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छत्तीसगढ़

गति शक्ति विश्वविद्यालय ने इंजीनियरिंग और प्रबंधन में नई ऊंचाइयों को छुआ

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गति शक्ति विश्वविद्यालय (GSV) ने उच्च शिक्षा क्षेत्र, विशेष रूप से परिवहन, लॉजिस्टिक्स और इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्रों में एक गेम चेंजर के रूप में अपनी पहचान बनाई है। इसे रेखांकित करते हुए, श्री अश्विनी वैष्णव (माननीय रेल मंत्री, सूचना एवं प्रसारण, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी) ने कहा, “GSV, माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दृष्टि के अनुरूप, भारत और विश्व का सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालय बनने के लिए तैयार है।

यह उद्योग-आधारित दृष्टिकोण और रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रमों पर ध्यान केंद्रित करता है, जिसमें रेलवे, विमानन, समुद्री इंजीनियरिंग, हाईवे, शिपिंग, लॉजिस्टिक्स और रक्षा क्षेत्र शामिल हैं। भारतीय रेलवे प्रबंधन सेवा (IRMS) के सभी नव-नियुक्त अधिकारियों का प्रोबेशन प्रशिक्षण गति शक्ति विश्वविद्यालय द्वारा डिजाइन किया जाएगा, जो केंद्रीय प्रशिक्षण संस्थानों और उद्योगों में सैद्धांतिक और व्यावहारिक अनुभवों का संयोजन होगा, जिसके परिणामस्वरूप GSV से एमबीए डिग्री प्राप्त होगी। आगे, ब्रिज और सुरंग इंजीनियरिंग, एविएशन संचालन, समुद्री अवसंरचना, हाईवे इंजीनियरिंग और रक्षा बलों के लिए नए कार्यक्रम जोड़े जाएंगे।”

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गति शक्ति विश्वविद्यालय (GSV) ने आज रेल भवन, नई दिल्ली में अपना पहला कोर्ट मीटिंग आयोजित किया, जिसकी अध्यक्षता इसके चांसलर, माननीय रेल मंत्री, सूचना एवं प्रसारण और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी अश्विनी वैष्णव ने की। इसमें सरकार और उद्योग के शीर्ष नेताओं ने भाग लिया, जैसे कि सतीश कुमार (चेयरमैन और सीईओ, रेलवे बोर्ड), वी उमाशंकर (सचिव, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय), अमरदीप सिंह भाटिया (सचिव, DPIIT), लेफ्टिनेंट जनरल एनआर राजा सुब्रमणि (सेना उप प्रमुख), सुनील माथुर (एमडी और सीईओ, सिमेन्स इंडिया), ओलिवियर लोइसन (एमडी, एल्पस्टॉम इंडिया), जया जगदीश (एमडी, एएमडी इंडिया), सुशील कुमार सिंह (चेयरमैन, दीनदयाल पोर्ट अथॉरिटी), प्रो. मनोज चौधरी (कुलपति, GSV) और अन्य।

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इस अवसर पर, प्रो. मनोज चौधरी (संस्थापक कुलपति, गति शक्ति विश्वविद्यालय) ने विश्वविद्यालय की स्थापना (6 दिसंबर 2022) के बाद से प्रगति और स्थिति की एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की। सभी सदस्यों ने कम समय में विश्वविद्यालय की बड़ी प्रगति और उपलब्धियों की सराहना की। कोर्ट के सदस्यों ने भविष्य के कार्यक्रमों के लिए कई सुझाव और सहयोगी इनपुट दिए।

गति शक्ति विश्वविद्यालय (GSV), वडोदरा को संसद के एक अधिनियम के माध्यम से एक केंद्रीय विश्वविद्यालय के रूप में स्थापित किया गया था, जिसका उद्देश्य परिवहन और लॉजिस्टिक्स क्षेत्रों के लिए उच्चतम स्तर की प्रतिभा और पेशेवर तैयार करना है।

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Bilaspur के नामी LCIT Group of Institutions का छात्रों के साथ भयानक फर्जीवाड़ा : वादे बड़े-बड़े, हकीकत पानी-पानी!

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LCIT Group of College bilaspur

बिलासपुर: LCIT Group of Institutions – Bilaspur, जो हर साल एडमिशन के दौरान बड़े-बड़े वादे और लुभावने दावे करता है, उसकी सच्चाई अब धीरे-धीरे सामने आने लगी है। दावा किया जाता है कि यहां आधुनिक लैब्स, अनुभवी फैकल्टी और विश्वस्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर मिलेगा — लेकिन ग्राउंड रियलिटी कुछ और ही कहानी बयां कर रही है।

बारिश आई, लैब्स ने छलनी बनकर स्वागत किया!
हमें मिले वीडियो में कॉलेज की लैब्स से टपकती छतें साफ़ दिखाई दे रही हैं। जहां स्टूडेंट्स को मशीनों के साथ प्रैक्टिकल करना चाहिए था, वहां अब पानी से बचने के लिए प्लास्टिक की बाल्टियाँ रखी जा रही हैं। सवाल ये उठता है कि जब प्रयोगशालाएं ही सुरक्षित नहीं, तो शिक्षा कितनी सुरक्षित होगी?

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फैकल्टी? बस कागज़ों पर!
सूत्रों के अनुसार, यहां कई फैकल्टी सदस्य केवल ऑन पेपर मौजूद हैं। यानी नाम तो है, पर काम में कहीं नजर नहीं आते। छात्रों का कहना है कि कई विषयों की क्लास ही नियमित नहीं होती।

इंजीनियरिंग प्रिंसिपल भी सिर्फ नाम के!
कहा जा रहा है कि इंजीनियरिंग कॉलेज का प्रिंसिपल भी फुल टाइम नहीं है, बल्कि केवल औपचारिकता निभाने के लिए कागजों पर मौजूद हैं। यह छात्रों के भविष्य के साथ खुला मज़ाक है।

स्टाफ की नियुक्ति पर भी सवाल
बताया जा रहा है कि अधिकांश स्टाफ या तो यहीं के पुराने छात्र हैं या फिर अन्य कॉलेज से किसी वजह से हटाए गए लोग हैं। इससे शिक्षा की गुणवत्ता पर गंभीर प्रश्नचिह्न लग जाता है।

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🎙 बिलासपुर के इस संस्थान की मार्केटिंग चमचमाती है, लेकिन हकीकत में ढहती छतें, दिखावटी स्टाफ और खोखले दावे छात्रों के सपनों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। ज़रूरत है कि शिक्षा को सिर्फ व्यापार न बनाकर, जिम्मेदारी समझा जाए

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छत्तीसगढ़

CG News: सुरक्षाबलों की बड़ी कामयाबी, घने जंगलों से भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद

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बीजापुर के कोमटपल्ली के जंगलों से जवानों ने भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद किया है। घने जंगल में पहाड़ों के बीच नक्सलियों ने सामग्री छुपाकर रखा था।

बीजापुर: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सुरक्षाबलों के जवानों को बड़ी सफलता मिली है। जवानों ने भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद किया है। नक्सलियों ने कोमटपल्ली जंगल-पहाड़ में बड़े चट्टानों के बीच हथियार और अन्य सामान छुपा कर रखा था। जिसे सर्चिंग के दौरान जवानों की संयुक्त टीम ने बरामद किया है।

बरामद किए गए सामग्रियों में गैस वेल्डिंग मशीन मय नोजल, आक्सीजन सिलेण्डर, गैस वेल्डिंग में उपयोग आने वाला पावडर- 8 डिब्बा, इन्वर्टर- 1 नग, स्टेबलाईजर 5 नग, स्टील कंटेनर 3 नग, कमर्सियल मोटर 3 नग, ब्लोवर(धौकनी मशीन)- 2 नग, ग्लेण्डर मोटर- 1 नग, वेल्डिंग राड 200 नग, टुकड़ा लोहे का राड छोटा बड़ा 3- 3 नग, खाली मैग्जीन 3 नग, इलेक्ट्रिक स्वीच- 65 नग, रायफल सिलिंग -08 नग और 2 नग पोच शामिल है।

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छत्तीसगढ़

निर्देश के बाद भी लापरवाही: धड़ल्ले से जल रही पराली, प्रदूषण बढ़ने का मंडरा रहा खतरा

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नगरी में रबि फसल की तैयारी के लिए किसान लगातार खेतों में पराली को आग के हवाले कर रहे हैं। जिसके चलते प्रदूषण का खतरा मंडरा रहा है।

छत्तीसगढ़ के नगरी के किसान इन दिनों रबि फसल की तैयारी में जुट गए हैं। इसी के साथ खेतों में लगातार पराली जलाने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। किसान लगातार खेतों में पराली को आग के हवाले कर रहे हैं जिसके चलते प्रदूषण का खतरा मंडरा रहा है। वहीं इन किसानों को पराली जलाने से रोकने वाला भी कोई नहीं है।

दरअसल, जिला प्रशासन ने पैरादान करने का निर्देश दिया था। इसके बाद भी किसान लगातार पराली को आग के हवाले कर रहे हैं। जिसके कारण प्रदूषण फैलने की संभावना बढ़ गई है। नगरी सिहावा के आसपास के गांव के अधिकतर किसान पैरा में जलाते हुए नजर आ रहे है। वहीं विभागीय अधिकारी का उदासीनता के चलते भी किसान बेख़ौफ़ होकर पराली जला रहे हैं।

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