वाले पर किया गया कार्यवाही

विद्यार्थियों ने पूर्व में भी विभागाध्यक्ष के माध्यम से प्राचार्या से अनुरोध किया था, लेकिन उस पर कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाए गए। छात्रों का कहना है कि जनभागीदारी शिक्षक की अनुपस्थिति से शैक्षिक गुणवत्ता प्रभावित हो रही है, इसलिए उन्होंने अब यह कदम उठाया है।

Continue Reading

देश

।।वाइब्रेंट एकेडमी का IIT/NEET में लगातार 4 वर्षो से रिकॉर्ड रैंक-1,1 अप्रैल से नया बैच आरंभ।।

avatar

Published

on

कोटा राजस्थान की संस्था वाइब्रेंट एकेडमी जो की विगत 4 सालो से रेकॉर्ड IIT ऑर NEET के परिणाम देते आरही है,मेन्स 2024 के प्रथम चरण में लगातार चतुर्थ वर्ष अवनीश पाण्डेय ने 99.96%ile,2023 में सौरभ वर्मा द्वारा IIT एडवांस में AIR 127 प्राप्त कर,2022 में सानिया मित्तल द्वारा IIT एडवांस में AIR 365 प्राप्त कर,,2021 में शिखर अग्रवाल द्वारा IIT एडवांस में AIR 247 प्राप्त कर छत्तीसगढ़ टॉप किया है।

2023 में NEET में भी 37 छात्र-छात्राओं ने,2022 में 22 छात्र-छात्राओं ने,2021 में 09 छात्र-छात्राओं ने विभिन्न गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज प्राप्त कर परचम लहराया था। CBSE 10th एवं 12th लगातार 3 वर्षो से छत्तीसगढ़ स्टेट टॉप कर छात्रों ने संस्था,बिलासपुर और माता-पिता का नाम रोशन किया।

संस्था के प्रबंधक रौशन पाण्डेय ने बताया की संस्था की विख्यात एवं स्थायी टीम शिक्षको श्री दीपक तिवारी (IIT BHU) कानपुर से,श्री विवेक सिंह झारखंड से,श्री जितेंद्र शर्मा (IIT पंजाब रोपड़) आगरा से,श्री कुन्दन कुमार (KK सर) मोतीहारी बिहार से,श्री अरविंद दिवेदी पटना से,की टीम अपने पूरे अनुभव और सम्पूर्ण क्षमता से बच्चो और अभिभावकों के सपनों को साकार करने में कोई कसर नहीं छोड़े है और न ही भविष्य में छोड़ेंगे।

यह भी पढ़ें   Trauma Fracture Injury: रोड एक्सीडेंट और इंडस्ट्रियल एक्सीडेंट में बॉडी पार्ट फ्रेक्चर हों तो क्या करें? : Dr. Kedar Agarwal

बिलासपुर छत्तीसगढ़ में आईआईटी-जेईई की तैयारी के लिए एक प्रतिष्ठित संस्थान, वाइब्रेंट एकेडमी ने हाल ही में आर्थिक रूप से वंचित और मेधावी आईआईटी-जेईई उम्मीदवारों के लिए VAJRA-111 नामक एक नई छात्रवृत्ति योजना का अनावरण किया है। वंचित और मेधावी छात्रों के लिए बनाई गई इस नई योजना ने संस्थान को फिर से सुर्खियों में ला दिया है।वज्र-111 कार्यक्रम के तहत, छात्र बिलासपुर अध्ययन केंद्र के लिए केवल 1/- रुपये में ऑफ़लाइन कोचिंग, छात्रावास और मेस जैसी सुविधा का लाभ उठाएंगे।

यह छात्रवृत्ति कार्यक्रम उन छात्रों के लिए बेहद खुशी लेकर आया है जो आईआईटी का सपना देखते थे लेकिन आर्थिक तंगी के कारण ऐसा नहीं कर पाते थे और अब अपने सपनों को पूरा कर सकते हैं।

यह भी पढ़ें   प्राथमिक शाला बिरकोना में शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय चिकित्सालय के निर्देशानुसार नि:शुल्क स्वास्थ्य शिविर का किया गया आयोजन

शिक्षकों ने कहाँ हमारा लक्ष्य अपने छात्रों को आवश्यक संसाधन और प्रोत्साहन देकर उनकी आईआईटी-जेईई/नीट की तैयारी में उत्कृष्टता प्राप्त करने में मदद करना है। वज्र 111 छात्रों के बोझ को कम करने में मदद करेगा, विशेष रूप से जो वंचित और योग्य हैं, उन्हें अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने और सफल होने की अनुमति देगा।

संस्था के प्रबन्धक रौशन पाण्डेय एवं विवेक शर्मा,दीपक तिवारी,विवेक शर्मा,रत्नेश केशरी ने अपने अनुभव, ज्ञान और प्रयासों तथा छात्रों की अटूट प्रतिबद्धता और ईमानदार प्रयासों के साथ, वाइब्रेंट एकेडमी ने आईआईटी-जेईई/नीट प्रवेश परीक्षा में सफलतापूर्वक आशाजनक परिणाम प्राप्त किए और भारत स्तर पर प्रसिद्ध संस्थान बनकर अपनी सफलता की यात्रा शुरू की।

Continue Reading
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement

Trending