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छत्तीसगढ़

ओडिशा, विदर्भ, छत्तीसगढ़ व मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों में बारिश, ओले गिरने से बढ़ सकती है मुसीबत

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भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के आज, यानी 16 मार्च को प्रकाशित मौसम पूर्वानुमान बुलेटिन के मुताबिक, उत्तरी ओडिशा के निचले स्तरों पर एक चक्रवाती प्रसार बना हुआ है, इससे होकर एक ट्रफ रेखा पूर्वी विदर्भ तक जा रही है। वहीं, पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी और उसके आसपास एक उल्टा चक्रवाती प्रसार बना हुआ है।

मौसम संबंधी उपरोक्त गतिविधियों को देखते हुए मौसम पूर्वानुमान बुलेटिन में प्रकाशित किया गया है कि 16 से 20 मार्च के दौरान पश्चिम बंगाल में गंगा के कुछ तटीय इलाकों में तेज हवाओं के साथ बिजली गिरने तथा हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है, बुलेटिन में दर्शाए गए आंकड़ों के मुताबिक, इन हिस्सों में 15.6 मिमी से 64.4 मिमी तक बारिश हो सकती है।

वहीं मौसम विभाग के मौसम पूर्वानुमान बुलेटिन में 16 से 20 मार्च, 2024 के दौरान झारखंड, ओडिशा, विदर्भ, छत्तीसगढ़ और पूर्वी मध्य प्रदेश में वज्रपात होने, तेज हवाओं के साथ हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना जताई गई है। वहीं, 17 और 18 मार्च को विदर्भ में, 18 और 19 मार्च को पूर्वी मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में ओलावृष्टि की भी आशंका जताई गई है

मौसम पूर्वानुमान बुलेटिन के मुताबिक, आज यानी 16 मार्च, 2024 को उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम के अलग-अलग हिस्सों में हल्की बारिश और बर्फबारी होने की संभावना है। वहीं, पुनः बुलेटिन में दर्शाए गए आंकड़ों के अनुसार, इन इलाकों में 0.1 मिमी से 15.5 मिमी तक बारिश होने की संभावना है।

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मौसम पूर्वानुमान बुलेटिन के अनुसार, आंतरिक कर्नाटक, तमिलनाडु, मराठवाड़ा से कोमोरिन क्षेत्र के निचले स्तरों पर एक ट्रफ रेखा बनी हुई है। इसके कारण, 16 से 20 मार्च, 2024 के दौरान तेलंगाना और तटीय आंध्र प्रदेश और यनम के अलग-अलग हिस्सों में हल्की वर्षा होने की संभावना है, यहां भी 0.1 मिमी से 15.5 मिमी तक बारिश हो सकती है।

वहीं, 16 से 21 मार्च, 2024 के दौरान अरुणाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम वर्षा तथा बर्फबारी की संभावना है, अरुणाचल में 15.6 मिमी से 64.4 मिमी तक बारिश होने का पूर्वानुमान लगाया गया है।

इसी दौरान असम और मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा के कुछ इलाकों में हल्की बारिश तथा बर्फबारी की संभावना जताई गई है। इन सभी राज्यों में 0.1 मिमी से 15.5 मिमी तक बारिश होने का अनुमान है।

मौसम विभाग के मौसम पूर्वानुमान बुलेटिन के अनुसार, 20 मार्च, 2024 की रात से एक ताजा पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा जो पश्चिमी हिमालयी इलाकों के मौसम में बदलाव कर सकता है। इसके कारण 20 और 21 मार्च को जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, गिलगित-बाल्टिस्तान और मुजफ्फराबाद में हल्की बारिश तथा बर्फबारी होने का पूर्वानुमान है, मौसम संबंधी इसी तरह की गतिविधि के 21 मार्च, 2024 को हिमाचल प्रदेश में होने की संभावना जताई गई है।

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तापमान में उतार चढ़ाव
मौसम विभाग के मौसम पूर्वानुमान बुलेटिन में तापमान में उतार चढ़ाव संबंधी अनुमान देखें तो, दक्षिण विदर्भ, तेलंगाना, रायलसीमा और तमिलनाडु के अलग-अलग इलाकों में अधिकतम तापमान सामान्य से तीन से चार डिग्री सेल्सियस ऊपर बना हुआ है।

भारतीय प्रायद्वीप के बाकी हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य से एक से तीन डिग्री सेल्सियस ऊपर है,अगले तीन से चार दिनों तक तापमान के ऐसे ही बने रहने की संभावना जताई गई है।

अगले दो दिनों के दौरान तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल में और अगले पांच दिनों के दौरान केरल और माहे, रायलसीमा में गर्म और नमी से भरे मौसम के बने रहने की आशंका जताई गई है।

कल, देश के मैदानी इलाकों में हरियाणा के करनाल में न्यूनतम तापमान 9.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं कल, देश भर में रायलसीमा के कुरनूल में अधिकतम तापमान 40.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

राज्य और केंद्रशासित प्रदेश में न्यूनतम तापमान सामान्य से ऊपर या नीचे (डिग्री सेल्सियस में)

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Bilaspur के नामी LCIT Group of Institutions का छात्रों के साथ भयानक फर्जीवाड़ा : वादे बड़े-बड़े, हकीकत पानी-पानी!

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LCIT Group of College bilaspur

बिलासपुर: LCIT Group of Institutions – Bilaspur, जो हर साल एडमिशन के दौरान बड़े-बड़े वादे और लुभावने दावे करता है, उसकी सच्चाई अब धीरे-धीरे सामने आने लगी है। दावा किया जाता है कि यहां आधुनिक लैब्स, अनुभवी फैकल्टी और विश्वस्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर मिलेगा — लेकिन ग्राउंड रियलिटी कुछ और ही कहानी बयां कर रही है।

बारिश आई, लैब्स ने छलनी बनकर स्वागत किया!
हमें मिले वीडियो में कॉलेज की लैब्स से टपकती छतें साफ़ दिखाई दे रही हैं। जहां स्टूडेंट्स को मशीनों के साथ प्रैक्टिकल करना चाहिए था, वहां अब पानी से बचने के लिए प्लास्टिक की बाल्टियाँ रखी जा रही हैं। सवाल ये उठता है कि जब प्रयोगशालाएं ही सुरक्षित नहीं, तो शिक्षा कितनी सुरक्षित होगी?

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फैकल्टी? बस कागज़ों पर!
सूत्रों के अनुसार, यहां कई फैकल्टी सदस्य केवल ऑन पेपर मौजूद हैं। यानी नाम तो है, पर काम में कहीं नजर नहीं आते। छात्रों का कहना है कि कई विषयों की क्लास ही नियमित नहीं होती।

इंजीनियरिंग प्रिंसिपल भी सिर्फ नाम के!
कहा जा रहा है कि इंजीनियरिंग कॉलेज का प्रिंसिपल भी फुल टाइम नहीं है, बल्कि केवल औपचारिकता निभाने के लिए कागजों पर मौजूद हैं। यह छात्रों के भविष्य के साथ खुला मज़ाक है।

स्टाफ की नियुक्ति पर भी सवाल
बताया जा रहा है कि अधिकांश स्टाफ या तो यहीं के पुराने छात्र हैं या फिर अन्य कॉलेज से किसी वजह से हटाए गए लोग हैं। इससे शिक्षा की गुणवत्ता पर गंभीर प्रश्नचिह्न लग जाता है।

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🎙 बिलासपुर के इस संस्थान की मार्केटिंग चमचमाती है, लेकिन हकीकत में ढहती छतें, दिखावटी स्टाफ और खोखले दावे छात्रों के सपनों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। ज़रूरत है कि शिक्षा को सिर्फ व्यापार न बनाकर, जिम्मेदारी समझा जाए

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छत्तीसगढ़

CG News: सुरक्षाबलों की बड़ी कामयाबी, घने जंगलों से भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद

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बीजापुर के कोमटपल्ली के जंगलों से जवानों ने भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद किया है। घने जंगल में पहाड़ों के बीच नक्सलियों ने सामग्री छुपाकर रखा था।

बीजापुर: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सुरक्षाबलों के जवानों को बड़ी सफलता मिली है। जवानों ने भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद किया है। नक्सलियों ने कोमटपल्ली जंगल-पहाड़ में बड़े चट्टानों के बीच हथियार और अन्य सामान छुपा कर रखा था। जिसे सर्चिंग के दौरान जवानों की संयुक्त टीम ने बरामद किया है।

बरामद किए गए सामग्रियों में गैस वेल्डिंग मशीन मय नोजल, आक्सीजन सिलेण्डर, गैस वेल्डिंग में उपयोग आने वाला पावडर- 8 डिब्बा, इन्वर्टर- 1 नग, स्टेबलाईजर 5 नग, स्टील कंटेनर 3 नग, कमर्सियल मोटर 3 नग, ब्लोवर(धौकनी मशीन)- 2 नग, ग्लेण्डर मोटर- 1 नग, वेल्डिंग राड 200 नग, टुकड़ा लोहे का राड छोटा बड़ा 3- 3 नग, खाली मैग्जीन 3 नग, इलेक्ट्रिक स्वीच- 65 नग, रायफल सिलिंग -08 नग और 2 नग पोच शामिल है।

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छत्तीसगढ़

निर्देश के बाद भी लापरवाही: धड़ल्ले से जल रही पराली, प्रदूषण बढ़ने का मंडरा रहा खतरा

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नगरी में रबि फसल की तैयारी के लिए किसान लगातार खेतों में पराली को आग के हवाले कर रहे हैं। जिसके चलते प्रदूषण का खतरा मंडरा रहा है।

छत्तीसगढ़ के नगरी के किसान इन दिनों रबि फसल की तैयारी में जुट गए हैं। इसी के साथ खेतों में लगातार पराली जलाने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। किसान लगातार खेतों में पराली को आग के हवाले कर रहे हैं जिसके चलते प्रदूषण का खतरा मंडरा रहा है। वहीं इन किसानों को पराली जलाने से रोकने वाला भी कोई नहीं है।

दरअसल, जिला प्रशासन ने पैरादान करने का निर्देश दिया था। इसके बाद भी किसान लगातार पराली को आग के हवाले कर रहे हैं। जिसके कारण प्रदूषण फैलने की संभावना बढ़ गई है। नगरी सिहावा के आसपास के गांव के अधिकतर किसान पैरा में जलाते हुए नजर आ रहे है। वहीं विभागीय अधिकारी का उदासीनता के चलते भी किसान बेख़ौफ़ होकर पराली जला रहे हैं।

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